तीन महाद्वीपों में फैला एक साम्राज्य (An Empire Across Three Continents)
यह अध्याय प्राचीन रोमन साम्राज्य पर आधारित है, जो यूरोप, एशिया और अफ्रीका तक फैला था। इसमें साम्राज्य की राजनीतिक व्यवस्था, सैन्य शक्ति, सामाजिक संरचना, दासों की स्थिति, महिलाओं की भूमिका, व्यापारिक गतिविधियाँ और साम्राज्य के पतन की घटनाओं को विस्तार से बताया गया है। रोमन साम्राज्य की विशेषता यह थी कि इसमें विविध समुदायों को एक प्रशासनिक ढांचे में समाहित किया गया। यह अध्याय यह भी दिखाता है कि किस प्रकार रोमन साम्राज्य का विघटन पश्चिमी यूरोप में मध्यकालीन युग की शुरुआत का संकेतक था।
सारांश (Summary)
यह अध्याय विद्यार्थियों को प्राचीन रोमन साम्राज्य की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक विशेषताओं की गहराई से समझ प्रदान करता है। यह साम्राज्य लगभग 700 वर्षों तक टिका और यह यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिमी एशिया के बड़े भूभाग में फैला था।
1. रोमन साम्राज्य का विस्तार
रोम नगर से शुरू हुआ यह साम्राज्य समय के साथ तीन महाद्वीपों – यूरोप, एशिया और अफ्रीका – तक फैल गया। रोमन सम्राटों ने अपने सैन्य अभियानों और प्रशासनिक क्षमताओं के बल पर इस विशाल भूभाग को नियंत्रित किया। साम्राज्य का सबसे बड़ा विस्तार 2nd century CE में देखा गया जब सम्राट ट्रोजन के नेतृत्व में साम्राज्य की सीमाएँ ब्रिटेन से लेकर यूरोप के अधिकांश हिस्सों, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम एशिया तक फैल चुकी थीं।
2. शासन व्यवस्था और सेना
साम्राज्य की सत्ता सम्राट के हाथों में केंद्रित थी। हालांकि, सीनेट और अन्य अधिकारी प्रशासनिक कार्यों में सहयोग करते थे। सेना इस साम्राज्य की रीढ़ थी, जो न केवल सीमाओं की रक्षा करती थी, बल्कि आंतरिक विद्रोहों को भी दबाती थी और साम्राज्य के विस्तार में सहायता करती थी।
3. सामाजिक संरचना
रोमन समाज में नागरिकों (Citizens), गैर-नागरिकों, दासों, महिलाओं और कुलीन वर्ग (Senators, Patricians) के बीच स्पष्ट भेद था। नागरिकों को कई राजनीतिक और कानूनी अधिकार प्राप्त थे, वहीं दासों को संपत्ति के रूप में माना जाता था। महिलाएं सामान्यतः सार्वजनिक जीवन में भाग नहीं लेती थीं, लेकिन कुछ उच्च वर्ग की महिलाएं प्रभावशाली थीं।
4. दास प्रथा और श्रम
दास प्रथा रोमन समाज का एक प्रमुख हिस्सा थी। दासों को युद्ध में बंदी बनाकर लाया जाता था और वे खेतों, खदानों, घरों और सरकारी कार्यों में बिना किसी अधिकार के काम करते थे। दासों के विद्रोह जैसे कि स्पार्टाकस का विद्रोह (73–71 BCE) इस शोषण का प्रमाण हैं।
5. आर्थिक जीवन
रोमन साम्राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि, शिल्प, व्यापार और कर प्रणाली पर आधारित थी। समुद्री मार्गों और सड़कों की सहायता से आंतरिक व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार फला-फूला। मिस्र से अनाज, भारत और चीन से मसाले, रेशम और अन्य वस्तुएं मंगाई जाती थीं। रोमन मुद्रा (denarius) व्यापार का प्रमुख माध्यम थी।
6. नगर और शहरीकरण
साम्राज्य में कई महानगर जैसे रोम, अलेक्जेंड्रिया, एंटिओक आदि विकसित हुए। इन नगरों में भव्य इमारतें, रंगशालाएं, पुस्तकालय, मंदिर और स्नानगृह बनाए गए। रोमन नगरों में जल आपूर्ति, नाली व्यवस्था और सड़क निर्माण जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद थीं।
7. संस्कृति और कानून
रोमन संस्कृति में यूनानी प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। रोमन लोगों ने कला, स्थापत्य, साहित्य और विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने लिखित कानून (Roman Law) की परंपरा शुरू की, जो आगे चलकर यूरोपीय न्याय व्यवस्था की नींव बनी।
8. रोमन साम्राज्य का विभाजन और पतन
तीसरी सदी में साम्राज्य को राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट, सेना में अनुशासन की कमी और बाहरी आक्रमणों का सामना करना पड़ा। इन चुनौतियों को देखते हुए सम्राट कॉन्सटेंटाइन ने साम्राज्य को पूर्वी और पश्चिमी भागों में विभाजित किया।
395 CE में यह विभाजन औपचारिक हो गया।
476 CE में पश्चिमी रोमन साम्राज्य का पतन हुआ जबकि पूर्वी भाग (Byzantine Empire) कई शताब्दियों तक अस्तित्व में रहा।
9. ऐतिहासिक महत्त्व
रोमन साम्राज्य के संगठन, कानून, संस्कृति, वास्तुकला और प्रशासनिक व्यवस्थाएं आज भी आधुनिक सभ्यता को प्रभावित करती हैं। इस अध्याय से हमें यह समझने में सहायता मिलती है कि एक विशाल और विविधतापूर्ण क्षेत्र को एकीकृत और स्थिर कैसे रखा गया और किन कारणों से वह धीरे-धीरे विघटित हुआ।
यह अध्याय विद्यार्थियों को न केवल एक भूतपूर्व महान साम्राज्य का परिचय देता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि सामाजिक असमानता, प्रशासनिक जटिलता और बाह्य आक्रमण किस प्रकार किसी भी महान साम्राज्य को गिरा सकते हैं। यह आधुनिक विश्व के लिए एक ऐतिहासिक चेतावनी भी है।
शब्दार्थ (Word Meaning)
हिंदी शब्द | विवरण / व्याख्या |
---|---|
साम्राज्य | एक विशाल राज्य या क्षेत्र जिसे एक सम्राट द्वारा शासित किया जाता है। इसमें विभिन्न जातियों भाषाओं और संस्कृतियों के लोग एकसाथ रहते हैं। |
महाद्वीप | पृथ्वी के विशाल भूभागों में से एक। इस अध्याय में तीन महाद्वीपों – यूरोप एशिया और अफ्रीका – की चर्चा है। |
गणराज्य | ऐसी शासन प्रणाली जिसमें शासक जनता द्वारा चुना जाता है - न कि वंशानुगत रूप से नियुक्त होता है। प्रारंभ में रोम गणराज्य था। |
सेनेट (सभासद परिषद) | रोम का एक प्रमुख निर्णय लेने वाला निकाय - जिसमें कुलीन वर्ग के सदस्य होते थे और जो सम्राट की सलाह में भूमिका निभाते थे। |
प्रांत | रोमन साम्राज्य के अंतर्गत प्रशासनिक इकाइयाँ - जिनका संचालन राज्यपालों द्वारा किया जाता था। |
नागरिक | वह व्यक्ति जिसे राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त होती है और जो विशेष राजनीतिक व सामाजिक अधिकारों का उपभोग करता है। |
दास प्रथा | एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था जिसमें लोगों को संपत्ति की तरह खरीदा-बेचा जाता था और बिना अधिकारों के श्रम कराया जाता था। |
कर/श्रद्धांजलि | वह धन या वस्तु जो विजित क्षेत्र या राज्य रोमन सम्राट को भेंट स्वरूप देता था। |
सेना दल | रोमन सेना की एक इकाई जिसमें लगभग 4000 से 6000 सैनिक होते थे। |
जलसेतु | एक प्रकार की पक्की संरचना जो दूर-दराज से नगरों में पानी लाने के लिए बनाई जाती थी। |
शहरीकरण | शहरों का विकास और विस्तार। रोमन साम्राज्य में कई भव्य नगरों का निर्माण हुआ था। |
कराधान | सरकार द्वारा जनता से कर एकत्र करने की प्रक्रिया - जिससे शासन चलाया जाता था। |
स्थापत्य कला | इमारतों पुलों जलसेतुओं आदि की डिजाइन और निर्माण कला। रोमनों ने बड़े पैमाने पर स्थापत्य में योगदान दिया। |
डायोक्लेशियन | एक रोमन सम्राट जिसने साम्राज्य के प्रशासनिक सुधार किए और साम्राज्य को दो भागों में बांट दिया। |
बीजान्टिन साम्राज्य | रोमन साम्राज्य का पूर्वी भाग जो पश्चिमी भाग के पतन के बाद भी कई शताब्दियों तक टिका रहा। |
बर्बर | रोमन लोगों द्वारा उन जातियों के लिए प्रयुक्त शब्द जो रोम की सभ्यता से अलग थीं और जिन्होंने बाद में साम्राज्य पर आक्रमण किया। |
पतन | किसी सत्ता या साम्राज्य का कमजोर होना और अंततः समाप्त हो जाना। |
प्रशासन | शासन व्यवस्था चलाने की प्रक्रिया जिसमें कानून व्यवस्था कर व्यवस्था न्याय प्रणाली आदि शामिल होती हैं। |
मुक्ति (दासों की) | वह प्रक्रिया जिससे किसी दास को स्वतंत्र नागरिक बनने की अनुमति दी जाती थी। |
माइंड मैप (Mind Map)
टाइमलाइन (Timeline)
ईसा पूर्व / ईस्वी | घटना / विवरण |
---|---|
509 BCE | रोम गणराज्य की स्थापना – राजतंत्र का अंत, गणराज्य की शुरुआत। |
264–146 BCE | प्यूनिक युद्ध – रोम और कार्थेज के बीच; रोम ने भूमध्य सागर में प्रभुत्व स्थापित किया। |
49 BCE | जूलियस सीज़र द्वारा रोम पर नियंत्रण – गणराज्य की शक्तियाँ कमजोर होती हैं। |
44 BCE | जूलियस सीज़र की हत्या – रोमन गणराज्य में गृहयुद्ध की शुरुआत। |
27 BCE | ऑगस्टस (ऑक्टेवियन) को सम्राट घोषित किया गया – रोमन साम्राज्य की औपचारिक स्थापना। |
1st – 2nd Century CE | रोमन साम्राज्य का सुनहरा काल (Golden Age) – शांति, समृद्धि और सांस्कृतिक विकास का समय। |
117 CE | सम्राट ट्रेजन के समय साम्राज्य का अधिकतम विस्तार – ब्रिटेन से लेकर पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका तक। |
212 CE | सम्राट काराकाला द्वारा सभी स्वतंत्र पुरुषों को रोमन नागरिकता प्रदान की गई। |
284 CE | सम्राट डायोक्लेशियन ने साम्राज्य को पूर्व और पश्चिम में विभाजित किया; प्रशासनिक सुधार किए। |
330 CE | सम्राट कॉन्स्टेंटाइन ने कॉन्स्टैंटिनोपल (वर्तमान इस्तांबुल) को नई राजधानी बनाया। |
395 CE | थियोडोसियस प्रथम की मृत्यु के बाद साम्राज्य स्थायी रूप से पूर्वी और पश्चिमी भागों में बंट गया। |
410 CE | बर्बर आक्रमणकारियों (विशीगोथ) द्वारा रोम पर आक्रमण – साम्राज्य की कमजोरी सामने आई। |
476 CE | पश्चिमी रोमन साम्राज्य का पतन – अंतिम सम्राट रोमुलस ऑगस्टुलस को हटाया गया। |
1453 CE | बीजान्टिन साम्राज्य (पूर्वी रोमन साम्राज्य) का अंत – ओटोमन तुर्कों द्वारा कॉन्स्टैंटिनोपल पर विजय। |
मैप वर्क (Map Work)
A. रोमन साम्राज्य का भौगोलिक विस्तार दिखाइए
नक्शे में निम्नलिखित क्षेत्रों को रंग या छाया द्वारा दर्शाएँ –
इटली (रोम सहित – साम्राज्य की जन्मभूमि)
स्पेन
फ्रांस (गॉल)
ब्रिटेन का दक्षिणी भाग
जर्मनी के कुछ हिस्से
मध्य-पूर्व (सीरिया, फिलिस्तीन)
मिस्र और उत्तरी अफ्रीका
लक्ष्य: विद्यार्थी यह समझ सकें कि रोमन साम्राज्य तीन महाद्वीपों (यूरोप, एशिया, अफ्रीका) में फैला था।
B. प्रमुख नगरों की पहचान
नगर जो दर्शाए जाने चाहिए:
Rome – साम्राज्य की राजधानी
Carthage – उत्तरी अफ्रीका का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह
Alexandria – मिस्र का सांस्कृतिक केंद्र
Antioch – सीरिया का एक व्यापारिक नगर
Constantinople (Byzantium) – पूर्वी रोमन साम्राज्य की राजधानी
लक्ष्य: प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक केंद्रों की स्थिति को समझना।
C. व्यापार मार्ग (Trade Routes)
- भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) के चारों ओर फैले समुद्री मार्गों को तीरों द्वारा दर्शाएँ।
रेशम मार्ग (Silk Route) और अफ्रीकी व्यापार मार्गों को भी दिखाएँ।
लक्ष्य: विद्यार्थियों को यह बोध कराना कि साम्राज्य की अर्थव्यवस्था किस प्रकार व्यापार से जुड़ी थी।
D. सीमाएँ और खतरनाक क्षेत्र
- साम्राज्य की सीमाओं को दिखाएँ (जैसे: राइन और डैन्यूब नदियाँ)।
बर्बर कबीलों के क्षेत्रों को अलग रंग से दिखाएँ (विशीगोथ्स, हूण आदि)।
लक्ष्य: राजनीतिक अस्थिरता और सीमांत क्षेत्रों के महत्व को समझाना।
E. विभाजन के बाद का रोमन साम्राज्य (Post-Diocletian)
- एक नक्शे में साम्राज्य के दो हिस्से दिखाएँ –
Western Roman Empire (Rome केंद्रित)
Eastern Roman Empire (Constantinople केंद्रित – Byzantine Empire)
लक्ष्य: प्रशासनिक विभाजन की आवश्यकता और इसके प्रभाव को स्पष्ट करना।
मैप प्रैक्टिस (Map Practice)
A. रंग-भराई गतिविधियाँ (Coloring Activities)
नक्शे में निम्नलिखित क्षेत्रों को विभिन्न रंगों से भरें –
गतिविधि | विवरण |
---|---|
रोमन साम्राज्य का विस्तार | वह भूभाग रंगें जो रोमन साम्राज्य में आते थे (इटली, स्पेन, फ्रांस, मिस्र, पश्चिमी एशिया, उत्तरी अफ्रीका आदि)। |
पश्चिमी और पूर्वी साम्राज्य | पश्चिमी साम्राज्य को एक रंग (जैसे नीला), पूर्वी साम्राज्य को दूसरा रंग (जैसे हरा) दें। |
समुद्री व्यापार मार्ग | भूमध्य सागर के चारों ओर व्यापारिक मार्ग तीरों द्वारा दिखाएँ। |
नक्शे में निम्नलिखित स्थानों को चिह्नित करें और नाम लिखें:
रोम
कार्थेज
अलेक्ज़ान्ड्रिया
कॉन्स्टैंटिनोपल
गॉल
ब्रिटेन
सीरिया
मिस्र
राइन नदी
डैन्यूब नदी
उद्देश्य: विद्यार्थी प्रमुख शहरों, क्षेत्रों और भौगोलिक सीमाओं की स्थिति को पहचान सकें।
C. लेबलिंग और मिलान (Labeling & Matching)
छात्रों को ब्लैंक मैप दिया जाए और कहा जाए कि वे:
दिए गए नामों को सही स्थान पर लेबल करें।
किसी दो स्थानों को मिलाकर महत्वपूर्ण मार्ग या सांस्कृतिक संबंध बताएं।
उदाहरण: रोम ↔ अलेक्ज़ान्ड्रिया (ज्ञान और व्यापार)
D. सवाल-उत्तर आधारित मैप प्रैक्टिस
1. नक्शे में किस नगर को सम्राट कॉन्स्टेंटाइन ने रोमन साम्राज्य की नई राजधानी बनाया था?
→ उत्तर: कॉन्स्टैंटिनोपल
2. नक्शे में दिखाए गए किस क्षेत्र से रोम को सबसे अधिक अनाज प्राप्त होता था?
→ उत्तर: मिस्र
3. प्यूनिक युद्ध किस दो नगरों के बीच लड़े गए?
→ उत्तर: रोम और कार्थेज
E. अभ्यास कार्य (Homework or Classwork)
एक ब्लैंक मैप दें और निर्देश दें:
“10 प्रमुख शहरों और 3 प्रमुख व्यापारिक मार्गों को चिह्नित करो।”छात्रों को अपनी कॉपी में 2 मैप्स बनाने को कहें:
रोमन साम्राज्य का अधिकतम विस्तार (117 CE)
साम्राज्य का विभाजन (395 CE)
सुझाव
मैप प्रैक्टिस को ग्रुप एक्टिविटी में बदलें – जैसे क्विज़, पोस्टर प्रेजेंटेशन।
विद्यार्थियों को ब्लाइंड मैप देकर लेबलिंग करवाएँ (Memory recall)।
वैकल्पिक प्रश्न (MCQs) - उत्तर और व्याख्या
प्रश्न 1. रोम गणराज्य की स्थापना कब हुई थी?
A) 509 BCE
B) 264 BCE
C) 44 BCE
D) 27 BCE
उत्तर: A) 509 BCE
व्याख्या: रोम गणराज्य की स्थापना 509 BCE में हुई थी, जब रोम ने अपने पहले शासक राजा को उखाड़ फेंका और एक गणराज्य के रूप में शासन की शुरुआत की। यह घटना रोम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था क्योंकि इसे राजतंत्र से गणराज्य में परिवर्तन माना जाता है।
प्रश्न 2. प्यूनिक युद्धों का मुख्य कारण क्या था?
A) भूमि विस्तार
B) भूमध्य सागर में प्रभुत्व
C) धार्मिक संघर्ष
D) व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता
उत्तर: B) भूमध्य सागर में प्रभुत्व
व्याख्या: प्यूनिक युद्ध रोम और कार्थेज के बीच लड़े गए थे, जिनका मुख्य उद्देश्य भूमध्य सागर के व्यापार मार्गों और क्षेत्रों में प्रभुत्व स्थापित करना था। इन युद्धों के परिणामस्वरूप रोम ने भूमध्य सागर के अधिकांश क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया और उसे आर्थिक और सैन्य शक्ति में वृद्धि मिली।
प्रश्न 3. किस सम्राट ने रोम साम्राज्य को दो भागों में विभाजित किया था?
A) जूलियस सीज़र
B) ऑगस्टस
C) डायोक्लेशियन
D) ट्रेजन
उत्तर: C) डायोक्लेशियन
व्याख्या: डायोक्लेशियन (284 CE) ने रोम साम्राज्य को दो भागों में विभाजित किया – पश्चिमी और पूर्वी, ताकि प्रशासनिक समस्याओं का समाधान किया जा सके। उन्होंने साम्राज्य को प्रशासनिक दृष्टिकोण से अधिक कुशल बनाने के लिए कई सुधार किए।
प्रश्न 4. सम्राट ट्रेजन के समय रोम साम्राज्य का अधिकतम विस्तार किस वर्ष हुआ था?
A) 44 BCE
B) 117 CE
C) 395 CE
D) 476 CE
उत्तर: B) 117 CE
व्याख्या: सम्राट ट्रेजन के शासनकाल (117 CE) में रोम साम्राज्य अपने अधिकतम विस्तार पर था। इस समय साम्राज्य का विस्तार ब्रिटेन से लेकर पश्चिमी एशिया और उत्तरी अफ्रीका तक था। ट्रेजन का साम्राज्य रोम के इतिहास का सबसे शक्तिशाली और विस्तृत साम्राज्य था।
प्रश्न 5. पश्चिमी रोमन साम्राज्य का पतन किस वर्ष हुआ?
A) 395 CE
B) 476 CE
C) 1453 CE
D) 410 CE
उत्तर: B) 476 CE
व्याख्या: पश्चिमी रोमन साम्राज्य का पतन 476 CE में हुआ, जब रोम के अंतिम सम्राट रोमुलस ऑगस्टुलस को उखाड़ फेंका गया। यह घटना पश्चिमी रोमन साम्राज्य के अंत को दर्शाती है और इसे यूरोप के मध्यकाल की शुरुआत के रूप में भी देखा जाता है।
प्रश्न 6. बीजान्टिन साम्राज्य का केंद्र कौन सा था?
A) रोम
B) कॉन्स्टैंटिनोपल
C) अलेक्ज़ान्ड्रिया
D) कार्थेज
उत्तर: B) कॉन्स्टैंटिनोपल
व्याख्या: बीजान्टिन साम्राज्य, जो पूर्वी रोमन साम्राज्य के रूप में भी जाना जाता है, का केंद्र कॉन्स्टैंटिनोपल (वर्तमान इस्तांबुल) था। सम्राट कॉन्स्टैंटाइन ने इसे रोम की नई राजधानी के रूप में स्थापित किया था, और यह साम्राज्य 1453 तक जीवित रहा, जब ओटोमन तुर्कों ने इसे नष्ट कर दिया।
प्रश्न 7. रोम साम्राज्य में ‘Legion’ का क्या अर्थ था?
A) सेना का नेतृत्व
B) सेना का दल
C) व्यापारी वर्ग
D) राजा का कक्ष
उत्तर: B) सेना का दल
व्याख्या: ‘Legion’ रोम की सेना की एक बड़ी इकाई थी जिसमें लगभग 4,000 से 6,000 सैनिक होते थे। ये सैनिक साम्राज्य की सीमाओं की रक्षा करते थे और साम्राज्य के विस्तार में भी अहम भूमिका निभाते थे।
प्रश्न 8. जूलियस सीज़र की हत्या किस वर्ष हुई थी?
A) 509 BCE
B) 44 BCE
C) 117 CE
D) 27 BCE
उत्तर: B) 44 BCE
व्याख्या: जूलियस सीज़र की हत्या 44 BCE में रोम के सीनेट द्वारा की गई थी। यह घटना रोमन गणराज्य में गृहयुद्ध की शुरुआत का कारण बनी और अंततः रोम साम्राज्य की स्थापना में योगदान दिया।
प्रश्न 9. ‘प्यूनिक युद्ध’ किस दो सभ्यताओं के बीच लड़े गए थे?
A) रोम और ग्रीस
B) रोम और कार्थेज
C) रोम और एथेंस
D) रोम और मिस्र
उत्तर: B) रोम और कार्थेज
व्याख्या: प्यूनिक युद्ध रोम और कार्थेज के बीच लड़े गए थे। इन युद्धों का मुख्य उद्देश्य भूमध्य सागर के व्यापार मार्गों और प्रभुत्व को नियंत्रित करना था। अंततः रोम ने कार्थेज को हराकर भूमध्य सागर के अधिकांश भाग पर कब्जा कर लिया।
प्रश्न 10. किस सम्राट ने रोम साम्राज्य की राजधानी को कॉन्स्टैंटिनोपल (वर्तमान इस्तांबुल) में स्थानांतरित किया था?
A) जूलियस सीज़र
B) ट्रेजन
C) डायोक्लेशियन
D) कॉन्स्टेंटाइन
उत्तर: D) कॉन्स्टेंटाइन
व्याख्या: सम्राट कॉन्स्टेंटाइन ने 330 CE में रोम साम्राज्य की राजधानी को रोम से कॉन्स्टैंटिनोपल (वर्तमान इस्तांबुल) में स्थानांतरित किया। यह निर्णय साम्राज्य के प्रशासनिक और सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, क्योंकि कॉन्स्टैंटिनोपल का भौगोलिक स्थान साम्राज्य के पूर्वी भाग को सुदृढ़ बनाने में मदद करता था और व्यापारिक मार्गों के लिए भी अनुकूल था।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (20 – 30 शब्दों में )
प्रश्न 1. रोम गणराज्य की स्थापना कब और कैसे हुई?
उत्तर: रोम गणराज्य की स्थापना 509 ईसा पूर्व में तब हुई जब रोमवासियों ने अपने अंतिम राजा को हटा दिया और एक गणराज्य की शुरुआत की जिसमें सेनेट और कौंसलों द्वारा शासन किया जाता था।
प्रश्न 2. रोमनों का आर्थिक जीवन किन प्रमुख स्रोतों पर आधारित था?
उत्तर: रोमनों का आर्थिक जीवन कृषि, दास श्रम, व्यापार और करों पर आधारित था। साम्राज्य के विभिन्न प्रांतों से धन, अन्न और वस्तुएं एकत्र की जाती थीं, जिससे सम्राट और सेना को सहायता मिलती थी।
प्रश्न 3. प्यूनिक युद्धों का क्या महत्व था?
उत्तर: प्यूनिक युद्धों (264–146 ई.पू.) के दौरान रोम ने कार्थेज को पराजित किया और भूमध्य सागर में अपना वर्चस्व स्थापित किया। इससे रोम को पश्चिमी भूमध्य क्षेत्र पर नियंत्रण मिला।
प्रश्न 4. रोमन सेना की सबसे महत्वपूर्ण इकाई कौन सी थी?
उत्तर: रोमन सेना की सबसे महत्वपूर्ण इकाई “लीजन” थी, जिसमें 4,000 से 6,000 सैनिक होते थे। यह पेशेवर, अनुशासित और रणनीतिक सैनिक बल था, जिसने साम्राज्य विस्तार में अहम भूमिका निभाई।
प्रश्न 5. जूलियस सीज़र की हत्या क्यों की गई?
उत्तर: जूलियस सीज़र की हत्या 44 ईसा पूर्व में इसलिए की गई क्योंकि कई सीनेट सदस्य उसे निरंकुश शासक मानते थे और गणराज्य की समाप्ति का डर था। इसे तानाशाही के विरुद्ध कदम माना गया।
प्रश्न 6. सम्राट ऑगस्टस ने क्या प्रशासनिक सुधार किए?
उत्तर: सम्राट ऑगस्टस ने कर संग्रह की व्यवस्था सुधारी, सेना को नियमित किया, प्रांतों में राज्यपाल नियुक्त किए और स्थायी सिविल सेवा शुरू की। इससे साम्राज्य अधिक संगठित और स्थिर हुआ।
प्रश्न 7. डायोक्लेशियन ने साम्राज्य में क्या बदलाव किए?
उत्तर: डायोक्लेशियन ने प्रशासनिक सुधार करते हुए साम्राज्य को पूर्व और पश्चिम में बांट दिया ताकि शासन करना आसान हो। उसने कर प्रणाली और सेना में भी सुधार किया।
प्रश्न 8. कॉन्स्टेंटाइन का धर्म और शासन में क्या योगदान रहा?
उत्तर: कॉन्स्टेंटाइन पहले रोमन सम्राट थे जिन्होंने ईसाई धर्म को मान्यता दी। उन्होंने कॉन्स्टैंटिनोपल को राजधानी बनाया और ईसाई धर्म के प्रसार को बढ़ावा दिया, जिससे धर्म और राजनीति में बड़ा परिवर्तन आया।
प्रश्न 9. बीजान्टिन साम्राज्य किसे कहा जाता है?
उत्तर: पश्चिमी रोमन साम्राज्य के पतन के बाद पूर्वी भाग को बीजान्टिन साम्राज्य कहा गया। इसकी राजधानी कॉन्स्टैंटिनोपल थी और यह 1453 ईस्वी तक टिका रहा।
प्रश्न 10. दास प्रथा का रोमन समाज में क्या स्थान था?
उत्तर: दास प्रथा रोमन समाज की प्रमुख विशेषता थी। दास कृषि, खान, घर और व्यापार में काम करते थे। उन्हें वस्तु की तरह खरीदा-बेचा जाता था और उनके कोई अधिकार नहीं होते थे।
लघु उत्तरीय प्रश्न (60–80 शब्दों में)
प्रश्न 1. रोम गणराज्य से साम्राज्य बनने की प्रक्रिया को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर: 509 ईसा पूर्व में रोम में राजतंत्र समाप्त हुआ और गणराज्य की स्थापना हुई। समय के साथ रोम ने अपने सैन्य और राजनीतिक विस्तार से इटली, कार्थेज और ग्रीस जैसे क्षेत्रों को जीत लिया। जूलियस सीज़र के उदय और हत्या के बाद ऑक्टेवियन (ऑगस्टस) 27 ईसा पूर्व में प्रथम सम्राट बना। इसके साथ ही रोम एक संगठित साम्राज्य के रूप में स्थापित हुआ।प्रश्न 2. रोमन सेना की भूमिका साम्राज्य के निर्माण में कैसे महत्वपूर्ण रही?
उत्तर: रोमन सेना अनुशासित, प्रशिक्षित और संगठित थी। इसकी प्रमुख इकाई लीजन थी, जिसमें हजारों सैनिक होते थे। सेना ने विजयों के माध्यम से साम्राज्य का विस्तार किया और आंतरिक विद्रोहों को दबाया। सेना की मौजूदगी ने प्रांतों में स्थायित्व और कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी सहायता की, जिससे सम्राट की शक्ति सुदृढ़ हुई।प्रश्न 3. रोमन समाज में दासों की स्थिति क्या थी?
उत्तर: रोमन समाज में दासों को संपत्ति की तरह देखा जाता था। वे कृषि, खान, निर्माण, घरेलू सेवाओं और शिक्षा तक में कार्यरत रहते थे। उन्हें कोई कानूनी अधिकार प्राप्त नहीं थे। अमीर रोमनों के पास सैकड़ों दास होते थे। कुछ मामलों में दासों को “मुक्ति” (manumission) मिलती थी और वे नागरिक बन सकते थे, लेकिन उनकी स्थिति अत्यंत शोषित थी।प्रश्न 4. रोमनों की स्थापत्य कला की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: रोमन स्थापत्य कला में विशालता, मजबूती और सौंदर्य का अद्भुत मेल था। उन्होंने मेहराब, गुंबद और जलसेतु (Aqueduct) जैसी संरचनाओं का निर्माण किया। कोलोसियम, रोमन मंच (Forum) और सार्वजनिक स्नानागार रोमन वास्तुकला की उत्कृष्ट मिसालें हैं। इन संरचनाओं का निर्माण ठोस इंजीनियरिंग और श्रमिक-श्रम पर आधारित था।प्रश्न 5. सम्राट ऑगस्टस की प्रशासनिक नीतियाँ क्या थीं?
उत्तर: ऑगस्टस ने प्रशासन को व्यवस्थित करने के लिए कर संग्रह प्रणाली में सुधार किए, एक स्थायी सेना और गुप्तचर सेवा स्थापित की। प्रांतों में राज्यपाल नियुक्त किए गए और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया। उन्होंने नागरिक सेवाओं, भवन निर्माण और धार्मिक स्थलों के विकास में योगदान दिया, जिससे साम्राज्य में स्थायित्व आया।प्रश्न 6. डायोक्लेशियन द्वारा किए गए प्रमुख सुधार क्या थे?
उत्तर: डायोक्लेशियन (284 ई.) ने साम्राज्य को प्रशासनिक रूप से दो भागों – पूर्व और पश्चिम – में बांटा। इससे शासन को अधिक प्रभावी बनाया गया। उसने कर व्यवस्था में सुधार, सेना में बदलाव और शाही दरबार को अधिक सुदृढ़ किया। उसने सम्राट को ईश्वर तुल्य बताने की नीति अपनाई जिससे सम्राट की प्रतिष्ठा बढ़ी।प्रश्न 7. बीजान्टिन साम्राज्य की क्या विशेषताएँ थीं?
उत्तर: बीजान्टिन साम्राज्य रोमन साम्राज्य का पूर्वी भाग था, जिसकी राजधानी कॉन्स्टैंटिनोपल थी। यह साम्राज्य ईसाई धर्म, यूनानी संस्कृति और रोमन प्रशासन का मिश्रण था। यह साम्राज्य 1453 ईस्वी तक टिका रहा और इसने यूरोप व एशिया के मध्य व्यापार व संस्कृति को प्रभावित किया। इसके चर्च, कला और कानून की विरासत आज भी महत्त्वपूर्ण है।प्रश्न 8. रोमनों की शहरी जीवनशैली का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर: रोमनों के नगर नियोजित होते थे, जिनमें सड़कों, जलसेतुओं, सार्वजनिक स्नानागारों, मंचों और मंदिरों की व्यवस्था थी। शहरी जीवन आरामदायक था, लेकिन अमीर और गरीब के बीच बड़ा अंतर था। धनी लोग विशाल मकानों में रहते थे जबकि गरीब झोंपड़ियों में। नगरों में रंगमंच, बाजार और मनोरंजन की सुविधाएँ भी थीं।प्रश्न 9. रोमनों की कर व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
उत्तर: रोमनों की कर व्यवस्था प्रांतों से कर, उपज, श्रम और विशेष वस्तुओं के रूप में होती थी। कर संग्रह राज्यपालों और स्थानीय अधिकारियों द्वारा किया जाता था। कई बार ठेकेदारों के माध्यम से कर वसूली होती थी, जिससे भ्रष्टाचार भी बढ़ा। करों से ही सेना, भवन निर्माण और प्रशासनिक तंत्र को चलाया जाता था।प्रश्न 10. रोमन साम्राज्य का पतन किन कारणों से हुआ?
उत्तर: रोमन साम्राज्य के पतन के कई कारण थे – प्रशासनिक भ्रष्टाचार, आर्थिक असमानता, दास प्रथा पर निर्भरता, बारंबार बर्बर आक्रमण, सेना में अनुशासन की कमी और आंतरिक विद्रोह। 476 ईस्वी में जब अंतिम पश्चिमी सम्राट रोमुलस ऑगस्टुलस को हटाया गया, तब इसे पश्चिमी रोमन साम्राज्य के पतन की अंतिम घटना माना गया।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (120 से 150 शब्दों में)
प्रश्न 1. रोमन साम्राज्य की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर: रोमन साम्राज्य एक विशाल और संगठित साम्राज्य था, जिसकी स्थापना 27 ईसा पूर्व में सम्राट ऑगस्टस ने की थी। इसकी सीमाएँ ब्रिटेन से लेकर पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका तक फैली थीं। प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत थी और इसे केंद्र से नियंत्रित किया जाता था। सेना अनुशासित और पेशेवर थी, जो न केवल साम्राज्य की रक्षा करती थी, बल्कि नए क्षेत्र भी जीतती थी। साम्राज्य में व्यापक सड़कें, जलसेतु, स्नानागार और भवन बने थे। रोमन कानून, नागरिकता और भाषा (लैटिन और ग्रीक) ने लोगों को जोड़े रखा। दास प्रथा समाज का मुख्य आधार थी। व्यापार, कृषि और कर व्यवस्था ने आर्थिक संरचना को सुदृढ़ बनाया। शहरीकरण और स्थापत्य कला भी इसकी पहचान थे। इस साम्राज्य में सांस्कृतिक विविधता को सहन करने की शक्ति थी, जो इसकी दीर्घायुता का एक कारण बनी।
प्रश्न 2. जूलियस सीज़र और ऑगस्टस की भूमिका रोम को गणराज्य से साम्राज्य में बदलने में कैसे महत्वपूर्ण रही?
उत्तर: जूलियस सीज़र एक महान सैन्य नेता और राजनीतिज्ञ था, जिसने 49 ईसा पूर्व में रोम पर नियंत्रण स्थापित कर लिया। उसने गणराज्य की कमजोरियों को उजागर किया और सुधारों की शुरुआत की, जैसे कि भूमि वितरण और सीनेट की शक्तियों को सीमित करना। 44 ईसा पूर्व में उसकी हत्या के बाद रोम में गृहयुद्ध छिड़ गया। इसके पश्चात ऑगस्टस (ऑक्टेवियन), जो सीज़र का दत्तक पुत्र था, सत्ता में आया और 27 ईसा पूर्व में पहली बार सम्राट घोषित हुआ। उसने सैन्य, प्रशासनिक और कर व्यवस्था में बड़े सुधार किए। उसने सेना को स्थायी किया, प्रांतों में राज्यपाल नियुक्त किए और कानून-व्यवस्था को दुरुस्त किया। उसने राजतंत्र की तरह शासन करते हुए भी खुद को “प्रिंसेप्स” (प्रथम नागरिक) कहकर लोकतांत्रिक भाव बनाए रखा। इस प्रकार, दोनों नेताओं की भूमिका रोम को गणराज्य से संगठित साम्राज्य में बदलने में अत्यंत निर्णायक रही।
प्रश्न 3. रोमन समाज की संरचना और जीवनशैली का वर्णन कीजिए।
उत्तर: रोमन समाज एक स्पष्ट वर्गीय व्यवस्था पर आधारित था। शीर्ष पर अमीर नागरिक, सीनेट सदस्य, और कुलीन वर्ग थे। उनके नीचे मध्यमवर्गीय व्यापारी और किसान आते थे। निम्नतम स्तर पर दास होते थे, जिनकी संख्या बहुत अधिक थी और वे विभिन्न कार्यों में लगे रहते थे। रोमन समाज में परिवार, विशेषकर पितृसत्तात्मक परिवार को विशेष महत्व प्राप्त था। महिलाओं को सीमित अधिकार थे, परंतु अमीर घरों में वे शिक्षा और व्यापार में भाग लेती थीं। शहरी जीवनशैली बहुत व्यवस्थित थी – नगरों में सड़कें, सार्वजनिक भवन, जलसेतु और स्नानागार थे। लोग रंगमंच, खेल और रथ दौड़ जैसे आयोजनों का आनंद लेते थे। रोमन पोशाक में टोगा (पुरुषों के लिए) और स्टोला (महिलाओं के लिए) आम थी। भोजन में रोटी, फल, मांस और शराब शामिल थे। इस समाज में शिक्षा, कानून और धर्म को भी अहम स्थान प्राप्त था, जो उनकी सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते थे।
प्रश्न 4. रोमन साम्राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था कैसी थी?
उत्तर: रोमन साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था अत्यंत संगठित और सुस्पष्ट थी। सम्राट सर्वोच्च शासक होता था और सभी प्रशासनिक निर्णय उसी के अधीन होते थे। साम्राज्य को कई प्रांतों में बाँटा गया था, जिन पर “गवर्नर” (राज्यपाल) नियुक्त किए जाते थे। ये गवर्नर कर संग्रह, कानून व्यवस्था और सैन्य सुरक्षा के लिए उत्तरदायी होते थे। कर व्यवस्था सुनियोजित थी; भूमि, व्यापार और कृषि पर कर लगते थे। एक सुसंगठित नौकरशाही कार्यों को निष्पादित करती थी। सेना प्रशासन का एक अभिन्न अंग थी और सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ विद्रोहों को दबाने में भी भूमिका निभाती थी। सम्राट का दरबार नीति निर्धारण और सरकारी आदेशों का केंद्र था। कानून की एक मजबूत प्रणाली थी, जिसमें नागरिक और अपराध से संबंधित नियम थे। नागरिकता के विस्तार से सम्राटों ने साम्राज्य को एकजुट बनाए रखने का प्रयास किया। संचार, सड़कें और सिक्का प्रणाली प्रशासन की दक्षता को दर्शाते थे।
प्रश्न 5. रोमन साम्राज्य के पतन के मुख्य कारणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर: रोमन साम्राज्य का पतन कई दीर्घकालिक और तात्कालिक कारणों से हुआ। सबसे पहले, प्रशासनिक भ्रष्टाचार और साम्राज्य का अत्यधिक विस्तार इसे नियंत्रित करने में मुश्किलें लाया। आर्थिक दृष्टि से, करों का बोझ बढ़ता गया, दासों पर अत्यधिक निर्भरता ने उत्पादन क्षमता को कमजोर किया। सेना में अनुशासन की कमी, विदेशी सैनिकों की भर्ती और बार-बार बर्बर आक्रमण (विशीगोथ, हूण आदि) से सैन्य शक्ति कमजोर हुई। 410 ईस्वी में विशीगोथों ने रोम पर आक्रमण किया और 476 ईस्वी में अंतिम पश्चिमी सम्राट को हटाकर साम्राज्य का पतन हुआ। धार्मिक दृष्टि से ईसाई धर्म के प्रभाव से पारंपरिक रोमन मूल्यों में बदलाव आया। आंतरिक विद्रोह, नागरिक युद्ध और जनसंख्या में गिरावट ने भी साम्राज्य को अस्थिर किया। इन सभी कारणों से पश्चिमी रोमन साम्राज्य का पतन हुआ, जबकि पूर्वी भाग (बीजान्टिन साम्राज्य) 1453 ईस्वी तक टिका रहा।
रिवीजन शीट (Revision Sheet)
यह अध्याय रोमन साम्राज्य (Roman Empire) के उदय, विस्तार, प्रशासन, समाज, अर्थव्यवस्था, और पतन की जानकारी देता है।
🏛️ रोमन साम्राज्य का कालखंड
27 BCE – 476 CE (पश्चिमी रोमन साम्राज्य)
330 CE – 1453 CE (पूर्वी रोमन साम्राज्य / बीजान्टिन साम्राज्य)
📅 महत्वपूर्ण तिथियाँ
वर्ष | घटना |
---|---|
509 BCE | रोम गणराज्य की स्थापना |
49 BCE | जूलियस सीज़र का सत्ता पर नियंत्रण |
44 BCE | जूलियस सीज़र की हत्या |
27 BCE | ऑगस्टस द्वारा साम्राज्य की स्थापना |
117 CE | साम्राज्य का अधिकतम विस्तार |
212 CE | सभी स्वतंत्र पुरुषों को नागरिकता |
284 CE | साम्राज्य का विभाजन – डायोक्लेशियन द्वारा |
330 CE | कॉन्स्टैंटिनोपल राजधानी बनी |
476 CE | पश्चिमी रोमन साम्राज्य का पतन |
1453 CE | पूर्वी रोमन साम्राज्य (बीजान्टिन) का अंत |
तीन महाद्वीप: यूरोप, एशिया, अफ्रीका
मुख्य क्षेत्र: ब्रिटेन, इटली, फ्रांस (गॉल), स्पेन, मिश्र, सीरिया, ट्यूनीशिया, तुर्की आदि।
🏛️ प्रमुख शासक
जूलियस सीज़र: गणराज्य से साम्राज्य की ओर संक्रमण
ऑगस्टस (ऑक्टेवियन): प्रथम सम्राट
ट्रेजन: साम्राज्य का सबसे बड़ा विस्तार
कॉन्स्टेंटाइन: ईसाई धर्म को मान्यता, नई राजधानी कॉन्स्टैंटिनोपल
डायोक्लेशियन: प्रशासनिक सुधार, विभाजन
⚖️ प्रशासनिक व्यवस्था
सम्राट सर्वोच्च सत्ता का केंद्र
प्रांतों में गवर्नर नियुक्त
कर संग्रह, सेना, कानून और न्याय व्यवस्था का सशक्त तंत्र
संचार और सड़क नेटवर्क मजबूत
💰 अर्थव्यवस्था
कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था
प्रमुख फसलें: गेहूं, जैतून, अंगूर
व्यापार और मुद्रा प्रणाली सुव्यवस्थित
दास प्रथा: प्रमुख श्रम शक्ति
🏙️ समाज और संस्कृति
वर्गीय समाज – अमीर, मध्यम वर्ग, गरीब, दास
लैटिन और ग्रीक भाषाएँ
परिवार केंद्रित समाज; पुरुष प्रधान
रंगमंच, खेल, स्नानागार, वास्तुकला में उन्नति
रोमन कानून और नागरिकता प्रणाली अद्वितीय
⚔️ सैन्य व्यवस्था
पेशेवर और अनुशासित सेना
सीमाओं की रक्षा और विस्तार में सक्रिय
सैनिकों को नियमित वेतन और ज़मीन
💥 पतन के कारण
प्रशासनिक भ्रष्टाचार
आर्थिक संकट और करों का बोझ
विदेशी आक्रमण – विशीगोथ, हूण
दासों पर निर्भरता
सेना में अनुशासन की कमी
ईसाई धर्म का उदय और पारंपरिक मूल्यों में परिवर्तन
📌 पुनरावृत्ति के लिए जरूरी बिंदु (One-liners for Quick Revision)
रोम में पहले गणराज्य था, फिर साम्राज्य बना।
रोमन कानून आज भी आधुनिक कानूनों की नींव हैं।
‘पैक्स रोमाना’ का अर्थ – रोम की शांति (Golden Age)।
476 CE – पश्चिमी रोमन साम्राज्य का अंत हुआ।
1453 CE – कॉन्स्टैंटिनोपल पर ओटोमनों ने कब्जा किया।
📝 रिवीजन टिप्स
मैप देखकर क्षेत्रों की पहचान करें (ब्रिटेन, मिस्र, रोम, सीरिया आदि)।
शासकों की भूमिका याद रखें (जूलियस, ऑगस्टस, ट्रेजन, डायोक्लेशियन, कॉन्स्टेंटाइन)।
समाज + प्रशासन + अर्थव्यवस्था को एक साथ जोड़कर समझें।
वर्कशीट (Worksheet) - Test (तीन महाद्वीपों में फैला एक साम्राज्य)
🔹 खंड A. रिक्त स्थान भरें (Fill in the Blanks)
रोम गणराज्य की स्थापना ______ BCE में हुई थी।
रोम के पहले सम्राट का नाम ______ था।
सम्राट ट्रेजन के समय रोमन साम्राज्य का विस्तार ______ तक हुआ।
476 CE में ______ रोमन साम्राज्य का पतन हुआ।
कॉन्स्टेंटाइन ने नई राजधानी ______ में बनाई थी।
🔹 खंड B. सही विकल्प चुनिए (Multiple Choice Questions)
सम्राट ऑगस्टस को किस वर्ष रोमन साम्राज्य का पहला सम्राट घोषित किया गया?
a) 27 BCE
b) 44 BCE
c) 212 CE
d) 117 CEनिम्नलिखित में से कौन-सा रोमन साम्राज्य का पूर्वी भाग था?
a) ब्रिटेन
b) गॉल
c) कॉन्स्टैंटिनोपल
d) रोमरोमन साम्राज्य में नागरिकता किस सम्राट ने सभी स्वतंत्र पुरुषों को दी?
a) ट्रेजन
b) काराकाला
c) ऑगस्टस
d) थियोडोसियसकिस वर्ष बीजान्टिन साम्राज्य का अंत हुआ?
a) 476 CE
b) 395 CE
c) 1453 CE
d) 330 CE
🔹 खंड C. मिलान कीजिए (Match the Following)
स्तंभ A | स्तंभ B |
---|---|
1. ट्रेजन | a) साम्राज्य का विभाजन |
2. डायोक्लेशियन | b) साम्राज्य का सबसे बड़ा विस्तार |
3. जूलियस सीज़र | c) राजधानी कॉन्स्टैंटिनोपल |
4. कॉन्स्टेंटाइन | d) गणराज्य का अंत |
🔹 खंड D – बहुत लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer)
- रोम में दासों की क्या भूमिका थी?
- रोमन साम्राज्य का प्रशासनिक ढांचा कैसा था?
🔹 खंड E. लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer)
- “पैक्स रोमाना” क्या था और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
सम्राट कॉन्स्टेंटाइन की भूमिका और धार्मिक नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी करें।
🔹 खंड F. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer)
रोमन साम्राज्य के पतन के प्रमुख कारणों को विस्तार से समझाइए।
रोमन समाज और अर्थव्यवस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
🔹 खंड G – मानचित्र कार्य (Map Work)
नीचे दिए गए स्थानों को विश्व मानचित्र में दर्शाइए:
रोम
कॉन्स्टैंटिनोपल
मिस्र
ब्रिटेन
गॉल (फ्रांस)
सीरिया
(नोट: छात्रों को मानचित्र पर चिन्हित करने के लिए प्रिंट किया हुआ नक्शा दिया जाए)
🔹 खंड H. रचनात्मक कार्य (Creative Task)
एक संवाद लिखिए जो एक रोमन नागरिक और एक गुलाम के बीच हो, जिसमें वे अपने जीवन की कठिनाइयों और सुविधाओं पर बात करते हैं (80–100 शब्द)।
रोमन साम्राज्य पर एक पोस्टर बनाइए जिसमें उसका नक्शा, प्रमुख सम्राट, और उपलब्धियाँ हों।
✅ निर्देश
उत्तर स्पष्ट और संक्षिप्त लिखें।
समय सीमा: 45 मिनट
यह वर्कशीट अभ्यास के लिए है, मूल्यांकन हेतु निर्देशानुसार उपयोग करें।
आपकी राय क्या है?
क्या आप भी मानते हैं कि कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं होता?
क्या आपने भी कभी अपनी गलतियों से कुछ सीखा है जो आपको और मजबूत बना गया?
👇 कमेंट में जरूर बताएं !