आधुनिकीकरण के रास्ते (Paths to Modernization)
इस अध्याय में दो एशियाई देशों – चीन और जापान – के 19वीं और 20वीं सदी में हुए आधुनिकीकरण (Modernization) की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया गया है। यह अध्याय दिखाता है कि कैसे ये देश पश्चिमी शक्तियों के दबाव में आए, और किस तरह उनकी राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सैन्य नीतियों में बदलाव हुआ।
चीन का आधुनिकीकरण
चीन में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया अस्थिर और बाधित रही।
अफीम युद्ध (1839–42 और 1856–60) के बाद चीन में विदेशी हस्तक्षेप बढ़ा और कई समझौते हुए जो चीन को कमजोर करते गए।
स्व-शक्तिकरण आंदोलन के माध्यम से चीन ने सेना और उद्योगों को आधुनिक बनाने का प्रयास किया, पर यह आंदोलन पूरी तरह सफल नहीं हो सका।
बॉक्सर विद्रोह (1900) में राष्ट्रवादी ताकतों ने विदेशी प्रभाव के खिलाफ विद्रोह किया, परंतु इसे विदेशी सेनाओं ने दबा दिया।
चीन में सुधारों की गति धीमी रही और अंततः 1911 में मांचू साम्राज्य का पतन हुआ।
जापान का आधुनिकीकरण
जापान ने पश्चिमी ताकतों के बढ़ते दबाव को समझा और समय रहते मीजी पुनर्स्थापना (Meiji Restoration – 1868) के माध्यम से सामंतवादी व्यवस्था को समाप्त कर आधुनिकीकरण की दिशा में कदम उठाए।
जापान ने शिक्षा, सैन्य, उद्योग और प्रशासन में गहरे सुधार किए।
पश्चिमी तकनीक और विचारों को अपनाकर जापान ने औद्योगीकरण किया और खुद को एक साम्राज्यवादी शक्ति के रूप में स्थापित किया।
जापान ने चीन और रूस के खिलाफ युद्ध जीतकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया।
मुख्य अंतर
चीन ने आधुनिकीकरण के प्रयास किए पर वह आंतरिक विरोध और विदेशी दबाव के कारण सफल नहीं हो सका।
जबकि जापान ने एक संगठित और ठोस योजना के तहत देश को आधुनिक बनाया और शक्ति संपन्न राष्ट्र बना।
यह अध्याय स्पष्ट करता है कि एक राष्ट्र का भविष्य उसकी राजनीतिक इच्छाशक्ति, जनता की भागीदारी, और समयानुकूल निर्णयों पर निर्भर करता है। जहाँ चीन विदेशी हस्तक्षेप से कमजोर होता गया, वहीं जापान आत्मनिर्भर बनकर एक वैश्विक शक्ति बन गया।
सारांश (Summary)
🔹 1. अध्याय की भूमिका
यह अध्याय दो प्रमुख एशियाई देशों — चीन और जापान — के 19वीं और 20वीं शताब्दी में आधुनिक राष्ट्र बनने की प्रक्रिया का वर्णन करता है।
यूरोपीय औपनिवेशिक शक्तियों के बढ़ते प्रभाव ने इन देशों को बदलाव के लिए विवश किया।
🔹 2. चीन में आधुनिकीकरण की चुनौतियाँ
🟠 2.1 अफीम युद्ध (Opium Wars)
पहला (1839–42) और दूसरा (1856–60) अफीम युद्ध चीन और ब्रिटेन के बीच हुआ।
इन युद्धों के बाद चीन को ‘असमान संधियाँ’ पर हस्ताक्षर करने पड़े जिससे उसकी संप्रभुता कमजोर हुई।
🟠 2.2 विदेशी हस्तक्षेप और आर्थिक शोषण
विभिन्न यूरोपीय देशों और अमेरिका ने चीन में व्यापारिक अधिकार, बंदरगाहों पर नियंत्रण और राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ा दिया।
इससे स्थानीय शासकों की शक्ति घटती गई और जनता में असंतोष फैला।
🟠 2.3 आंतरिक विद्रोह
टाइपिंग विद्रोह (1850–64) और बॉक्सर विद्रोह (1900) जैसे जनआंदोलनों ने चीन की सरकार को कमजोर कर दिया।
विदेशी ताकतों ने इन विद्रोहों को कुचलने के बहाने और अधिक हस्तक्षेप किया।
🔹 3. चीन में आधुनिकीकरण के प्रयास
🟢 3.1 स्वशक्तिकरण आंदोलन (Self-Strengthening Movement)
उद्देश्य था कि विदेशी तकनीक और विज्ञान को अपनाकर चीन की रक्षा को मजबूत किया जाए।
जहाज निर्माण, रेलवे, टेलीग्राफ, हथियार कारखाने आदि की स्थापना की गई।
लेकिन यह आंदोलन राजनीतिक सुधार के बिना था, इसलिए सफल नहीं हो सका।
🟢 3.2 1911 की क्रांति
सुन यात सेन (Sun Yat-Sen) के नेतृत्व में किंग वंश को हटाकर गणराज्य की स्थापना की गई।
यह आधुनिक राजनीतिक बदलाव की शुरुआत थी, पर अस्थिरता बनी रही।
🔹 4. जापान का मार्ग — सशक्त और संगठित बदलाव
🟣 4.1 मीजी पुनर्स्थापना (Meiji Restoration), 1868
सम्राट मीजी को सत्ता सौंपी गई और शोगुन प्रणाली को खत्म किया गया।
जापान ने सामंतवाद को हटाकर आधुनिक प्रशासनिक, आर्थिक और सैन्य प्रणाली अपनाई।
🟣 4.2 औद्योगीकरण और शिक्षा
रेलवे, फैक्ट्री, बैंक और टेलीग्राफ की शुरुआत हुई।
शिक्षा को अनिवार्य किया गया और पश्चिमी ज्ञान को अपनाया गया।
🟣 4.3 सैन्य विस्तार और साम्राज्यवाद
जापान ने 1894-95 में चीन को हराया, और 1904-05 में रूस को भी।
कोरिया और मंचूरिया जैसे क्षेत्रों पर कब्ज़ा कर जापान साम्राज्यवादी शक्ति बना।
🔹 5. चीन और जापान की तुलना
बिंदु | चीन | जापान |
---|---|---|
आधुनिकीकरण की शुरुआत | बाहरी दबाव में | आत्मनिर्णय से |
प्रतिक्रिया | असंगठित | संगठित और निर्णायक |
सुधार | सीमित, असफल | सफल, गहरे और व्यापक |
राजनीतिक बदलाव | 1911 में गणराज्य | 1868 में सम्राट के तहत केंद्रीकरण |
विदेश नीति | रक्षात्मक | आक्रामक (साम्राज्यवादी) |
जापान ने स्वयं निर्णय लेकर आधुनिकीकरण किया और एक शक्तिशाली राष्ट्र बना।
वहीं चीन लगातार विदेशी हस्तक्षेप, आंतरिक विद्रोह और कमजोर सुधारों से जूझता रहा।
यह अध्याय यह दर्शाता है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति और संगठित प्रयासों से कोई भी देश आधुनिकता की ओर अग्रसर हो सकता है।
शब्दार्थ (Word Meaning)
English Word | Hindi Meaning / Definition |
---|---|
Modernization | आधुनिकीकरण – समाज, राजनीति, अर्थव्यवस्था और संस्कृति को आधुनिक तकनीक, विचारधारा और प्रणाली के अनुरूप विकसित करना। |
Empire | साम्राज्य – वह शासन व्यवस्था जिसमें एक शासक कई देशों या क्षेत्रों पर नियंत्रण रखता है। |
Opium | अफीम – एक नशीला पदार्थ जिसे चीन में ब्रिटेन ने व्यापार के लिए अवैध रूप से फैलाया था। |
Opium War | अफीम युद्ध – ब्रिटेन और चीन के बीच 19वीं सदी में अफीम के व्यापार को लेकर हुए युद्ध। |
Treaty Port | संधि बंदरगाह – वे बंदरगाह जिन्हें चीन ने जबरन विदेशी शक्तियों को व्यापार और नियंत्रण के लिए सौंप दिया था। |
Sovereignty | संप्रभुता – किसी राष्ट्र की अपनी स्वतंत्र सत्ता और निर्णय लेने की पूर्ण स्वतंत्रता। |
Unequal Treaty | असमान संधि – ऐसी संधियाँ जिनमें एक पक्ष को जबरन नुकसानदायक शर्तें माननी पड़ती हैं। |
Rebellion | विद्रोह – सरकार या सत्ता के खिलाफ जन आंदोलन। |
Taiping Rebellion | टाइपिंग विद्रोह – 1850-1864 के बीच चीन में हुआ एक बड़ा जन आंदोलन जो सामाजिक और धार्मिक बदलाव चाहता था। |
Boxer Rebellion | बॉक्सर विद्रोह – 1900 में चीन में विदेशी प्रभाव के विरोध में हुआ एक उग्र आंदोलन। |
Self-Strengthening Movement | आत्मशक्ति आंदोलन – 19वीं सदी में चीन का वह प्रयास जिसमें उसने पश्चिमी तकनीक अपनाकर अपनी रक्षा को मजबूत करने की कोशिश की। |
Reform | सुधार – किसी व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाना। |
Republic | गणराज्य – वह शासन प्रणाली जिसमें शासक को जनता द्वारा चुना जाता है और वंशानुगत शाही शासन नहीं होता। |
Dynasty | वंश – एक ही परिवार की पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली शासक परंपरा। |
Manchu/Qing Dynasty | मांचू या छिंग वंश – चीन का अंतिम साम्राज्यवादी वंश जिसने 1644 से 1911 तक शासन किया। |
Sun Yat-sen | सुन यात सेन – चीन के राष्ट्रवादी नेता और गणराज्य के संस्थापक, जिन्हें 'आधुनिक चीन का जनक' कहा जाता है। |
Revolution | क्रांति – अचानक और गहरा सामाजिक, राजनीतिक या आर्थिक परिवर्तन। |
Meiji Restoration | मीजी पुनर्स्थापना – 1868 में जापान में सम्राट मीजी द्वारा किया गया शासन और सामाजिक परिवर्तन का युग। |
Samurai | सामुराई – जापान के योद्धा वर्ग जो सामंती काल में अत्यधिक प्रभावशाली थे। |
Feudalism | सामंतवाद – वह सामाजिक और आर्थिक प्रणाली जिसमें ज़मींदार वर्ग किसानों से लगान लेकर शासन करता था। |
Industrialization | औद्योगीकरण – मशीनों और कारखानों के उपयोग से उत्पादन की प्रक्रिया में वृद्धि। |
Imperialism | साम्राज्यवाद – किसी एक देश द्वारा दूसरे देश पर राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक नियंत्रण स्थापित करना। |
Colonialism | उपनिवेशवाद – एक शक्तिशाली देश द्वारा किसी कमजोर देश या क्षेत्र पर कब्जा कर शासन करना। |
Westernization | पाश्चातीकरण – पश्चिमी देशों की जीवनशैली, तकनीक, विचारधारा और संस्कृति को अपनाना। |
Militarization | सैन्यकरण – देश की सेना को अधिक शक्तिशाली और प्रभावी बनाना। |
Nationalism | राष्ट्रवाद – अपने देश के गौरव, स्वतंत्रता और विकास के लिए प्रेम और निष्ठा की भावना। |
Industrial Capitalism | औद्योगिक पूंजीवाद – वह आर्थिक प्रणाली जिसमें उत्पादन के साधन निजी स्वामित्व में होते हैं और लाभ हेतु प्रयोग किए जाते हैं। |
Bureaucracy | नौकरशाही – सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की वह प्रणाली जो शासन और प्रशासन को संचालित करती है। |
Conscription | जबरन सैनिक भर्ती – किसी व्यक्ति को अनिवार्य रूप से सेना में शामिल करना। |
Modern Army | आधुनिक सेना – नवीनतम हथियारों, तकनीकों और युद्ध नीति से सुसज्जित सुसंगठित सैन्य बल। |
Cultural Identity | सांस्कृतिक पहचान – किसी समुदाय की भाषा, परंपराएँ, धर्म और जीवनशैली जो उन्हें विशेष बनाती है। |
माइंड मैप (Mind Map)
टाइमलाइन (Timeline)
1839-1842 | प्रथम अफीम युद्ध | चीन और ब्रिटेन के बीच अफीम व्यापार को लेकर युद्ध हुआ - चीन की हार हुई। |
---|---|---|
1842 | नानकिंग की संधि | यह चीन की पहली ‘असमान संधि’ थी जिसमें उसने ब्रिटेन को हांगकांग सौंप दिया। |
1850-1864 | टाइपिंग विद्रोह | चीन में एक धार्मिक और सामाजिक सुधार आंदोलन जो बहुत ही हिंसक हुआ और मिलियन लोगों की मृत्यु हुई। |
1861-1895 | आत्मशक्ति आंदोलन (Self-Strengthening Movement) | पश्चिमी तकनीक को अपनाकर चीन को सुदृढ़ करने का प्रयास। |
1894-1895 | प्रथम चीन-जापान युद्ध | कोरिया को लेकर चीन और जापान में युद्ध हुआ - चीन की हार हुई। |
1899-1901 | बॉक्सर विद्रोह | विदेशी शक्तियों और ईसाई मिशनरियों के विरुद्ध चीन में उग्र जन आंदोलन। |
1911 | शिन्हाई क्रांति | मांचू वंश का अंत हुआ और गणराज्य की स्थापना हुई। |
1912 | चीन गणराज्य की स्थापना | सुन यात सेन के नेतृत्व में चीन ने आधुनिकीकरण की ओर पहला बड़ा कदम बढ़ाया। |
1853 | कमोडोर पेरी का जापान आगमन | अमेरिका ने जबरन जापान को व्यापार के लिए खुलने पर मजबूर किया। |
1854 | कानागावा की संधि | जापान और अमेरिका के बीच पहली संधि - जिससे विदेशी व्यापार की शुरुआत हुई। |
1868 | मीजी पुनर्स्थापना (Meiji Restoration) | सम्राट मीजी के नेतृत्व में जापान का आधुनिकीकरण और सामंती शासन का अंत। |
1871 | सामंती व्यवस्था का अंत | सामंती प्रभुओं (डायम्यो) को समाप्त कर केंद्रीय शासन स्थापित किया गया। |
1873 | अनिवार्य सैन्य सेवा (Conscription) | सभी युवकों को सेना में सेवा अनिवार्य की गई। |
1889 | मीजी संविधान की घोषणा | जापान को एक संवैधानिक राजतंत्र घोषित किया गया। |
1894-1895 | पहला चीन-जापान युद्ध | जापान की निर्णायक जीत और क्षेत्रीय प्रभाव में वृद्धि। |
1904-1905 | रूस-जापान युद्ध | जापान की रूस पर विजय ने उसे एक बड़ी वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया। |
1910 | कोरिया पर जापान का कब्जा | कोरिया को जापान ने पूरी तरह उपनिवेश बना लिया। |
मैप वर्क (Map Works)
मैप वर्क का उद्देश्य छात्रों को भौगोलिक और ऐतिहासिक संदर्भों को समझाने में मदद करना है। इससे वे इतिहास की घटनाओं, आंदोलनों और राज्यों के स्थान को अच्छी तरह समझ पाते हैं। “Paths to Modernization” जैसे अध्याय में मैप वर्क पढ़ाते समय निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए –
1. चीन के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल और घटनाएं –
बीजिंग (Beijing)
मांचू (Qing) वंश की राजधानी।
बॉक्सर विद्रोह का प्रमुख स्थल।
शिन्हाई क्रांति के दौरान क्रांतिकारियों का गढ़।
नानकिंग (Nanjing)
नानकिंग संधि (1842) का स्थान जहाँ चीन ने ब्रिटेन को हांगकांग सौंपा।
कांटोन्ग (Guangdong)
पहला अफीम युद्ध के दौरान ब्रिटिश व्यापारियों के लिए प्रमुख बंदरगाह।
सियान (Xi’an)
टाइपिंग विद्रोह का एक बड़ा केन्द्र।
2. जापान के प्रमुख स्थल –
टोकीयो (Tokyo)
मीजी पुनर्स्थापना के बाद जापान की राजधानी।
मीजी शासन का प्रशासनिक केन्द्र।
ओसाका (Osaka)
औद्योगिकीकरण और आधुनिक व्यापार का केन्द्र।
हाकोडाते (Hakodate)
अमेरिका के कमोडोर पेरी द्वारा जबरन खोला गया पहला बंदरगाह।
3. महत्त्वपूर्ण युद्ध और घटनास्थल –
चीन-जापान युद्ध का क्षेत्र
कोरिया और मांडरिन प्रायद्वीप के आसपास के क्षेत्र।
चीन और जापान के बीच संघर्ष के प्रमुख मैदान।
रूस-जापान युद्ध का क्षेत्र
मणचूरिया क्षेत्र (Manchuria)।
पोर्ट आर्थर (Port Arthur)।
4. साम्राज्यवादी शक्तियों के नियंत्रण वाले क्षेत्र –
अफीम युद्ध के बाद चीन में विदेशी संधि बंदरगाह –
हांगकांग, शंघाई, किंगडाओ जैसे बंदरगाह।
जापान द्वारा कोरिया पर कब्जा
कोरिया प्रायद्वीप को रंगीन रूप से दिखाना।
5. मैप में मुख्य तत्व –
प्रमुख शहर और बंदरगाह चिन्हित करें।
युद्ध क्षेत्रों और विद्रोह के मुख्य स्थलों को अलग रंग में दिखाएं।
साम्राज्यवादी शक्तियों के नियंत्रण वाले क्षेत्र को हाइलाइट करें।
प्रमुख नदियाँ और पर्वत श्रृंखलाएँ दिखाएँ जो रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हों।
सुझाव
रंगीन मार्कर और पिन का उपयोग करें।
समय-समय पर प्रश्न पूछें जैसे — “यह स्थान क्यों महत्वपूर्ण है?” या “यह युद्ध कहाँ लड़ा गया था?”
छात्रों को मैप पर अपनी नोट्स बनाकर याद रखने के लिए प्रेरित करें।
मैप प्रैक्टिस (Map Practice)
मैप प्रैक्टिस पढ़ाई की समझ को मजबूत करने और स्मृति को स्थायी बनाने के लिए एक अत्यंत उपयोगी गतिविधि है। जब “Paths to Modernization” जैसे अध्याय को पढ़ लेते हैं, तब मैप प्रैक्टिस से वे घटनाओं, स्थलों और अवधियों को आपस में जोड़ पाते हैं।
🔶 मैप प्रैक्टिस के उद्देश्य –
प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं और स्थानों की पहचान।
चीन और जापान के आधुनिकरण से जुड़े भौगोलिक क्षेत्रों की समझ।
साम्राज्यवाद, युद्ध, विद्रोह, और समझौतों के स्थलों को स्मरण करना।
परीक्षा में नक्शे आधारित प्रश्नों का सही उत्तर देना।
1. खाली नक्शा दें (Blank Map) –
चीन और जापान का राजनीतिक नक्शा दें जिसमें सीमाएँ और प्रमुख भौगोलिक संरचनाएं हों।
समुद्र, पर्वत और नदियाँ भी अंकित हों लेकिन शहरों के नाम गायब हों।
2. प्रमुख स्थानों की पहचान कराएं –
छात्र निम्नलिखित को चिन्हित करें :-
🔹 चीन के लिए
बीजिंग
नानकिंग
शंघाई
ग्वांगझोउ (Canton)
किंगडाओ
पोर्ट आर्थर
मांचूरिया क्षेत्र
हांगकांग
टाइपिंग विद्रोह का क्षेत्र
🔹 जापान के लिए
टोक्यो
ओसाका
क्योटो
नागासाकी
हाकोडाते
कोरिया प्रायद्वीप
पोर्ट्स खुले जाने वाले क्षेत्र (1854 के बाद)
रूस-जापान युद्ध क्षेत्र (1904–1905)
3. घटनाओं को चिह्नित करें (Event-based labelling) –
छात्रों से निम्नलिखित घटनाओं को उनके स्थलों पर दर्शाने को कहें :-
घटना | स्थान |
---|---|
अफीम युद्ध (1839-42) | ग्वांगझोउ, नानकिंग |
नानकिंग संधि (1842) | नानकिंग |
टाइपिंग विद्रोह (1850–64) | नानकिंग के आस-पास |
बॉक्सर विद्रोह (1899–1901) | बीजिंग और उत्तरी चीन |
प्रथम चीन-जापान युद्ध (1894-95) | कोरिया और मांचूरिया |
मीजी पुनर्स्थापना (1868) | टोक्यो |
रूस-जापान युद्ध (1904–05) | पोर्ट आर्थर, मांचूरिया |
कोरिया पर कब्जा (1910) | कोरिया प्रायद्वीप |
4. रंगों का उपयोग करें –
चीन = नीला
जापान = हरा
युद्ध के क्षेत्र = लाल
साम्राज्यवादी नियंत्रण क्षेत्र = पीला
विदेशी संधि बंदरगाह = नारंगी
5. प्रश्नोत्तरी आधारित अभ्यास –
छात्रों से निम्नलिखित प्रकार के प्रश्न पूछें:
“नानकिंग कहाँ स्थित है? यह किस घटना से जुड़ा है?”
“टाइपिंग विद्रोह किस क्षेत्र में हुआ था?”
“कमोडोर पेरी जापान में कहाँ उतरे थे?”
“रूस-जापान युद्ध किस बंदरगाह पर लड़ा गया?”
🔸 होमवर्क/पुनरावृत्ति कार्य –
एक खाली मैप पर 10 घटनाओं को सही क्रम में अंकित करें।
रंगों और तिथियों के साथ एक टॉपिक-आधारित मैप बनाएं (जैसे: “विद्रोह और युद्ध”)।
“टाइमलाइन + मैप” एकत्र अभ्यास करें।
वैकल्पिक प्रश्न (MCQs) उत्तर और व्याख्या
1. ‘नानकिंग की संधि’ (Treaty of Nanking) किस वर्ष हुई थी?
A. 1839
B. 1842
C. 1850
D. 1868
✔ उत्तर: B). 1842
व्याख्या: यह संधि प्रथम अफीम युद्ध के बाद चीन और ब्रिटेन के बीच हुई थी, जिसमें चीन ने हांगकांग ब्रिटेन को सौंप दिया और व्यापारिक विशेषाधिकार दिए। इसे चीन की पहली “असमान संधि” कहा जाता है।
2. टाइपिंग विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था?
A. सुन यात सेन
B. माओत्से तुंग
C. होंग श्युओछुआन
D. झांग झिदोंग
✔ उत्तर: C). होंग श्युओछुआन
व्याख्या: यह एक धार्मिक सुधारक थे जिन्होंने ईसाई विचारों से प्रेरित होकर विद्रोह शुरू किया। यह विद्रोह चीन के इतिहास का सबसे खतरनाक और रक्तरंजित विद्रोह माना जाता है।
3. जापान में ‘मीजी पुनर्स्थापना’ किस वर्ष हुई थी?
A. 1854
B. 1868
C. 1905
D. 1910
✔ उत्तर: B). 1868
व्याख्या: मीजी पुनर्स्थापना एक क्रांतिकारी परिवर्तन था जिसमें सामंती शासन को हटाकर सम्राट मीजी के नेतृत्व में आधुनिक, केंद्रीकृत सरकार की स्थापना की गई।
4. प्रथम चीन-जापान युद्ध किस कारण हुआ था?
A. अफीम व्यापार
B. कोरिया पर नियंत्रण
C. ताइवान विवाद
D. बॉक्सर विद्रोह
✔ उत्तर: B). कोरिया पर नियंत्रण
व्याख्या: यह युद्ध कोरिया के नियंत्रण को लेकर हुआ, जहाँ जापान ने चीन को हराकर अपनी शक्ति का परिचय दिया और कोरिया को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।
5. ‘कमोडोर पेरी’ किस देश से थे जिन्होंने जापान को 1853 में खुलने के लिए बाध्य किया?
A. ब्रिटेन
B. रूस
C. अमेरिका
D. फ्रांस
✔ उत्तर: C). अमेरिका
व्याख्या: कमोडोर मैथ्यू पेरी अमेरिका की नौसेना से थे जिन्होंने जापान पर दबाव डाला कि वह विदेशियों के लिए अपने बंदरगाह खोल दे।
6. ‘बॉक्सर विद्रोह’ का मुख्य उद्देश्य क्या था?
A. जापान पर आक्रमण
B. सामंतवाद को समाप्त करना
C. विदेशी प्रभाव और ईसाई मिशनरियों को हटाना
D. नए संविधान की मांग
✔ उत्तर: C). विदेशी प्रभाव और ईसाई मिशनरियों को हटाना
व्याख्या: यह आंदोलन चीन में राष्ट्रीय भावना से प्रेरित था और विदेशी शक्तियों के अत्यधिक प्रभाव के विरुद्ध था।
7. जापान का पहला संविधान किस वर्ष लागू हुआ?
A. 1871
B. 1889
C. 1900
D. 1912
✔ उत्तर: B). 1889
व्याख्या: मीजी संविधान के अंतर्गत जापान को एक संवैधानिक राजतंत्र में बदल दिया गया, जहाँ सम्राट को केंद्रीय सत्ता प्राप्त रही।
8. ‘आत्मशक्ति आंदोलन’ का उद्देश्य क्या था?
A. ताईपिंग विद्रोह को दबाना
B. चीन में साम्यवाद लाना
C. पश्चिमी तकनीक को अपनाकर चीन को मजबूत करना
D. चीन को उपनिवेश बनाना
✔ उत्तर: C). पश्चिमी तकनीक को अपनाकर चीन को मजबूत करना
व्याख्या: यह आंदोलन चीन में अपनी ताकत को बढ़ाने और आधुनिक तकनीक को अपनाने के लिए चलाया गया।
9. जापान का कौन-सा क्षेत्र सबसे पहले व्यापार के लिए खोला गया था?
A. टोक्यो
B. ओसाका
C. कानागावा
D. हिरोशिमा
✔ उत्तर: C). कानागावा
व्याख्या: 1854 की “कानागावा संधि” के तहत जापान ने अमेरिका के साथ संधि कर विदेशी व्यापार के लिए द्वार खोले।
10. रूस-जापान युद्ध का परिणाम क्या रहा?
A. रूस की विजय
B. युद्ध बिना निर्णय के समाप्त
C. जापान की विजय
D. कोरिया की स्वतंत्रता
✔ उत्तर: C). जापान की विजय
व्याख्या: यह एशिया में एक बड़ी घटना थी जब एक एशियाई राष्ट्र ने यूरोपीय शक्ति को पराजित किया, जिससे जापान की अंतरराष्ट्रीय छवि सुदृढ़ हुई।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (20–30 शब्दों में)
1. ताइपिंग विद्रोह क्या था?
उत्तर: ताइपिंग विद्रोह (1850–64) चीन में हुआ एक विशाल सामाजिक और धार्मिक आंदोलन था, जिसका नेतृत्व होंग श्युओछुआन ने किया। इसका उद्देश्य भ्रष्ट किंग शासन को समाप्त करना और ईसाई सिद्धांतों पर आधारित नया राज्य स्थापित करना था।
2. ‘नानकिंग की संधि’ क्या थी?
उत्तर: 1842 में चीन और ब्रिटेन के बीच हुई नानकिंग संधि प्रथम अफीम युद्ध के बाद हुई। इसमें चीन ने हांगकांग ब्रिटेन को सौंपा और व्यापारिक विशेषाधिकार प्रदान किए। इसे चीन की पहली असमान संधि माना जाता है।
3. आत्मशक्ति आंदोलन (Self-Strengthening Movement) का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: इस आंदोलन का उद्देश्य चीन को पश्चिमी तकनीक और शिक्षा को अपनाकर आधुनिक बनाना था, जबकि पारंपरिक मूल्यों और संस्कृति को बनाए रखना था। यह 1860 से 1890 के बीच चला परंतु पूर्ण रूप से सफल नहीं रहा।
4. बॉक्सर विद्रोह क्या था?
उत्तर: बॉक्सर विद्रोह (1900) चीन में विदेशी हस्तक्षेप और ईसाई मिशनरियों के विरोध में हुआ एक जन आंदोलन था। ‘बॉक्सर’ नामक गुप्त समाज ने इसे चलाया। विदेशी शक्तियों ने मिलकर इसे दबा दिया।
5. चीन में शिन्हाई क्रांति किस लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: 1911 की शिन्हाई क्रांति के परिणामस्वरूप मांचू वंश का अंत हुआ और चीन में गणराज्य की स्थापना हुई। सुन यात सेन इसके प्रमुख नेता थे। यह चीन के राजनीतिक इतिहास में एक क्रांतिकारी परिवर्तन था।
6. मीजी पुनर्स्थापना क्या थी?
उत्तर: 1868 में जापान में हुई मीजी पुनर्स्थापना में सामंती शासन समाप्त हुआ और सम्राट मीजी के नेतृत्व में एक केंद्रीकृत, आधुनिक सरकार की स्थापना हुई। इससे जापान का तीव्र आधुनिकीकरण संभव हुआ।
7. जापान की सैन्य नीति में क्या परिवर्तन हुआ?
उत्तर: मीजी काल में जापान ने आधुनिक यूरोपीय सैन्य मॉडल को अपनाया। सामंती सेना की जगह राष्ट्रीय सेना बनाई गई, और अनिवार्य सैन्य सेवा लागू की गई जिससे सेना सशक्त और आधुनिक बनी।
8. जापान में शिक्षा व्यवस्था में क्या सुधार हुए?
उत्तर: मीजी युग में जापान ने सार्वभौमिक शिक्षा प्रणाली लागू की। विज्ञान, गणित, और देशभक्ति पर आधारित पाठ्यक्रम अपनाया गया। इससे साक्षरता बढ़ी और आधुनिक नागरिक समाज की नींव पड़ी।
9. अफीम युद्ध क्यों हुआ?
उत्तर: ब्रिटिश व्यापारी चीन में अवैध रूप से अफीम बेचते थे। चीन के विरोध पर ब्रिटेन ने युद्ध छेड़ा। यह युद्ध 1839–42 तक चला और ब्रिटेन की जीत के बाद नानकिंग संधि हुई।
10. जापान में संविधान कब लागू हुआ और क्या महत्व था?
उत्तर: 1889 में जापान ने मीजी संविधान लागू किया। यह एक संवैधानिक राजतंत्र था जिसमें सम्राट को उच्च शक्ति प्राप्त थी। इससे जापान में विधायी संस्थाओं की शुरुआत हुई और शासन आधुनिक हुआ।
लघु उत्तरीय प्रश्न (60–80 शब्दों में)
1. अफीम युद्ध के कारणों और परिणामों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: अफीम युद्ध (1839–42) का मुख्य कारण ब्रिटिश व्यापारियों द्वारा चीन में अफीम का अवैध व्यापार था। जब चीन ने इसे रोकने का प्रयास किया, तो ब्रिटेन ने युद्ध छेड़ दिया। इस युद्ध में चीन की हार हुई और ‘नानकिंग संधि’ के अंतर्गत हांगकांग ब्रिटेन को सौंपा गया। यह युद्ध चीन की संप्रभुता पर गंभीर प्रभाव डालने वाला रहा और विदेशी हस्तक्षेप की शुरुआत मानी जाती है।
2. मीजी पुनर्स्थापना क्या थी? इसके मुख्य परिणाम क्या थे?
उत्तर: 1868 में जापान में हुई मीजी पुनर्स्थापना एक राजनीतिक क्रांति थी जिसमें सम्राट मीजी के अधीन सामंती व्यवस्था को समाप्त कर केंद्रीकृत शासन स्थापित हुआ। इसके परिणामस्वरूप शिक्षा, सेना, उद्योग, और संचार क्षेत्रों में आधुनिक सुधार हुए। जापान ने पश्चिमी तकनीकों को अपनाया और एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरा। इसने जापान को एक उपनिवेश बनाने से बचाया।
3. चीन में ‘बॉक्सर विद्रोह’ का क्या कारण और परिणाम था?
उत्तर: बॉक्सर विद्रोह (1900) चीन में विदेशी प्रभाव और ईसाई मिशनरियों के विरुद्ध हुआ था। ‘बॉक्सर’ गुप्त समाज ने इसे चलाया, जो पारंपरिक मूल्यों की रक्षा करना चाहता था। उन्होंने विदेशी दूतावासों पर हमला किया। पश्चिमी देशों ने मिलकर इस विद्रोह को कुचल दिया। परिणामस्वरूप चीन को भारी हर्जाना भरना पड़ा और विदेशी शक्तियों का प्रभाव और बढ़ गया।
4. जापान के आधुनिकीकरण में शिक्षा प्रणाली की भूमिका क्या रही?
उत्तर: मीजी शासन ने जापान में शिक्षा को अनिवार्य और आधुनिक बनाया। 6 वर्ष की स्कूली शिक्षा को सभी के लिए अनिवार्य किया गया। विज्ञान, गणित, और देशभक्ति को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया। विदेशी विशेषज्ञों को बुलाया गया और छात्रों को विदेश भेजा गया। इसने साक्षरता बढ़ाई और एक कुशल, अनुशासित नागरिक समाज के निर्माण में योगदान दिया।
5. ‘शिन्हाई क्रांति’ क्या थी और इसका क्या महत्व था?
उत्तर: 1911 की शिन्हाई क्रांति चीन की मांचू वंश की सत्ता समाप्त कर गणतंत्र की स्थापना करने वाली क्रांति थी। डॉ. सुन यात सेन इसके मुख्य नेता थे। इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रवाद, जनवाद, और समाजवाद के सिद्धांतों पर आधारित आधुनिक चीन बनाना था। इस क्रांति ने चीन को पारंपरिक राजशाही से मुक्त कर एक नई राजनीतिक दिशा प्रदान की।
6. चीन में ‘आत्मशक्ति आंदोलन’ के प्रयास क्यों विफल रहे?
उत्तर: ‘आत्मशक्ति आंदोलन’ (1860–90) का उद्देश्य चीन को आधुनिक बनाना था, लेकिन यह सफल नहीं हो सका क्योंकि यह सतही सुधारों तक सीमित रहा। पारंपरिक सोच, भ्रष्टाचार, और विदेशी हस्तक्षेप इसकी असफलता के कारण थे। साथ ही, मांचू शासकों की निष्क्रियता और समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की कमी ने भी इसे कमजोर किया।
7. ‘तीन सिद्धांतों’ (Three Principles) की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: ‘तीन सिद्धांत’ डॉ. सुन यात सेन द्वारा प्रस्तुत राजनीतिक विचारधारा थी, जिनमें शामिल थे – (1) राष्ट्रवाद: विदेशी हस्तक्षेप को समाप्त करना, (2) जनवाद: लोकतांत्रिक शासन की स्थापना, और (3) समाजवाद: लोगों की आर्थिक भलाई। इन सिद्धांतों ने चीन के गणराज्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और राष्ट्र को एक नया मार्ग दिखाया।
8. जापान ने कोरिया पर अधिकार कैसे प्राप्त किया?
उत्तर: जापान ने 1905 में रूस-जापान युद्ध जीतने के बाद कोरिया पर नियंत्रण स्थापित किया और 1910 में उसे अपना उपनिवेश बना लिया। जापान ने कोरियाई शाही परिवार को अपदस्थ कर दिया और वहाँ जापानी शासन लागू किया। कोरियाई लोगों पर सांस्कृतिक और राजनीतिक दमन किया गया, जिससे कोरिया में विरोध और स्वतंत्रता आंदोलन शुरू हुए।
9. रूस-जापान युद्ध का वैश्विक महत्व क्या था?
उत्तर: रूस-जापान युद्ध (1904–05) एशिया में एक ऐतिहासिक घटना थी जिसमें एक एशियाई राष्ट्र (जापान) ने पहली बार यूरोपीय महाशक्ति (रूस) को पराजित किया। इससे पश्चिमी शक्तियों को झटका लगा और जापान को एक वैश्विक शक्ति के रूप में मान्यता मिली। इस युद्ध ने एशियाई राष्ट्रों में आत्मविश्वास और राष्ट्रीयता की भावना को भी प्रेरित किया।
10. ताइपिंग विद्रोह की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: ताइपिंग विद्रोह (1850–64) चीन में हुआ एक धार्मिक-सामाजिक आंदोलन था, जिसका नेतृत्व होंग श्युओछुआन ने किया। यह मांचू शासन के विरुद्ध था और उसका उद्देश्य एक समतावादी ईसाई राज्य की स्थापना करना था। विद्रोह बहुत व्यापक और हिंसक था, जिसमें करोड़ों लोग मारे गए। हालांकि अंततः इसे कुचल दिया गया, पर इसने चीनी समाज में बड़े बदलाव की शुरुआत की।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (140–180 शब्दों में)
1. जापान में मीजी पुनर्स्थापना के अंतर्गत हुए प्रमुख सुधारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: मीजी पुनर्स्थापना (1868) जापान के आधुनिकीकरण की एक निर्णायक घटना थी। इसके अंतर्गत सम्राट मीजी ने सत्ता अपने हाथों में ली और सामंती प्रणाली को समाप्त कर केंद्रीकृत सरकार की स्थापना की। सबसे पहले जमींदारी व्यवस्था को समाप्त कर भूमि कर प्रणाली लागू की गई। इसके साथ ही शिक्षा प्रणाली को अनिवार्य किया गया और पश्चिमी पद्धतियों को अपनाया गया। सेना का आधुनिकीकरण कर सभी नागरिकों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य की गई। रेलवे, डाक व्यवस्था और संचार साधनों का विकास हुआ। उद्योगों की स्थापना और बैंकिंग प्रणाली लागू हुई। साथ ही, 1889 में एक संविधान बनाया गया और संसद की स्थापना की गई। इन सुधारों के कारण जापान एक शक्तिशाली, औद्योगिक और आधुनिक राष्ट्र बन गया जिसने न केवल पश्चिमी देशों की बराबरी की, बल्कि कोरिया और चीन जैसे पड़ोसी देशों पर भी प्रभाव जमाया।
2. चीन में शिन्हाई क्रांति के कारणों और परिणामों की विवेचना कीजिए।
उत्तर: शिन्हाई क्रांति (1911) चीन में मांचू शासन के पतन और गणराज्य की स्थापना की क्रांति थी। इसके पीछे प्रमुख कारण मांचू शासकों की अक्षमता, विदेशी हस्तक्षेप, असमान संधियाँ, और जनता में बढ़ती असंतोष की भावना थी। ताइपिंग और बॉक्सर विद्रोहों ने भी जनता को जागरूक किया। डॉ. सुन यात सेन के ‘तीन सिद्धांत’ – राष्ट्रवाद, जनवाद और समाजवाद – ने जनता को एक नई दिशा दी। इस क्रांति के फलस्वरूप चीन में 2000 वर्षों से चली आ रही राजशाही व्यवस्था का अंत हुआ और ‘चीन गणराज्य’ की स्थापना हुई। युआन शी खाई को पहला राष्ट्रपति बनाया गया, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता बनी रही। यद्यपि यह क्रांति लोकतांत्रिक शासन नहीं स्थापित कर सकी, लेकिन इसने चीन के आधुनिकीकरण, राष्ट्रवाद और जन चेतना के लिए एक आधार तैयार किया। यह एशिया की सबसे बड़ी राजनीतिक क्रांतियों में से एक मानी जाती है।
3. चीन और जापान के आधुनिकीकरण की प्रक्रियाओं की तुलना कीजिए।
उत्तर: चीन और जापान दोनों देशों ने 19वीं सदी में आधुनिकीकरण की दिशा में कदम उठाए, परंतु दोनों की प्रक्रियाएँ और परिणाम भिन्न थे। जापान में मीजी पुनर्स्थापना के माध्यम से शासन, सेना, शिक्षा, उद्योग और प्रशासन में व्यापक और योजनाबद्ध सुधार किए गए। जापान ने पश्चिमी तकनीकें अपनाकर स्वयं को एक शक्तिशाली राष्ट्र में बदल लिया।
इसके विपरीत, चीन में आत्मशक्ति आंदोलन और शिन्हाई क्रांति जैसे प्रयास हुए, पर वे अधूरे और असंगठित रहे। मांचू शासकों की निष्क्रियता, विदेशी हस्तक्षेप और आंतरिक विद्रोहों ने आधुनिकीकरण को बाधित किया। चीन में सुधार पारंपरिक संरचना को तोड़ने में विफल रहे।
जापान औद्योगिक और सैन्य शक्ति बना जबकि चीन पर विदेशी शक्तियों का प्रभाव बढ़ा। जापान ने अपनी संप्रभुता बनाए रखी जबकि चीन कई असमान संधियों के अधीन हो गया। इस प्रकार, जापान का आधुनिकीकरण सफल और सशक्त रहा, जबकि चीन का प्रयास कमजोर और संघर्षपूर्ण।
4. अफीम युद्धों के कारण और उनके चीन पर प्रभाव का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर: 19वीं सदी में ब्रिटिश व्यापारियों ने चीन में अवैध रूप से अफीम का व्यापार शुरू किया। चीन सरकार ने इस पर नियंत्रण लगाने का प्रयास किया, जिससे ब्रिटेन के साथ टकराव हुआ। यह टकराव 1839 में प्रथम अफीम युद्ध में परिवर्तित हो गया। चीन की हार हुई और उसे नानकिंग संधि के तहत हांगकांग को ब्रिटेन को सौंपना पड़ा। बाद में दूसरा अफीम युद्ध (1856) भी हुआ।
इन युद्धों के परिणामस्वरूप चीन को अनेक असमान संधियाँ करनी पड़ीं, जिनमें उसे व्यापारिक बंदरगाहों को खोलना पड़ा और विदेशी नागरिकों को विशेष अधिकार देने पड़े। इससे चीन की संप्रभुता पर गंभीर असर पड़ा। इन युद्धों ने मांचू शासन की कमजोरी को उजागर किया और जनता में असंतोष फैलाया। साथ ही, राष्ट्रवाद की भावना भी बढ़ने लगी। अफीम युद्धों को चीन के ‘अपमान के युग’ की शुरुआत माना जाता है, जिसने भविष्य के सुधार और क्रांतियों की भूमि तैयार की।
5. आत्मशक्ति आंदोलन (Self-Strengthening Movement) के उद्देश्यों, उपायों और विफलता का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर: आत्मशक्ति आंदोलन (1861–1895) चीन में मांचू शासन द्वारा प्रारंभ किया गया एक प्रयास था, जिसका उद्देश्य था पश्चिमी तकनीक और सैन्य प्रणाली को अपनाकर देश को सुदृढ़ बनाना। इसका मूल विचार यह था कि ‘चीनी नैतिकता’ को बनाए रखते हुए ‘पश्चिमी तकनीकी कौशल’ को अपनाया जाए। इसके अंतर्गत चीन में आधुनिक नौसेना, हथियारों के कारखाने, रेलवे, तार प्रणाली और शिक्षण संस्थानों की स्थापना की गई।
हालाँकि, यह आंदोलन कई कारणों से असफल रहा। सुधार सीमित और सतही रहे, तथा उनमें कोई सामाजिक या राजनीतिक बदलाव नहीं किया गया। मांचू दरबार के परंपरावादी लोग इस आंदोलन के विरोधी थे। भ्रष्टाचार और संसाधनों की कमी के कारण यह आंदोलन स्थायी परिणाम नहीं दे सका।
1895 में प्रथम चीन-जापान युद्ध में चीन की पराजय ने इस आंदोलन की असफलता को स्पष्ट कर दिया। इसके बाद चीन में अधिक गहराई वाले सुधारों और क्रांतिकारी विचारों की आवश्यकता महसूस की जाने लगी। यह आंदोलन चीन के आधुनिकीकरण की दिशा में पहला लेकिन अधूरा कदम था।
रिवीजन शीट (Revision Sheet)
🔹 मुख्य अवधारणाएँ (Key Concepts) –
आधुनिकीकरण (Modernization): सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और तकनीकी क्षेत्रों में आधुनिक विचारों, तकनीकों और संस्थाओं को अपनाना।
औपनिवेशिक दबाव: पश्चिमी देशों द्वारा चीन और जापान पर व्यापारिक और राजनीतिक प्रभाव डालना।
चीन की नीति: बाहरी हस्तक्षेप के विरोध में रक्षात्मक रुख, जिससे ‘असमान संधियों’ और विद्रोहों ने जन्म लिया।
जापान की नीति: सक्रिय रूप से पश्चिमी तकनीकों और संस्थाओं को अपनाकर तीव्र औद्योगीकरण और सैन्यीकरण।
🔹 मुख्य घटनाएँ (Major Events) –
वर्ष | घटना | विवरण |
---|---|---|
1839-1842 | प्रथम अफीम युद्ध | ब्रिटेन और चीन के बीच अफीम व्यापार पर संघर्ष |
1850–1864 | टाइपिंग विद्रोह | चीन में धार्मिक-सामाजिक विद्रोह |
1861–1895 | आत्मशक्ति आंदोलन | चीन द्वारा पश्चिमी तकनीक अपनाने का प्रयास |
1868 | मीजी पुनर्स्थापना (जापान) | जापान का आधुनिक राष्ट्र के रूप में पुनर्गठन |
1894–1895 | चीन-जापान युद्ध | जापान की निर्णायक विजय |
1900 | बॉक्सर विद्रोह | विदेशी प्रभाव के खिलाफ जन आक्रोश |
1911 | शिन्हाई क्रांति | चीन में मांचू राजवंश का अंत |
सुन यात सेन: चीन के गणराज्य की स्थापना के नेता, आधुनिक चीन के जनक।
सम्राट मीजी: जापान के आधुनिकीकरण के सूत्रधार।
कमोडोर पेरी: अमेरिकी नौसेना अधिकारी, जिन्होंने जापान को व्यापार हेतु खोला।
🔹 प्रमुख संकल्पनाएँ (Key Terms) –
असमान संधि: ऐसी संधियाँ जो एक राष्ट्र पर ज़बरदस्ती लादी जाती हैं।
आत्मशक्ति आंदोलन: चीन का आंतरिक सशक्तिकरण प्रयास।
मीजी पुनर्स्थापना: जापान का औद्योगिक और प्रशासनिक आधुनिकीकरण।
🔹 तुलनात्मक अध्ययन (Comparison) –
पक्ष | चीन | जापान |
---|---|---|
दृष्टिकोण | पारंपरिक और रक्षात्मक | नवाचारशील और सक्रिय |
आधुनिकरण | धीरे-धीरे और आधे-अधूरे रूप में | संगठित, तीव्र और गहन रूप में |
नतीजा | बाहरी हस्तक्षेप बढ़ा, आंतरिक विद्रोह | साम्राज्य विस्तार, बड़ी वैश्विक शक्ति बनी |
टाइपिंग और बॉक्सर विद्रोह में क्या अंतर है?
मीजी पुनर्स्थापना के कौन-कौन से सामाजिक और आर्थिक परिणाम हुए?
आत्मशक्ति आंदोलन क्यों विफल हुआ?
जापान के आधुनिकीकरण से अन्य एशियाई देशों को क्या प्रेरणा मिली?
🔹 याद रखने वाले तथ्य (Quick Facts) –
अफीम युद्धों ने चीन की संप्रभुता को कमजोर किया।
जापान ने पश्चिमी शिक्षा, संविधान, सेना और उद्योग को तेज़ी से अपनाया।
चीन में बाहरी दबाव के साथ-साथ आंतरिक संघर्ष भी गहरे रहे।
वर्कशीट (Worksheet) - Test (आधुनिकीकरण के रास्ते)
🔶 भाग A. बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
सही विकल्प चुनिए और कारण भी लिखिए (प्रत्येक के लिए 1+1 अंक)।
नानकिंग की संधि किस युद्ध के बाद हुई थी?
A. टाइपिंग विद्रोह
B. प्रथम अफीम युद्ध
C. बॉक्सर विद्रोह
D. चीन-जापान युद्ध
उत्तर :– ___________
कारण :- _____________________________________जापान के आधुनिकीकरण की शुरुआत किस घटना से मानी जाती है?
A. कानागावा संधि
B. मीजी पुनर्स्थापना
C. रूस-जापान युद्ध
D. कोरिया पर कब्जा
उत्तर :- ___________
कारण :- _____________________________________
🔶 भाग B. बहुत लघु उत्तरीय प्रश्न (20–30 शब्दों में उत्तर दीजिए)
(प्रत्येक प्रश्न 2 अंक)
अफीम युद्ध का मुख्य कारण क्या था?
✍🏻 उत्तर: ___________________________________________टाइपिंग विद्रोह का सामाजिक महत्व क्या था?
✍🏻 उत्तर: ___________________________________________
🔶 भाग C. लघु उत्तरीय प्रश्न (40–60 शब्दों में उत्तर दीजिए)
(प्रत्येक प्रश्न 3 अंक)
आत्मशक्ति आंदोलन का उद्देश्य क्या था और यह क्यों असफल रहा?
✍🏻 उत्तर:
बॉक्सर विद्रोह की पृष्ठभूमि और परिणामों की चर्चा कीजिए।
✍🏻 उत्तर:
🔶 भाग D. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (140–180 शब्दों में उत्तर दीजिए)
(प्रश्न – 5 अंक)
चीन और जापान की आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में क्या प्रमुख अंतर थे?
✍🏻 उत्तर:
🔶 भाग E. मैप कार्य (Map Work)
नक्शे पर निम्नलिखित स्थानों को चिन्हित कीजिए (1 अंक प्रति स्थान) :-
नानकिंग
हांगकांग
टोक्यो
कोरिया
पोर्ट आर्थर
(👉 विद्यार्थियों को नक्शा अलग से दिया जाए)
🔶 भाग F. मिलान कीजिए (Match the Columns)
(1 अंक प्रत्येक)
स्तंभ A | स्तंभ B |
---|---|
1. सुन यात सेन | A. जापान का सम्राट |
2. सम्राट मीजी | B. अफीम व्यापार |
3. कमोडोर पेरी | C. आधुनिक चीन के जनक |
4. नानकिंग की संधि | D. जापान को व्यापार के लिए खुलवाया |
✍🏻 उत्तर:
1 – ___ , 2 – ___ , 3 – ___ , 4 – ___
🔶 भाग G. प्रश्न-उत्तर पूर्ति (Fill in the Blanks)
(1 अंक प्रत्येक)
टाइपिंग विद्रोह ________ के नेतृत्व में हुआ।
जापान ने 1910 में ________ को उपनिवेश बनाया।
चीन में 1911 की क्रांति के बाद ________ की स्थापना हुई।
आपकी राय क्या है?
क्या आप भी मानते हैं कि कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं होता?
क्या आपने भी कभी अपनी गलतियों से कुछ सीखा है जो आपको और मजबूत बना गया?
👇 कमेंट में जरूर बताएं!
आपका एक कमेंट किसी और को खुद से प्यार करना सिखा सकता है।