ईंटें, मनके और हड्डियाँ (Bricks, Beads and Bones – The Harappan Civilisation)
यह अध्याय हड़प्पा सभ्यता (Harappan Civilization) की खोज, विकास, सामाजिक संरचना, नगर नियोजन, शिल्पकला, व्यापार, धार्मिक मान्यताओं और पतन के कारणों पर केंद्रित है। इसे सिंधु घाटी सभ्यता भी कहा जाता है, जो लगभग 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व तक भारतीय उपमहाद्वीप में फली-फूली।
हड़प्पा सभ्यता एक उन्नत नगरीय सभ्यता थी, जहाँ पक्की ईंटों से बने मकान, सुनियोजित सड़कों का जाल, जल निकासी प्रणाली, विशाल स्नानागार, अन्नागार और किले जैसे ढांचे मौजूद थे। प्रमुख स्थल हैं: हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, धौलावीरा, राखीगढ़ी, कालीबंगा और लोथल।
यह सभ्यता अपने व्यापारिक नेटवर्क के लिए प्रसिद्ध थी – विशेषकर मेसोपोटामिया से व्यापार। यहाँ की लिपि चित्रात्मक थी, जिसे आज तक पढ़ा नहीं जा सका है। धार्मिक मान्यताओं में मातृदेवी, पशुपति की पूजा और अग्नि पूजा शामिल थीं। हड़प्पा लोग शांति प्रिय, कलात्मक और तकनीकी रूप से कुशल थे।
इस अध्याय के माध्यम से छात्र यह समझते हैं कि पुरातात्त्विक स्रोत कैसे इतिहास को जानने में मदद करते हैं और एक विकसित प्राचीन सभ्यता की झलक कैसे आधुनिक खोजों से प्राप्त होती है।
सारांश (Summary)
🔸 1. हड़प्पा सभ्यता का उद्भव और समयकाल
हड़प्पा सभ्यता भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे प्राचीन शहरी सभ्यता थी।
यह सभ्यता लगभग 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व तक फली-फूली।
इस सभ्यता को सिंधु घाटी सभ्यता भी कहा जाता है क्योंकि इसके अधिकांश स्थल सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पास स्थित हैं।
🔸 2. प्रमुख पुरातात्विक स्थल
अब तक 1000 से अधिक स्थलों की पहचान की जा चुकी है।
प्रमुख स्थल
हड़प्पा (पाकिस्तान, पंजाब)
मोहनजोदड़ो (पाकिस्तान, सिंध)
धौलावीरा (गुजरात)
लोथल (गुजरात)
कालीबंगा (राजस्थान)
राखीगढ़ी और बनवाली (हरियाणा)
🔸 3. नगर नियोजन (Urban Planning)
नगरों का निर्माण योजनाबद्ध तरीके से किया गया था।
नगर दो भागों में विभाजित थे — ऊपरी नगर (दुर्ग) और निचला नगर (रिहायशी क्षेत्र)।
सड़कों का जाल ग्रिड पद्धति पर आधारित था, जो एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं।
घर पक्की ईंटों से बने होते थे जिनमें कुएँ, स्नानघर और शौचालय की सुविधा होती थी।
जल निकासी प्रणाली बहुत ही उन्नत और वैज्ञानिक थी — प्रत्येक घर से पानी भूमिगत नालियों में निकलता था।
🔸 4. आर्थिक व्यवस्था और व्यापार
अर्थव्यवस्था कृषि, शिल्प, व्यापार और पशुपालन पर आधारित थी।
वे गेहूँ, जौ, तिल आदि फसलें उगाते थे।
घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार होता था — विशेष रूप से मेसोपोटामिया के साथ।
लोथल में बंदरगाह और गोदाम मिले हैं, जिससे समुद्री व्यापार के प्रमाण मिलते हैं।
🔸 5. शिल्पकला और उद्योग
धातु निर्माण, मिट्टी के बर्तन, मनके बनाना, वस्त्र बनाना और खुदाई आदि प्रमुख उद्योग थे।
मनके, टेराकोटा मूर्तियाँ, धातु की मूर्तियाँ जैसे कि ‘नर्तकी’ हड़प्पा शिल्प की श्रेष्ठता को दर्शाती हैं।
मिट्टी, कांस्य, सीप, हाथीदांत और अर्ध-कीमती पत्थरों का प्रयोग किया जाता था।
🔸 6. सामाजिक जीवन
समाज संगठित और अनुशासित था।
मकानों के आकार, दफनाने की पद्धतियों और उपयोग की वस्तुओं से सामाजिक असमानता के संकेत मिलते हैं।
पुरुष और महिलाएँ दोनों ही काम करते थे और शिल्प में योगदान देते थे।
🔸 7. धर्म और विश्वास प्रणाली
धार्मिक विश्वासों में मातृदेवी (mother goddess) की पूजा होती थी।
एक पशुपति जैसे देवता की मूर्ति मिली है जिसे शिव से जोड़ा जाता है।
पशुपूजा, वृक्षपूजा और जल पूजा के प्रमाण मिलते हैं।
मंदिरों जैसा कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिला, जिससे धर्म का संगठन स्पष्ट नहीं है।
🔸 8. लिपि और लेखन प्रणाली
हड़प्पावासी एक लिपि का उपयोग करते थे जो चित्रात्मक (pictographic) थी।
लगभग 400 प्रतीक चिन्हों का उपयोग होता था।
यह लिपि अभी तक पूरी तरह पढ़ी नहीं जा सकी है।
🔸 9. मृत्यु संस्कार और कब्रें
हड़प्पा सभ्यता में मृतकों को दफनाने की परंपरा थी।
कई कब्रों में मृतकों के साथ मिट्टी के बर्तन, आभूषण और औज़ार भी मिले हैं।
इससे यह पता चलता है कि लोग मृत्यु के बाद जीवन में विश्वास रखते थे।
🔸 10. सभ्यता का पतन
हड़प्पा सभ्यता का पतन लगभग 1900 ई.पू. के बाद प्रारंभ हुआ।
संभावित कारण:
जलवायु परिवर्तन और सूखा
नदियों का मार्ग बदलना (जैसे घग्गर/सरस्वती)
कृषि भूमि का अत्यधिक उपयोग
बाढ़ और पर्यावरणीय संकट
बाहरी आक्रमण (कुछ विद्वानों का मत)
धीरे-धीरे लोग स्थलों को छोड़कर गाँवों की ओर चले गए।
🔸 11. ऐतिहासिक महत्व और धरोहर
हड़प्पा सभ्यता भारतीय संस्कृति और सभ्यता की गौरवशाली धरोहर है।
इसने हमें उन्नत शहरीकरण, कला, शिल्प और संगठन की झलक दी।
यह प्रमाणित करती है कि भारत में सभ्यता का विकास विश्व की अन्य प्राचीन सभ्यताओं के समकक्ष हुआ था।
हड़प्पा सभ्यता (सिंधु घाटी सभ्यता) भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे प्राचीन शहरी सभ्यता मानी जाती है, जो लगभग 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व तक फली-फूली। इस सभ्यता की विशेषताएँ – पक्की ईंटों से बने नगर, कुशल जल निकासी प्रणाली, सामाजिक संगठन, व्यापारिक नेटवर्क, धातु एवं मनकों का निर्माण, धर्म और शिल्पकला आदि हैं। हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, धौलावीरा, राखीगढ़ी जैसे स्थल प्रमुख हैं। यह सभ्यता योजनाबद्ध शहरीकरण, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और सांस्कृतिक उन्नति का प्रतीक है।
शब्दार्थ (Word Meaning)
हिंदी शब्द | अर्थ (Meaning in English) |
---|---|
सभ्यता | Civilization – एक विकसित सामाजिक, सांस्कृतिक और शहरी जीवन प्रणाली |
पुरातत्व | Archaeology – प्राचीन वस्तुओं व अवशेषों का अध्ययन |
उत्खनन | Excavation – जमीन के नीचे से अवशेषों को खोदकर निकालना |
नगरीकरण | Urbanization – नगरों का निर्माण और उनका विकास |
दुर्ग | Citadel – ऊँचा व सुरक्षित नगर भाग, आमतौर पर प्रशासनिक केंद्र |
ईंट | Brick – निर्माण में प्रयुक्त पकाई गई मिट्टी की बनी हुई इकाई |
मनका | Bead – आभूषणों में प्रयुक्त छोटे पत्थर या धातु की गोलियाँ |
शिल्प | Craft – हाथों से की जाने वाली कलात्मक निर्माण प्रक्रिया |
गोदाम | Granary/Warehouse – अनाज या वस्तुओं को रखने का बड़ा स्थान |
पशुपालन | Animal Husbandry – जानवरों को पालने की प्रक्रिया |
सिंचाई | Irrigation – खेती के लिए जल पहुंचाने की प्रक्रिया |
चित्रलिपि | Pictographic Script – चित्रों के माध्यम से लिखी गई लिपि |
सम्पन्नता | Prosperity – समृद्धि या आर्थिक उन्नति |
धार्मिक विश्वास | Religious Beliefs – धार्मिक धारणाएं और पूजा पद्धति |
समाज | Society – लोगों का एक संगठित समूह |
मूर्ति | Statue/Idol – किसी देवता या व्यक्ति की बनाई गई आकृति |
सिंधु | Indus – एक प्रमुख नदी जिसके किनारे सभ्यता बसी थी |
घरेलू व्यापार | Domestic Trade – देश के अंदर किया जाने वाला व्यापार |
विदेश व्यापार | Foreign Trade – अन्य देशों के साथ किया गया व्यापार |
कब्र | Grave – मृत व्यक्ति को दफनाने का स्थान |
धातु | Metal – जैसे तांबा, कांसा, सोना आदि |
नाली व्यवस्था | Drainage System – पानी निकासी की संरचना |
मातृदेवी | Mother Goddess – एक महिला देवी की पूजा, प्रजनन की प्रतीक |
पशुपति | Lord of Animals – जानवरों के स्वामी (शिव के प्रारंभिक रूप की उपमा) |
साक्ष्य | Evidence – किसी चीज़ के होने का प्रमाण |
अवशेष | Remains – किसी वस्तु या स्थान के बचे हुए हिस्से |
बंदरगाह | Port – जलयात्रा व व्यापार के लिए जहाज़ों का अड्डा |
संक्रमण | Decline/Transition – सभ्यता का धीरे-धीरे गिरना या परिवर्तन |
मिट्टी के बर्तन | Pottery – मृत्तिका से बने उपयोगी व सजावटी बर्तन |
वस्त्र निर्माण | Textile Making – कपड़े तैयार करने की प्रक्रिया |
माइंड मैप (Mind Map)

टाइमलाइन (Timeline)
समय (Year) | घटना (Event) |
---|---|
7000 BCE | मेहरगढ़ (बलूचिस्तान) में प्रारंभिक कृषि और पशुपालन की शुरुआत |
5000–4000 BCE | गाँवों में बसने और स्थायी निवास की परंपरा विकसित हुई |
3300 BCE | प्रारंभिक हड़प्पा चरण (Early Harappan Phase) की शुरुआत – नगर नियोजन और व्यापार की बुनियाद रखी गई |
2600 BCE | परिपक्व हड़प्पा सभ्यता (Mature Harappan Phase) की शुरुआत – बड़े नगरों जैसे हड़प्पा मोहनजोदड़ो कालीबंगन लोथल का विकास |
2500 BCE | लोथल में डॉकयार्ड (Dockyard) और व्यापारिक केंद्र का निर्माण |
2300 BCE | व्यापार का विस्तार – मेसोपोटामिया (इराक) से व्यापारिक संपर्क स्थापित |
1900 BCE | हड़प्पा सभ्यता का धीरे-धीरे पतन – शहरीकरण में कमी - लिखाई का उपयोग कम हुआ |
1800–1300 BCE | उत्तर-हड़प्पा काल (Late Harappan Phase) – छोटे गाँवों में परिवर्तित - कृषि केंद्रित जीवन शैली |
1921 CE | दया राम साहनी द्वारा 'हड़प्पा' की खोज (पंजाब - पाकिस्तान) |
1922 CE | आर.डी. बनर्जी द्वारा 'मोहनजोदड़ो' की खोज (सिंध - पाकिस्तान) |
1946 CE | राखीगढ़ी (हरियाणा) की खोज – बाद में सबसे बड़ा हड़प्पा स्थल प्रमाणित हुआ |
1960–1990 CE | लोथल धोलावीरा बनवाली कालीबंगन और सुरकोटदा जैसे स्थलों की विस्तृत खुदाई |
मैप वर्क (Map Work)
📍 भारत के मानचित्र पर प्रमुख हड़प्पा स्थलों का स्थान दिखाएं
स्थल का नाम | वर्तमान राज्य/देश | विशेषता |
---|---|---|
हड़प्पा | पंजाब, पाकिस्तान | पहला खोजा गया स्थल (1921), नियोजित नगरी |
मोहनजोदड़ो | सिंध, पाकिस्तान | स्नानागार, नालियों की श्रेष्ठ व्यवस्था |
लोथल | गुजरात, भारत | डॉकयार्ड, व्यापारिक केंद्र |
धोलावीरा | गुजरात, भारत | दो भागों में बंटा नगर, जल-संचयन प्रणाली |
कालीबंगन | राजस्थान, भारत | अग्निवेदियाँ, सिंचाई प्रणाली के अवशेष |
राखीगढ़ी | हरियाणा, भारत | सबसे बड़ा हड़प्पा स्थल (आधुनिक खोज) |
बनवाली | हरियाणा, भारत | मिट्टी की ईंटों के घर, कृषि उपकरण |
सुरकोटदा | गुजरात, भारत | घोड़ों के कंकाल के अवशेष |
चन्हूदड़ो | सिंध, पाकिस्तान | शिल्पकला और खिलौनों के प्रमाण |
कोटदीजी | सिंध, पाकिस्तान | किलेबंदी, प्रारंभिक हड़प्पा संरचना |
छात्रों को पॉलिटिकल मैप ऑफ इंडिया (Political Map) दें और उनसे स्थल चिह्नित करवाएँ।
रंगीन पेन या मार्कर से वर्तमान देश/राज्य अलग-अलग रंग में दर्शाएँ।
नदी तंत्र भी दिखाएँ: विशेषकर सिंधु, गग्गर-हकरा (सरस्वती), रावी आदि।
प्रमुख व्यापार मार्गों और मेसोपोटामिया की दिशा भी संकेत करें।
🧾 विशेष जानकारी समझाते समय
सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियाँ, हड़प्पा नगरों की जीवनरेखा थीं।
पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में हरियाणा व राजस्थान – हड़प्पा सभ्यता का फैलाव।
लोथल में समुद्री व्यापार दिखाते समय अरब सागर की दिशा बताएं।
मैप प्रैक्टिस (Map Practice)
एक भारत का रिक्त राजनीतिक नक्शा (Blank Political Map of India) दिया जाए जिसमें उन्हें नीचे दिए गए निर्देशों के अनुसार स्थान चिन्हित करने हैं।
📝 प्रश्न आधारित मैप प्रैक्टिस
निम्नलिखित हड़प्पा स्थलों को भारत के नक्शे में सही स्थान पर चिह्नित कीजिए –
हड़प्पा – पंजाब (पाकिस्तान)
मोहनजोदड़ो – सिंध (पाकिस्तान)
लोथल – गुजरात
धोलावीरा – कच्छ, गुजरात
कालीबंगन – राजस्थान
राखीगढ़ी – हरियाणा
बनवाली – हरियाणा
सुरकोटदा – गुजरात
चन्हूदड़ो – सिंध (पाकिस्तान)
कोट दीजी – सिंध (पाकिस्तान)
🔸 निर्देश :-
स्थलों को सही नाम के साथ लेबल करें।
अलग-अलग रंगों का प्रयोग कर भारत और पाकिस्तान के स्थलों को अलग दिखाएँ।
प्रमुख नदियाँ (सिंधु, रावी, सरस्वती/घग्गर) भी रेखांकित करें।
निम्नलिखित के लिए प्रतीक (Symbols) बनाकर दर्शाइए –
संकेत | अर्थ |
---|---|
🔺 | प्रमुख नगर |
⚓ | समुद्री व्यापार केंद्र |
🐎 | पशुपालन/घोड़े के अवशेष |
🏺 | मिट्टी के बर्तन उत्पादन क्षेत्र |
🏯 | किला या दुर्गयुक्त नगर |
यह स्थल सिंधु नदी के किनारे स्थित था और यहाँ बड़ा स्नानागार पाया गया।
यह स्थल कच्छ के रण के पास स्थित है और जल संचयन प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है।
यहाँ पर ईंटों से बने अनाज भंडार और अनाज पीसने के चक्के मिले हैं।
यह स्थल सरस्वती नदी के किनारे स्थित था जहाँ अग्निवेदियाँ पाई गईं।
इस स्थल पर डॉकयार्ड और समुद्री व्यापार के प्रमाण मिले हैं।
🧭 जांच बिंदु (Check Points)
क्या सभी स्थल सही दिशा व स्थिति में चिन्हित किए गए हैं?
क्या नदियाँ और व्यापार मार्ग दर्शाए गए हैं?
क्या उत्तर-पश्चिम भारत में स्थल केंद्रित हैं?
क्या पाकिस्तान स्थित स्थल अलग रंग में दिखाए गए हैं?
वैकल्पिक प्रश्न (MSQs) — उत्तर व व्याख्या
प्रश्न 1. हड़प्पा सभ्यता का प्रमुख व्यापारिक केंद्र कौन-सा था?
A. मोहनजोदड़ो
B. कालीबंगन
C. लोथल
D. बनवाली
सही उत्तर: C). लोथल
व्याख्या: लोथल गुजरात में स्थित एक प्रमुख हड़प्पा बंदरगाह स्थल था। यहाँ से एक डॉकयार्ड (जहाजों के लिए बंदरगाह) की खोज हुई थी जो समुद्री व्यापार के प्रमाण देता है। यहाँ से तांबे की वस्तुएँ, मनके, सील आदि भी मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लोथल व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र था।
प्रश्न 2. हड़प्पा सभ्यता किस नदी के किनारे विकसित हुई थी?
A. गंगा
B. ब्रह्मपुत्र
C. नर्मदा
D. सिंधु
सही उत्तर: D). सिंधु
व्याख्या: हड़प्पा सभ्यता मुख्यतः सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के किनारे विकसित हुई थी, इसलिए इसे सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) भी कहा जाता है। सिंधु नदी इस सभ्यता की जीवनरेखा थी, जिससे सिंचाई, परिवहन और व्यापार संभव हुआ।
प्रश्न 3. हड़प्पा सभ्यता की लिपि कौन-सी थी?
A. ब्राह्मी
B. खरोष्ठी
C. चित्रलिपि
D. नागरी
सही उत्तर: C). चित्रलिपि
व्याख्या: हड़प्पा लिपि को चित्रलिपि (Pictographic Script) कहा जाता है क्योंकि इसमें जानवरों, वस्तुओं, मानव आकृतियों आदि के प्रतीक चित्रों का प्रयोग होता था। यह लिपि अभी तक पूर्णतः पढ़ी नहीं जा सकी है।
प्रश्न 4. हड़प्पा सभ्यता में “महान स्नानागार” किस स्थल से प्राप्त हुआ है?
A. हड़प्पा
B. मोहनजोदड़ो
C. कालीबंगन
D. धोलावीरा
सही उत्तर: B). मोहनजोदड़ो
व्याख्या: मोहनजोदड़ो में स्थित “महान स्नानागार” (Great Bath) सार्वजनिक स्नान के लिए उपयोग होता था और यह इस बात का प्रमाण है कि हड़प्पा समाज में धार्मिक या सामाजिक रीति-रिवाजों के लिए स्नान महत्वपूर्ण था। यह स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है।
प्रश्न 5. हड़प्पा सभ्यता का पतन किस काल में हुआ माना जाता है?
A. 1000 ई.पू.
B. 1900 ई.पू.
C. 2500 ई.पू.
D. 600 ई.पू.
सही उत्तर: B). 1900 ई.पू.
व्याख्या: लगभग 1900 ई.पू. से हड़प्पा सभ्यता में गिरावट आने लगी थी। इसके कारणों में नदियों के मार्ग में परिवर्तन, जलवायु परिवर्तन, कृषि उत्पादन में कमी, व्यापार का पतन आदि प्रमुख माने जाते हैं। यह काल उत्तर-हड़प्पा काल (Late Harappan Phase) कहलाता है।
प्रश्न 6. हड़प्पा सभ्यता में घरों की प्रमुख विशेषता क्या थी?
A. पत्थर के घर
B. लकड़ी के घर
C. ईंटों से बने पक्के घर
D. मिट्टी के कच्चे घर
सही उत्तर: C). ईंटों से बने पक्के घर
व्याख्या: हड़प्पा सभ्यता में घर पक्की पकी हुई ईंटों से बनाए जाते थे। इन घरों में कई कमरे, आंगन, कुएँ, और शौचालय भी होते थे। यह नगर नियोजन और वास्तुशिल्प में उन्नत स्तर को दर्शाता है।
प्रश्न 7. निम्नलिखित में से कौन-सा स्थल हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल माना गया है?
A. मोहनजोदड़ो
B. लोथल
C. राखीगढ़ी
D. बनवाली
सही उत्तर: C). राखीगढ़ी
व्याख्या: हरियाणा में स्थित राखीगढ़ी को अब तक का सबसे बड़ा हड़प्पा स्थल माना गया है। यहाँ से विशाल किलेबंदी, मकान, कब्रें, मिट्टी के बर्तन और अन्य सांस्कृतिक अवशेष मिले हैं, जो इसे एक महत्वपूर्ण स्थल बनाते हैं।
प्रश्न 8. हड़प्पा सभ्यता के लोग किस धातु से परिचित नहीं थे?
A. तांबा
B. कांसा
C. लोहा
D. सोना
सही उत्तर: C). लोहा
व्याख्या: हड़प्पा सभ्यता के लोग तांबा, कांसा, सोना, चांदी आदि धातुओं से परिचित थे, लेकिन लोहे का उपयोग इस काल में नहीं हुआ था। लौह युग का आरंभ भारत में बाद में हुआ।
प्रश्न 9. हड़प्पा सभ्यता में अनाज भंडारण के लिए किस संरचना का उपयोग होता था?
A. शिलालेख
B. अन्नागार
C. सभा भवन
D. स्नानागार
सही उत्तर: B). अन्नागार
व्याख्या: मोहनजोदड़ो, हड़प्पा और धोलावीरा जैसे स्थलों पर अन्न भंडारण के लिए बने विशाल अन्नागार (Granaries) मिले हैं। ये ऊँचे चबूतरे पर बने होते थे और इनके पास वेंटिलेशन की व्यवस्था होती थी। इससे पता चलता है कि हड़प्पा समाज में संगठित खाद्य प्रबंधन की व्यवस्था थी।
प्रश्न 10. हड़प्पा सभ्यता के लोग किस प्रकार की कृषि करते थे?
A. केवल वर्षा पर निर्भर
B. आधुनिक ट्रैक्टर आधारित
C. सिंचाई आधारित कृषि
D. झूम कृषि
सही उत्तर: C). सिंचाई आधारित कृषि
व्याख्या: हड़प्पा सभ्यता के लोग सिंचाई की तकनीक से परिचित थे। वे नदियों, नालों और संभवतः कृत्रिम जलस्रोतों के माध्यम से सिंचाई आधारित कृषि करते थे। गेहूँ, जौ, तिल, कपास आदि की खेती के प्रमाण मिले हैं, विशेषकर कालीबंगन और धोलावीरा से।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (20 से 30 शब्दों में)
✍️ प्रश्न 1. हड़प्पा सभ्यता को सिंधु घाटी सभ्यता क्यों कहा जाता है?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता का विकास सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के किनारे हुआ था, इसलिए इसे सिंधु घाटी सभ्यता कहा जाता है। यह सभ्यता मुख्यतः वर्तमान पाकिस्तान और पश्चिमी भारत में फैली थी।
✍️ प्रश्न 2. हड़प्पा सभ्यता की लिपि कैसी थी?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता की लिपि चित्रलिपि (Pictographic Script) थी, जिसमें चित्रों और प्रतीकों का प्रयोग होता था। यह लिपि आज तक पूर्ण रूप से पढ़ी नहीं जा सकी है।
✍️ प्रश्न 3. हड़प्पा सभ्यता में नगर नियोजन की प्रमुख विशेषता क्या थी?
उत्तर: हड़प्पा नगरों में ग्रिड पैटर्न पर बस्तियाँ बसी थीं, पक्की ईंटों की सड़कें, नालियों की व्यवस्था और सुनियोजित जल निकासी प्रणाली नगर नियोजन की विशेषताएँ थीं।
✍️ प्रश्न 4. मोहनजोदड़ो का महान स्नानागार क्या था?
उत्तर: मोहनजोदड़ो का महान स्नानागार एक बड़ा आयताकार जलाशय था, जिसका उपयोग संभवतः धार्मिक स्नान के लिए किया जाता था। यह ईंटों से बना और जल निकासी से युक्त था।
✍️ प्रश्न 5. हड़प्पा काल की प्रमुख फसलों के नाम बताइए।
उत्तर: हड़प्पा काल में प्रमुख फसलें गेहूँ, जौ, तिल, कपास और चावल थीं। इनकी खेती सिंचाई व्यवस्था द्वारा की जाती थी, जिसके प्रमाण कालीबंगन और लोथल में मिले हैं।
✍️ प्रश्न 6. लोथल किसलिए प्रसिद्ध था?
उत्तर: लोथल एक प्रमुख बंदरगाह नगर था। यहाँ एक पत्थर से बना डॉकयार्ड मिला है, जो समुद्री व्यापार के लिए प्रयोग होता था। यह गुजरात में स्थित था।
✍️ प्रश्न 7. हड़प्पा काल में व्यापार के लिए किस प्रकार के साधनों का प्रयोग होता था?
उत्तर: हड़प्पा व्यापारी बैलगाड़ियों, नावों और कास्य मुद्राओं का प्रयोग करते थे। वे मेसोपोटामिया, ओमान, बहरीन जैसे स्थानों से व्यापार करते थे।
✍️ प्रश्न 8. हड़प्पा सभ्यता के पतन के प्रमुख कारण क्या हो सकते हैं?
उत्तर: नदी मार्ग बदलना, सूखा, जलवायु परिवर्तन, अधिक दोहन, और संभवतः बाहरी आक्रमण हड़प्पा सभ्यता के पतन के संभावित कारण माने जाते हैं।
✍️ प्रश्न 9. हड़प्पा सभ्यता में मातृदेवी की पूजा क्यों महत्वपूर्ण थी?
उत्तर: मातृदेवी को प्रजनन और उर्वरता की प्रतीक माना जाता था। हड़प्पा सभ्यता में अनेक मिट्टी की स्त्री मूर्तियाँ मिली हैं, जो इस देवी की पूजा का प्रमाण देती हैं।
✍️ प्रश्न 10. क्या हड़प्पावासी धातु कला में निपुण थे?
उत्तर: हाँ, हड़प्पावासी तांबा, कांसा और सोने का उपयोग कर मूर्तियाँ, आभूषण और औजार बनाते थे। ‘नर्तकी की कांस्य मूर्ति’ इस कला का श्रेष्ठ उदाहरण है।
लघु उत्तरीय प्रश्न (40–60 शब्दों में)
📝 प्रश्न 1. हड़प्पा सभ्यता का नगर नियोजन कैसा था?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता का नगर नियोजन अत्यंत विकसित था। नगरों में सड़कों की जाल बिछी थी जो एक-दूसरे को समकोण में काटती थीं। घर पक्की ईंटों से बने होते थे और उनमें स्नानघर व जल निकासी की उत्तम व्यवस्था होती थी। बड़ी इमारतें जैसे दुर्ग और अन्नागार (granary) प्रशासनिक व आर्थिक नियंत्रण का संकेत देती हैं। यह सब नगर नियोजन की उन्नत सोच दर्शाता है।
📝 प्रश्न 2. हड़प्पा सभ्यता में आर्थिक जीवन की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता की अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन, शिल्पकला और व्यापार पर आधारित थी। वे गेहूं, जौ, कपास आदि उगाते थे और बैलों, भेड़ों, बकरियों को पालते थे। शिल्पकला में धातु कार्य, मनका बनाना, मिट्टी के बर्तन व कपड़ा निर्माण शामिल था। आंतरिक और विदेशी व्यापार, जैसे मेसोपोटामिया से व्यापार, उनकी आर्थिक समृद्धि दर्शाते हैं।
📝 प्रश्न 3. हड़प्पा सभ्यता की लिपि और लेखन प्रणाली पर क्या जानकारी है?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता की लिपि चित्रलिपि (pictographic script) थी, जिसमें जानवरों, मानव आकृतियों और प्रतीकों का उपयोग होता था। यह लिपि अब तक पूर्ण रूप से पढ़ी नहीं जा सकी है, जिससे उनके प्रशासन, धर्म या साहित्य की जानकारी सीमित है। इस लिपि का उपयोग मुहरों, बर्तनों और औजारों पर देखा गया है। इसकी अनपढ़ी स्थिति इस सभ्यता की कई बातों को रहस्य बना देती है।
📝 प्रश्न 4. हड़प्पा सभ्यता के पतन के प्रमुख कारण क्या हो सकते हैं?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता के पतन के पीछे कई संभावित कारण माने गए हैं। इनमें नदियों का मार्ग बदलना, बाढ़ या सूखा, अत्यधिक दोहन, वनों की कटाई, आंतरिक संघर्ष या बाहरी आक्रमण शामिल हैं। जल निकासी प्रणाली के बिगड़ने और नगरों के सुनसान होने के प्रमाण मिले हैं। संभवतः इन सभी कारकों ने मिलकर धीरे-धीरे इस सभ्यता को कमजोर किया और पतन की ओर ले गए।
📝 प्रश्न 5. लोथल की क्या विशेषता थी?
उत्तर: लोथल हड़प्पा सभ्यता का एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था, जो आज के गुजरात में स्थित है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता वहाँ बना डॉकयार्ड (बंदरगाह) था, जिससे जलमार्ग द्वारा व्यापार संभव होता था। यहाँ से मनके बनाने, धातु कार्य, मुहर निर्माण और समुद्री व्यापार के प्रमाण मिले हैं। लोथल का योजनाबद्ध निर्माण और व्यापारिक संपर्क हड़प्पाई समुद्री गतिविधियों को दर्शाता है।
📝 प्रश्न 6. हड़प्पा सभ्यता में धार्मिक विश्वासों की क्या विशेषताएँ थीं?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता के धार्मिक विश्वासों में प्रकृति पूजा, मातृदेवी की पूजा, और पशुपति की उपासना प्रमुख थी। खुदाई में मातृदेवी की मूर्तियाँ, पशुपति जैसी आकृतियाँ, पेड़-पौधों और पशुओं की पूजा के संकेत मिले हैं। यह भी माना जाता है कि वे जीवन के बाद की अवधारणा में विश्वास करते थे, क्योंकि शवों को कब्रों में विशेष प्रकार से दफनाया जाता था।
📝 प्रश्न 7. हड़प्पा सभ्यता में शिल्पकला का क्या महत्व था?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता की शिल्पकला अत्यंत उन्नत और विविधतापूर्ण थी। यहाँ के कारीगर मनके, धातु के उपकरण, मिट्टी के बर्तन, मूर्तियाँ और वस्त्र बनाते थे। धातु से बनी “नर्तकी की मूर्ति” और पशुओं की मुहरें उनके कौशल का प्रमाण हैं। शिल्पकला न केवल उनकी आर्थिक व्यवस्था का आधार थी, बल्कि उनकी सांस्कृतिक पहचान का भी अंग थी।
📝 प्रश्न 8. हड़प्पा सभ्यता की जल निकासी प्रणाली की विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता की जल निकासी प्रणाली अत्यंत उन्नत थी। प्रत्येक घर से निकलने वाला पानी एक ढकी हुई नाली से होकर मुख्य नालियों में जाता था। मुख्य नालियाँ ईंटों से बनी होती थीं और समय-समय पर साफ करने के लिए गड्ढों की व्यवस्था भी थी। यह व्यवस्था दर्शाती है कि उस समय स्वच्छता और शहरी नियोजन पर विशेष ध्यान दिया जाता था।
📝 प्रश्न 9. मोहनजोदड़ो की “महान स्नानागार” की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: मोहनजोदड़ो का “महान स्नानागार” एक बड़ा आयताकार जलकुंड था, जिसकी लंबाई लगभग 12 मीटर और चौड़ाई 7 मीटर थी। यह ईंटों से बना था और जलरोधक बिटुमिन से सील किया गया था। इसके किनारे स्नान के लिए सीढ़ियाँ और बदलने के कमरे थे। यह धार्मिक या सामाजिक अनुष्ठानों के लिए प्रयोग होता था, जिससे हड़प्पा सभ्यता की सार्वजनिक संरचनाओं की उन्नति झलकती है।
📝 प्रश्न 10. हड़प्पा सभ्यता के पतन के क्या संभावित कारण थे?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता के पतन के विभिन्न कारण माने जाते हैं, जैसे – जलवायु परिवर्तन, बाढ़, नदी के मार्ग में बदलाव, पर्यावरणीय क्षरण, और आंतरिक प्रशासनिक विफलता। कुछ विद्वान आक्रमण और व्यापार में गिरावट को भी इसका कारण मानते हैं। धीरे-धीरे नगर खाली हुए और लोग छोटे गाँवों में बसने लगे। यह एक धीमी संक्रमण प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (120–150 शब्दों में)
🖋️ प्रश्न 1. हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता, जिसे सिंधु घाटी सभ्यता भी कहा जाता है, प्राचीन विश्व की सबसे उन्नत सभ्यताओं में से एक थी। यह सभ्यता मुख्यतः वर्तमान भारत और पाकिस्तान में फैली हुई थी। इसकी प्रमुख विशेषताओं में संगठित नगर योजना, पकी हुई ईंटों से बने मकान, विकसित जल निकासी व्यवस्था, अनाज के भंडारण हेतु गोदाम, और व्यवस्थित सड़कों का जाल शामिल है।
मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, लोथल, धोलावीरा, राखीगढ़ी इसके प्रमुख नगर थे। हड़प्पावासियों ने कृषि, पशुपालन, शिल्पकला और व्यापार में भी उल्लेखनीय प्रगति की थी। मोहरों पर मिली चित्रलिपि, मूर्तियाँ, आभूषण और मनके इनकी सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाते हैं। धर्म के क्षेत्र में मातृदेवी और पशुपति की पूजा होती थी।
सामाजिक दृष्टि से यह सभ्यता समृद्ध, संगठित और शहरी जीवन की परिचायक थी। हड़प्पा की ये विशेषताएँ इसे समकालीन अन्य सभ्यताओं से अलग पहचान देती हैं।
🖋️ प्रश्न 2. हड़प्पा सभ्यता में आर्थिक गतिविधियाँ किन रूपों में विकसित थीं?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता की अर्थव्यवस्था कृषि, व्यापार, शिल्पकला और पशुपालन पर आधारित थी। मुख्य फसलें गेंहूं, जौ, तिल और कपास थीं। सिंचाई की व्यवस्था नदियों और नालियों के माध्यम से की जाती थी। पशुपालन में गाय, भैंस, भेड़, बकरी और हाथी प्रमुख थे।
शिल्पकला में तांबा, कांसा, मिट्टी और पत्थरों से आभूषण, औज़ार, मूर्तियाँ और बर्तन बनाए जाते थे। लोथल जैसे नगरों में डॉकयार्ड और गोदाम दर्शाते हैं कि हड़प्पा वासी जलमार्गों द्वारा व्यापार करते थे।
हड़प्पावासी मेसोपोटामिया, अफगानिस्तान और ईरान जैसे देशों से व्यापार करते थे, जहाँ से उन्हें कीमती धातुएँ, पत्थर और अन्य वस्तुएँ मिलती थीं। मोहरों पर अंकित चिन्ह व्यापारिक गतिविधियों में प्रमाण के रूप में काम आते थे।
इन सभी आर्थिक गतिविधियों ने हड़प्पा सभ्यता को समृद्ध, आत्मनिर्भर और संगठित बनाया।
🖋️ प्रश्न 3. हड़प्पा सभ्यता का पतन किन कारणों से हुआ?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता का पतन एक लंबी और जटिल प्रक्रिया थी, जिसमें कई कारण शामिल थे। एक प्रमुख कारण प्राकृतिक आपदाएँ थीं – जैसे कि बाढ़, सूखा, और नदी मार्गों का परिवर्तन। इन आपदाओं ने कृषि उत्पादन को प्रभावित किया और जीवन संकट में डाल दिया।
दूसरा कारण था आर्थिक और व्यापारिक गिरावट। विदेशी व्यापार की समाप्ति और आंतरिक उत्पादन में गिरावट ने नगरों की आर्थिक रीढ़ तोड़ दी।
तीसरा कारण शहरीकरण का विघटन था। परिपक्व हड़प्पा नगर छोटे गाँवों में परिवर्तित हो गए। सामाजिक ढांचे और नगर व्यवस्था में भी कमजोरी आई।
कुछ इतिहासकार आर्यों के आक्रमण को भी कारण मानते हैं, लेकिन इसके स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं।
इसके अतिरिक्त, जल निकासी की विफलता, अत्यधिक दोहन, और जनसंख्या वृद्धि भी पतन के संभावित कारण माने जाते हैं।
इन सभी कारणों से हड़प्पा सभ्यता धीरे-धीरे समाप्त हो गई और उत्तर-हड़प्पा काल की शुरुआत हुई।
🖋️ प्रश्न 4. हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना अत्यंत विकसित और सुव्यवस्थित थी। नगर दो भागों में विभाजित होते थे — ऊँचा दुर्ग क्षेत्र (Citadel) और निचला नगर। दुर्ग में प्रशासनिक और धार्मिक संस्थान होते थे, जबकि निचले भाग में आम जनता निवास करती थी।
सड़कों की व्यवस्था ग्रिड पद्धति पर आधारित थी, यानी सड़कें एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं। मुख्य सड़कें चौड़ी और पक्की थीं। घर पक्की ईंटों से बने होते थे और अधिकांश घरों में कुएँ, शौचालय, और नालियाँ होती थीं।
जल निकासी प्रणाली अत्यंत विकसित थी। प्रत्येक घर से निकलने वाली नाली मुख्य नालियों से जुड़ी होती थी, और इन नालियों को ढँक कर बनाया जाता था।
सार्वजनिक स्नानागार, विशेषकर मोहनजोदड़ो का “महान स्नानागार”, नगर की योजना का विशेष उदाहरण है।
इस व्यवस्थित योजना से यह सिद्ध होता है कि हड़प्पा समाज संगठित प्रशासन और योजना निर्माण में निपुण था।
🖋️ प्रश्न 5. हड़प्पा सभ्यता के धार्मिक विश्वासों और परंपराओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता के धार्मिक विश्वास विविध और प्रतीकात्मक थे। यहां मूर्तिपूजा की परंपरा थी, जिसमें विशेषकर मातृदेवी (Mother Goddess) और पशुपति (Lord of Animals) की पूजा की जाती थी। मातृदेवी को प्रजनन और उर्वरता की देवी माना जाता था, जिससे कृषि आधारित समाज की सोच झलकती है।
पशुपति की मूर्तियाँ एक पुरुष आकृति को दर्शाती हैं, जो त्रिशूल, सिंह, हाथी आदि से घिरे होते हैं – जिसे कुछ विद्वान शिव का प्राचीन रूप मानते हैं।
पेड़-पौधों और जानवरों को पवित्र माना जाता था। पीपल के पत्ते, हथिनी, गैंडा, और बैल जैसे प्रतीक धार्मिक महत्व रखते थे।
पूजा स्थल और मंदिरों के प्रमाण नहीं मिले, जिससे लगता है कि धार्मिक गतिविधियाँ घरों में या खुले स्थानों पर होती थीं।
मोहरों और चित्रलिपि में भी धार्मिक प्रतीकों का प्रयोग मिलता है, जो इनकी आध्यात्मिक सोच को दर्शाता है।
कुल मिलाकर, हड़प्पा का धर्म प्रकृति और उर्वरता पर केंद्रित प्रतीकात्मक प्रणाली थी।
रिवीजन शीट (Revision Sheet)
🔹 मुख्य विशेषताएँ (Key Features)
बिंदु | विवरण |
---|---|
समय काल | लगभग 2600 BCE से 1900 BCE तक |
प्रमुख स्थल | हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, लोथल, कालीबंगन, धोलावीरा, राखीगढ़ी, बनवाली |
मुख्य नदी | सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियाँ |
ईंटों का उपयोग | पकी हुई ईंटों से पक्के मकान, नालियाँ, दुर्ग बनाए गए |
नगर नियोजन | ग्रिड पद्धति, पक्की सड़कों, नालियों और कुओं की व्यवस्था |
धार्मिक प्रतीक | मातृदेवी, पशुपति, पेड़, जानवर |
लेखन प्रणाली | चित्रलिपि (Pictographic Script) – अभी तक पूर्णतः नहीं पढ़ी जा सकी |
आर्थिक गतिविधियाँ | कृषि, पशुपालन, शिल्प, घरेलू और विदेशी व्यापार (मेसोपोटामिया से) |
शिल्प कला | मनके, धातु और मिट्टी की मूर्तियाँ, बर्तन, चूड़ियाँ, मुहरें |
सिंचाई व्यवस्था | कुएँ और तालाब; नहरों के प्रमाण कुछ जगहों पर मिले |
प्रसिद्ध खोज | मोहनजोदड़ो का ‘महान स्नानागार’, लोथल का ‘डॉकयार्ड’, हड़प्पा की ‘अनाज गोदाम’ |
वर्ष | खोज | खोजकर्ता |
---|---|---|
1921 | हड़प्पा (पाकिस्तान) | दयाराम साहनी |
1922 | मोहनजोदड़ो (पाकिस्तान) | आर.डी. बनर्जी |
1946 | राखीगढ़ी (हरियाणा) | भारतीय पुरातत्त्व विभाग |
1960–1990 | अन्य स्थल – लोथल, कालीबंगन, बनवाली, धोलावीरा | पुरातत्त्व सर्वेक्षण |
मातृदेवी की पूजा — प्रजनन और उर्वरता की प्रतीक
पशुपति — जानवरों के स्वामी, प्रारंभिक शिव रूप
कोई निश्चित मंदिर नहीं — पूजा के स्थल खुले स्थानों या घरों में रहे होंगे
मोहरों और मूर्तियों पर धार्मिक प्रतीक
🔹 नगर योजना (Town Planning)
नगर दो भागों में – दुर्ग और निचला नगर
ग्रिड पद्धति से सड़कों का निर्माण
नालियों का नेटवर्क — ढँकी हुई नालियाँ
प्रत्येक घर में कुआँ, शौचालय और जल निकासी
विशाल अनाज भंडार और स्नानागार (विशेषकर मोहनजोदड़ो में)
🔹 शिल्प और व्यापार (Craft & Trade)
धातुएँ: तांबा, कांसा, सोना
मिट्टी और पत्थर की वस्तुएँ: मनके, बर्तन, खिलौने
व्यापार: मेसोपोटामिया (विदेश), ग्रामीण क्षेत्रों (घरेलू) से वस्तु विनिमय
लोथल – बंदरगाह और व्यापारिक केंद्र
🔹 पतन के कारण (Reasons for Decline)
नदियों के मार्ग बदलना
प्राकृतिक आपदाएँ – सूखा, बाढ़
व्यापार में गिरावट
समाज का विघटन, नगरों का परित्याग
🔹 महत्त्वपूर्ण शब्दार्थ (Word Bank)
शब्द | अर्थ |
---|---|
उत्खनन | जमीन के नीचे से अवशेष निकालना |
चित्रलिपि | चित्रों के रूप में लेखन प्रणाली |
दुर्ग | नगर का ऊँचा, सुरक्षित भाग |
महान स्नानागार | सार्वजनिक नहाने का स्थान – मोहनजोदड़ो में |
मातृदेवी | उर्वरता की प्रतीक देवी |
तिथि | घटना |
---|---|
7000 BCE | मेहरगढ़ में कृषि की शुरुआत |
2600 BCE | परिपक्व हड़प्पा चरण की शुरुआत |
1900 BCE | हड़प्पा सभ्यता का पतन |
1921–1922 CE | हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खोज |
सभी प्रमुख स्थलों को भारत के नक्शे पर पहचानें
नगर योजना और नालियों की व्यवस्था को रेखाचित्र के माध्यम से समझें
मातृदेवी और पशुपति की मूर्तियों की छवियाँ देख कर याद रखें
शब्दार्थ और प्रमुख तिथियों को बार-बार दोहराएं
MCQ, अति लघु, लघु व दीर्घ उत्तरों का अभ्यास करें
वर्कशीट (Worksheet) - Test (ईंटें, मनके और हड्डियाँ)
✍️ भाग – A. रिक्त स्थान भरिए (Fill in the Blanks)
(प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का)
हड़प्पा सभ्यता का पहला स्थल ___ में पाया गया था।
___ नदी हड़प्पा सभ्यता के कई स्थलों के पास बहती थी।
हड़प्पा सभ्यता के नगरों में ___ योजना अपनाई गई थी।
लोथल में एक प्रसिद्ध ___ पाया गया था, जो व्यापार से संबंधित था।
हड़प्पा के लोग ___ लिपि का प्रयोग करते थे।
🔁 भाग – B. सही मिलान कीजिए (Match the Following)
(प्रत्येक सही मिलान – 1 अंक)
स्तंभ A | स्तंभ B |
---|---|
1. मोहनजोदड़ो | a. गुजरात |
2. कालीबंगन | b. महान स्नानागार |
3. लोथल | c. हरियाणा |
4. राखीगढ़ी | d. राजस्थान |
5. बनवाली | e. अनाज भंडार |
✅ भाग – C. सही विकल्प चुनिए (Multiple Choice Questions)
(प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का)
हड़प्पा सभ्यता किस काल की सभ्यता मानी जाती है?
a) लौह युग b) पाषाण युग c) कांस्य युग d) आधुनिक युगनिम्न में से किस स्थल पर ‘महान स्नानागार’ पाया गया था?
a) लोथल b) मोहनजोदड़ो c) बनवाली d) कालीबंगनहड़प्पा सभ्यता में प्रमुख लिपि कौन-सी थी?
a) ब्राह्मी b) देवनागरी c) चित्रलिपि d) फारसीहड़प्पा सभ्यता के लोग किससे व्यापार करते थे?
a) चीन b) रोम c) मेसोपोटामिया d) मिस्त्रनिम्न में से कौन-सा एक हड़प्पा स्थल नहीं है?
a) धोलावीरा b) लोथल c) पाटलिपुत्र d) हड़प्पा
✍️ भाग – D. अति लघु उत्तरीय प्रश्न (20–30 शब्दों में उत्तर)
(प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का)
हड़प्पा सभ्यता में नगर योजना कैसी थी?
‘मनके’ और ‘मुहरें’ किस चीज़ को दर्शाती हैं?
📝 भाग – E. लघु उत्तरीय प्रश्न (40–60 शब्दों में उत्तर)
(प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का)
हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थलों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
हड़प्पा सभ्यता के धार्मिक विश्वासों की जानकारी दीजिए।
🖋️ भाग – F. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (120–150 शब्दों में उत्तर)
(प्रश्न वैकल्पिक — कोई एक करें, 5 अंक)
हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ और उसका पतन कैसे हुआ, समझाइए।
अथवालोथल और मोहनजोदड़ो में पाई गई प्रमुख संरचनाओं का वर्णन कीजिए।
🧠 अंतिम अभ्यास निर्देश (Final Practice Tips)
सभी प्रमुख तिथियाँ याद रखें।
नगर योजना और शिल्पकला को रेखाचित्र के माध्यम से दोहराएँ।
नक्शे पर प्रमुख स्थलों को चिह्नित करें।
दीर्घ प्रश्नों के उत्तर अभ्यास में समय सीमा का पालन करें।
आपकी राय क्या है?
क्या आप भी मानते हैं कि कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं होता?
क्या आपने भी कभी अपनी गलतियों से कुछ सीखा है जो आपको और मजबूत बना गया?
👇 कमेंट में जरूर बताएं!
आपका एक कमेंट किसी और को खुद से प्यार करना सिखा सकता है।