औपनिवेशिक शहर - नगरीकरण, योजना और स्थापत्य (Colonial Cities - Urbanisation, Planning and Architecture)
ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में नए शहरों का विकास योजनाबद्ध ढंग से हुआ। अंग्रेजों ने कोलकाता, बंबई और मद्रास जैसे शहरों को प्रशासनिक, व्यापारिक और सैन्य केंद्रों के रूप में विकसित किया। शहरों को नस्लीय आधार पर ‘श्वेत नगर’ और ‘काला नगर’ में बाँटा गया। नई स्थापत्य शैलियों (जैसे इंडो-गोथिक, नियोक्लासिकल) का प्रयोग कर भव्य इमारतें, सड़कें और सरकारी संस्थान बनाए गए। दिल्ली को 1911 में नई राजधानी घोषित कर लुटियन शैली में विकसित किया गया। इन शहरों में सामाजिक असमानता, श्रमिकों की खराब स्थिति और परंपरागत ढांचे का ह्रास हुआ। औपनिवेशिक नगरीकरण ने भारतीय समाज, संस्कृति और जीवनशैली पर गहरा प्रभाव डाला।
सारांश (Summary)
🔷 1. औपनिवेशिक नगरीकरण की शुरुआत
भारत में अंग्रेजों के आगमन के बाद नगरीकरण की दिशा और स्वरूप में बड़ा बदलाव आया।
औपनिवेशिक शासकों ने अपने प्रशासनिक, सैन्य और व्यापारिक हितों को ध्यान में रखते हुए नए शहरों का निर्माण किया।
पुराने शहरों की बनावट बदली गई और नए शहर योजनाबद्ध ढंग से बसाए गए।
🔷 2. तीन प्रमुख औपनिवेशिक नगर – बंबई, मद्रास और कलकत्ता
बंबई (मुंबई), मद्रास (चेन्नई) और कलकत्ता (कोलकाता) को प्रेसीडेंसी शहरों के रूप में विकसित किया गया।
ये शहर व्यापार, सेना और प्रशासन के मुख्य केंद्र बने।
इन शहरों में बंदरगाह, रेलवे और संचार की आधुनिक व्यवस्था स्थापित की गई।
🔷 3. सामाजिक और नस्लीय विभाजन
औपनिवेशिक शहरों को दो भागों में बांटा गया:
श्वेत नगर (White Town): यूरोपीय लोगों के लिए, स्वच्छ और सुव्यवस्थित।
काला नगर (Black Town): भारतीयों के लिए, भीड़भाड़ और अव्यवस्था वाला।
यह विभाजन अंग्रेजों की नस्लीय सोच को दर्शाता है।
🔷 4. शहरी योजना और अधुनिकीकरण
ब्रिटिश शासनकाल में शहरी क्षेत्रों की योजना बनाई गई — चौड़ी सड़कों, रेलवे लाइनों, छावनियों, प्रशासनिक भवनों आदि का निर्माण हुआ।
नगरपालिकाएं बनीं और शहरी नियोजन की जिम्मेदारी ली गई।
इस विकास में भारतीयों की भागीदारी बहुत सीमित थी।
🔷 5. स्थापत्य शैली और निर्माण
अंग्रेजों ने अपनी वास्तुशैली भारत में लागू की – इंडो-गॉथिक, नियोक्लासिकल और लुटियन शैली प्रसिद्ध रहीं।
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता आदि शहरों में भव्य इमारतें जैसे सचिवालय, कोर्ट, चर्च, म्यूनिसिपल हॉल आदि बनाए गए।
नई दिल्ली की संरचना विशेष रूप से लुटियन और बेकर की योजना पर आधारित थी।
🔷 6. दिल्ली का पुनर्निर्माण (1911–1931)
1911 में अंग्रेजों ने राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की।
1931 में नई दिल्ली का उद्घाटन हुआ। इसे पूरी तरह योजनाबद्ध रूप से बसाया गया था।
राजपथ, इंडिया गेट, वायसराय हाउस (अब राष्ट्रपति भवन) आदि इसके प्रतीक हैं।
🔷 7. पारंपरिक शहरों की स्थिति
पारंपरिक बाजार, धार्मिक स्थल और मोहल्लों को तोड़कर नए आधुनिक शहर विकसित किए गए।
धार्मिक और सांस्कृतिक ढांचे को सीमित किया गया, जिससे सामाजिक असंतुलन उत्पन्न हुआ।
🔷 8. श्रमिक वर्ग की स्थिति
गरीब और श्रमिक वर्ग के लिए बस्तियां बहुत भीड़भाड़ और अस्वच्छता से ग्रस्त थीं।
उनके लिए उचित मकान, जल और स्वच्छता की सुविधाएं नहीं थीं।
🔷 9. शहरीकरण के प्रभाव
औपनिवेशिक नगरीकरण ने भारत की परंपरागत नगर संस्कृति को गहरा झटका दिया।
प्रशासनिक और व्यापारिक दृष्टिकोण से शहर विकसित हुए, परंतु सामाजिक न्याय और समानता उपेक्षित रही।
आज भी भारत के शहरों में औपनिवेशिक स्थापत्य और योजना की छाप देखी जा सकती है।
🔷 10. निष्कर्ष
अंग्रेजों द्वारा बसाए गए शहर केवल शासन और व्यापार के केंद्र नहीं थे, बल्कि औपनिवेशिक शक्ति और मानसिकता के प्रतीक भी थे।
इन शहरों के विकास ने भारतीय समाज की संरचना, संस्कृति और शहरी जीवन शैली को व्यापक रूप से प्रभावित किया।
इस अध्याय में भारत के औपनिवेशिक काल के दौरान शहरों के विकास, उनकी योजनाओं और स्थापत्य कला के परिवर्तन का वर्णन किया गया है। ब्रिटिश शासन के प्रभाव में नए शहरों की स्थापना हुई और पुराने शहरों का स्वरूप बदला गया। कोलकाता, बंबई और मद्रास जैसे शहर प्रशासनिक, व्यापारिक और सैन्य दृष्टि से महत्वपूर्ण बन गए। शहरों की योजना में साफ-सुथरी सड़कों, अलग-अलग इलाकों (श्वेत नगर और काले नगर) और स्थापत्य की यूरोपीय शैली देखने को मिलती है। इसके साथ ही धार्मिक स्थलों, बाज़ारों और पारंपरिक शहरी ढांचे में भी परिवर्तन हुआ।
शब्दार्थ (Word Meaning)
शब्द | अर्थ (हिंदी में) | विस्तृत विवरण |
---|---|---|
औपनिवेशिक (Colonial) | उपनिवेश से संबंधित; वह शासन प्रणाली जिसमें एक देश दूसरे देश पर शासन करता है। | भारत में अंग्रेजों ने लंबे समय तक उपनिवेश की तरह शासन किया, जिसे 'औपनिवेशिक शासन' कहा जाता है। |
नगरीकरण (Urbanisation) | ग्रामीण क्षेत्रों का नगरों में परिवर्तन या नए शहरों का निर्माण। | जब किसी क्षेत्र में आबादी बढ़ती है, व्यापारिक गतिविधियां होती हैं और वहां नगर जैसी संरचनाएं बनती हैं, तो उसे नगरीकरण कहा जाता है। |
स्थापत्य (Architecture) | भवन निर्माण की शैली और कला। | किसी भवन या संरचना को सुंदर, उपयोगी और सुरक्षित ढंग से बनाना स्थापत्य कहलाता है। |
योजना (Planning) | किसी काम को व्यवस्थित ढंग से करने की पूर्व तैयारी। | शहरों को व्यवस्थित ढंग से बसाने और उनके विकास की रणनीति को शहरी योजना कहा जाता है। |
प्रेसीडेंसी (Presidency) | अंग्रेजों द्वारा बनाए गए प्रशासनिक क्षेत्र जैसे बंगाल बॉम्बे मद्रास। | ब्रिटिश भारत में तीन मुख्य प्रेसीडेंसी थी जहाँ से ब्रिटिश शासन चलता था। |
छावनी (Cantonment) | सेना के ठहरने का स्थान। | ब्रिटिशों ने सुरक्षा के लिए शहरों में विशेष सैन्य क्षेत्र बनाए जिन्हें छावनी कहा गया। |
श्वेत नगर (White Town) | अंग्रेजों और यूरोपीय लोगों के लिए बनाए गए शहर के भाग। | ये इलाके स्वच्छ, योजनाबद्ध और सुरक्षित माने जाते थे, जहां केवल यूरोपीय रहते थे। |
काला नगर (Black Town) | भारतीयों के लिए बनाए गए शहर के भाग। | यहां पर भीड़भाड़, अस्वच्छता और अव्यवस्था रहती थी, यह नस्लीय भेदभाव का प्रतीक था। |
नस्लीय भेदभाव (Racial Discrimination) | जाति या नस्ल के आधार पर भेदभाव करना। | अंग्रेजों ने भारतीयों के साथ नस्ल के आधार पर व्यवहार किया, जैसे अलग क्षेत्र, सुविधाएं आदि। |
म्यूनिसिपल्टी (Municipality) | नगर प्रशासन की संस्था जो नगर के प्रबंधन की जिम्मेदारी लेती है। | नगर की सफाई, पानी, सड़क, स्वास्थ्य आदि का ध्यान म्यूनिसिपल्टी देखती थी। |
इंडो-गोथिक शैली (Indo-Gothic Style) | यूरोपीय गोथिक और भारतीय स्थापत्य शैली का मिश्रण। | यह शैली अंग्रेजों द्वारा अपनाई गई जिसमें चर्चों, स्कूलों, न्यायालयों आदि का निर्माण हुआ। |
नियोक्लासिकल शैली (Neoclassical Style) | प्राचीन यूनानी और रोमन स्थापत्य शैली पर आधारित आधुनिक शैली। | अंग्रेजों ने इसे अपनाकर कई सरकारी भवनों को भव्य रूप दिया। |
लुटियन शैली (Lutyens Style) | नई दिल्ली की स्थापत्य शैली जो सर एडविन लुटियन द्वारा विकसित की गई थी। | इसमें राजपथ, राष्ट्रपति भवन जैसी भव्य इमारतें शामिल हैं। |
पुनर्निर्माण (Reconstruction) | पहले से बने हुए शहर या इमारत को दोबारा नए रूप में बनाना। | दिल्ली का पुनर्निर्माण 1911 के बाद किया गया, जब वह भारत की नई राजधानी बनी। |
राजधानी (Capital) | किसी देश या राज्य का प्रमुख प्रशासनिक केंद्र। | 1911 में ब्रिटिशों ने भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की। |
सार्वजनिक स्थल (Public Places) | जहां आम जनता एकत्र होती है जैसे – बाजार पार्क सड़क। | औपनिवेशिक काल में इन स्थलों को पुनर्संरचित किया गया। |
सामाजिक असमानता (Social Inequality) | समाज में भिन्न वर्गों के बीच संसाधनों अधिकारों या सुविधाओं का असमान वितरण। | औपनिवेशिक नगरीकरण में यह साफ देखा गया कि अंग्रेजों और भारतीयों के बीच सुविधाओं का असमान वितरण था। |
माइंड मैप (Mind Map)
टाइमलाइन (Timeline)
वर्ष / काल | घटना / विवरण |
---|---|
1757 | प्लासी का युद्ध — अंग्रेजों की भारत में राजनीतिक शक्ति की शुरुआत। |
1772 | वॉरेन हेस्टिंग्स ने कलकत्ता को ब्रिटिश भारत की राजधानी बनाया। |
1803 | दिल्ली पर अंग्रेजों का नियंत्रण स्थापित हुआ। |
1857 | प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेजों ने दिल्ली पर दोबारा कब्ज़ा किया और उसे छावनी के रूप में पुनर्गठित किया। |
1864 | शिमला को ब्रिटिश भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया। |
1860–1900 | बंबई, मद्रास और कलकत्ता जैसे प्रमुख औपनिवेशिक शहरों में इंडो-गोथिक और नियोक्लासिकल स्थापत्य शैली का विकास हुआ। |
1870 | नगरपालिकाओं की स्थापना और शहरी प्रशासन को मजबूत करने के लिए म्यूनिसिपल एक्ट पारित हुआ। |
1888 | दिल्ली नगर पालिका की स्थापना — शहर के आधुनिकीकरण की दिशा में कदम। |
1911 | दिल्ली को भारत की नई राजधानी घोषित किया गया (कलकत्ता से राजधानी का स्थानांतरण)। |
1912–1931 | सर एडविन लुटियन और हर्बर्ट बेकर द्वारा नई दिल्ली की योजना और निर्माण कार्य। |
1931 | नई दिल्ली को औपचारिक रूप से राजधानी के रूप में उद्घाटित किया गया। |
1947 | भारत की स्वतंत्रता — औपनिवेशिक युग का अंत और शहरी संरचनाओं में भारतीय दृष्टिकोण का समावेश शुरू हुआ। |
मैप वर्क (Map Work)
उद्देश्य: छात्रों को औपनिवेशिक काल के प्रमुख नगरों और स्थापत्य स्थलों की स्थिति, भौगोलिक स्थान और महत्व को समझाना।
🔹 1. भारत के प्रमुख औपनिवेशिक शहर (Colonial Cities) :-
क्रम | शहर का नाम | विशेषता |
---|---|---|
1 | कलकत्ता (अब कोलकाता) | प्रथम राजधानी (1772–1911), इंडो-गोथिक स्थापत्य |
2 | बंबई (अब मुंबई) | व्यापारिक बंदरगाह, इंडो-सरासेनिक शैली |
3 | मद्रास (अब चेन्नई) | दक्षिणी प्रशासनिक केंद्र, छावनी शहर |
4 | दिल्ली | 1911 में राजधानी बनी, लुटियन की नई दिल्ली |
5 | शिमला | ब्रिटिश भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी (1864) |
🔹 2. महत्वपूर्ण छावनी नगर (Cantonment Towns) :-
नगर | वर्तमान राज्य | उद्देश्य |
---|---|---|
मेरठ | उत्तर प्रदेश | 1857 की क्रांति की शुरुआत |
अंबाला | हरियाणा | सैन्य ठिकाना |
पुणे | महाराष्ट्र | ब्रिटिश सेना का प्रमुख केंद्र |
झांसी | उत्तर प्रदेश | रानी लक्ष्मीबाई और विद्रोह का केंद्र |
🔹 3. वास्तुकला और योजना से संबंधित स्थल :-
स्थल | विशेषता | स्थापत्य शैली |
---|---|---|
राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली | लुटियन द्वारा डिज़ाइन किया गया | लुटियन शैली |
विक्टोरिया मेमोरियल, कोलकाता | ब्रिटिश शाही प्रतीक | इंडो-गोथिक |
बॉम्बे हाई कोर्ट, मुंबई | औपनिवेशिक न्याय प्रणाली का प्रतीक | गोथिक |
माद्रास विश्वविद्यालय भवन | उच्च शिक्षा का प्रतीक | नियोक्लासिकल |
इंडिया गेट, नई दिल्ली | ब्रिटिश सैनिकों की स्मृति | लुटियन शैली |
🧭 कक्षा में उपयोग के निर्देश :-
भारत का राजनीतिक नक्शा (Physical Map of India) लें।
ऊपर दिए गए शहरों और स्थलों को नक्शे में चिन्हित करें।
छात्रों से पहचान कराने हेतु प्रश्न पूछें, जैसे:
“इस शहर को औपनिवेशिक राजधानी क्यों बनाया गया?”
“यह स्थल किस स्थापत्य शैली का उदाहरण है?”
रंगीन पेंसिल/मार्कर से White Town और Black Town का विभाजन दर्शाएं (विशेषकर कलकत्ता, बंबई, मद्रास में)।
ब्रिटिश रेल मार्ग और व्यापारिक बंदरगाहों को दर्शाना ना भूलें।
✅ शिक्षण युक्ति :-
PowerPoint या Projector से मानचित्र दिखाएं।
बच्चों से Labeling अभ्यास करवाएं।
पिछले और वर्तमान नामों का तुलनात्मक अभ्यास कराएं (जैसे: बॉम्बे → मुंबई)।
मैप प्रैक्टिस (Map Practice)
1. नीचे दिए गए स्थानों को भारत के राजनीतिक नक्शे पर चिन्हित करें :-
स्थान/शहर | कारण/महत्व |
---|---|
कलकत्ता (कोलकाता) | ब्रिटिश भारत की पहली राजधानी, इंडो-गोथिक स्थापत्य |
बंबई (मुंबई) | प्रमुख बंदरगाह शहर, इंडो-सरासेनिक शैली |
मद्रास (चेन्नई) | दक्षिणी प्रशासनिक केंद्र, छावनी शहर |
दिल्ली | 1911 से भारत की राजधानी, लुटियन शैली के निर्माण स्थल |
शिमला | ब्रिटिश भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी |
मेरठ | 1857 की क्रांति की शुरुआत का केंद्र |
अंबाला | ब्रिटिश सेना की छावनी |
पुणे | ब्रिटिश सैन्य प्रमुख केंद्र |
झांसी | 1857 के विद्रोह का महत्वपूर्ण स्थल |
इंडिया गेट, नई दिल्ली | ब्रिटिश सैनिकों की स्मृति स्थल |
2. निम्नलिखित स्थापत्य स्थलों को नक्शे पर दिखाएं और उनकी शैली लिखें :-
स्थल | शहर | स्थापत्य शैली |
---|---|---|
राष्ट्रपति भवन | नई दिल्ली | लुटियन शैली |
विक्टोरिया मेमोरियल | कोलकाता | इंडो-गोथिक शैली |
बॉम्बे हाई कोर्ट | मुंबई | गोथिक शैली |
माद्रास विश्वविद्यालय | चेन्नई | नियोक्लासिकल शैली |
इंडिया गेट | नई दिल्ली | लुटियन शैली |
3. प्रश्न :-
“White Town” और “Black Town” को दिखाएं और उनका इतिहास संक्षेप में लिखें।
ब्रिटिश काल में छावनी के स्थानों को पहचानें।
भारत में औपनिवेशिक शहरों के विकास के कारणों को दर्शाएं।
4. अतिरिक्त अभ्यास :-
भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटिश रेलमार्ग के प्रमुख रूट को दर्शाएं।
औपनिवेशिक काल के व्यापारिक बंदरगाहों को नक्शे पर चिह्नित करें।
📝 टिप्स :-
अभ्यास करते समय विभिन्न रंगों का उपयोग करें ताकि विभिन्न श्रेणियां (जैसे प्रशासनिक शहर, सैन्य छावनी, स्थापत्य स्थल) स्पष्ट दिखें।
छात्रों से पूछें कि क्यों कुछ शहर “White Town” और कुछ “Black Town” कहे जाते थे।
नक्शा पूरा करने के बाद, उनसे पूरे शहरों और स्थलों के महत्व को पुनः समझाने को कहें।
वैकल्पिक प्रश्न (MCQs) उत्तर सहित व्याख्या
1. भारत की पहली औपनिवेशिक राजधानी कौन सी थी?
a) दिल्ली
b) कोलकाता (कलकत्ता)
c) मुंबई (बंबई)
d) चेन्नई (मद्रास)
उत्तर: b) कोलकाता (कलकत्ता)
व्याख्या: कोलकाता (पहले कलकत्ता) ब्रिटिश भारत की पहली राजधानी थी। यह 1772 में वॉरेन हेस्टिंग्स के प्रशासन के दौरान ब्रिटिश सत्ता का केंद्र बना। यह बंगाल प्रेसीडेंसी का मुख्यालय था और यहां ब्रिटिश शासन की स्थापना के बाद से प्रशासनिक और सैन्य गतिविधियां संचालित होती रहीं। कोलकाता का शहर इंडो-गोथिक स्थापत्य शैली का एक प्रमुख उदाहरण भी है।
2. “White Town” का मतलब क्या था?
a) भारतीयों का आवास क्षेत्र
b) अंग्रेजों और यूरोपीय लोगों के रहने वाले क्षेत्र
c) एक सरकारी कार्यालय
d) सैनिक छावनी
उत्तर: b) अंग्रेजों और यूरोपीय लोगों के रहने वाले क्षेत्र
व्याख्या: औपनिवेशिक शहरों में अंग्रेजों ने अलग-अलग क्षेत्रों में बसे थे। “White Town” वह इलाका था जहाँ केवल अंग्रेज और यूरोपीय निवासी रहते थे। ये क्षेत्र स्वच्छ, योजनाबद्ध और अच्छी सुविधाओं वाले होते थे। इसके विपरीत, “Black Town” भारतीयों के लिए था, जो अस्वच्छ और भीड़भाड़ वाले इलाकों के लिए जाना जाता था। यह नस्लीय भेदभाव का प्रतीक था।
3. दिल्ली को भारत की नई राजधानी कब घोषित किया गया था?
a) 1857
b) 1911
c) 1947
d) 1803
उत्तर: b) 1911
व्याख्या: 1911 में ब्रिटिश सरकार ने कलकत्ता से राजधानी को दिल्ली में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। इसके पीछे राजनीतिक और रणनीतिक कारण थे, क्योंकि दिल्ली का भौगोलिक स्थिति ब्रिटिशों को बेहतर नियंत्रण प्रदान करती थी। इसके बाद दिल्ली का पुनर्निर्माण और योजना सर एडविन लुटियन और हर्बर्ट बेकर द्वारा किया गया।
4. इंडो-गोथिक स्थापत्य शैली में निम्नलिखित में से कौन सा शामिल है?
a) प्राचीन यूनानी स्तंभ
b) गोथिक शैली के आर्क और भारतीय स्थापत्य का मिश्रण
c) आधुनिक ग्लास और स्टील संरचनाएं
d) वास्तुशिल्प में कोई तत्व नहीं
उत्तर: b) गोथिक शैली के आर्क और भारतीय स्थापत्य का मिश्रण
व्याख्या: इंडो-गोथिक शैली ब्रिटिशों द्वारा अपनाई गई स्थापत्य शैली है जिसमें यूरोपीय गोथिक शैली के मेहराब, टावर, और झरोखे भारतीय स्थापत्य की छतों, गुंबदों और सजावट के साथ मिलाए गए थे। यह शैली चर्चों, कोर्टहाउस, कॉलेज आदि के निर्माण में देखी जाती है। यह एक सांस्कृतिक और स्थापत्य मिश्रण थी जो उपनिवेश के दौरान विकसित हुई।
5. “Cantonment” का क्या अर्थ है?
a) एक सरकारी कार्यालय
b) सैनिकों का विश्राम स्थल
c) ब्रिटिश सेना के ठहरने का विशेष क्षेत्र
d) नगरपालिकाओं का कार्यालय
उत्तर: c) ब्रिटिश सेना के ठहरने का विशेष क्षेत्र
व्याख्या: “Cantonment” वे क्षेत्र होते थे जहाँ ब्रिटिश सेना के सैनिक स्थायी रूप से तैनात रहते थे। इन इलाकों में सुरक्षा और सैन्य गतिविधियों की व्यवस्था होती थी। औपनिवेशिक काल में कई शहरों में अलग-अलग छावनी इलाक़े बनाए गए ताकि सैन्य नियंत्रण मजबूत रहे।
6. लुटियन शैली से संबंधित निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
a) यह शैली केवल दक्षिण भारत में प्रचलित थी।
b) यह नई दिल्ली की योजना और निर्माण में प्रयुक्त हुई।
c) यह भारतीय पारंपरिक शैली है।
d) यह एक सैन्य छावनी थी।
उत्तर: b) यह नई दिल्ली की योजना और निर्माण में प्रयुक्त हुई।
व्याख्या: लुटियन शैली नई दिल्ली के डिजाइन और निर्माण में प्रयुक्त हुई स्थापत्य शैली है। इसे सर एडविन लुटियन ने विकसित किया। इस शैली में बड़े खुले मैदान, भव्य सरकारी भवन जैसे राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, और राजपथ शामिल हैं। यह आधुनिक ब्रिटिश वास्तुकला और भारतीय जलवायु के अनुसार अनुकूलित थी।
7. औपनिवेशिक काल में “Municipality” का मुख्य कार्य क्या था?
a) सेना की नियुक्ति
b) नगर के प्रशासन और विकास की जिम्मेदारी लेना
c) विदेशी व्यापार की देखरेख
d) न्यायालय का संचालन
उत्तर: b) नगर के प्रशासन और विकास की जिम्मेदारी लेना
व्याख्या: म्यूनिसिपल्टी वह स्थानीय प्रशासनिक संस्था थी जो शहर की साफ-सफाई, पानी, सड़क, बाजार, स्वास्थ्य और अन्य नागरिक सुविधाओं का प्रबंधन करती थी। औपनिवेशिक शासन में नगरपालिकाओं के माध्यम से शहरी विकास को नियंत्रित और संचालित किया जाता था।
8. भारत में औपनिवेशिक शहरों के पुनर्निर्माण का मुख्य कारण क्या था?
a) भारत में पर्यटन बढ़ाना
b) प्रशासनिक दक्षता और सैन्य नियंत्रण मजबूत करना
c) भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना
d) ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करना
उत्तर: b) प्रशासनिक दक्षता और सैन्य नियंत्रण मजबूत करना
व्याख्या: ब्रिटिशों ने औपनिवेशिक शहरों को पुनर्निर्मित किया ताकि वे बेहतर प्रशासन और सैन्य नियंत्रण सुनिश्चित कर सकें। खासकर दिल्ली का पुनर्निर्माण 1911 में नई राजधानी बनने के बाद हुआ ताकि ब्रिटिश सरकार की सत्ता का प्रभाव मजबूत हो सके और शहर योजनाबद्ध तरीके से विकसित हो।
9. ‘Black Town’ और ‘White Town’ के बीच क्या मुख्य अंतर था?
a) ‘Black Town’ में अंग्रेज रहते थे, ‘White Town’ में भारतीय रहते थे।
b) ‘White Town’ में सफाई और सुव्यवस्था थी, ‘Black Town’ में अव्यवस्था और भीड़-भाड़।
c) ‘Black Town’ केवल सैनिक इलाका था, ‘White Town’ केवल प्रशासनिक इलाका।
d) दोनों एक ही चीज़ थे।
उत्तर: b) ‘White Town’ में सफाई और सुव्यवस्था थी, ‘Black Town’ में अव्यवस्था और भीड़-भाड़।
व्याख्या: औपनिवेशिक शहरों में ‘White Town’ अंग्रेजों के लिए सुरक्षित, स्वच्छ और योजनाबद्ध इलाका था, जबकि ‘Black Town’ भारतीयों के लिए था जो घनी आबादी, अस्वच्छता और अव्यवस्था का केंद्र था। यह विभाजन नस्लीय भेदभाव को दर्शाता है।
10. कौन सी शैली ब्रिटिशों द्वारा नई दिल्ली के निर्माण में अपनाई गई थी?
a) इंडो-गोथिक
b) नियोक्लासिकल
c) लुटियन शैली
d) मुगल स्थापत्य
उत्तर: c) लुटियन शैली
व्याख्या: नई दिल्ली की योजना और निर्माण में लुटियन शैली का उपयोग हुआ, जिसे सर एडविन लुटियन ने विकसित किया। यह शैली आधुनिक यूरोपीय वास्तुकला और भारतीय जलवायु के अनुरूप थी। इस शैली में बड़े खुले क्षेत्र, राजपथ और भव्य सरकारी इमारतें शामिल थीं।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (30–40 शब्दों में)
1. औपनिवेशिक शहरों का पुनर्निर्माण क्यों किया गया?
उत्तर: औपनिवेशिक शहरों का पुनर्निर्माण प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने, सैन्य सुरक्षा मजबूत करने और ब्रिटिश सत्ता का प्रभाव स्थापित करने के लिए किया गया। इससे शहरों की योजना बेहतर हुई और वे आधुनिक बन सके।
2. ‘White Town’ और ‘Black Town’ क्या थे?
उत्तर: ‘White Town’ वह हिस्सा था जहाँ अंग्रेज और यूरोपीय रहते थे, जो स्वच्छ और व्यवस्थित था। ‘Black Town’ भारतीयों के लिए था, जहाँ भीड़भाड़, अस्वच्छता और सुविधाओं की कमी थी। यह नस्लीय भेदभाव का उदाहरण था।
3. इंडो-गोथिक स्थापत्य शैली की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: इंडो-गोथिक शैली यूरोपीय गोथिक और भारतीय वास्तुकला का मिश्रण है। इसमें नक्काशी, ऊँचे गुंबद, खिड़कियाँ और झरोखे शामिल होते थे। इसे चर्चों, न्यायालयों और सरकारी भवनों में इस्तेमाल किया गया।
4. म्यूनिसिपलिटी की भूमिका क्या थी?
उत्तर: म्यूनिसिपलिटी नगर प्रशासन की संस्था थी जो शहर की सफाई, सड़क, पानी, स्वास्थ्य और अन्य नागरिक सुविधाओं का प्रबंधन करती थी। इससे शहर के जीवन स्तर में सुधार होता था।
5. लुटियन शैली किसने विकसित की और इसका महत्व क्या है?
उत्तर: सर एडविन लुटियन ने लुटियन शैली विकसित की। यह नई दिल्ली की भव्य वास्तुकला शैली थी, जिसमें बड़े खुले स्थान, राजपथ और सरकारी इमारतें शामिल थीं। यह ब्रिटिश राज के सत्ता प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण थी।
6. शिमला को क्यों ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया?
उत्तर: शिमला को गर्मियों में ब्रिटिश प्रशासन के लिए ठंडे मौसम के कारण ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया ताकि ब्रिटिश अधिकारी गर्मी से बच सकें और वहां आराम से काम कर सकें।
7. ब्रिटिशों ने भारत में नगरपालिकाओं की स्थापना क्यों की?
उत्तर: ब्रिटिशों ने शहरों में सफाई, पानी, सड़क और स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए नगरपालिकाओं की स्थापना की ताकि शहरी प्रशासन सुचारू रूप से चल सके और औपनिवेशिक नियंत्रण मजबूत हो।
8. औपनिवेशिक काल में शहरों में नस्लीय भेदभाव कैसे देखा गया?
उत्तर: शहरों में ‘White Town’ और ‘Black Town’ का निर्माण करके अंग्रेजों ने साफ-साफ नस्लीय भेदभाव किया। अंग्रेजों के लिए साफ-सुथरे क्षेत्र और भारतीयों के लिए अव्यवस्थित क्षेत्र बनाए गए।
9. दिल्ली का पुनर्निर्माण कब और क्यों हुआ?
उत्तर: दिल्ली का पुनर्निर्माण 1911 में नई राजधानी बनने के बाद हुआ। इसे ब्रिटिश सत्ता का प्रतीक बनाने और बेहतर प्रशासनिक नियंत्रण के लिए योजनाबद्ध तरीके से विकसित किया गया।
10. इंडो-गोथिक शैली की वास्तुकला में कौन-कौन से तत्व होते हैं?
उत्तर: इंडो-गोथिक शैली में ऊँचे गुंबद, नक्काशी, तंग झरोखे, और गोथिक मेहराब शामिल होते हैं। यह यूरोप की गोथिक शैली और भारतीय स्थापत्य कला का संयोजन है।
लघु उत्तरीय प्रश्न (60–80 शब्दों में)
1. औपनिवेशिक शहरों का क्या अर्थ है? इनका विकास कैसे हुआ?
उत्तर: औपनिवेशिक शहर वे शहर थे जो ब्रिटिश शासन के अधीन रहते हुए विकसित हुए, जैसे- कलकत्ता, बंबई और मद्रास। इन शहरों का विकास प्रशासनिक, व्यापारिक, और सैन्य उद्देश्यों से किया गया। ब्रिटिशों ने इन शहरों में अपने अनुकूल संरचनाएं और योजनाएं बनाई, जिनमें छावनियाँ, बंदरगाह, कार्यालय भवन और यूरोपीय आवासीय क्षेत्र शामिल थे। इनमें ‘श्वेत नगर’ और ‘काला नगर’ का वर्गीकरण भी देखा गया जो नस्लीय भेदभाव को दर्शाता है।
2. दिल्ली को नई राजधानी क्यों बनाया गया? इसके निर्माण में किसकी प्रमुख भूमिका थी?
उत्तर: 1911 में दिल्ली को ब्रिटिश भारत की नई राजधानी घोषित किया गया क्योंकि यह भारत के भूगोलिक केंद्र में स्थित थी और ऐतिहासिक रूप से भी महत्वपूर्ण थी। दिल्ली का पुनर्निर्माण बड़े पैमाने पर किया गया, जिसमें नई दिल्ली की योजना बनाई गई। इस योजना को सर एडविन लुटियन और हर्बर्ट बेकर ने तैयार किया। उन्होंने राष्ट्रपति भवन, राजपथ और सचिवालय जैसी इमारतों का निर्माण कराया। यह निर्माण कार्य 1912 से शुरू होकर 1931 में पूरा हुआ।
3. इंडो-गोथिक स्थापत्य शैली क्या है? इसके प्रमुख उदाहरण बताइए।
उत्तर: इंडो-गोथिक स्थापत्य शैली यूरोपीय गोथिक शैली और भारतीय वास्तुशिल्प का मिश्रण है। इसमें नुकीले मेहराब, ऊँचे बुर्ज, सजावटी झरोखे और विस्तृत नक्काशी शामिल होती है। यह शैली मुख्यतः औपनिवेशिक भवनों में अपनाई गई। इसके प्रमुख उदाहरण हैं – बंबई का विक्टोरिया टर्मिनस (अब छत्रपति शिवाजी टर्मिनस), मद्रास का उच्च न्यायालय और बॉम्बे विश्वविद्यालय। इस शैली ने ब्रिटिश सत्ता की भव्यता को दर्शाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
4. ‘श्वेत नगर’ और ‘काला नगर’ में क्या अंतर था?
उत्तर: ‘श्वेत नगर’ वह क्षेत्र होते थे जहाँ अंग्रेज और यूरोपीय लोग रहते थे। ये इलाके साफ-सुथरे, योजनाबद्ध और सुविधायुक्त होते थे। वहीं, ‘काला नगर’ भारतीयों के लिए थे, जो अव्यवस्थित, भीड़भाड़ वाले और सुविधाओं से वंचित होते थे। यह विभाजन नस्लीय भेदभाव का उदाहरण था। इससे ब्रिटिशों की श्रेष्ठता और भारतीयों की हीन स्थिति का प्रदर्शन होता था। शहरी योजनाओं में भी यह भेदभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता था।
5. म्यूनिसिपल्टी की स्थापना औपनिवेशिक शासन में क्यों की गई थी?
उत्तर: ब्रिटिश शासन में शहरों के बेहतर प्रबंधन और साफ-सफाई, जल-निकासी, स्वास्थ्य सेवाओं और सड़कों की मरम्मत जैसे कार्यों के लिए म्यूनिसिपल्टी की स्थापना की गई। इससे स्थानीय स्तर पर शहरी प्रशासन को संगठित किया गया। 1870 के म्यूनिसिपल एक्ट के तहत इन संस्थाओं को वैधानिक अधिकार दिए गए। हालांकि, इनमें ब्रिटिश अधिकारियों का ही दबदबा रहता था और भारतीयों की भागीदारी सीमित थी। इसका उद्देश्य प्रशासनिक बोझ को बाँटना और राजस्व संग्रह आसान बनाना था।
6. ब्रिटिश शासन में दिल्ली का शहरी स्वरूप कैसे बदला?
उत्तर: ब्रिटिश शासन में दिल्ली का स्वरूप पूरी तरह बदल गया। 1857 के विद्रोह के बाद पुरानी दिल्ली को सैनिक दृष्टि से पुनर्गठित किया गया। 1911 में दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया और इसके पुनर्निर्माण की योजना बनाई गई। नई दिल्ली की रचना एक भव्य, खुली और सुव्यवस्थित राजधानी के रूप में की गई, जिसमें शाही मार्ग, विशाल भवन, प्रशासनिक इमारतें और राष्ट्रपति भवन शामिल थे। इस निर्माण में लुटियन शैली का उपयोग किया गया। पुरानी दिल्ली और नई दिल्ली के बीच स्पष्ट भौगोलिक और सामाजिक अंतर दिखा।
7. औपनिवेशिक शहरों में सामाजिक असमानता किस रूप में दिखाई देती थी?
उत्तर: औपनिवेशिक शहरों में सामाजिक असमानता कई स्तरों पर स्पष्ट थी। ब्रिटिशों ने ‘श्वेत नगर’ बनाकर उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान कीं, जबकि भारतीयों को ‘काले नगरों’ में रखा गया, जहाँ गंदगी, भीड़ और अव्यवस्था थी। स्वास्थ्य, जलापूर्ति, शिक्षा, सफाई जैसी बुनियादी सेवाओं में भेदभाव था। नौकरी, न्याय और प्रशासन में भी भारतीयों को निम्न स्तर पर रखा गया। इससे स्पष्ट होता है कि शहरों की योजना नस्लीय और सामाजिक भेदभाव पर आधारित थी, जिससे सामाजिक विषमता बढ़ी।
8. नियोजन (Planning) की अवधारणा औपनिवेशिक काल में कैसे विकसित हुई?
उत्तर: औपनिवेशिक काल में शहरी नियोजन को एक रणनीतिक उपकरण की तरह देखा गया। अंग्रेजों ने अपने प्रशासन, व्यापार और सैन्य हितों को ध्यान में रखकर शहरों का निर्माण किया। योजनाबद्ध ढंग से सड़कों, इमारतों, छावनियों, रेलवे और बंदरगाहों का निर्माण हुआ। नई दिल्ली का निर्माण इसका प्रमुख उदाहरण है। योजना के ज़रिये ब्रिटिश सत्ता की भव्यता और अनुशासन को दर्शाया गया। साथ ही, यह नियोजन भारतीयों को अलग रखने और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी माध्यम बना।
9. नई दिल्ली के निर्माण में सर लुटियन की क्या भूमिका थी?
उत्तर: नई दिल्ली के निर्माण में सर एडविन लुटियन की प्रमुख भूमिका रही। उन्होंने भारत की नई राजधानी की वास्तु योजना तैयार की। उनके नेतृत्व में राष्ट्रपति भवन (तब वायसराय हाउस), राजपथ, इंडिया गेट, सचिवालय भवन जैसी भव्य इमारतें बनीं। लुटियन की शैली में भारतीय और यूरोपीय स्थापत्य का सुंदर समन्वय था। उन्होंने दिल्ली को एक साम्राज्यिक प्रतीक के रूप में विकसित किया, जिससे ब्रिटिश सत्ता की श्रेष्ठता और स्थायित्व झलकता था। यह परियोजना 1912 में शुरू हुई और 1931 में पूर्ण हुई।
10. स्थापत्य कला के माध्यम से ब्रिटिशों ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन कैसे किया?
उत्तर: ब्रिटिशों ने स्थापत्य कला को अपनी सत्ता और श्रेष्ठता के प्रतीक के रूप में प्रयोग किया। उन्होंने विशाल और भव्य भवन, न्यायालय, स्टेशन, वायसराय हाउस, चर्च और कार्यालय बनाए। इन इमारतों में इंडो-गोथिक, नियोक्लासिकल और लुटियन शैली का प्रयोग हुआ, जिससे वे आकर्षक और प्रभावशाली दिखें। इन स्थापत्य संरचनाओं के माध्यम से उन्होंने यह संदेश दिया कि उनकी संस्कृति, तकनीक और शासन प्रणाली भारतीयों से श्रेष्ठ है। स्थापत्य उनके औपनिवेशिक एजेंडे का दृश्य प्रतिनिधित्व बन गया।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (140–180 शब्दों में)
1. औपनिवेशिक काल में नगरों के विकास की प्रक्रिया और उसके प्रभावों की विवेचना कीजिए।
उत्तर: औपनिवेशिक काल में नगरों का विकास ब्रिटिश शासन की आर्थिक, राजनीतिक और प्रशासनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया गया। पहले जहाँ भारत में नगर सामाजिक, धार्मिक और व्यापारिक केंद्र होते थे, वहीं अंग्रेजों ने उन्हें सैन्य छावनियों, प्रशासनिक कार्यालयों और व्यापारिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में परिवर्तित किया। उन्होंने समुद्र तटों के पास बंबई, मद्रास और कलकत्ता जैसे बंदरगाह शहर विकसित किए। शहरी नियोजन में यूरोपीय शैली अपनाई गई, जिसमें सड़कें सीधी, भवनें भव्य और उपयोगिताओं का सुव्यवस्थित वितरण था। इन शहरों को दो भागों में बांटा गया — ‘श्वेत नगर’ और ‘काला नगर’ — जहाँ अंग्रेजों और भारतीयों के लिए अलग-अलग सुविधाएँ थीं। इस प्रक्रिया ने सामाजिक असमानता को जन्म दिया। वहीं, स्थापत्य के माध्यम से अंग्रेजों ने अपनी सत्ता की भव्यता का प्रदर्शन किया। कुल मिलाकर, औपनिवेशिक नगर भारतीय समाज की संरचना, रहन-सहन और संस्कृति पर गहरा प्रभाव छोड़ गए।
2. नई दिल्ली की योजना और निर्माण किस प्रकार औपनिवेशिक सत्ता के प्रतीक के रूप में उभरा?
उत्तर: 1911 में जब दिल्ली को भारत की नई राजधानी घोषित किया गया, तब अंग्रेजों ने इसे अपने साम्राज्य की शक्ति, शान और प्रशासनिक श्रेष्ठता का प्रतीक बनाने की योजना बनाई। नई दिल्ली का निर्माण 1912 से 1931 के बीच सर एडविन लुटियन और हर्बर्ट बेकर की देखरेख में हुआ। इस योजना में राष्ट्रपति भवन (तब वायसराय हाउस), राजपथ, सचिवालय भवन, संसद भवन और इंडिया गेट जैसी भव्य इमारतों का निर्माण किया गया। इन इमारतों में इंडो-सारसेनिक, गोथिक और लुटियन शैली की मिश्रित स्थापत्य शैली को अपनाया गया, जिससे भारतीय परंपरा और ब्रिटिश आधुनिकता का सम्मिलन दिखाई देता है। योजना इस प्रकार थी कि शासक वर्ग ऊँचाई पर स्थित हो और जनता नीचे के क्षेत्रों में रहे। यह भौगोलिक और सामाजिक दूरी औपनिवेशिक सोच का परिचायक थी। नई दिल्ली का निर्माण न केवल प्रशासनिक आवश्यकता थी, बल्कि ब्रिटिश साम्राज्य की भव्यता और सत्ता के प्रदर्शन का माध्यम भी था। यह भारतीयों के ऊपर उनके प्रभुत्व को दर्शाने वाला स्थापत्य चमत्कार बना।
3. ब्रिटिश नगर नियोजन में नस्लीय और सामाजिक भेदभाव किस रूप में प्रकट हुआ?
उत्तर: ब्रिटिश नगर नियोजन में नस्लीय और सामाजिक भेदभाव स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है। अंग्रेजों ने शहरों को दो भागों में विभाजित किया — ‘श्वेत नगर’ और ‘काला नगर’। ‘श्वेत नगर’ आधुनिक सुविधाओं, सफाई, जल-व्यवस्था और हरियाली से युक्त था, जहाँ अंग्रेज अधिकारी और यूरोपीय रहते थे। दूसरी ओर, ‘काला नगर’ भीड़भाड़, गंदगी और अव्यवस्था से भरा होता था, जहाँ भारतीय निवास करते थे। नगर नियोजन में श्वेत नगरों को प्रमुखता दी गई, जबकि काले नगर उपेक्षित रहे। स्वास्थ्य सेवाएँ, विद्यालय, जल आपूर्ति और सफाई जैसे क्षेत्रों में भी यह भेदभाव दिखाई देता था। यहाँ तक कि सार्वजनिक पार्कों, क्लबों और ट्रेनों में भी भारतीयों के प्रवेश पर रोक या प्रतिबंध थे। यह भेदभाव केवल स्थानिक नहीं था, बल्कि औपनिवेशिक सत्ता की मानसिकता को दर्शाता था। इस तरह, नगर नियोजन एक ऐसा औजार बन गया जिससे अंग्रेजों ने भारतीयों पर अपना प्रभुत्व बनाए रखा और सामाजिक असमानता को संस्थागत रूप दिया।
4. औपनिवेशिक स्थापत्य में कौन-कौन सी प्रमुख शैलियाँ अपनाई गईं और उनका क्या महत्व था?
उत्तर: औपनिवेशिक स्थापत्य में अंग्रेजों ने विभिन्न स्थापत्य शैलियों को अपनाया जिनका उद्देश्य उनकी सत्ता, संस्कृति और आधुनिकता को प्रदर्शित करना था। प्रमुख शैलियों में इंडो-सरसेनिक, गोथिक पुनरुद्धार (Neo-Gothic), नियोक्लासिकल, और लुटियन शैली शामिल थीं। इंडो-सरसेनिक शैली में भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के साथ यूरोपीय विशेषताओं का मिश्रण था, जो लाल किले, मुग़ल मकबरों जैसी इमारतों की झलक देता था। गोथिक शैली का प्रयोग बंबई और मद्रास के भवनों में हुआ, जिसमें नुकीले मेहराब, ऊँचे स्तंभ और रंगीन काँच शामिल थे। नियोक्लासिकल शैली में रोमन और ग्रीक प्रभाव था जो प्रशासनिक भवनों में दिखा। लुटियन शैली, जो नई दिल्ली में प्रमुख रूप से दिखती है, साधारण परंतु भव्य थी और ब्रिटिश शक्ति की गंभीरता को दर्शाती थी। इन शैलियों के माध्यम से अंग्रेजों ने सांस्कृतिक वर्चस्व, तकनीकी श्रेष्ठता और औपनिवेशिक शक्ति को मजबूती से स्थापित करने का प्रयास किया।
5. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद औपनिवेशिक नगरों में क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर: 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद औपनिवेशिक नगरों में महत्वपूर्ण सामाजिक, प्रशासनिक और भौगोलिक परिवर्तन हुए। पहले जिन नगरों का विकास अंग्रेजों की सुविधा और सत्ता प्रदर्शन के लिए हुआ था, उन्हें अब भारतीय दृष्टिकोण से पुनर्गठित किया गया। नई दिल्ली जैसे शहरों में भारतीय प्रशासन ने विदेशी अधिकारियों की जगह ले ली। श्वेत और काले नगरों का विभाजन धीरे-धीरे समाप्त हुआ और एक समावेशी नगरीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। नगरों में जनसंख्या बढ़ी और प्रवासियों का आगमन हुआ, जिससे आवास, रोजगार और परिवहन की समस्याएँ भी उत्पन्न हुईं। नई बस्तियाँ, कॉलोनियाँ और शहरी योजनाएँ बनाई गईं। इसके अतिरिक्त, कुछ औपनिवेशिक इमारतों का भारतीयकरण किया गया जैसे वायसराय हाउस को राष्ट्रपति भवन बनाया गया। हालांकि औपनिवेशिक स्थापत्य आज भी भारत के शहरी परिदृश्य का हिस्सा है, परंतु उसमें भारतीय संस्कृति और लोकतांत्रिक मूल्यों की झलक अब स्पष्ट दिखाई देती है।
रिवीजन शीट (Revision Sheet)
🧭 मुख्य अवधारणाएँ (Key Concepts) :-
औपनिवेशिक नगर: ऐसे शहर जो अंग्रेजों के शासन में प्रशासन, व्यापार और सैनिक नियंत्रण के केंद्र बने।
श्वेत नगर और काला नगर: अंग्रेजों द्वारा नगरों को जातीय और नस्लीय आधार पर विभाजित किया गया था।
नगरीकरण: शहरों का तेजी से विकास, जनसंख्या वृद्धि और आधुनिक संरचनाओं का निर्माण।
स्थापत्य (Architecture): इंडो-सरसेनिक, गोथिक, नियोक्लासिकल, और लुटियन स्थापत्य शैलियाँ।
📌 महत्वपूर्ण तिथियाँ (Important Dates) :-
वर्ष | घटना |
---|---|
1757 | प्लासी का युद्ध |
1772 | कलकत्ता को राजधानी बनाया गया |
1803 | दिल्ली पर अंग्रेजों का नियंत्रण |
1857 | स्वतंत्रता संग्राम और दिल्ली पर पुनः कब्जा |
1911 | दिल्ली को नई राजधानी घोषित |
1931 | नई दिल्ली का उद्घाटन |
1947 | भारत की स्वतंत्रता |
🏛️ प्रमुख स्थापत्य शैलियाँ (Architectural Styles) :-
शैली | विशेषताएँ |
---|---|
इंडो-सरसेनिक | भारतीय + इस्लामी + यूरोपीय शैली का मिश्रण |
गोथिक | नुकीले मेहराब, ऊँचे टॉवर, काँच की खिड़कियाँ |
नियोक्लासिकल | रोमन और ग्रीक प्रभाव, स्तंभयुक्त इमारतें |
लुटियन शैली | सीधी सड़कों वाला भव्य लेकिन सादा स्थापत्य |
🧱 प्रमुख इमारतें (Important Buildings) :-
राष्ट्रपति भवन (पूर्व वायसराय हाउस)
इंडिया गेट
संसद भवन
सचिवालय
गेटवे ऑफ इंडिया (बंबई)
विक्टोरिया मेमोरियल (कलकत्ता)
🧠 महत्वपूर्ण बिंदु (Quick Facts) :-
शहरी योजना औपनिवेशिक शासन की शक्ति का प्रदर्शन थी।
नगरों में नस्लीय भेदभाव शहरी संरचना का हिस्सा था।
अंग्रेजों ने नगरों को अपने सैन्य और व्यापारिक लाभ के लिए विकसित किया।
स्वतंत्रता के बाद औपनिवेशिक नगरों में भारतीयकरण हुआ।
📚 प्रमुख शब्द (Key Terms) :-
Municipal Act (1870) – शहरी प्रशासन में सुधार।
Cantonment (छावनी) – सैन्य क्षेत्रों वाले नगर।
Lutyens’ Delhi – नई दिल्ली की योजना।
Colonial Urbanism – औपनिवेशिक दृष्टिकोण से नगरीकरण।
❓ Revision Questions (Revise Yourself) :-
औपनिवेशिक नगरों की विशेषताएँ क्या थीं?
इंडो-सरसेनिक शैली की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
नई दिल्ली के निर्माण की योजना किन वास्तुकारों ने बनाई?
स्वतंत्रता के बाद औपनिवेशिक नगरों में क्या परिवर्तन हुए?
✅ स्मरण के लिए सूत्र (Memory Tips) :-
“शक्ति–शैली–शहर–शोषण” → औपनिवेशिक नगरों की चार मुख्य धारणाएँ।
“1772–1911–1931” → राजधानी परिवर्तन की तीन महत्वपूर्ण तिथियाँ।
“BMC” → Bombay, Madras, Calcutta → तीन बड़े औपनिवेशिक बंदरगाह नगर।
वर्कशीट (Worksheet) - Test (औपनिवेशिक नगर - नगरीकरण, योजना और स्थापत्य)
✏️ भाग 1. रिक्त स्थान भरें (Fill in the Blanks)
(प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है)
प्लासी का युद्ध _________ में हुआ था।
नई दिल्ली की योजना _________ और _________ द्वारा बनाई गई थी।
1911 में भारत की राजधानी को _________ से _________ स्थानांतरित किया गया।
इंडो-सरसेनिक स्थापत्य शैली में _________, _________ और यूरोपीय प्रभाव का मिश्रण होता है।
अंग्रेजों ने _________, _________ और _________ जैसे बंदरगाह शहरों को औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र बनाया।
✅ भाग 2. सत्य/असत्य लिखिए (True or False)
(प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है)
नई दिल्ली का उद्घाटन 1931 में हुआ था।
औपनिवेशिक नगरों में सभी वर्गों को समान सुविधा दी जाती थी।
गोथिक स्थापत्य शैली में नुकीली मेहराबें होती हैं।
दिल्ली नगर पालिका की स्थापना 1900 में हुई थी।
म्युनिसिपल एक्ट 1870 में पारित हुआ था।
❓ भाग 3. बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
(प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है, सही उत्तर पर गोला लगाइए)
नई दिल्ली का मुख्य वास्तुकार कौन था?
a) जॉर्ज गिल्बर्ट स्कॉट
b) हर्बर्ट बेकर
c) एडविन लुटियन
d) चार्ल्स कोर्रिया1857 के बाद अंग्रेजों ने दिल्ली को किस रूप में पुनर्गठित किया?
a) औद्योगिक नगर
b) धार्मिक केंद्र
c) छावनी नगर
d) शैक्षिक नगरविक्टोरिया मेमोरियल स्थित है:
a) बंबई
b) कलकत्ता
c) दिल्ली
d) मद्रासनिम्न में से कौन-सी स्थापत्य शैली औपनिवेशिक भारत में प्रचलित थी?
a) आधुनिक शैली
b) इस्लामिक शैली
c) इंडो-सरसेनिक शैली
d) मुगल शैलीइंडिया गेट का निर्माण हुआ था:
a) 1857 में
b) 1911 में
c) 1931 में
d) 1947 में
📝 भाग 4. अति लघु उत्तरीय प्रश्न (30–50 शब्दों में उत्तर दीजिए)
(प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है)
औपनिवेशिक नगर क्या थे?
इंडो-सरसेनिक स्थापत्य शैली की दो विशेषताएँ लिखिए।
नगरों में नस्लीय विभाजन किस प्रकार किया गया?
लुटियन द्वारा निर्मित नई दिल्ली की दो प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
✒️ भाग 5. लघु उत्तरीय प्रश्न (80–100 शब्दों में उत्तर दीजिए)
(प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है)
औपनिवेशिक भारत में कलकत्ता, बंबई और मद्रास के विकास पर टिप्पणी कीजिए।
अंग्रेजों द्वारा नगरों की योजना किस उद्देश्य से बनाई गई थी?
📖 भाग 6. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (180–200 शब्दों में उत्तर दीजिए)
(प्रश्न – 6 अंक का है)
औपनिवेशिक नगरों की स्थापत्य शैली, योजना और सामाजिक संरचना की विवेचना कीजिए।
🧠 भाग 7. विचार प्रश्न (Value-Based Question)
(प्रश्न – 2 अंक का है)
क्या आज के शहरीकरण में भी औपनिवेशिक मानसिकता का प्रभाव दिखाई देता है? अपने उत्तर को उदाहरण सहित समझाइए।
🔚 निर्देश (Instructions)
सभी प्रश्नों के उत्तर स्पष्ट और संक्षिप्त रूप में दीजिए।
जहाँ आवश्यक हो वहाँ उदाहरण अवश्य दें।
अब आपकी राय जानना भी ज़रूरी है…
हमने इस विषय पर अपने विचार साझा किए हैं, अब हम आपके विचार जानना चाहेंगे।
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