PARITOSH MISHRA

किसान और कृषक (Peasants and Farmers)

इस अध्याय में तीन अलग-अलग देशों – ब्रिटेन, अमेरिका और भारत – में कृषि प्रणाली के विकास, उसमें आए परिवर्तनों और किसानों के जीवन पर उसके प्रभाव का अध्ययन किया गया है।

1. ब्रिटेन – एनक्लोजर मूवमेंट और आधुनिक कृषि का विकास।

2. अमेरिका – मशीन आधारित खेती, प्राकृतिक आपदाएं और “डस्ट बाउल”।

3. भारत – नील की खेती, अंग्रेजों की नीतियां और किसान आंदोलनों का जन्म।

सारांश (Summary)

इस अध्याय में दुनिया के तीन अलग-अलग क्षेत्रों — ब्रिटेन, अमेरिका और भारत — की कृषि प्रणालियों, उनके विकास, बदलावों और किसानों के जीवन पर उनके प्रभावों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। यह अध्याय बताता है कि कैसे खेती के तरीकों में आए परिवर्तन सामाजिक और आर्थिक रूप से किसानों के जीवन को प्रभावित करते हैं।


🔸 ब्रिटेन में एनक्लोजर आंदोलन और कृषि परिवर्तन

ब्रिटेन में 18वीं सदी में ‘एनक्लोजर’ प्रणाली की शुरुआत हुई, जिसमें खुली चारागाहों और खेतों को घेरकर निजी संपत्ति में बदला जाने लगा। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य था – कृषि को अधिक लाभदायक और आधुनिक बनाना।

  • एनक्लोजर आंदोलन से सामूहिक खेती की परंपरा खत्म हो गई और भूमिहीन किसानों की संख्या बढ़ी।

  • इस प्रणाली ने अमीर जमींदारों को और समृद्ध बनाया लेकिन छोटे किसानों और खेतिहर मजदूरों को बेरोजगारी और पलायन का सामना करना पड़ा।

  • खेती में नए औजारों, बीजों और खादों का प्रयोग बढ़ा, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई।

यह पूरी प्रक्रिया औद्योगिक क्रांति के समय हुई और इससे श्रमिक वर्ग को कारखानों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर किया गया।


🔸 अमेरिका में मशीन आधारित खेती और डस्ट बाउल संकट

अमेरिका में 19वीं सदी में खेती में भारी पैमाने पर मशीनों का उपयोग शुरू हुआ। ट्रैक्टर, हल, थ्रेशर जैसी मशीनों ने खेती को आसान, तेज और बड़े स्तर पर संभव बना दिया।

  • भूमि का मशीनीकरण हुआ और बड़े फार्म्स (वृहत कृषि क्षेत्र) विकसित हुए।

  • शुरू में इससे उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि हुई, लेकिन बाद में अत्यधिक उत्पादन से मिट्टी की गुणवत्ता गिर गई।

  • 1930 के दशक में अमेरिका के मध्य क्षेत्र में लगातार सूखा पड़ा और ‘डस्ट बाउल’ की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसमें धूल भरी आंधियों ने खेतों को बर्बाद कर दिया।

  • इससे हजारों किसान दिवालिया हो गए और अपने खेत छोड़कर पलायन करने लगे।

यह स्थिति बताती है कि बिना प्राकृतिक संतुलन के मशीन आधारित खेती विनाशकारी भी हो सकती है।


🔸 भारत में नील की खेती और किसान आंदोलन

भारत में अंग्रेजों ने कृषि को अपने फायदे के अनुसार ढाल लिया। बंगाल और बिहार जैसे क्षेत्रों में किसानों को जबरन नील की खेती करने के लिए मजबूर किया गया।

  • नील का उपयोग कपड़ों को रंगने में होता था, और उसकी वैश्विक मांग को देखते हुए अंग्रेजों ने इसे भारत में बड़े पैमाने पर उगवाना शुरू किया।

  • किसानों को प्लांटर (अंग्रेज नील उत्पादक) अत्यंत कम दाम देते थे और खेती के लिए भी कर्ज में डाल देते थे।

  • नील की खेती से जमीन की उर्वरता घटती थी और खाद्यान्न की खेती रुक जाती थी, जिससे भुखमरी की स्थिति उत्पन्न होती थी।

इन हालातों में किसान आंदोलित हुए और 1859-60 में बंगाल में नील विद्रोह हुआ। आगे चलकर 1917 में महात्मा गांधी ने चंपारण आंदोलन का नेतृत्व किया, जो नील की जबरन खेती के विरोध में था और किसानों को कुछ हद तक न्याय दिलाने में सफल रहा।

  • ब्रिटेन – एनक्लोजर प्रणाली ने छोटे किसानों को प्रभावित किया लेकिन कृषि को आधुनिक बनाया।

  • अमेरिका – मशीनों से खेती के फायदे थे, लेकिन अति उपयोग से पर्यावरण संकट हुआ (डस्ट बाउल)।

  • भारत – उपनिवेशी नीति ने किसानों का शोषण किया, जिससे नील आंदोलन और चंपारण सत्याग्रह जैसे आंदोलन हुए।

शब्दार्थ (Word Meanings)

शब्द (पद)अर्थ (सरल हिंदी में)
कृषकखेती करने वाला व्यक्ति (किसान)
किसानवह व्यक्ति जो जमीन पर खेती करता है
एनक्लोजर (Enclosure)खुली जमीन को चारदीवारी या बाड़ लगाकर निजी खेत में बदलना
चारागाहजानवरों को चराने के लिए खुली जमीन
औद्योगिक क्रांतिएक समय जब मशीनों और कारखानों का तेजी से विकास हुआ
यांत्रिक खेतीमशीनों से की जाने वाली कृषि
फार्मखेती का बड़ा क्षेत्र या खेत
थ्रेशरअनाज को भूसे से अलग करने की मशीन
ट्रैक्टरखेती में इस्तेमाल होने वाली भारी वाहन मशीन
डस्ट बाउल (Dust Bowl)अमेरिका में धूल भरी आंधी और सूखा से प्रभावित क्षेत्र
पलायनएक स्थान से दूसरे स्थान पर मजबूरी में जाना
उपनिवेशवादकिसी देश पर विदेशी शक्ति का शासन
प्लांटरनील जैसी फसल का व्यापारी या बागान मालिक
नीलनीले रंग का पौधा जिससे रंग तैयार किया जाता है
चंपारणबिहार का एक जिला जहाँ गांधी जी ने पहला आंदोलन चलाया
विद्रोहविरोध या बगावत करना
कृषि संकटखेती से जुड़े आर्थिक या सामाजिक संकट
खाद्यान्नखाने योग्य अनाज जैसे – गेहूं चावल
भूमिहीनजिसके पास खुद की जमीन न हो
जबरनबलपूर्वक (बिना इच्छा के)

माइंड मैप (Mind Map)

किसान और कृषक
किसान और कृषक

टाइमलाइन (Timeline)

वर्ष(समय)घटना(विवरण)
16वीं-18वीं शताब्दीयूरोप में खुले चारागाहों को निजी संपत्ति में बदलने की प्रक्रिया (Enclosure Movement) की शुरुआत हुई। यह प्रक्रिया इंग्लैंड में विशेष रूप से तेज़ थी।
18वीं शताब्दीइंग्लैंड में कृषि में यांत्रिक तरीकों और नई तकनीकों का उपयोग शुरू हुआ। यह कृषि क्रांति का दौर था।
1830-1840अमेरिका में कृषि भूमि का बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ। प्लांटरों ने बड़े खेत बनाए और नील कपास जैसी फसलों की खेती शुरू की।
1859अमेरिका में पहली मशीनी ‘रीपर’ (Reaper) मशीन आई जिससे कटाई तेज़ हुई।
1860 के दशकअमेरिका में होमस्टेड एक्ट पारित किया गया - जिसके तहत किसी भी नागरिक को सस्ती या मुफ्त जमीन दी गई बशर्ते वो उस पर खेती करें।
1870-1900अमेरिका के पश्चिमी क्षेत्र में कृषि का भारी विस्तार लेकिन इसी दौरान सूखा और धूल भरी आंधियों के कारण ‘डस्ट बाउल’ जैसी स्थितियाँ पैदा हुईं।
1857-58भारत में पहला स्वतंत्रता संग्राम हुआ इसमें किसानों की भागीदारी रही। यह आंदोलन किसानों की आर्थिक और सामाजिक पीड़ा को दर्शाता है।
1860-1900भारत में नील की जबरन खेती का विरोध तेज़ हुआ।
1917चंपारण सत्याग्रह की शुरुआत – महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण जिले में नील की जबरन खेती के खिलाफ आंदोलन चलाया। यह भारतीय किसानों के संघर्ष का एक ऐतिहासिक मोड़ था।

मैप वर्क (Map Work)

भारत से संबंधित स्थान

स्थान का नाममहत्वपूर्ण जानकारी
चंपारण (बिहार)गांधी जी का पहला सत्याग्रह आंदोलन नील की जबरन खेती के खिलाफ यहीं हुआ।
बंगालयहाँ के किसान नील की खेती करने को मजबूर किए गए थे, जिससे व्यापक विद्रोह हुआ।
बिहारनील की खेती के केंद्रों में से एक, जहाँ किसानों पर अंग्रेजी प्लांटरों का दबाव था।
  • भारत का राजनीतिक मानचित्र लें।

  • बिहार राज्य को चिन्हित करें और उसमें चंपारण को दर्शाएँ।

  • बंगाल क्षेत्र को हाइलाइट करें।

  • नील की खेती वाले प्रमुख इलाके इंगित करें।


🔹 अमेरिका से संबंधित स्थान

स्थान का नाममहत्वपूर्ण जानकारी
पश्चिमी अमेरिकायहाँ होमस्टेड एक्ट के बाद किसानों को जमीनें मिलीं और खेती का विस्तार हुआ।
Great Plains (महान मैदान)डस्ट बाउल की स्थिति यहीं बनी, सूखा और धूल भरी आंधियाँ पड़ीं।
कैनसस, टेक्सास, ओक्लाहोमाडस्ट बाउल से बुरी तरह प्रभावित राज्य।
कैलिफोर्नियापलायन करने वाले किसान यहाँ आए और मजदूरी की।
  • अमेरिका का राजनीतिक मानचित्र लें।

  • Great Plains क्षेत्र (Texas, Kansas, Oklahoma) को हाइलाइट करें।

  • डस्ट बाउल प्रभावित क्षेत्रों को छायांकित करें।

  • पश्चिम की ओर पलायन दर्शाते हुए तीरों से रास्ता दिखाएँ (Great Plains → California)।


🔹 ब्रिटेन से संबंधित स्थान

स्थान का नाममहत्वपूर्ण जानकारी
इंग्लैंडएनक्लोजर मूवमेंट (Enclosure Movement) की शुरुआत यहीं से हुई।
नॉरफ़ॉक, सफ़ॉक आदि क्षेत्रकृषि सुधारों और यांत्रिक खेती के प्रमुख केंद्र।
  • यूरोप का नक्शा लें और इंग्लैंड को हाइलाइट करें।

  • एनक्लोजर मूवमेंट वाले क्षेत्रों को इंगित करें।

मैप प्रैक्टिस (Map Practice)

📍 भारत का नक्शा – निम्नलिखित स्थानों को दर्शाइए

  1. चंपारण (बिहार) – जहाँ गांधी जी ने नील आंदोलन शुरू किया।

  2. बंगाल – नील की जबरन खेती के विरुद्ध आंदोलन का केंद्र।

  3. बिहार – नील की खेती और किसान विद्रोह का क्षेत्र।

  • चंपारण को लाल रंग से गोल करें और उसके पास “नील सत्याग्रह” लिखें।

  • बंगाल और बिहार को हल्के नीले रंग से भरें और “नील विद्रोह क्षेत्र” लिखें।


🌍 विश्व का नक्शा – निम्नलिखित स्थानों को पहचानिए और दर्शाइए

🔸 अमेरिका

क्या दर्शाना हैकिस रंग/चिह्न सेस्थान
डस्ट बाउल क्षेत्रभूरे रंग से छायांकनटेक्सास, ओक्लाहोमा, कान्सास
पलायन का मार्गतीर चिह्न सेGreat Plains से California
खेती का विस्तारहरे रंग से भरेंपश्चिमी अमेरिका

🔸 ब्रिटेन

क्या दर्शाना हैस्थान
Enclosure Movement की शुरुआतइंग्लैंड (ब्रिटेन के दक्षिणी और मध्य भाग में)
  • नक्शा अभ्यास के लिए भारत, अमेरिका और ब्रिटेन के राजनैतिक नक्शों का उपयोग करें।

  • स्थानों को सही रंग और चिह्नों से दर्शाएँ।

MCQ (बहुविकल्पीय प्रश्न) – उत्तर सहित व्याख्या

प्रश्न 1. चंपारण आंदोलन किससे संबंधित था?

A) भूमि सुधार से
B) नील की जबरन खेती से
C) कर व्यवस्था से
D) औद्योगीकरण से

सही उत्तर: B) नील की जबरन खेती से

व्याख्या: चंपारण आंदोलन 1917 में महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया था। यह आंदोलन बिहार के किसानों की समस्या – नील की जबरन खेती – के खिलाफ था, जिसे अंग्रेजों ने लागू किया था।


प्रश्न 2. ‘एनक्लोजर मूवमेंट’ किस देश से संबंधित था?

A) फ्रांस
B) जर्मनी
C) इंग्लैंड
D) अमेरिका

सही उत्तर: C) इंग्लैंड

व्याख्या: 16वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक इंग्लैंड में एनक्लोजर मूवमेंट चला जिसमें सामूहिक चारागाहों को निजी खेतों में बदला गया और किसानों को वहाँ से हटा दिया गया।


प्रश्न 3.‘डस्ट बाउल’ शब्द किस क्षेत्र के लिए उपयोग होता है?

A) भारत के पश्चिमी क्षेत्र
B) अमेरिका के मध्य भाग
C) चीन के उत्तर भाग
D) यूरोप के पूर्वी भाग

सही उत्तर: B) अमेरिका के मध्य भाग

व्याख्या: अमेरिका के ग्रेट प्लेन्स क्षेत्र में 1930 के दशक में सूखा, अति दोहन और तेज़ हवाओं से धूल भरी आंधियाँ आईं, जिससे यह क्षेत्र ‘डस्ट बाउल’ कहलाया।


प्रश्न 4. होमस्टेड एक्ट किस वर्ष पारित हुआ था?

A) 1830
B) 1857
C) 1862
D) 1875

सही उत्तर: C) 1862

व्याख्या: अमेरिका में पारित हुआ यह कानून कहता था कि कोई भी नागरिक जो खेती करना चाहता है, उसे सरकार की ओर से 160 एकड़ ज़मीन दी जाएगी – बशर्ते वह पाँच वर्षों तक उस पर खेती करे।


प्रश्न 5. ‘रीपर मशीन’ किस कार्य के लिए उपयोग की जाती थी?

A) बुवाई के लिए
B) कटाई के लिए
C) सिंचाई के लिए
D) निराई के लिए

सही उत्तर: B) कटाई के लिए

व्याख्या: रीपर मशीन का आविष्कार अमेरिका में हुआ था और यह गेहूं या अन्य फसलों की कटाई को तेजी से करने में मदद करती थी।


प्रश्न 6. भारत में नील की खेती के विरोध का प्रमुख केंद्र कौन-सा क्षेत्र था?

A) पंजाब
B) असम
C) बिहार
D) तमिलनाडु

सही उत्तर: C) बिहार

व्याख्या: बिहार के चंपारण जिले में किसानों को अंग्रेजों द्वारा नील की खेती करने के लिए मजबूर किया जाता था। यह विरोध बाद में बड़ा आंदोलन बना।


प्रश्न 7. ‘प्लांटर’ शब्द का अर्थ क्या है?

A) मजदूर
B) बिचौलिया
C) बागान मालिक
D) कर संग्रहकर्ता

सही उत्तर: C) बागान मालिक

व्याख्या: प्लांटर वे होते थे जो बड़े पैमाने पर खेती करते थे, जैसे – नील या कपास, और अधिकतर अपने फायदे के लिए किसानों का शोषण करते थे।


प्रश्न 8. किस कारण से अमेरिका में किसानों का पलायन शुरू हुआ?

A) कर वृद्धि
B) मशीनों की कमी
C) डस्ट बाउल की आपदा
D) सरकारी आदेश

सही उत्तर: C) डस्ट बाउल की आपदा

व्याख्या: डस्ट बाउल के कारण फसलें नष्ट हो गईं, मिट्टी उड़ने लगी और किसान अपनी ज़मीन छोड़कर अन्य क्षेत्रों की ओर पलायन करने लगे।


प्रश्न 9. ‘कृषि क्रांति’ का संबंध किससे है?

A) किसानों के विद्रोह से
B) नई कृषि तकनीकों के विकास से
C) खाद्य संकट से
D) युद्ध से

सही उत्तर: B) नई कृषि तकनीकों के विकास से

व्याख्या: 18वीं शताब्दी में इंग्लैंड में नई कृषि तकनीकों और यंत्रों का उपयोग शुरू हुआ, जिससे उत्पादन बढ़ा – इस परिवर्तन को कृषि क्रांति कहते हैं।


प्रश्न 10. नील की जबरन खेती को समाप्त करने में किस आंदोलन की भूमिका थी?

A) स्वदेशी आंदोलन
B) असहयोग आंदोलन
C) चंपारण आंदोलन
D) सविनय अवज्ञा आंदोलन

सही उत्तर: C) चंपारण आंदोलन

व्याख्या: महात्मा गांधी ने 1917 में चंपारण में नील की जबरन खेती के खिलाफ आंदोलन किया जिससे अंग्रेज सरकार को किसानों के पक्ष में फैसले लेने पड़े।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (30 से 40 शब्दों में)

प्रश्न 1. चंपारण सत्याग्रह का उद्देश्य क्या था?

उत्तर: चंपारण सत्याग्रह का उद्देश्य बिहार के चंपारण जिले में नील की जबरन खेती को समाप्त करना था, जिसमें महात्मा गांधी ने किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया था। यह भारत में सत्याग्रह का पहला बड़ा आंदोलन था।


प्रश्न 2. ‘एनक्लोजर मूवमेंट’ से क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: ‘एनक्लोजर मूवमेंट’ ने ब्रिटेन के किसानों को अपनी ज़मीन से बेदखल कर दिया और कृषि के तरीके बदल दिए। इससे छोटे किसान भूमिहीन हो गए और बड़े खेतों का विकास हुआ।


प्रश्न 3. ‘डस्ट बाउल’ क्या है?

उत्तर ‘डस्ट बाउल’ अमेरिका के ग्रेट प्लेन्स क्षेत्र में सूखा और अति दोहन के कारण पैदा हुई एक भयंकर प्राकृतिक आपदा थी, जिसमें धूल भरी आंधियाँ और बर्बाद फसलें आईं।


प्रश्न 4. ‘होमस्टेड एक्ट’ से किसानों को क्या लाभ हुआ?

उत्तर: ‘होमस्टेड एक्ट’ के तहत अमेरिकी नागरिकों को सस्ती या मुफ्त ज़मीन दी गई, बशर्ते वे उस पर खेती करें। इससे कृषि विस्तार और पश्चिमी अमेरिकी क्षेत्र में जनसंख्या बढ़ी।


प्रश्न 5. कृषि क्रांति का मुख्य कारण क्या था?

उत्तर: कृषि क्रांति का मुख्य कारण नई कृषि तकनीकों और यांत्रिक उपकरणों का प्रयोग था, जिसने उत्पादन में वृद्धि की और ब्रिटेन में कृषि को अधिक प्रभावी बनाया।


प्रश्न 6. नील की जबरन खेती का विरोध क्यों हुआ?

उत्तर: नील की जबरन खेती का विरोध किसानों द्वारा किया गया क्योंकि उन्हें नील उगाने के लिए कम भुगतान किया जाता था और उन्हें अपनी ज़मीन से बेदखल किया जाता था, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ी।


प्रश्न 7. पलायन के कारण कौन-से क्षेत्र प्रभावित हुए?

उत्तर: पलायन मुख्यतः डस्ट बाउल के कारण हुआ, जब किसान अपनी ज़मीन से विस्थापित हो गए और सूखा और धूल की आंधियों ने उनकी फसलें नष्ट कर दीं, जिससे उन्होंने पश्चिमी अमेरिका में नए स्थानों की ओर पलायन किया।


प्रश्न 8. ‘प्लांटर’ शब्द का क्या अर्थ है?

उत्तर: ‘प्लांटर’ शब्द का अर्थ है वह व्यक्ति जो बड़े पैमाने पर खेती करता है, जैसे नील, कपास, या अन्य कृषि उत्पाद, और उसका मुख्य उद्देश्य लाभ अर्जित करना होता है।


प्रश्न 9. चंपारण आंदोलन में किसका नेतृत्व था?

उत्तर: चंपारण आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया था, जिन्होंने बिहार के किसानों के साथ मिलकर नील की जबरन खेती के खिलाफ संघर्ष किया और सरकार पर दबाव डाला।


प्रश्न 10. कृषक और किसान में क्या अंतर है?

उत्तर: ‘कृषक’ वह व्यक्ति है जो खेती करने के पेशे में लगा होता है, जबकि ‘किसान’ वह व्यक्ति है जो जमीन पर खेती करता है, और यह शब्द आमतौर पर खेती से जुड़ी आर्थिक स्थिति को दर्शाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (60-80 शब्दों में)

प्रश्न 1. कृषि क्रांति के प्रभाव क्या थे?

उत्तर: कृषि क्रांति ने कृषि उत्पादन में वृद्धि की, जिसके कारण खाद्य आपूर्ति में सुधार हुआ। नई कृषि तकनीकों और यांत्रिक उपकरणों के उपयोग से भूमि की उपज बढ़ी और अधिक फसलें उगाई जाने लगीं। इसके परिणामस्वरूप इंग्लैंड में खाद्य संकट कम हुआ, लेकिन इसके साथ ही छोटे किसानों को अपनी ज़मीन से बेदखल किया गया और वे भूमिहीन हो गए।


प्रश्न 2. एनक्लोजर मूवमेंट का प्रभाव भारत पर क्या पड़ा?

उत्तर: ‘एनक्लोजर मूवमेंट’ ने ब्रिटेन में छोटे किसानों को ज़मीन से बेदखल कर दिया, जिसके कारण भारतीय किसानों पर भी दबाव बढ़ा। ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन ने कृषि के लिए नई नीतियाँ बनाई, जिससे भारतीय किसानों को भी संघर्ष करना पड़ा। यह आंदोलन भारतीय कृषि में भी औद्योगिकीकरण और बड़े खेतों की शुरुआत का कारण बना, जिससे पारंपरिक खेती की प्रणाली प्रभावित हुई।


प्रश्न 3. चंपारण सत्याग्रह का महत्व क्या था?

उत्तर: चंपारण सत्याग्रह का महत्व भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में ऐतिहासिक था। महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण जिले में नील की जबरन खेती के खिलाफ किसानों का नेतृत्व किया। यह आंदोलन ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहला सत्याग्रह था, जिसमें गांधी जी ने अहिंसा के माध्यम से किसानों के अधिकारों की रक्षा की और ब्रिटिश प्रशासन को झुकने पर मजबूर किया। इससे भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को एक नई दिशा मिली।


प्रश्न 4. डस्ट बाउल के प्रभाव क्या थे?

उत्तर: डस्ट बाउल के प्रभाव अमेरिका के पश्चिमी भाग पर गहरे थे। सूखा और अत्यधिक खेती ने मिट्टी को नष्ट कर दिया, जिसके कारण धूल भरी आंधियाँ आईं। किसानों की फसलें नष्ट हो गईं और लाखों लोग बेरोजगार हो गए। यह घटना पलायन का कारण बनी, और किसानों को अपने घर छोड़कर अन्य क्षेत्रों में जाकर बसने के लिए मजबूर किया।


प्रश्न 5. नील की जबरन खेती पर किसानों का विरोध क्यों हुआ?

उत्तर: नील की जबरन खेती पर किसानों का विरोध इसलिए हुआ क्योंकि उन्हें कम कीमत पर नील उगाने के लिए बाध्य किया जाता था और उनकी ज़मीन पर उनका नियंत्रण समाप्त कर दिया जाता था। इसके कारण किसानों की जीवनशैली और आर्थिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ा। नील की खेती में किसानों को किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिलता था, और यह उनके लिए अत्यधिक श्रमसाध्य और नुकसानदायक था।


प्रश्न 6. ‘होमस्टेड एक्ट’ का उद्देश्य क्या था?

उत्तर: ‘होमस्टेड एक्ट’ का उद्देश्य अमेरिका में सस्ते और मुफ्त ज़मीन के वितरण के माध्यम से कृषि क्षेत्र का विस्तार करना था। इसके तहत सरकार ने नागरिकों को भूमि दी, बशर्ते वे उस पर खेती करें। इस एक्ट के माध्यम से अमेरिकी पश्चिमी क्षेत्रों में बसावट बढ़ी और नए किसानों को भूमि मिल सकी। इस नीति ने अमेरिका में कृषि क्रांति को और तेज़ किया।


प्रश्न 7. कृषक वर्ग का विकास कैसे हुआ?

उत्तर: कृषक वर्ग का विकास मुख्य रूप से औद्योगिक क्रांति और कृषि सुधारों के कारण हुआ। नए कृषि उपकरणों और तकनीकों के प्रयोग ने उत्पादन बढ़ाया और किसानों की श्रम की स्थिति में सुधार किया। इसके परिणामस्वरूप, खेती में सुधार हुआ, लेकिन छोटे किसान जिनके पास अपनी ज़मीन नहीं थी, वे भूमिहीन हो गए और मजदूर वर्ग में तब्दील हो गए। बड़े पैमाने पर कृषि आधारित पूंजीवाद का उदय हुआ।


प्रश्न 8. कृषि संकट के कारण क्या थे?

उत्तर: कृषि संकट के कारण कई थे, जैसे अत्यधिक कर, कम दामों पर फसलों की खरीद, और प्राकृतिक आपदाएँ। ब्रिटिश शासन के दौरान किसानों को अधिक टैक्स देना पड़ता था, और उन्हें उचित मूल्य पर फसलें नहीं मिलती थीं। इसके अलावा, कृषि में तकनीकी सुधारों का अभाव और जलवायु परिवर्तन के कारण भी संकट आया। इन सब कारणों ने भारतीय किसानों की जीवनशैली को प्रभावित किया।


प्रश्न 9. पलायन के कारण क्या थे?

उत्तर: पलायन के मुख्य कारणों में प्राकृतिक आपदाएँ, जैसे सूखा और बाढ़, और भूमि पर अधिकार का अभाव था। ‘डस्ट बाउल’ जैसी घटनाओं ने भी किसानों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर किया। साथ ही, औद्योगिकीकरण के कारण भूमिहीन किसानों को बेहतर आजीविका की तलाश में अन्य स्थानों पर पलायन करना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप कृषि क्षेत्र में कमी और शहरीकरण की प्रक्रिया बढ़ी।


प्रश्न 10. कृषक आंदोलन का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से क्या संबंध था?

उत्तर: कृषक आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण हिस्सा था। इस आंदोलन के माध्यम से किसानों ने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया, जैसे ज़मीन पर कब्जा और उचित मुआवज़ा। गांधीजी के नेतृत्व में चंपारण सत्याग्रह और अन्य किसान आंदोलनों ने स्वतंत्रता संग्राम को मज़बूती दी। ये आंदोलन भारतीय समाज में जागरूकता बढ़ाने और औपनिवेशिक शासन के खिलाफ लामबंद होने का माध्यम बने।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (120-150 शब्दों में)

प्रश्न 1. कृषि क्रांति और उसके प्रभावों को विस्तार से समझाइए।

उत्तर: कृषि क्रांति 18वीं शताब्दी में इंग्लैंड में शुरू हुई, जिसमें कृषि के पारंपरिक तरीकों में बड़े बदलाव हुए। यांत्रिक उपकरणों, जैसे ट्रैक्टर और थ्रेशर का उपयोग बढ़ा, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई। इस क्रांति ने किसानों के लिए न केवल उत्पादन बढ़ाया, बल्कि कृषि क्षेत्र में भी नए व्यापार और उद्योगों का विकास हुआ। खेतों में चारागाहों का समेकन, अधिक फसलें उगाने के लिए भूमि का अधिकतम उपयोग, और नहरों का निर्माण किया गया। हालांकि, इसका एक नकारात्मक प्रभाव भी था क्योंकि छोटे किसान भूमि से बेदखल हो गए। उन्हें भूमिहीनता का सामना करना पड़ा और उन्हें बड़े किसानों के खेतों में श्रमिक के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया गया। कृषि संकट और सामाजिक असमानताएं भी बढ़ीं, क्योंकि गरीब किसानों की स्थिति और खराब हो गई। इसके बावजूद, कृषि क्रांति ने औद्योगिक क्रांति के लिए भी रास्ता खोला और मानवता के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई।


प्रश्न 2. चंपारण सत्याग्रह के बारे में विस्तार से बताइए।

उत्तर: चंपारण सत्याग्रह 1917 में बिहार के चंपारण जिले में महात्मा गांधी द्वारा नील की जबरन खेती के खिलाफ किया गया एक ऐतिहासिक आंदोलन था। ब्रिटिश सरकार ने भारतीय किसानों को नील की खेती करने के लिए मजबूर किया था, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई थी। उन्हें नील की अत्यधिक मात्रा में उपज उगानी पड़ती थी, जिससे उनके पास खाने के लिए भी पर्याप्त अनाज नहीं बचता था। गांधी जी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और किसानों को संगठित किया। उन्होंने सत्याग्रह का प्रयोग किया, जिसमें अहिंसा और असहयोग की नीति का पालन करते हुए सरकार से न्याय की मांग की। गांधी जी के नेतृत्व में यह आंदोलन सफल हुआ, और ब्रिटिश सरकार ने किसानों के साथ समझौता किया, जिससे उन्हें नील की खेती से राहत मिली। चंपारण सत्याग्रह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, क्योंकि यह आंदोलन गांधी जी की लोकप्रियता को बढ़ाने के साथ-साथ भारतीय किसानों के संघर्ष को भी सामने लाया।


प्रश्न 3. एनक्लोजर मूवमेंट और इसके प्रभावों को विस्तार से समझाइए।

उत्तर: एनक्लोजर मूवमेंट 16वीं शताब्दी में इंग्लैंड में शुरू हुआ, जब किसानों को उनके सामूहिक चारागाहों और खेती की ज़मीन से बेदखल कर दिया गया। भूमि मालिकों ने इन ज़मीनों को निजी संपत्ति में परिवर्तित किया और उन्हें बाड़ या चारदीवारी से घेर लिया। इसका मुख्य उद्देश्य भूमि का अधिकतम उपयोग करना और कृषि उत्पादन को बढ़ाना था। इससे पहले, यह ज़मीनें छोटे किसानों और चरवाहों के लिए सामूहिक रूप से उपलब्ध थीं, जिनका उपयोग सार्वजनिक रूप से किया जाता था। एनक्लोजर मूवमेंट के परिणामस्वरूप, छोटे किसान अपनी ज़मीन खो बैठे और वे भूमिहीन हो गए। उन्हें खेतों में काम करने के लिए श्रमिकों के रूप में श्रम देने पर मजबूर होना पड़ा। हालांकि, इस प्रक्रिया ने बड़े पैमाने पर कृषि को बढ़ावा दिया, क्योंकि भूमि मालिकों ने अपनी ज़मीनों पर यांत्रिक खेती की शुरुआत की। इसका सबसे बड़ा प्रभाव यह था कि छोटे किसान शहरी क्षेत्रों में पलायन करने लगे और औद्योगिकीकरण की ओर बढ़े।


प्रश्न 4. अमेरिका में डस्ट बाउल की घटना के प्रभावों को विस्तार से बताइए।

उत्तर: डस्ट बाउल 1930 के दशक में अमेरिका के पश्चिमी क्षेत्र में एक भयंकर सूखा और धूल भरी आंधियों की घटना थी, जिसने बड़े पैमाने पर कृषि को प्रभावित किया। यह घटना मुख्य रूप से ओक्लाहोमा, टेक्सास, कान्सास, और कोलोराडो में घटी, जहाँ किसानों ने अत्यधिक खेती की थी, लेकिन बाद में अत्यधिक गर्मी और सूखा पड़ा। इस स्थिति के कारण भूमि की उर्वरकता कम हो गई, और भारी धूल की आंधी ने किसानों की फसलों को नष्ट कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, लाखों लोग अपनी भूमि छोड़कर अन्य स्थानों की ओर पलायन करने पर मजबूर हो गए। डस्ट बाउल ने किसानों को आर्थिक संकट में डाल दिया और अमेरिकी कृषि को गंभीर नुकसान पहुँचाया। यह घटना कृषि क्षेत्र के लिए एक चेतावनी थी कि प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग और गलत खेती की प्रथाएँ दीर्घकालिक संकट का कारण बन सकती हैं। सरकार ने इसके बाद राहत कार्य शुरू किए, जैसे भूमि सुधार और जल संरक्षण योजनाएँ।


प्रश्न 5. नील की खेती और उससे जुड़ी समस्याओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर: नील की खेती भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान एक गंभीर समस्या बन गई थी। ब्रिटिश सरकार ने भारतीय किसानों को नील की खेती करने के लिए मजबूर किया, ताकि वह इसे यूरोपीय बाजार में बेच सकें। नील की खेती के दौरान किसानों को बहुत कम मजदूरी मिलती थी और उन्हें अपनी भूमि से उचित लाभ नहीं मिलता था। इसके अलावा, नील की फसल से उनकी भूमि की उर्वरकता भी घटने लगी, क्योंकि यह एक अत्यधिक रासायनिक फसल थी, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित होती थी। किसान लगातार भारी शोषण और आर्थिक संकट का सामना कर रहे थे। इस व्यवस्था के विरोध में चंपारण सत्याग्रह हुआ, जिसमें महात्मा गांधी ने किसानों की समस्याओं को उजागर किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया। गांधी जी ने किसानों को उनके अधिकारों के लिए संगठित किया और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए ब्रिटिश शासन से नील की खेती को खत्म करवाया। इससे भारतीय किसान आंदोलन को एक नई दिशा मिली और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को भी बल मिला।

रिवीजन शीट (Quick Recap)

मुख्य अवधारणाएँ

  1. एनक्लोजर मूवमेंट (Enclosure Movement)

    • 16वीं से 18वीं शताब्दी में इंग्लैंड में खुले चारागाहों को निजी संपत्ति में बदलने की प्रक्रिया।

    • इससे छोटे किसान विस्थापित हुए और बड़ी ज़मीनों पर खेती शुरू हुई, साथ ही मशीनों का उपयोग बढ़ा।

  2. कृषि क्रांति (Agricultural Revolution)

    • नए खेती के तरीकों और मशीनों का उपयोग, जैसे ट्रैक्टर और थ्रेशर, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई।

    • फसल चक्रीय, जानवरों का चयनात्मक प्रजनन और नए पौधों का परिचय जैसे बदलाव हुए।

  3. किसानों पर प्रभाव (Impact on Farmers)

    • बड़े खेतों का उदय हुआ, लेकिन छोटे किसान विस्थापित हो गए और उन्हें बड़े खेतों पर मजदूरी करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

    • यह बदलाव कृषि क्षेत्र में औद्योगिकीकरण की शुरुआत का संकेत था।

  4. भारत में कपास और नील की खेती

    • ब्रिटिश उपनिवेशवाद ने भारतीय किसानों को नकद फसलें जैसे नील और कपास उगाने के लिए मजबूर किया, जिससे किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा।

    • चंपारण सत्याग्रह जैसे आंदोलनों ने किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।

  5. अमेरिका में डस्ट बाउल (Dust Bowl)

    • 1930 के दशक में अमेरिका के मध्य पश्चिमी भाग में सूखा और खराब कृषि अभ्यास के कारण एक बड़ी पारिस्थितिकी आपदा।

    • इससे किसानों का पलायन हुआ और कृषि प्रथाओं पर पुनर्विचार किया गया।

  6. नील विद्रोह और अन्य किसान आंदोलनों

    • भारतीय किसानों ने नील की जबरन खेती के खिलाफ विरोध किया, जैसे चंपारण सत्याग्रह (1917), जिसने नील की खेती को समाप्त किया।


महत्वपूर्ण शब्द

  1. एनक्लोजर: खुले साझा भूमि को निजी संपत्ति में बदलना।

  2. कृषि क्रांति: कृषि में नए तरीकों और मशीनों के उपयोग से होने वाली क्रांति।

  3. नील: एक पौधा, जिससे नीला रंग तैयार किया जाता है, और जिसे भारतीय किसानों से जबरन उगवाया जाता था।

  4. चंपारण सत्याग्रह: महात्मा गांधी द्वारा नील की जबरन खेती के खिलाफ किया गया आंदोलन।

  5. डस्ट बाउल: अमेरिका में 1930 के दशक में सूखा और खराब कृषि के कारण होने वाली बड़ी पारिस्थितिकी आपदा।

  6. नील विद्रोह: बंगाल और बिहार में नील की जबरन खेती के खिलाफ किसानों का विरोध।


महत्वपूर्ण घटनाएँ

  1. 16वीं-18वीं शताब्दी: इंग्लैंड में एनक्लोजर मूवमेंट की शुरुआत, जिसमें सार्वजनिक भूमि को निजी संपत्ति में बदला गया।

  2. 1830-1840: अमेरिका में कृषि भूमि का विस्तार, विशेषकर कपास और नील जैसी नकदी फसलों के लिए।

  3. 1859: अमेरिका में मशीनी ‘रीपर’ (Reaper) मशीन का आगमन, जिससे कटाई की प्रक्रिया तेज़ हुई।

  4. 1917: चंपारण सत्याग्रह की शुरुआत – गांधीजी ने बिहार के चंपारण जिले में नील की जबरन खेती के खिलाफ आंदोलन चलाया।


कृषि क्रांति के प्रभाव

  • सकारात्मक प्रभाव

    • कृषि उत्पादन में वृद्धि, नए प्रकार की फसलें और बेहतर कृषि उपकरणों का उपयोग।

    • बड़े खेतों का विकास और अधिक कुशल कृषि विधियों की शुरुआत।

    • खाद्य भंडारण में वृद्धि और औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहन।

  • नकारात्मक प्रभाव

    • छोटे किसानों का विस्थापन और गरीबी में वृद्धि।

    • सामाजिक असमानताएँ बढ़ीं, क्योंकि बड़े भूमि मालिकों को फायदा हुआ, जबकि छोटे किसान श्रमिक बन गए।

    • भूमि और संसाधनों के अत्यधिक उपयोग से पर्यावरणीय समस्याएँ पैदा हुईं, जैसे डस्ट बाउल।


किसानों के संघर्ष और आंदोलन

  • भारत में:

    • नील विद्रोह (1859-60): किसानों ने नील की जबरन खेती के खिलाफ विरोध किया।

    • चंपारण सत्याग्रह (1917): गांधीजी द्वारा नील की जबरन खेती के खिलाफ आंदोलन, जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में नया मोड़ लिया।

  • अमेरिका में:

    • किसानों को सूखा और खराब कृषि पद्धतियों के कारण डस्ट बाउल का सामना करना पड़ा, जिससे किसानों को पश्चिमी भाग में पलायन करना पड़ा।


महत्वपूर्ण व्यक्ति

  1. महात्मा गांधी: चंपारण सत्याग्रह के नेता, जिन्होंने नील की जबरन खेती के खिलाफ किसानों के लिए संघर्ष किया।

  2. जॉन डियर: स्टील हल के आविष्कारक, जिसने खेती की विधियों में क्रांति ला दी।


रिवीजन के लिए प्रश्न

  1. एनक्लोजर मूवमेंट क्या था?

  2. कृषि क्रांति के प्रभावों को समझाइए।

  3. अमेरिका में डस्ट बाउल की घटनाओं को विस्तार से बताइए।

  4. चंपारण सत्याग्रह का महत्व क्या था?

  5. ‘नील विद्रोह’ का क्या महत्व था?

वर्कशीट (Worksheet) - Test (कृषक और किसान)

1. शब्दार्थ (Word Meanings)
नीचे दिए गए शब्दों के अर्थ लिखें:

  1. कृषक

  2. एनक्लोजर

  3. औद्योगिक क्रांति

  4. थ्रेशर

  5. पलायन

  6. उपनिवेशवाद

  7. चंपारण सत्याग्रह

  8. नील विद्रोह


2. मुख्य विचार (Main Concepts)
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर 2-3 वाक्यों में दीजिए:

  1. एनक्लोजर मूवमेंट क्या था और यह किसानों पर कैसे प्रभाव डालता था?

  2. कृषि क्रांति का क्या प्रभाव पड़ा?

  3. भारत में नील की खेती के बारे में बताइए।

  4. चंपारण सत्याग्रह का महत्व क्या था?


3. महत्वपूर्ण घटनाएँ (Important Events)
नीचे दी गई घटनाओं का सही क्रम में लिखें:

  1. 1917 – चंपारण सत्याग्रह

  2. 1859 – अमेरिका में मशीनी ‘रीपर’ का आविष्कार

  3. 16वीं-18वीं शताब्दी – एनक्लोजर मूवमेंट की शुरुआत

  4. 1830-1840 – अमेरिका में कृषि भूमि का विस्तार


4. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Questions)
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर 140-180 शब्दों में दीजिए:

  1. एनक्लोजर मूवमेंट का इतिहास पर प्रभाव और किसानों के जीवन पर इसके प्रभावों को विस्तार से समझाइए।

  2. कृषि क्रांति के कारणों और परिणामों को विस्तार से समझाइए।

  3. चंपारण सत्याग्रह ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर क्या प्रभाव डाला?


5. समयरेखा (Timeline)
नीचे दी गई घटनाओं को समय की क्रम में लिखें:

  • 1860 के दशक – होमस्टेड एक्ट

  • 1857-58 – भारत में पहला स्वतंत्रता संग्राम

  • 1917 – चंपारण सत्याग्रह

  • 1860-1900 – भारत में नील की जबरन खेती का विरोध


6. छोटे उत्तर (Short Answer Questions)
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर 60-80 शब्दों में दीजिए:

  1. डस्ट बाउल क्या था और यह किसानों के लिए क्यों समस्या बना?

  2. नील विद्रोह के कारण और परिणाम क्या थे?

  3. कृषि संकट के कारण क्या थे और इसे कैसे हल किया जा सकता था?


7. शब्दों से मेल खाएं (Match the Following)

  1. एनक्लोजर मूवमेंट
    a) चंपारण सत्याग्रह

  2. थ्रेशर
    b) कृषि में तकनीकी बदलाव

  3. कृषि क्रांति
    c) जमीन का निजीकरण

  4. चंपारण सत्याग्रह
    d) फसल की कटाई में सहायता


8. MCQ (बहुविकल्पीय प्रश्न)
सही विकल्प चुनें:

  1. कृषि क्रांति का क्या प्रमुख कारण था?
    a) मशीनों का उपयोग
    b) किसानों की अधिक संख्या
    c) भूमि का अधिक उपयोग
    d) कृषि भूमि का विस्तार

  2. एनक्लोजर मूवमेंट में किसका लाभ हुआ?
    a) छोटे किसान
    b) बड़े किसान
    c) व्यापारी
    d) शहरी वर्ग


9. नक्शा कार्य (Map Work)
नीचे दिए गए नक्शे में इंग्लैंड और अमेरिका के प्रमुख कृषि क्षेत्र को चिह्नित करें:

  1. इंग्लैंड में कृषि क्षेत्रों का चिह्नन

  2. अमेरिका में डस्ट बाउल क्षेत्रों का चिह्नन


10. पुनरावलोकन प्रश्न (Review Questions)
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिए:

  1. एनक्लोजर मूवमेंट का किसानों पर क्या असर पड़ा?

  2. अमेरिका में डस्ट बाउल के दौरान क्या समस्याएँ उत्पन्न हुईं?

  3. भारत में नील की जबरन खेती के खिलाफ हुए आंदोलनों का महत्व क्या था?

  • उपर्युक्त प्रश्नों का उत्तर ध्यान से और अच्छी तरह से दें।

  • रिवीजन के समय पुनः इन सभी प्रश्नों का अभ्यास करें।

  • महत्वपूर्ण घटनाओं और तथ्यों को ध्यान में रखें।

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