घुमंतू साम्राज्य (Nomadic Empires)
यह अध्याय मुख्य रूप से मंगोल साम्राज्य और इसके संस्थापक चंगेज़ ख़ान पर केंद्रित है। मंगोलों का उदय, उनकी युद्ध नीति, प्रशासनिक व्यवस्था, सांस्कृतिक आदान-प्रदान तथा उनकी क्रूरता और सहिष्णुता दोनों पहलुओं पर चर्चा की गई है। मंगोल साम्राज्य मध्यकालीन विश्व इतिहास का सबसे बड़ा स्थलीय साम्राज्य था। यह अध्याय बताता है कि कैसे एक घुमंतू समुदाय ने विश्व इतिहास को गहराई से प्रभावित किया।
सारांश (Summary)
यह अध्याय मध्य एशिया में उभरे मंगोल साम्राज्य और उसके संस्थापक चंगेज़ ख़ान के जीवन, विजयों, शासन और प्रभावों पर केंद्रित है। यह बताता है कि किस प्रकार एक घुमंतू और बिखरे हुए मंगोल समुदाय को एक शक्तिशाली और संगठित साम्राज्य में बदला गया।
मंगोल एक घुमंतू जनजातीय समाज थे, जिनका मुख्य जीवन पशुपालन, घुड़सवारी और सीमित संसाधनों पर आधारित था। चंगेज़ ख़ान, जिनका असली नाम तेमूजिन था, ने विभिन्न मंगोल कबीलों को एकत्रित कर 1206 ई. में मंगोल साम्राज्य की स्थापना की। उनका साम्राज्य शीघ्र ही विश्व इतिहास का सबसे बड़ा स्थलीय साम्राज्य बन गया, जो चीन से लेकर यूरोप तक फैला था।
चंगेज़ ख़ान की सैन्य रणनीतियाँ, जैसे तेज़ घुड़सवार सेना, आतंक फैलाना, और युद्ध में क्रूरता का प्रयोग, अत्यधिक प्रभावशाली थीं। लेकिन वह केवल एक क्रूर विजेता नहीं, बल्कि एक कुशल प्रशासक भी था, जिसने साम्राज्य को कर व्यवस्था, संदेश व्यवस्था (याम प्रणाली) और धार्मिक सहिष्णुता जैसे सिद्धांतों से संगठित किया।
इस अध्याय में यह भी दर्शाया गया है कि मंगोल साम्राज्य ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान, व्यापार मार्गों की सुरक्षा (जैसे रेशम मार्ग) और शांति (पाक्स मोंगोलिका) को भी बढ़ावा दिया। हालांकि, कई स्थानों पर मंगोल आक्रमणों ने भारी विनाश और जनसंहार भी किया।
✅ 1. मंगोलों का उद्भव और चंगेज़ ख़ान का प्रारंभिक जीवन
मंगोल एक घुमंतू समुदाय थे जो मध्य एशिया के स्टेपी क्षेत्र में रहते थे।
इनका जीवन चरागाहों, पशुपालन और घोड़ों पर निर्भर था।
चंगेज़ ख़ान का जन्म 1162 ई. में ‘तेमूजिन’ नाम से हुआ था।
पिता की हत्या के बाद तेमूजिन को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।
उसने धीरे-धीरे अन्य मंगोल कबीलों को एकजुट किया।
वर्ष 1206 ई. में उसे ‘चंगेज़ ख़ान’ की उपाधि दी गई, जिसका अर्थ है “समूचे विश्व का शासक”।
✅ 2. मंगोलों की युद्ध नीति और सैन्य शक्ति
मंगोलों की सेना मुख्य रूप से घुड़सवार थी, जो अत्यधिक अनुशासित और तेज गति वाली थी।
वे धनुष-बाण, तलवार और भाले का उपयोग करते थे।
युद्ध में ‘आश्चर्यजनक हमला’, ‘छल नीति’ और ‘आतंक’ का प्रयोग करते थे।
सेना को ‘दसियों’, ‘सौ’, ‘हज़ार’ और ‘दस हज़ार’ की इकाइयों में बाँटा गया था।
संदेश और सूचना के लिए विशेष सवारी संदेशवाहक प्रणाली विकसित की गई थी।
✅ 3. मंगोल साम्राज्य का विस्तार
चंगेज़ ख़ान ने उत्तरी चीन पर हमला किया (1211-1215 ई.)।
1219-1221 ई. में उसने ख्वारज़म साम्राज्य पर भीषण आक्रमण किया।
समरकंद, बुखारा जैसे प्रसिद्ध नगरों को लूटा और नष्ट किया।
मंगोल आक्रमणों में कभी-कभी बहुत क्रूरता दिखाई गई – पूरा-का-पूरा नगर तबाह कर दिए जाते थे।
चंगेज़ ख़ान की मृत्यु (1227 ई.) के बाद भी मंगोल साम्राज्य का विस्तार होता रहा।
मंगोल सेनाएँ रूस, मध्य यूरोप और पश्चिम एशिया तक पहुँचीं।
✅ 4. मंगोल प्रशासनिक व्यवस्था
मंगोल शासकों ने प्रशासनिक दृष्टि से साम्राज्य को कई भागों में बाँटा।
कर प्रणाली को व्यवस्थित किया गया।
व्यापार मार्गों की सुरक्षा की गई जिससे सिल्क रूट पुनः सक्रिय हुआ।
धार्मिक सहिष्णुता मंगोलों की विशेषता थी – उन्होंने बौद्ध, इस्लाम, ईसाई और अन्य धर्मों को मान्यता दी।
न्याय और कानून व्यवस्था के लिए यासा (Yasa) नामक क़ानून बनाए गए।
✅ 5. चंगेज़ ख़ान का व्यक्तित्व और विरासत
चंगेज़ ख़ान एक कठोर लेकिन दूरदर्शी शासक था।
उसने संगठन, युद्ध नीति, प्रशासन और धर्म के क्षेत्र में गहरी समझ दिखाई।
उसने जनजातीय समुदाय को साम्राज्य में बदला।
उसकी मृत्यु के बाद उसका साम्राज्य चार भागों में बंट गया:
युआन वंश (चीन),
चगाताई खानते (मध्य एशिया),
इलखानते (ईरान),
गोल्डन होर्ड (रूस)।
✅ 6. मंगोलों का सांस्कृतिक और वैश्विक प्रभाव
मंगोल शासन के दौरान चीन, फारस और यूरोप के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान हुआ।
व्यापारिक मार्ग जैसे सिल्क रूट पुनः सुरक्षित हुए।
वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक विचारों का आदान-प्रदान बढ़ा।
यद्यपि मंगोलों को अत्याचारी माना गया, उन्होंने प्रशासन, कानून, और वैश्विक संपर्कों को बढ़ावा दिया।
✅ 7. आलोचना और इतिहास में मंगोलों की छवि
कई इतिहासकारों ने मंगोलों को अत्यंत क्रूर आक्रमणकारी बताया है।
वहीं कुछ विद्वानों ने चंगेज़ ख़ान की संगठनात्मक और प्रशासनिक कुशलता की सराहना की है।
मंगोल इतिहास की छवि उनके सामूहिक योगदान और क्रूरता के संतुलन के साथ देखी जाती है।
‘घुमंतू साम्राज्य’ अध्याय से यह स्पष्ट होता है कि कैसे एक गरीब, घुमंतू समुदाय ने अपने साहस, संगठन और नीति के बल पर विश्व का सबसे बड़ा साम्राज्य बनाया। चंगेज़ ख़ान इतिहास के सबसे प्रभावशाली नेताओं में एक था, जिसकी विरासत आज भी इतिहासकारों और विद्वानों को प्रेरित करती है।
शब्दार्थ (Word Meaning)
शब्द | अर्थ (Meaning in Hindi) | व्याख्या / उदाहरण |
---|---|---|
घुमंतू (Nomadic) | जो एक स्थान पर स्थायी रूप से न रहकर घूम-घूमकर जीवन यापन करते हैं। | मंगोल जनजातियाँ घुमंतू जीवनशैली अपनाती थीं। |
साम्राज्य (Empire) | एक विस्तृत भूभाग जिसमें एक ही शासक का शासन होता है। | मंगोल साम्राज्य 13वीं शताब्दी में विशालतम था। |
खान (Khan) | तुर्की-मंगोल सभ्यता में एक प्रमुख/शासक के लिए प्रयुक्त उपाधि। | तेमूजिन को 'चंगेज़ ख़ान' की उपाधि दी गई। |
तेमूजिन (Temujin) | चंगेज़ ख़ान का वास्तविक नाम। | तेमूजिन ने मंगोल कबीलों को संगठित कर साम्राज्य की स्थापना की। |
यासा (Yasa) | चंगेज़ ख़ान द्वारा बनाए गए कानूनों का संग्रह। | यासा मंगोलों के लिए न्याय और शासन का आधार था। |
चरागाह (Pasture) | वह भूमि जहाँ पशु चरते हैं। | मंगोलों का जीवन चरागाहों पर आधारित था। |
सिल्क रूट (Silk Route) | प्राचीन व्यापारिक मार्ग जो चीन से यूरोप तक फैला था। | मंगोल शासन में यह मार्ग सुरक्षित और सक्रिय हुआ। |
इलखानते (Ilkhanate) | मंगोल साम्राज्य का ईरान स्थित एक भाग। | मंगोल साम्राज्य की मृत्यु के बाद यह खंड अस्तित्व में आया। |
चगाताई खानते | मध्य एशिया स्थित मंगोल साम्राज्य का एक खंड। | चगाताई चंगेज़ ख़ान का पुत्र था, जिसके नाम पर यह राज्य बना। |
गोल्डन होर्ड (Golden Horde) | रूस स्थित मंगोल शासन क्षेत्र। | यह मंगोलों की पश्चिमी शाखा थी। |
धनुष-बाण (Bow and Arrow) | युद्ध के लिए प्रयोग किया जाने वाला हथियार। | मंगोल घुड़सवार धनुष चलाने में दक्ष थे। |
संदेशवाहक (Messenger) | सूचना पहुँचाने वाला व्यक्ति। | मंगोलों ने संदेशवाहकों की एक तेज़ प्रणाली विकसित की थी। |
क्रूरता (Cruelty) | अमानवीय व्यवहार या हिंसा। | मंगोल आक्रमणों में कभी-कभी अत्यधिक क्रूरता दिखाई गई। |
धार्मिक सहिष्णुता (Religious Tolerance) | सभी धर्मों के प्रति सम्मान और सहनशीलता। | मंगोलों ने विभिन्न धर्मों को स्वीकार किया और उन्हें स्वतंत्रता दी। |
उत्तरी चीन (Northern China) | चीन का वह भाग जहाँ मंगोलों ने सबसे पहले आक्रमण किया। | 1211-1215 ई. के दौरान मंगोलों ने उत्तरी चीन को अपने अधीन किया। |
ख्वारज़म साम्राज्य (Khwarazm Empire) | मध्य एशिया का एक मुस्लिम साम्राज्य। | चंगेज़ ख़ान ने 1219-1221 ई. में इस पर हमला किया। |
विरासत (Legacy) | किसी व्यक्ति या सभ्यता द्वारा छोड़ा गया स्थायी प्रभाव। | चंगेज़ ख़ान की विरासत प्रशासन, युद्धनीति और संगठन में आज भी अध्ययन का विषय है। |
आक्रमण (Invasion) | किसी क्षेत्र पर बलपूर्वक हमला करना। | मंगोलों ने कई क्षेत्रों पर आक्रमण कर उन्हें जीत लिया। |
घुड़सवार सेना (Cavalry) | घोड़े पर सवार होकर युद्ध करने वाली सेना। | मंगोलों की प्रमुख शक्ति उनकी घुड़सवार सेना थी। |
माइंड मैप (Mind Map)
टाइमलाइन (Timeline)
वर्ष | घटना | विवरण |
---|---|---|
1162 ई. | तेमूजिन का जन्म | मंगोलियाई घास के मैदानों में एक प्रमुख मंगोल सरदार के पुत्र के रूप में जन्म। बाद में यही तेमूजिन "चंगेज़ ख़ान" बना। |
1206 ई. | चंगेज़ ख़ान की उपाधि | मंगोल कबीलों की एक महासभा (कुरिलताई) में तेमूजिन को "चंगेज़ ख़ान" की उपाधि दी गई और वह मंगोलों का सर्वोच्च नेता बना। |
1211-1215 ई. | उत्तरी चीन पर आक्रमण | चंगेज़ ख़ान ने जिन वंश (Jin Dynasty) के शासन वाले उत्तरी चीन पर हमला कर उसे अपने अधीन कर लिया। |
1219-1221 ई. | ख्वारज़म साम्राज्य पर हमला | चंगेज़ ख़ान ने मध्य एशिया के शक्तिशाली ख्वारज़म साम्राज्य पर आक्रमण किया और इसे नष्ट कर दिया। |
1227 ई. | चंगेज़ ख़ान की मृत्यु | चीन में युद्ध अभियान के दौरान चंगेज़ ख़ान की मृत्यु हुई। इसके बाद मंगोल साम्राज्य को उनके पुत्रों में बाँटा गया। |
1236-1240 ई. | रूस पर गोल्डन होर्ड का आक्रमण | बट्टू ख़ान के नेतृत्व में मंगोल सेना ने रूस पर हमला किया और गोल्डन होर्ड की स्थापना की। |
1258 ई. | बगदाद पर आक्रमण | चंगेज़ ख़ान के पोते हुलागु ख़ान ने बगदाद पर आक्रमण किया, अब्बासी ख़िलाफ़त का अंत किया और इलखानते की स्थापना की। |
1260 ई. | ऐन जलूत की लड़ाई | ममलूक सुल्तानों ने फिलिस्तीन में मंगोलों को हराया, यह मंगोल विस्तार को रोकने वाली पहली बड़ी हार थी। |
1271-1294 ई. | कुब्लई ख़ान का शासन | कुब्लई ख़ान ने युआन वंश की स्थापना की और चीन में मंगोल शासन को सुदृढ़ किया। |
14वीं शताब्दी | मंगोल साम्राज्य का पतन | विशाल साम्राज्य धीरे-धीरे स्वतंत्र खंडों में विभाजित हो गया और मंगोल सत्ता का प्रभाव समाप्त हुआ। |
मैप वर्क (Map Work)
✅ A. प्रारंभिक मंगोल क्षेत्र (Core Mongol Region)
मंगोलिया के घास के मैदान (Steppes of Mongolia):
मंगोलों का मूल निवास स्थान।
यहाँ पर तेमूजिन (चंगेज़ ख़ान) का जन्म हुआ।
विद्यार्थियों को वर्तमान मंगोलिया (Mongolia) का क्षेत्र दिखाना।
✅ B. मंगोल साम्राज्य का विस्तार
विद्यार्थियों को एक खाली या रंगीन विश्व मानचित्र पर यह विस्तार दिखाया जाना चाहिए:
उत्तरी चीन (Northern China)
जिन वंश का क्षेत्र, जिसे 1211-1215 ई. में चंगेज़ ख़ान ने जीता।
ख्वारज़म साम्राज्य (Khwarazm Empire) – मध्य एशिया
वर्तमान उज़्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ईरान का क्षेत्र।
1219-1221 ई. में मंगोलों का आक्रमण।
रूस (Russia) – गोल्डन होर्ड
1236-1240 ई. में बट्टू ख़ान द्वारा आक्रमण और शासन।
ईरान और बगदाद (Iran & Baghdad) – इलखानते
1258 ई. में हुलागु ख़ान का आक्रमण।
अब्बासी ख़िलाफ़त का अंत।
मध्य पूर्व (Middle East) – ऐन जलूत (Ain Jalut, फिलिस्तीन)
ममलूक सुल्तानों द्वारा मंगोलों की पराजय का स्थान (1260 ई.)।
चीन – युआन वंश (Yuan Dynasty)
कुब्लई ख़ान द्वारा 1271-1294 ई. में स्थापित।
आधुनिक चीन के अधिकांश भाग पर शासन।
✅ C. प्रमुख मार्ग और व्यापारिक रास्ते
सिल्क रूट (Silk Route)
चीन से मध्य एशिया, फारस होते हुए यूरोप तक जाता था।
मंगोल साम्राज्य ने इस मार्ग को सुरक्षित बनाया।
संदेश प्रणाली मार्ग (Messenger Routes):
मंगोलों ने तेज़ संदेश प्रणाली विकसित की थी।
नक्शे पर मुख्य मार्गों को तीरों से दिखाएँ।
✅ D. मंगोल साम्राज्य के चार प्रमुख खंड (बंटवारे के बाद)
युआन वंश (Yuan Dynasty) – चीन
चगाताई खानते (Chagatai Khanate) – मध्य एशिया
इलखानते (Ilkhanate) – ईरान और आसपास
गोल्डन होर्ड (Golden Horde) – रूस और पूर्वी यूरोप
🧭 शिक्षण रणनीति (Teaching Strategy)
रंगीन मार्कर / चाक का उपयोग: भिन्न-भिन्न क्षेत्रों को अलग रंगों में दिखाएँ।
तारीखें और घटनाएँ: प्रत्येक क्षेत्र पर उस से संबंधित घटना और तिथि लिखवाएँ।
छात्र सहभागिता: छात्रों को मानचित्र पर स्थान पहचानने और रंग भरने के लिए प्रेरित करें।
स्थानों का क्रमबद्ध वर्णन: आक्रमणों की दिशा (पूर्व से पश्चिम) स्पष्ट करें।
🎯 उद्देश्य (Objective)
विद्यार्थियों को यह समझ आए कि मंगोल साम्राज्य कितना विशाल था।
वे समझ सकें कि घुमंतू समाज ने स्थाई साम्राज्यों पर किस तरह विजय प्राप्त की।
विश्व इतिहास में मंगोल साम्राज्य का भौगोलिक महत्व और राजनीतिक प्रभाव क्या था।
मैप प्रैक्टिस (Map Practice)
🎯 मैप प्रैक्टिस का उद्देश्य (Objectives of Map Practice)
मंगोल साम्राज्य के विस्तार को भौगोलिक रूप से समझना।
प्रमुख आक्रमण स्थलों, मार्गों और खंडित साम्राज्यों की पहचान।
प्रमुख नदियाँ, शहर, और व्यापारिक मार्गों को याद रखना।
ऐतिहासिक घटनाओं को उनके स्थानों से जोड़ना।
🗺️ प्रश्न आधारित मैप अभ्यास (Map-Based Practice Questions)
🔹 प्रश्न 1. निम्नलिखित स्थानों को नक्शे में दर्शाइए और नाम लिखिए –
मंगोलिया
कराकोरम (चंगेज़ ख़ान की राजधानी)
उत्तरी चीन (Jin Dynasty का क्षेत्र)
समरकंद और बुख़ारा (ख्वारज़म साम्राज्य के प्रमुख शहर)
बगदाद
मास्को
ऐन जलूत (फिलिस्तीन)
बीजिंग (कुब्लई ख़ान द्वारा शासित युआन वंश की राजधानी)
🔹 प्रश्न 2. नक्शे पर तीर द्वारा मंगोल आक्रमणों के मार्ग दर्शाइए –
1211-1215 ई.: उत्तरी चीन की ओर चंगेज़ ख़ान का अभियान
1219-1221 ई.: ख्वारज़म साम्राज्य की ओर अभियान
1236-1240 ई.: रूस की ओर बट्टू ख़ान का आक्रमण
1258 ई.: बगदाद की ओर हुलागु ख़ान का आक्रमण
🔹 प्रश्न 3. निम्नलिखित चार मंगोल खंडों को अलग-अलग रंगों में दर्शाइए –
युआन वंश (चीन)
चगाताई ख़ानते (मध्य एशिया)
इलखानते (ईरान और बगदाद)
गोल्डन होर्ड (रूस और पूर्वी यूरोप)
🔹 प्रश्न 4. सिल्क रूट (Silk Route) को नक्शे पर दिखाइए।
बताइए कि मंगोल शासन के समय इस मार्ग पर व्यापार कैसे सुरक्षित और सुचारू हुआ।
✍️ व्यवहारिक कार्य (Activity)
छात्रों को ब्लैंक वर्ल्ड मैप दिया जाए।
उपरोक्त प्रश्नों के अनुसार छात्रों को स्थान चिह्नित करने और आक्रमण मार्ग बनाने का कार्य सौंपा जाए।
उन्हें अलग-अलग रंगों का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाए:
मंगोल साम्राज्य – पीला
युद्ध स्थल – लाल बिंदु
व्यापार मार्ग – नीला
चार खंडित साम्राज्य – चार भिन्न रंगों में
वैकल्पिक प्रश्न (MCQ) उत्तर सहित व्याख्या
1. मंगोल साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
a) हुलागू ख़ान
b) बट्टू ख़ान
c) तेमूजिन (चंगेज़ ख़ान)
d) कुब्लई ख़ानउत्तर: c) तेमूजिन (चंगेज़ ख़ान)
व्याख्या: तेमूजिन, जिन्हें बाद में चंगेज़ ख़ान कहा गया, ने 1206 ईस्वी में मंगोल कबीलों को एकजुट करके विशाल मंगोल साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने घुमंतू जनजातियों को संगठित कर एक शक्तिशाली साम्राज्य बनाया।2. मंगोलों का सबसे प्रमुख हथियार कौन सा था?
a) तलवार
b) धनुष-बाण
c) भाला
d) भाला और तलवारउत्तर: b) धनुष-बाण
व्याख्या: मंगोलों की सेना घुड़सवार सेना थी और वे धनुष-बाण चलाने में बहुत कुशल थे। उनके योद्धा दूर से ही धनुष से निशाना साधकर शत्रु को कमजोर कर देते थे।3. मंगोलों के शासन में किस व्यापारिक मार्ग ने विशेष महत्व प्राप्त किया?
a) मेसोपोटामिया मार्ग
b) सिल्क रूट
c) सुमेरियन मार्ग
d) हिन्द महासागर मार्गउत्तर: b) सिल्क रूट
व्याख्या: मंगोल साम्राज्य ने सिल्क रूट को सुरक्षित बनाया जिससे चीन और यूरोप के बीच व्यापार में वृद्धि हुई। यह मार्ग व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का प्रमुख केंद्र बन गया।4. ‘यासा’ क्या था?
a) मंगोल साम्राज्य की राजधानी
b) मंगोलों का युद्ध हथियार
c) चंगेज़ ख़ान द्वारा बनाए गए कानूनों का संग्रह
d) मंगोलों की सेना का नामउत्तर: c) चंगेज़ ख़ान द्वारा बनाए गए कानूनों का संग्रह
व्याख्या: यासा मंगोलों के लिए एक कठोर और संगठित कानून व्यवस्था थी जो सामाजिक नियमों, युद्ध नीति और प्रशासन के लिए निर्देश प्रदान करती थी।5. मंगोल साम्राज्य के पतन का प्रमुख कारण क्या था?
a) विदेशी आक्रमण
b) प्राकृतिक आपदाएँ
c) साम्राज्य का खंडित होना और आपसी संघर्ष
d) व्यापार का पतनउत्तर: c) साम्राज्य का खंडित होना और आपसी संघर्ष
व्याख्या: विशाल मंगोल साम्राज्य धीरे-धीरे अलग-अलग हिस्सों में बंट गया, जहां अलग-अलग खानों ने अलग-अलग क्षेत्र पर शासन किया, जिससे सामूहिक शक्ति कमजोर हो गई और पतन की शुरुआत हुई।6. मंगोल साम्राज्य के किस खंड को ‘गोल्डन होर्ड’ कहा जाता था?
a) चीन
b) रूस और पूर्वी यूरोप
c) ईरान
d) मध्य एशियाउत्तर: b) रूस और पूर्वी यूरोप
व्याख्या: गोल्डन होर्ड मंगोल साम्राज्य की पश्चिमी शाखा थी, जो मुख्य रूप से रूस और पूर्वी यूरोप के क्षेत्र में फैली थी।7. ऐन जलूत की लड़ाई का महत्व क्या है?
a) मंगोलों की पहली बड़ी जीत
b) मंगोलों की पहली बड़ी हार
c) मंगोलों द्वारा चीन पर कब्जा
d) मंगोलों का यूरोप में विस्तारउत्तर: b) मंगोलों की पहली बड़ी हार
व्याख्या: 1260 ई. में ममलूक सुल्तानों ने फिलिस्तीन के ऐन जलूत में मंगोलों को हराकर उनका विस्तार रोक दिया। यह मंगोलों की पहली बड़ी हार थी जिसने उनकी पश्चिमी विजय को रोका।8. मंगोल साम्राज्य का सबसे बड़ा विस्तार किसके शासन में हुआ?
a) तेमूजिन
b) हुलागू ख़ान
c) चंगेज़ ख़ान
d) कुब्लई ख़ानउत्तर: c) चंगेज़ ख़ान
व्याख्या: चंगेज़ ख़ान ने अपने जीवनकाल में मंगोल साम्राज्य को सबसे व्यापक रूप दिया। उनके नेतृत्व में मंगोल सेना ने चीन, मध्य एशिया, रूस, और मध्य पूर्व के बड़े हिस्सों पर विजय प्राप्त की।9. मंगोलों ने किस धर्म के प्रति धार्मिक सहिष्णुता दिखाई?
a) केवल तंगृतावाद
b) सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता
c) केवल बौद्ध धर्म
d) केवल इस्लामउत्तर: b) सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता
व्याख्या: मंगोल शासकों ने सभी धर्मों को सम्मान और स्वतंत्रता दी, जिससे साम्राज्य में धार्मिक विवाद कम हुए और विविध धार्मिक समुदाय शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में रहे।10. मंगोल साम्राज्य का मुख्य प्रशासनिक केंद्र कहाँ था?
a) कराकोरम
b) युआन
c) बगदाद
d) समरकंदउत्तर: a) कराकोरम
व्याख्या: कराकोरम मंगोल साम्राज्य की प्रारंभिक राजधानी थी जहाँ से चंगेज़ ख़ान और उनके उत्तराधिकारियों ने शासन किया।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (30-40 शब्दों में)
1. मंगोल साम्राज्य की स्थापना कब और किसने की थी?
उत्तर: मंगोल साम्राज्य की स्थापना 1206 ई. में तेमूजिन ने की, जिन्हें बाद में चंगेज़ ख़ान कहा गया। उन्होंने विभिन्न मंगोल कबीलों को एकजुट कर एक विशाल और शक्तिशाली साम्राज्य की नींव रखी।
2. मंगोलों की सेना की प्रमुख ताकत क्या थी?
उत्तर: मंगोलों की सेना की प्रमुख ताकत उनकी घुड़सवार सेना थी, जो धनुष-बाण में बहुत कुशल थी। यह तेज़ और संगठित सेना दूर से निशाना साधकर युद्ध करती थी।
3. ‘यासा’ का क्या महत्व था?
उत्तर: यासा चंगेज़ ख़ान द्वारा बनाए गए कानूनों का संग्रह था, जो मंगोल समाज के लिए नियम और न्याय का आधार था। यह साम्राज्य की कठोर व्यवस्था और अनुशासन को बनाए रखता था।
4. मंगोल साम्राज्य में धार्मिक सहिष्णुता कैसे दिखी?
उत्तर: मंगोल शासकों ने सभी धर्मों को समान सम्मान दिया और धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित की। इससे विभिन्न धर्मों के लोग बिना भय के शांतिपूर्वक रहते थे।
5. सिल्क रूट मंगोल साम्राज्य में क्यों महत्वपूर्ण था?
उत्तर: सिल्क रूट व्यापार मार्ग था जो चीन से यूरोप तक फैला था। मंगोलों ने इसे सुरक्षित बनाया जिससे व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में वृद्धि हुई।
6. ऐन जलूत की लड़ाई का परिणाम क्या था?
उत्तर: 1260 ई. में ममलूक सुल्तानों ने ऐन जलूत में मंगोलों को हराया, जो उनकी पहली बड़ी हार थी। इस लड़ाई ने मंगोलों के पश्चिमी विस्तार को रोक दिया।
7. मंगोल साम्राज्य के विभाजन के कारण क्या थे?
उत्तर: विशाल साम्राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बंटने, शासकों के बीच सत्ता संघर्ष, और स्थानीय राजनीतिक अस्थिरता के कारण मंगोल साम्राज्य धीरे-धीरे कमजोर हुआ और विभाजित हो गया।
8. चंगेज़ ख़ान का असली नाम क्या था?
उत्तर: चंगेज़ ख़ान का असली नाम तेमूजिन था। उन्होंने मंगोल कबीलों को संगठित कर विशाल साम्राज्य की स्थापना की।
9. गोल्डन होर्ड किस क्षेत्र का नाम है?
उत्तर: गोल्डन होर्ड मंगोल साम्राज्य का वह खंड था जो रूस और पूर्वी यूरोप में स्थित था। इसे मंगोलों की पश्चिमी शाखा माना जाता है।
10. मंगोल साम्राज्य की राजधानी कहाँ थी?
उत्तर: मंगोल साम्राज्य की प्रारंभिक राजधानी कराकोरम थी, जहाँ से चंगेज़ ख़ान और उनके उत्तराधिकारी शासन करते थे।
लघु उत्तरीय प्रश्न (60-80 शब्दों में)
प्रश्न 1. चंगेज़ ख़ान कौन था और उसका मंगोल साम्राज्य पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: चंगेज़ ख़ान मंगोलिया का एक शक्तिशाली नेता था, जिसका असली नाम तेमूजिन था। उसने 1206 ई. में मंगोल कबीलों को एकजुट कर मंगोल साम्राज्य की स्थापना की। उसने एक अनुशासित और तेज़ गति से चलने वाली घुड़सवार सेना बनाई, जिसने एशिया और यूरोप के बड़े हिस्सों पर विजय प्राप्त की। चंगेज़ ख़ान के नेतृत्व में मंगोल साम्राज्य विश्व का सबसे बड़ा साम्राज्य बना।
प्रश्न 2. मंगोल शासन की विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर: मंगोल शासन की मुख्य विशेषताएँ कठोर अनुशासन, सैनिक संगठन, धार्मिक सहिष्णुता और व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा थीं। ‘यासा’ नामक कानून प्रणाली लागू कर न्याय व्यवस्था को नियंत्रित किया गया। मंगोलों ने सिल्क रूट को सुरक्षित बनाकर अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा दिया। विभिन्न धर्मों को सम्मान देकर उन्होंने सामाजिक स्थिरता बनाए रखी।
प्रश्न 3. मंगोलों द्वारा किए गए प्रमुख आक्रमणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: मंगोलों ने 13वीं शताब्दी में कई बड़े आक्रमण किए। 1211-1215 ई. में उत्तरी चीन पर आक्रमण कर जिन वंश को हराया। 1219-1221 ई. में ख्वारज़म साम्राज्य को नष्ट किया। 1236-1240 ई. में रूस पर हमला कर गोल्डन होर्ड की स्थापना की। 1258 ई. में बगदाद पर आक्रमण कर अब्बासी ख़िलाफ़त का अंत कर दिया। इन आक्रमणों से मंगोल साम्राज्य तेज़ी से फैला।
प्रश्न 4. कुब्लई ख़ान का शासनकाल मंगोल इतिहास में क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: कुब्लई ख़ान चंगेज़ ख़ान का पोता था, जिसने 1271 ई. में युआन वंश की स्थापना की और चीन में मंगोल शासन को स्थायित्व प्रदान किया। उसने बौद्ध धर्म को संरक्षण दिया और प्रशासनिक सुधार किए। चीन में व्यापार, कला और संस्कृति को बढ़ावा मिला। उसका शासन मंगोलों की सांस्कृतिक समावेशिता और राजनीतिक परिपक्वता का प्रतीक है।
प्रश्न 5. ऐन जलूत की लड़ाई का क्या महत्व था?
उत्तर: 1260 ई. में फिलिस्तीन के ऐन जलूत में ममलूक सुल्तानों ने मंगोलों को हराया। यह मंगोलों की पहली बड़ी हार थी और इसके बाद उनका पश्चिमी विस्तार रुक गया। यह लड़ाई इस्लामी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, क्योंकि इससे बगदाद पर मंगोल आक्रमण के बाद फैले आतंक का अंत हुआ और मुस्लिम शासनों को पुनः संगठित होने का अवसर मिला।
प्रश्न 6. यासा क्या था और इसका उद्देश्य क्या था?
उत्तर: यासा चंगेज़ ख़ान द्वारा बनाया गया एक कानून संग्रह था, जिसे मंगोल साम्राज्य में न्याय और शासन व्यवस्था बनाए रखने के लिए लागू किया गया था। इसमें सामाजिक, सैनिक और राजनीतिक नियमों का उल्लेख था। यासा का उद्देश्य था – अनुशासन, एकता, और नियंत्रण स्थापित करना। इससे मंगोल साम्राज्य में स्थायित्व और समानता आई और विभिन्न क्षेत्रों को एक नीति के अंतर्गत चलाया गया।
प्रश्न 7. मंगोलों की सैन्य रणनीतियाँ क्या थीं?
उत्तर: मंगोलों की सैन्य रणनीतियाँ तीव्र गति, घुड़सवार सेना, छापामार युद्ध, नकली पीछे हटना और संदेश व्यवस्था पर आधारित थीं। वे छोटी-छोटी टुकड़ियों में बँटे होते और शत्रु को भ्रमित करते। उनका संचार नेटवर्क बहुत तेज़ था। युद्ध के दौरान मनोवैज्ञानिक दबाव और दहशत फैलाकर विजय प्राप्त करना उनकी प्रमुख रणनीति थी, जिससे उन्होंने विशाल क्षेत्रों पर नियंत्रण किया।
प्रश्न 8. मंगोल साम्राज्य के विभाजन का क्या कारण था?
उत्तर: चंगेज़ ख़ान की मृत्यु के बाद साम्राज्य को उसके बेटों और पोतों में बाँट दिया गया। यह विभाजन चार प्रमुख भागों – युआन वंश, चगाताई खानते, इलखानते, और गोल्डन होर्ड – में हुआ। इन खंडों के बीच सत्ता संघर्ष, भौगोलिक दूरी, सांस्कृतिक भिन्नता, और प्रशासनिक असमानताएँ विभाजन के मुख्य कारण बने। परिणामस्वरूप, साम्राज्य धीरे-धीरे कमजोर होकर पतन की ओर बढ़ा।
प्रश्न 9. सिल्क रूट को मंगोलों ने कैसे प्रभावित किया?
उत्तर: मंगोल शासन के दौरान सिल्क रूट को विशेष सुरक्षा और प्रोत्साहन मिला। चंगेज़ ख़ान और उनके उत्तराधिकारियों ने व्यापारियों को संरक्षण दिया, डाक व्यवस्था सुधारी, और लुटेरों पर नियंत्रण रखा। इससे चीन से यूरोप तक व्यापार आसान हो गया। मंगोलों की वजह से वस्त्र, मसाले, ज्ञान और संस्कृति का आदान-प्रदान बढ़ा, जिसे Pax Mongolica कहा जाता है।
प्रश्न 10. मंगोलों की धार्मिक नीति क्या थी?
उत्तर: मंगोल शासकों ने धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई। वे स्वयं शमानी, बौद्ध, इस्लामिक या ईसाई धार्मिक प्रभाव में रहते, लेकिन अपने अधीनस्थ क्षेत्रों के धर्मों को भी सम्मान देते थे। मठों, मस्जिदों और गिरजाघरों को संरक्षण मिला। इससे मंगोल साम्राज्य में सांस्कृतिक विविधता बनी रही और राजनीतिक स्थिरता में सहायता मिली।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (140-180 शब्दों में)
प्रश्न 1. चंगेज़ ख़ान के जीवन और उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: चंगेज़ ख़ान, जिनका वास्तविक नाम तेमूजिन था, का जन्म 1162 ई. में मंगोलिया के घास के मैदानों में हुआ था। उन्होंने बचपन में अनेक कठिनाइयाँ झेलीं, परंतु अपनी वीरता, संगठन क्षमता और नेतृत्व गुणों के कारण उन्होंने मंगोल कबीलों को एकजुट किया। 1206 ई. में कुरिलताई सभा में उन्हें “चंगेज़ ख़ान” की उपाधि दी गई और वे मंगोलों के सर्वोच्च नेता बने। उन्होंने उत्तरी चीन, मध्य एशिया, ख्वारज़म साम्राज्य जैसे क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की। चंगेज़ ख़ान ने ‘यासा’ नामक कानून संहिता बनाई जिससे साम्राज्य में अनुशासन कायम रहा। वे कुशल सैन्य रणनीतिकार थे और उनकी घुड़सवार सेना अत्यधिक शक्तिशाली थी। 1227 ई. में उनकी मृत्यु के बाद उनका साम्राज्य चार भागों में बाँट दिया गया। चंगेज़ ख़ान की उपलब्धियाँ उन्हें विश्व इतिहास के सबसे प्रभावशाली शासकों में शामिल करती हैं।
प्रश्न 2. मंगोल साम्राज्य के प्रशासनिक ढाँचे की विशेषताएँ समझाइए।
उत्तर: मंगोल साम्राज्य का प्रशासनिक ढाँचा चंगेज़ ख़ान द्वारा निर्मित ‘यासा’ कानून पर आधारित था। यह एक लिखित संहिता नहीं थी, लेकिन परंपराओं और आदेशों का संग्रह थी, जो सेना, दंड, कर व्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था को नियंत्रित करती थी। साम्राज्य को कई भागों में बाँटा गया था, प्रत्येक का प्रमुख ‘खान’ कहलाता था। केंद्र में महान ख़ान का शासन होता था। मंगोल शासन में सैन्य अनुशासन, कर संग्रह प्रणाली, गुप्तचर व्यवस्था और संचार तंत्र अत्यंत सशक्त था। संदेशवाहकों (याम प्रणाली) द्वारा तीव्र गति से संचार संभव था। धार्मिक सहिष्णुता भी उनकी प्रशासनिक नीति का हिस्सा थी। व्यापारिक मार्गों, विशेषकर सिल्क रूट, की सुरक्षा को विशेष महत्त्व दिया गया। मंगोल प्रशासन ने युद्ध और शासन दोनों में संतुलन बनाए रखा और एक विशाल क्षेत्र को स्थिर रूप से नियंत्रित किया।
प्रश्न 3. मंगोलों के युद्ध कौशल और सैन्य रणनीति का वर्णन कीजिए।
उत्तर: मंगोलों की सैन्य शक्ति का आधार उनकी घुड़सवार सेना थी, जो तेज़ी, संगठन और अनुशासन में अद्वितीय थी। मंगोल योद्धा धनुष-बाण, तलवार और लांसे जैसे हथियारों में निपुण होते थे। उनकी रणनीति में झूठे पीछे हटना, दुश्मन को भ्रमित करना, चारों ओर से घेरना और अचानक आक्रमण प्रमुख थे। सेना को दशमलव प्रणाली में बाँटा गया था – दस, सौ, हजार और दस हजार की इकाइयों में। हर सैनिक को रणनीति, शिकार और सर्दी-गर्मी दोनों में जीवित रहने की विशेष ट्रेनिंग दी जाती थी। चंगेज़ ख़ान की सैन्य योजना में गुप्तचर और संदेश प्रणाली (याम) की बड़ी भूमिका थी। मंगोल युद्ध में क्रूर थे, लेकिन रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत कुशल थे। उनकी फुर्ती, संगठन और संचार ने उन्हें मध्यकालीन विश्व की सबसे घातक सेना बना दिया।
प्रश्न 4. सिल्क रूट पर मंगोल साम्राज्य का प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: मंगोल साम्राज्य के अधीन सिल्क रूट को नया जीवन मिला। चंगेज़ ख़ान और उनके उत्तराधिकारियों ने इस व्यापारिक मार्ग को सुरक्षित किया, जिससे चीन, मध्य एशिया और यूरोप के बीच व्यापार पुनर्जीवित हुआ। मंगोलों ने व्यापारियों को सुरक्षा प्रदान की, टैक्स में छूट दी और शत्रु कबीलों से मार्ग को मुक्त कराया। इस कारण व्यापारियों, सूचनाओं, वैज्ञानिकों और धर्मप्रचारकों की आवाजाही आसान हो गई। पेकिंग से बगदाद और वेनिस तक व्यापारिक वस्तुएँ जैसे रेशम, मसाले, सोना-चाँदी और काग़ज़ का आदान-प्रदान होने लगा। मंगोलों की धार्मिक सहिष्णुता के कारण बौद्ध, ईसाई और मुस्लिम व्यापारी सभी को स्वतंत्रता मिली। सिल्क रूट के कारण यूरोप में एशियाई ज्ञान, प्रौद्योगिकी और माल पहुँचा। मंगोलों के शासनकाल को “पैक्स मोंगोलिका” कहा जाता है, जिसमें शांति और व्यापार की अभूतपूर्व वृद्धि हुई।
प्रश्न 5. मंगोल साम्राज्य के पतन के प्रमुख कारणों का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर: मंगोल साम्राज्य अपने चरम के बाद धीरे-धीरे पतन की ओर बढ़ा। सबसे पहला कारण था चंगेज़ ख़ान की मृत्यु के बाद साम्राज्य का उत्तराधिकार संकट। उनके पुत्रों और पोतों में सत्ता के लिए संघर्ष प्रारंभ हो गया। साम्राज्य को चार हिस्सों – युआन, चगाताई, इलखानते और गोल्डन होर्ड – में बाँट दिया गया, जिससे एकता नष्ट हुई। इसके अलावा अत्यधिक विस्तार ने प्रशासन को कठिन बना दिया। स्थानीय जनसंख्या में विद्रोह की प्रवृत्ति बढ़ी और धार्मिक एवं सांस्कृतिक भिन्नताओं ने प्रशासन को कमजोर किया। ममलूक सुल्तानों और तैमूर जैसे अन्य शक्तिशाली शासकों से पराजय भी पतन का कारण बनी। व्यापार मार्गों में असुरक्षा बढ़ी और आर्थिक ढाँचा लड़खड़ाया। अंततः 14वीं शताब्दी में यह साम्राज्य स्वतंत्र क्षेत्रों में विभाजित हो गया और मंगोल प्रभुत्व समाप्त हो गया।
रिवीजन शीट (Revision Sheet)
📌 मुख्य बिंदु (Key Points)
चंगेज़ ख़ान का परिचय
असली नाम: तेमूजिन
जन्म: 1162 ई., मंगोलियाई घास के मैदानों में
1206 ई. में कुरिलताई में उसे “चंगेज़ ख़ान” की उपाधि मिली।
मंगोल समाज की विशेषताएँ
घुमंतू जनजातियाँ – पशुपालन, घोड़े, याक, बकरी पालन
कबीलाई व्यवस्था, पारिवारिक नेतृत्व
खानाबदोश जीवन, युद्ध-कुशल, अनुशासित समाज
सेना और युद्धनीति
अत्यंत संगठित और अनुशासित घुड़सवार सेना
युद्ध की प्रमुख रणनीतियाँ: अचानक हमला, पीछे हटना, घेराबंदी
संदेश प्रणाली – याम प्रणाली
प्रमुख युद्ध और विजय
उत्तरी चीन पर आक्रमण (1211–1215)
ख्वारज़म साम्राज्य पर हमला (1219–1221)
बगदाद पर आक्रमण (1258 – हुलागु ख़ान द्वारा)
ऐन जलूत की लड़ाई (1260 – ममलूकों ने मंगोलों को हराया)
प्रशासनिक व्यवस्था
यासा (कानून संहिता)
साम्राज्य को चार हिस्सों में विभाजित: युआन, इलखानते, चगाताई, गोल्डन होर्ड
धार्मिक सहिष्णुता
व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा
सिल्क रूट पर प्रभाव
मंगोल साम्राज्य के अधीन सिल्क रूट सुरक्षित और सक्रिय रहा
एशिया और यूरोप के बीच व्यापार, संस्कृति और ज्ञान का आदान-प्रदान
पतन के कारण
उत्तराधिकार संघर्ष
अत्यधिक विस्तार से प्रशासन में कठिनाई
विद्रोह, धार्मिक-सांस्कृतिक मतभेद
ममलूकों, तैमूर और स्थानीय शक्तियों द्वारा चुनौती
📊 महत्वपूर्ण तिथियाँ (Timeline)
वर्ष | घटना |
---|---|
1162 | तेमूजिन का जन्म |
1206 | “चंगेज़ ख़ान” की उपाधि मिली |
1211–1215 | उत्तरी चीन पर आक्रमण |
1219–1221 | ख्वारज़म पर हमला |
1227 | चंगेज़ ख़ान की मृत्यु |
1258 | बगदाद पर हमला |
1260 | ऐन जलूत की लड़ाई |
1271–1294 | कुब्लई ख़ान का शासन |
14वीं शताब्दी | मंगोल साम्राज्य का पतन |
चंगेज़ ख़ान – संस्थापक, महान सेनापति, कानून निर्माता
हुलागु ख़ान – बगदाद पर हमला, इलखानते की स्थापना
कुब्लई ख़ान – युआन वंश का संस्थापक, चीन में मंगोल शासन
बट्टू ख़ान – रूस पर आक्रमण, गोल्डन होर्ड की स्थापना
📚 प्रश्नों के लिए तैयारी सुझाव
प्रकार | क्या पढ़ें |
---|---|
MCQs | प्रमुख तिथियाँ, व्यक्तित्व, युद्धों के नाम |
अति लघु | परिभाषा, तेमूजिन कौन था?, यासा क्या था? |
लघु | चंगेज़ ख़ान की उपाधि कैसे मिली?, मंगोल सैन्य नीति |
दीर्घ | मंगोल प्रशासन, सिल्क रूट का प्रभाव, मंगोल साम्राज्य का पतन |
“यासा” = मंगोलों की मौखिक कानूनी व्यवस्था
“कुरिलताई” = मंगोल सरदारों की महासभा
“पैक्स मोंगोलिका” = मंगोल साम्राज्य के अधीन व्यापारिक शांति
वर्कशीट (Worksheet)
🔹 खंड – A. बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
(प्रत्येक प्रश्न के लिए चार विकल्प दिए गए हैं, सही उत्तर का चयन करें।)
चंगेज़ ख़ान का जन्म किस वर्ष हुआ था?
A. 1206 ई.
B. 1162 ई.
C. 1215 ई.
D. 1227 ई.“यासा” क्या था?
A. एक धार्मिक पुस्तक
B. मंगोलों की मुद्रा
C. मंगोलों की सेना
D. मंगोलों का कानूनबगदाद पर मंगोल आक्रमण किसने किया था?
A. कुब्लई ख़ान
B. चंगेज़ ख़ान
C. हुलागु ख़ान
D. बट्टू ख़ानऐन जलूत की लड़ाई में मंगोलों को किसने हराया था?
A. ख्वारज़म
B. ममलूक सुल्तान
C. तैमूर
D. युआन वंशकुब्लई ख़ान किस देश में शासन करता था?
A. भारत
B. चीन
C. रूस
D. मंगोलिया
🔹 खंड – B. रिक्त स्थान भरिए (Fill in the Blanks)
चंगेज़ ख़ान का मूल नाम __________ था।
मंगोल सेना की सबसे बड़ी विशेषता थी उनकी __________ क्षमता।
सिल्क रूट पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मंगोलों ने __________ प्रणाली विकसित की थी।
मंगोल साम्राज्य को चंगेज़ ख़ान की मृत्यु के बाद __________ भागों में बाँटा गया।
गोल्डन होर्ड की स्थापना __________ ख़ान ने की थी।
🔹 खंड – C. सही या गलत लिखिए (True or False)
मंगोल केवल लूटपाट में विश्वास रखते थे। ( )
चंगेज़ ख़ान ने कभी चीन पर हमला नहीं किया। ( )
मंगोलों का प्रशासनिक तंत्र अत्यंत संगठित था। ( )
यासा मंगोलों का धार्मिक ग्रंथ था। ( )
बगदाद पर आक्रमण के बाद अब्बासी ख़िलाफ़त का अंत हो गया। ( )
🔹 खंड – D. मिलान कीजिए (Match the Following)
स्तंभ A | स्तंभ B |
---|---|
1. तेमूजिन | A. युआन वंश |
2. कुब्लई ख़ान | B. चंगेज़ ख़ान का वास्तविक नाम |
3. हुलागु ख़ान | C. बगदाद पर हमला |
4. बट्टू ख़ान | D. रूस पर आक्रमण |
5. यासा | E. मंगोलों का कानून |
यासा क्या था और इसका उद्देश्य क्या था?
कुरिलताई सभा क्या थी?
सिल्क रूट मंगोल साम्राज्य में क्यों महत्त्वपूर्ण था?
चंगेज़ ख़ान का प्रशासनिक दृष्टिकोण कैसा था?
मंगोलों का जीवनशैली कैसी थी?
🔹 खंड – F. लघु उत्तरीय प्रश्न (60–80 शब्दों में उत्तर दीजिए)
चंगेज़ ख़ान को मंगोलों का महान नेता क्यों माना जाता है?
बगदाद पर मंगोलों के आक्रमण का इतिहास और प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
मंगोल साम्राज्य की सैन्य रणनीतियों को स्पष्ट कीजिए।
कुब्लई ख़ान के शासन की विशेषताएँ क्या थीं?
मंगोल साम्राज्य के पतन के मुख्य कारण क्या थे?
🔹 खंड – G. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (140–150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
मंगोल साम्राज्य का उदय और चंगेज़ ख़ान की भूमिका पर विस्तार से लिखिए।
मंगोल प्रशासनिक व्यवस्था की विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
सिल्क रूट के विकास में मंगोलों की भूमिका क्या थी?
मंगोल साम्राज्य के पतन के राजनीतिक, सामाजिक और सैन्य कारणों की व्याख्या कीजिए।
✅ निर्देश छात्रों के लिए
उत्तर स्वच्छ एवं स्पष्ट लिखें।
प्रत्येक प्रश्न का उत्तर सटीक और बिंदुवार दें।
रिवीजन शीट से महत्वपूर्ण तिथियाँ याद करें।
आपकी राय क्या है?
क्या आप भी मानते हैं कि कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं होता?
क्या आपने भी कभी अपनी गलतियों से कुछ सीखा है जो आपको और मजबूत बना गया?
👇 कमेंट में जरूर बताएं !