प्रश्न 1. रोम गणराज्य से साम्राज्य बनने की प्रक्रिया को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर: 509 ईसा पूर्व में रोम में राजतंत्र समाप्त हुआ और गणराज्य की स्थापना हुई। समय के साथ रोम ने अपने सैन्य और राजनीतिक विस्तार से इटली, कार्थेज और ग्रीस जैसे क्षेत्रों को जीत लिया। जूलियस सीज़र के उदय और हत्या के बाद ऑक्टेवियन (ऑगस्टस) 27 ईसा पूर्व में प्रथम सम्राट बना। इसके साथ ही रोम एक संगठित साम्राज्य के रूप में स्थापित हुआ।
प्रश्न 2. रोमन सेना की भूमिका साम्राज्य के निर्माण में कैसे महत्वपूर्ण रही?
उत्तर: रोमन सेना अनुशासित, प्रशिक्षित और संगठित थी। इसकी प्रमुख इकाई लीजन थी, जिसमें हजारों सैनिक होते थे। सेना ने विजयों के माध्यम से साम्राज्य का विस्तार किया और आंतरिक विद्रोहों को दबाया। सेना की मौजूदगी ने प्रांतों में स्थायित्व और कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी सहायता की, जिससे सम्राट की शक्ति सुदृढ़ हुई।
प्रश्न 3. रोमन समाज में दासों की स्थिति क्या थी?
उत्तर: रोमन समाज में दासों को संपत्ति की तरह देखा जाता था। वे कृषि, खान, निर्माण, घरेलू सेवाओं और शिक्षा तक में कार्यरत रहते थे। उन्हें कोई कानूनी अधिकार प्राप्त नहीं थे। अमीर रोमनों के पास सैकड़ों दास होते थे। कुछ मामलों में दासों को “मुक्ति” (manumission) मिलती थी और वे नागरिक बन सकते थे, लेकिन उनकी स्थिति अत्यंत शोषित थी।
प्रश्न 4. रोमनों की स्थापत्य कला की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: रोमन स्थापत्य कला में विशालता, मजबूती और सौंदर्य का अद्भुत मेल था। उन्होंने मेहराब, गुंबद और जलसेतु (Aqueduct) जैसी संरचनाओं का निर्माण किया। कोलोसियम, रोमन मंच (Forum) और सार्वजनिक स्नानागार रोमन वास्तुकला की उत्कृष्ट मिसालें हैं। इन संरचनाओं का निर्माण ठोस इंजीनियरिंग और श्रमिक-श्रम पर आधारित था।
प्रश्न 5. सम्राट ऑगस्टस की प्रशासनिक नीतियाँ क्या थीं?
उत्तर: ऑगस्टस ने प्रशासन को व्यवस्थित करने के लिए कर संग्रह प्रणाली में सुधार किए, एक स्थायी सेना और गुप्तचर सेवा स्थापित की। प्रांतों में राज्यपाल नियुक्त किए गए और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया। उन्होंने नागरिक सेवाओं, भवन निर्माण और धार्मिक स्थलों के विकास में योगदान दिया, जिससे साम्राज्य में स्थायित्व आया।
प्रश्न 6. डायोक्लेशियन द्वारा किए गए प्रमुख सुधार क्या थे?
उत्तर: डायोक्लेशियन (284 ई.) ने साम्राज्य को प्रशासनिक रूप से दो भागों – पूर्व और पश्चिम – में बांटा। इससे शासन को अधिक प्रभावी बनाया गया। उसने कर व्यवस्था में सुधार, सेना में बदलाव और शाही दरबार को अधिक सुदृढ़ किया। उसने सम्राट को ईश्वर तुल्य बताने की नीति अपनाई जिससे सम्राट की प्रतिष्ठा बढ़ी।
प्रश्न 7. बीजान्टिन साम्राज्य की क्या विशेषताएँ थीं?
उत्तर: बीजान्टिन साम्राज्य रोमन साम्राज्य का पूर्वी भाग था, जिसकी राजधानी कॉन्स्टैंटिनोपल थी। यह साम्राज्य ईसाई धर्म, यूनानी संस्कृति और रोमन प्रशासन का मिश्रण था। यह साम्राज्य 1453 ईस्वी तक टिका रहा और इसने यूरोप व एशिया के मध्य व्यापार व संस्कृति को प्रभावित किया। इसके चर्च, कला और कानून की विरासत आज भी महत्त्वपूर्ण है।
प्रश्न 8. रोमनों की शहरी जीवनशैली का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर: रोमनों के नगर नियोजित होते थे, जिनमें सड़कों, जलसेतुओं, सार्वजनिक स्नानागारों, मंचों और मंदिरों की व्यवस्था थी। शहरी जीवन आरामदायक था, लेकिन अमीर और गरीब के बीच बड़ा अंतर था। धनी लोग विशाल मकानों में रहते थे जबकि गरीब झोंपड़ियों में। नगरों में रंगमंच, बाजार और मनोरंजन की सुविधाएँ भी थीं।
प्रश्न 9. रोमनों की कर व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
उत्तर: रोमनों की कर व्यवस्था प्रांतों से कर, उपज, श्रम और विशेष वस्तुओं के रूप में होती थी। कर संग्रह राज्यपालों और स्थानीय अधिकारियों द्वारा किया जाता था। कई बार ठेकेदारों के माध्यम से कर वसूली होती थी, जिससे भ्रष्टाचार भी बढ़ा। करों से ही सेना, भवन निर्माण और प्रशासनिक तंत्र को चलाया जाता था।
प्रश्न 10. रोमन साम्राज्य का पतन किन कारणों से हुआ?
उत्तर: रोमन साम्राज्य के पतन के कई कारण थे – प्रशासनिक भ्रष्टाचार, आर्थिक असमानता, दास प्रथा पर निर्भरता, बारंबार बर्बर आक्रमण, सेना में अनुशासन की कमी और आंतरिक विद्रोह। 476 ईस्वी में जब अंतिम पश्चिमी सम्राट रोमुलस ऑगस्टुलस को हटाया गया, तब इसे पश्चिमी रोमन साम्राज्य के पतन की अंतिम घटना माना गया।