परिवर्तनशील सांस्कृतिक परंपराएँ (Changing Cultural Traditions)
14वीं से 17वीं शताब्दी के दौरान यूरोप में एक व्यापक सांस्कृतिक आंदोलन हुआ जिसे “पुनर्जागरण” (Renaissance) कहा गया। यह आंदोलन इटली के फ्लोरेंस नगर से शुरू होकर पूरे यूरोप में फैल गया। इस युग में कला, साहित्य, विज्ञान, दर्शन और धर्म के क्षेत्र में गहन परिवर्तन हुए।
पुनर्जागरण का मुख्य उद्देश्य था — प्राचीन रोमन और ग्रीक सभ्यता के ज्ञान को पुनर्जीवित करना और मानव को केंद्र में रखकर विचारों का विकास करना। इस काल में मानववाद (Humanism) की अवधारणा प्रमुख रूप से उभरी जिसमें व्यक्ति की सोच, तर्क और स्वतंत्रता को महत्व दिया गया।
इस समय में कलाकारों जैसे लियोनार्डो दा विंची, माइकलएंजेलो आदि ने यथार्थवादी कला रची। वैज्ञानिकों जैसे कोपरनिकस, गैलीलियो और न्यूटन ने परंपरागत खगोलीय और प्राकृतिक सिद्धांतों को चुनौती दी। प्रिंटिंग प्रेस के आविष्कार (जोहान्स गुटेनबर्ग द्वारा) ने ज्ञान के प्रसार को गति दी।
मार्टिन लूथर के नेतृत्व में चर्च के खिलाफ सुधार आंदोलन शुरू हुआ, जिसने यूरोपीय समाज और धर्म में स्थायी बदलाव किए। इस पूरे काल में व्यक्तिवाद, जिज्ञासा, और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा मिला जिससे आधुनिक युग की नींव पड़ी।
संक्षेप में, यह अध्याय यह दर्शाता है कि कैसे यूरोप में सांस्कृतिक परंपराएँ बदलकर मध्यकालीन सामंती सोच से आधुनिक वैज्ञानिक और मानवीय सोच की ओर अग्रसर हुईं।
सारांश (Summary)
1. पुनर्जागरण (Renaissance) की शुरुआत
“Renaissance” का अर्थ होता है – पुनर्जन्म या पुनरुत्थान।
यह आंदोलन 14वीं से 17वीं शताब्दी के मध्य यूरोप में प्रारंभ हुआ।
इसका केंद्र इटली था, विशेष रूप से फ्लोरेंस, वेनिस और रोम जैसे नगरों में।
यह आंदोलन कला, साहित्य, विज्ञान, और दर्शन में नए विचारों की शुरुआत थी।
2. मानववाद (Humanism) का उदय
मानव को ब्रह्मांड का केंद्र मानने की विचारधारा को मानववाद कहा गया।
यह विचारधारा व्यक्ति की बुद्धि, योग्यता, और स्वतंत्रता पर बल देती है।
पेट्रार्क (Petrarch) को मानववाद का जनक माना जाता है।
मानववादी विद्वानों ने लैटिन और ग्रीक ग्रंथों का अध्ययन और अनुवाद किया।
3. कला और वास्तुकला में परिवर्तन
पुनर्जागरण काल की कला में यथार्थवाद (Realism) और मानव आकृति का सजीव चित्रण हुआ।
कलाकारों ने प्राकृतिक दृश्यों, भावनाओं, और मानव शरीर की सुंदरता को दर्शाया।
प्रमुख कलाकार:
लियोनार्डो दा विंची – The Last Supper, Mona Lisa
माइकलएंजेलो – David, Sistine Chapel Ceiling
राफेल – School of Athens
4. विज्ञान और नई खोजों का युग
वैज्ञानिकों ने परंपरागत धार्मिक विश्वासों को चुनौती दी।
कोपरनिकस ने कहा कि पृथ्वी नहीं, बल्कि सूर्य ब्रह्मांड का केंद्र है (Heliocentric Theory)।
गैलीलियो ने दूरबीन से ग्रहों का अध्ययन किया और कोपरनिकस के सिद्धांत को सिद्ध किया।
न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत दिया।
5. प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार और विचारों का प्रसार
1450 ई. में जोहान्स गुटेनबर्ग (Johannes Gutenberg) ने प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार किया।
इससे ग्रंथों की छपाई सस्ती और आसान हो गई।
विचारों का व्यापक प्रसार हुआ और ज्ञान अधिक लोगों तक पहुँचा।
6. सुधार आंदोलन (Reformation Movement)
चर्च की धार्मिक कट्टरता, भ्रष्टाचार और धार्मिक अंधविश्वासों का विरोध हुआ।
मार्टिन लूथर ने 1517 ई. में 95 theses जारी कर कैथोलिक चर्च की आलोचना की।
इससे प्रोटेस्टेंट धर्म की नींव पड़ी और ईसाई धर्म में विभाजन हुआ।
यह आंदोलन समाज में धार्मिक सहिष्णुता और चिंतन की स्वतंत्रता लाया।
7. व्यक्तिवाद (Individualism) का विकास
व्यक्तिवाद ने हर व्यक्ति को स्वतंत्र विचारक और रचनात्मक इकाई के रूप में देखा।
कलाकारों और लेखकों ने अपनी व्यक्तिगत पहचान, सृजनात्मकता और अभिव्यक्ति की आज़ादी को महत्व दिया।
यह विचार आधुनिक लोकतंत्र, शिक्षा और स्वतंत्रता की बुनियाद बना।
8. यूरोपीय खोज यात्राएँ और उपनिवेशवाद की शुरुआत
पुनर्जागरण काल के वैज्ञानिक विचारों और नई तकनीकों के चलते समुद्री यात्राएँ तेज़ हुईं।
कोलंबस, वास्को-डि-गामा, और मैगलन जैसे खोजकर्ता नए समुद्री रास्तों की खोज में निकले।
इससे नवीन विश्व (अमेरिका, भारत, अफ्रीका आदि) की खोज और यूरोपीय उपनिवेशवाद की शुरुआत हुई।
9. धर्म, शिक्षा और समाज में बदलाव
धर्म अब व्यक्तिगत आस्था का विषय बनने लगा, चर्च का नियंत्रण कमज़ोर पड़ा।
शिक्षा में तर्क, विज्ञान और भाषा का महत्व बढ़ा।
समाज में बौद्धिक स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता, और नवीन सोच का उदय हुआ।
10. पुनर्जागरण की विरासत और आधुनिक युग की नींव
पुनर्जागरण ने यूरोप को मध्यकालीन अंधविश्वासों से निकालकर आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण की ओर अग्रसर किया।
यह काल आधुनिक यूरोप, वैज्ञानिक युग, और लोकतांत्रिक चेतना की नींव बना।
पुनर्जागरण ने दुनिया को बदलने वाले विचार, कला, और समाज की संरचना दी।
14वीं से 17वीं शताब्दी तक यूरोप में एक सांस्कृतिक आंदोलन हुआ जिसे “पुनर्जागरण” (Renaissance) कहा जाता है। यह आंदोलन विशेष रूप से इटली में शुरू हुआ और पूरे यूरोप में फैला। इस काल में मानववाद, यथार्थवादी कला, विज्ञान और नए विचारों का प्रसार हुआ। समाज में चर्च की पकड़ कमजोर हुई और व्यक्तिवाद (Individualism) को बढ़ावा मिला। कला, विज्ञान, साहित्य और दर्शन में महत्वपूर्ण विकास हुआ। दार्शनिकों और वैज्ञानिकों ने परंपरागत मान्यताओं को चुनौती दी और अनुभव व तर्क पर आधारित ज्ञान को महत्व दिया।
शब्दार्थ (Word Meaning)
शब्द (Word) | अर्थ (Meaning in Hindi) |
---|---|
Renaissance | पुनर्जागरण – यूरोप में 14वीं से 17वीं शताब्दी के बीच कला, विज्ञान और विचारों का पुनर्जन्म। |
Humanism | मानववाद – एक विचारधारा जो मानव की बुद्धि, योग्यता और स्वतंत्रता को केंद्र में रखती है। |
Patron | संरक्षक – वे व्यक्ति जो कलाकारों, लेखकों और वैज्ञानिकों को आर्थिक सहायता देते थे। |
Individualism | व्यक्तिवाद – हर व्यक्ति की स्वतंत्रता और निजी पहचान को महत्व देने की सोच। |
Realism | यथार्थवाद – कला में वास्तविक जीवन और प्राकृतिक रूपों को चित्रित करने की शैली। |
Classical Texts | शास्त्रीय ग्रंथ – प्राचीन यूनानी और रोमन लेखकों के साहित्यिक एवं दार्शनिक ग्रंथ। |
Perspective | दृष्टिकोण – चित्रकला में गहराई और दूरी का आभास देने की तकनीक। |
Fresco | भित्ति चित्र – दीवारों पर गीली पलस्तर पर बनाए गए चित्र। |
Reformation | सुधार आंदोलन – ईसाई धर्म में सुधार लाने वाला आंदोलन, जिसने प्रोटेस्टेंट धर्म की शुरुआत की। |
Protestant | प्रोटेस्टेंट – ईसाई धर्म का एक समूह जो कैथोलिक चर्च से अलग होकर बना। |
Secularism | धर्मनिरपेक्षता – धार्मिक हस्तक्षेप से मुक्त समाज या शासन व्यवस्था। |
Vernacular Language | देशज भाषा – आम लोगों की बोली में प्रयुक्त भाषा, जैसे लैटिन के बजाय इटालियन। |
Printing Press | मुद्रण यंत्र – छपाई की मशीन, जिससे पुस्तकों और विचारों का तेज़ प्रसार हुआ। |
Rationalism | तर्कवाद – हर बात को तर्क और प्रमाण के आधार पर समझने की विचारधारा। |
Scholar | विद्वान – ज्ञान का गहरा अध्ययन करने वाला व्यक्ति। |
Classical Antiquity | शास्त्रीय प्राचीनता – प्राचीन यूनान और रोम की सभ्यता और संस्कृति। |
Patronage | संरक्षण – कलाकारों और विद्वानों को आर्थिक सहायता देना। |
City-State | नगर-राज्य – स्वतंत्र और स्वशासित नगर जो स्वयं शासक होता है। |
Intellectual | बौद्धिक – सोचने-समझने, तर्क करने और ज्ञान से जुड़ा हुआ। |
Manuscript | पांडुलिपि – हाथ से लिखी गई पुस्तक या ग्रंथ। |
Theology | धर्मशास्त्र – ईश्वर, धर्म और धार्मिक सिद्धांतों का अध्ययन। |
Heresy | विधर्म – परंपरागत धार्मिक विचारों के विरुद्ध जाना। |
Inquisition | धार्मिक जांच – चर्च द्वारा विधर्मियों की पहचान और दंड की प्रक्रिया। |
Anatomy | शरीर रचना – मानव शरीर के अंगों का अध्ययन। |
Naturalism | प्रकृतिवाद – प्रकृति को यथावत चित्रित करने की शैली। |
माइंड मैप (Mind Map)
टाइमलाइन (Timeline)
वर्ष | महत्वपूर्ण घटना (Event) | संक्षिप्त विवरण | |
---|---|---|---|
1300 CE | पुनर्जागरण (Renaissance) की शुरुआत | इटली के फ्लोरेंस नगर में कला विज्ञान और साहित्य के नवजागरण की शुरुआत हुई। | |
1347–1351 CE | ब्लैक डेथ (Black Death) | यूरोप की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा प्लेग महामारी से समाप्त हो गया - जिससे सामाजिक और धार्मिक सोच में बदलाव आया। | |
1453 CE | कॉन्स्टेंटिनोपल पर उस्मानी कब्ज़ा | यूनानी विद्वान पश्चिमी यूरोप भागे और शास्त्रीय ज्ञान साथ लाए - जिससे पुनर्जागरण को बल मिला। | |
1455 CE | जोहान गुटेनबर्ग द्वारा मुद्रण यंत्र (Printing Press) का आविष्कार | ज्ञान पुस्तकों और विचारों का तीव्र प्रसार संभव हुआ। | |
1475–1564 CE | माइकलएंजेलो का जीवनकाल | पुनर्जागरण काल के महानतम कलाकारों में से एक जिन्होंने सिस्टीन चैपल और डेविड की मूर्ति बनाई। | |
1483–1546 CE | मार्टिन लूथर का जन्म और सुधार आंदोलन | प्रोटेस्टेंट सुधार आंदोलन की शुरुआत की - कैथोलिक चर्च की आलोचना की। | |
1517 CE | मार्टिन लूथर द्वारा '95 थीसिस' का प्रकाशन | विटनबर्ग चर्च पर लूथर ने चर्च के भ्रष्टाचार के विरोध में 95 बिंदु लगाए। | |
1534 CE | इंग्लैंड में चर्च का विभाजन | हेनरी अष्टम ने पोप से संबंध तोड़कर इंग्लैंड में एंग्लिकन चर्च की स्थापना की। | |
1545–1563 CE | काउंसिल ऑफ ट्रेंट | कैथोलिक चर्च द्वारा सुधार और विधर्मियों के खिलाफ निर्णय लिए गए। | |
1564–1642 CE | गैलीलियो का जीवनकाल | विज्ञान और खगोलशास्त्र में क्रांति; पृथ्वी की गति और दूरबीन की खोज। | |
1590 CE | विलियम शेक्सपीयर की रचनाएं | इंग्लिश साहित्य के महान नाटककार - जिन्होंने मानव भावना और यथार्थ को दर्शाया। | |
1600 CE | पुनर्जागरण का प्रसार उत्तरी यूरोप तक | विचार | कला और विज्ञान में बदलाव पूरे यूरोप में फैल चुका था। |
मैप वर्क (Map Works)
नीचे दिए गए स्थानों को अध्यापन के दौरान यूरोप के एक बड़े मानचित्र पर दिखाकर समझाएं। यह पुनर्जागरण के प्रसार, वैज्ञानिक विकास और सांस्कृतिक केंद्रों की भौगोलिक समझ विकसित करने में मदद करेगा।
🗺️ महत्वपूर्ण स्थान (Important Places) और उनका सांस्कृतिक महत्व
स्थान (Place) | वर्तमान देश (Present Country) | महत्व (Significance) |
---|---|---|
Florence (फ्लोरेंस) | इटली | पुनर्जागरण का जन्मस्थल; मेडिची परिवार का संरक्षण केंद्र |
Rome (रोम) | इटली | कैथोलिक चर्च का केंद्र; माइकलएंजेलो की प्रमुख कृतियाँ यहीं स्थित हैं |
Venice (वेनीस) | इटली | व्यापार और कला का केंद्र; पुनर्जागरण विचारों का प्रसार |
Milan (मिलान) | इटली | लियोनार्डो दा विंची से जुड़ा शहर; विज्ञान व कला दोनों का विकास |
Wittenberg (विटनबर्ग) | जर्मनी | मार्टिन लूथर द्वारा सुधार आंदोलन की शुरुआत यहीं से हुई |
London (लंदन) | इंग्लैंड | विलियम शेक्सपीयर और अंग्रेज़ी साहित्य का केंद्र |
Paris (पेरिस) | फ्रांस | पुनर्जागरण काल में कला और दर्शन का एक प्रमुख केंद्र |
Amsterdam (एम्स्टर्डम) | नीदरलैंड्स | उत्तर यूरोप में व्यापार और धार्मिक सहिष्णुता का केंद्र |
Geneva (जिनेवा) | स्विट्ज़रलैंड | प्रोटेस्टेंट सुधारकों का प्रमुख केंद्र (जॉन कैल्विन से जुड़ा) |
Constantinople (कॉन्स्टेंटिनोपल / आज का इस्तांबुल) | तुर्किये | 1453 में उस्मानी विजय के बाद विद्वानों का पलायन पश्चिम की ओर हुआ, जिससे पुनर्जागरण को बल मिला |
कक्षा में यूरोप का बड़ा राजनीतिक मानचित्र लगाएं।
प्रत्येक स्थान को बिंदु, रंगीन मार्कर या पिन से चिह्नित करें।
विद्यार्थी से पूछें कि क्यों प्रत्येक स्थान पुनर्जागरण या सुधार आंदोलन में महत्वपूर्ण था।
विद्यार्थियों को मैप पर स्थान ढूँढ़ने के लिए प्रेरित करें, जिससे उनकी स्थानिक समझ विकसित हो।
विशेष निर्देश दें कि पुनर्जागरण की शुरुआत इटली से हुई और धीरे-धीरे उत्तरी यूरोप तक फैली।
मैप प्रैक्टिस (Map Practice)
इस अभ्यास का उद्देश्य छात्रों को पुनर्जागरण और सुधार आंदोलनों से जुड़े भौगोलिक स्थानों की पहचान कराना, उनके ऐतिहासिक महत्व को समझाना और उनकी स्मृति को सुदृढ़ बनाना है।
प्रश्न 1. नीचे दिए गए स्थानों को यूरोप के नक्शे में पहचानिए और चिह्नित कीजिए –
फ्लोरेंस
रोम
वेनिस
मिलान
लंदन
पेरिस
एम्स्टर्डम
जिनेवा
विटनबर्ग
कॉन्स्टेंटिनोपल
प्रश्न 2. निम्नलिखित स्थानों से संबंधित एक-एक वाक्य लिखिए –
स्थान | एक वाक्य में महत्व |
---|---|
फ्लोरेंस | यह पुनर्जागरण की जन्मस्थली थी और मेडिची परिवार का मुख्य केंद्र था। |
रोम | यह कैथोलिक चर्च का मुख्यालय था और माइकलएंजेलो के कला कार्यों का स्थल है। |
वेनिस | यह व्यापार और पुनर्जागरण कला का प्रसिद्ध केंद्र था। |
मिलान | लियोनार्डो दा विंची का कार्यक्षेत्र और वैज्ञानिक सोच का केंद्र था। |
लंदन | शेक्सपियर का नगर और अंग्रेजी पुनर्जागरण का मुख्य केंद्र। |
पेरिस | फ्रांस में पुनर्जागरण और बौद्धिक विचारों का केंद्र। |
एम्स्टर्डम | व्यापार, चित्रकला और धार्मिक सहिष्णुता का उत्तरी यूरोप में केंद्र। |
जिनेवा | जॉन कैल्विन द्वारा प्रोटेस्टेंट सुधार आंदोलन का संचालन यहीं से हुआ। |
विटनबर्ग | मार्टिन लूथर ने यहीं से सुधार आंदोलन की शुरुआत की। |
कॉन्स्टेंटिनोपल | 1453 में उस्मानी आक्रमण के बाद ग्रीक विद्वान यूरोप भागे जिससे पुनर्जागरण को बल मिला। |
पुनर्जागरण आंदोलन की शुरुआत कहाँ से हुई?
उत्तर: इटली के फ्लोरेंस नगर से।प्रोटेस्टेंट सुधार आंदोलन किस देश से शुरू हुआ?
उत्तर: जर्मनी (विटनबर्ग नगर से)।माइकलएंजेलो और लियोनार्डो किस देश से संबंधित थे?
उत्तर: इटली।इंग्लैंड में कौन-सा धार्मिक सुधारक चर्च से अलग हुआ था?
उत्तर: राजा हेनरी अष्टम।मुद्रण यंत्र का आविष्कार कहाँ हुआ?
उत्तर: जर्मनी के मेंज नगर में।
अभ्यास कार्य (Homework)
एक खाली यूरोप का नक्शा बनाइए या प्रिंट कर लाइए और ऊपर दिए गए सभी 10 स्थानों को चिह्नित कर उनके ऐतिहासिक महत्व को संक्षेप में लिखिए।
पुनर्जागरण से जुड़े तीन कलाकारों के नाम लिखिए और उनका एक-एक कार्य बताइए।
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) उत्तर और व्याख्या
1. पुनर्जागरण की शुरुआत किस देश में हुई थी?
A) फ्रांस
B) जर्मनी
C) इटली
D) इंग्लैंड
उत्तर: C) इटली
व्याख्या: पुनर्जागरण की शुरुआत 14वीं शताब्दी में इटली के फ्लोरेंस नगर से हुई। यहाँ पर कला, साहित्य और विज्ञान में नई सोच और नवाचार दिखाई देने लगे।2. ‘ह्यूमनिज्म’ (Humanism) किससे संबंधित है?
A) धार्मिक आस्था से
B) ईश्वर की आराधना से
C) मानव केंद्रित सोच से
D) राजनीतिक व्यवस्था से
उत्तर: C) मानव केंद्रित सोच से
व्याख्या: मानववाद या ह्यूमनिज्म एक ऐसी विचारधारा है जो मनुष्य की क्षमताओं, तर्क, स्वतंत्रता और अनुभव को केंद्र में रखती है, न कि धार्मिक विश्वास को।3. जोहान गुटेनबर्ग ने किसका आविष्कार किया था?
A) दूरबीन
B) दूरसंचार
C) मुद्रण यंत्र
D) सूक्ष्मदर्शी
उत्तर: C) मुद्रण यंत्र
व्याख्या: 1455 ई. में जोहान गुटेनबर्ग ने यूरोप में पहला मुद्रण यंत्र विकसित किया जिससे पुस्तकों और विचारों का तेजी से प्रसार हुआ।4. ’95 थीसिस’ किसने और क्यों प्रकाशित की थी?
A) जॉन कैल्विन – चर्च को समर्थन देने के लिए
B) मार्टिन लूथर – चर्च की आलोचना के लिए
C) माइकलएंजेलो – कला के प्रचार के लिए
D) गैलीलियो – विज्ञान के समर्थन में
उत्तर: B) मार्टिन लूथर – चर्च की आलोचना के लिए
व्याख्या: मार्टिन लूथर ने 1517 में ’95 थीसिस’ प्रकाशित की जिसमें उन्होंने कैथोलिक चर्च की बुराइयों की आलोचना की, विशेष रूप से ‘पाप मुक्ति पत्र’ के विरुद्ध।5. ‘सिस्टीन चैपल’ की छत पर भित्ति चित्र किसने बनाए?
A) लियोनार्डो दा विंची
B) राफेल
C) माइकलएंजेलो
D) डांटे
उत्तर: C) माइकलएंजेलो
व्याख्या: सिस्टीन चैपल की छत पर भव्य भित्ति चित्र माइकलएंजेलो द्वारा बनाए गए, जो पुनर्जागरण कला की श्रेष्ठतम कृतियों में से एक माने जाते हैं।6. कौन-सा तत्व पुनर्जागरण चित्रकला की विशेषता नहीं है?
A) यथार्थवाद
B) दृष्टिकोण (Perspective)
C) धार्मिक प्रतीकवाद
D) भाव-प्रदर्शन
उत्तर: C) धार्मिक प्रतीकवाद
व्याख्या: पुनर्जागरण काल में धार्मिक प्रतीकवाद की बजाय यथार्थवाद, मानवीय भावनाएँ और प्रकृति को प्रमुखता दी गई।7. ‘प्रोटेस्टेंट’ शब्द का प्रयोग किस सन्दर्भ में हुआ?
A) रोमन साम्राज्य के विरोध में
B) पोप के विरोध में
C) कला विरोधी आंदोलन
D) वैज्ञानिक आंदोलन
उत्तर: B) पोप के विरोध में
व्याख्या: प्रोटेस्टेंट वे लोग थे जिन्होंने पोप और कैथोलिक चर्च की कुछ नीतियों का विरोध किया और चर्च से अलग होकर एक नया धार्मिक आंदोलन शुरू किया।8. गैलीलियो ने कौन-सा यंत्र विकसित किया जिससे खगोलशास्त्र में क्रांति आई?
A) सूक्ष्मदर्शी
B) दूरबीन
C) कम्पास
D) घड़ी
उत्तर: B) दूरबीन
व्याख्या: गैलीलियो ने दूरबीन में सुधार किया जिससे उन्होंने ग्रहों की गति का अध्ययन किया और कोपरनिकस के सूर्य केंद्रित सिद्धांत का समर्थन किया।9. ‘वर्नाक्युलर’ भाषा का क्या अर्थ है?
A) शास्त्रीय भाषा
B) विदेशी भाषा
C) सामान्य जन की भाषा
D) धार्मिक भाषा
उत्तर: C) सामान्य जन की भाषा
व्याख्या: वर्नाक्युलर भाषा से तात्पर्य उन भाषाओं से है जो आम जनता द्वारा बोली जाती थीं, जैसे लैटिन की बजाय इटालियन, जर्मन या अंग्रेजी।10. “द विट्रुवियन मैन” किस कलाकार की कृति है?
A) माइकलएंजेलो
B) लियोनार्डो दा विंची
C) राफेल
D) डांटे
उत्तर: B) लियोनार्डो दा विंची
व्याख्या: “द विट्रुवियन मैन” मानव शरीर की अनुपातीय संरचना को दर्शाता है और लियोनार्डो की वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी उजागर करता है।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (20–30 शब्दों में)
1. पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: पुनर्जागरण 14वीं से 17वीं शताब्दी तक यूरोप में हुआ एक सांस्कृतिक आंदोलन था, जिसमें कला, साहित्य, विज्ञान और मानवता की नई सोच का उदय हुआ। यह मध्यकालीन सोच से आधुनिक सोच की ओर परिवर्तन था।2. मानववाद (Humanism) की प्रमुख विशेषता क्या थी?
उत्तर: मानववाद एक ऐसी विचारधारा थी जो मनुष्य की क्षमता, तर्क, ज्ञान और स्वतंत्रता को महत्व देती थी। इसमें धार्मिक विश्वास की बजाय मनुष्य और प्रकृति को केंद्र में रखा गया।3. मुद्रण क्रांति (Printing Revolution) का क्या महत्व था?
उत्तर: मुद्रण क्रांति से पुस्तकों की छपाई संभव हुई जिससे ज्ञान, विचार और जानकारी आम लोगों तक पहुँचने लगे। यह शिक्षा के प्रसार और पुनर्जागरण के विस्तार में सहायक बना।4. मार्टिन लूथर के ’95 थीसिस’ का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: मार्टिन लूथर के ’95 थीसिस’ ने कैथोलिक चर्च की गलत प्रथाओं के विरुद्ध आवाज़ उठाई। इससे प्रोटेस्टेंट आंदोलन शुरू हुआ और ईसाई धर्म में विभाजन हुआ।5. माइकलएंजेलो की कला की विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर: माइकलएंजेलो की कला में यथार्थवाद, भावनात्मक गहराई और मानव शरीर की सुंदरता का सूक्ष्म चित्रण मिलता है। उनकी मूर्तियाँ ‘डेविड’ और ‘पिएता’ विश्वप्रसिद्ध हैं।6. पुनर्जागरण काल की शिक्षा प्रणाली में क्या बदलाव आए?
उत्तर: पुनर्जागरण काल में शिक्षा धार्मिक न होकर तर्क, विज्ञान, साहित्य और इतिहास पर आधारित हो गई। शास्त्रीय भाषाओं के स्थान पर स्थानीय भाषाओं में शिक्षा होने लगी।7. गैलीलियो के वैज्ञानिक कार्यों का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: गैलीलियो ने दूरबीन का प्रयोग कर खगोलीय खोजें कीं और सूर्य केंद्रित ब्रह्मांड सिद्धांत को समर्थन दिया। उनके कार्यों ने विज्ञान की दिशा बदल दी और चर्च से टकराव भी उत्पन्न हुआ।8. ‘वर्नाक्युलर भाषा’ का क्या महत्व था?
उत्तर: वर्नाक्युलर भाषाएँ लोगों की आम बोलचाल की भाषाएँ थीं। इनके प्रयोग से ज्ञान, साहित्य और शिक्षा आम जनता तक पहुँची और पुनर्जागरण विचारों का तेजी से प्रसार हुआ।9. प्रोटेस्टेंट आंदोलन क्यों शुरू हुआ?
उत्तर: यह आंदोलन कैथोलिक चर्च की भ्रष्ट प्रथाओं, जैसे पाप मुक्ति पत्रों की बिक्री, के विरुद्ध था। इसमें लोगों ने चर्च की सत्ता को चुनौती दी और नए धार्मिक पंथ बने।10. पुनर्जागरण युग की चित्रकला में कौन-सी विशेषताएँ थीं?
उत्तर: इस युग की चित्रकला में यथार्थवाद, गहराई (perspective), मानव शरीर की सुंदरता, प्रकाश-छाया का उपयोग और धर्म से अधिक मनुष्य और प्रकृति के चित्रण पर बल दिया गया।
लघु उत्तरीय प्रश्न (40–60 शब्दों में)
1. पुनर्जागरण आंदोलन की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर: पुनर्जागरण आंदोलन ने 14वीं से 17वीं शताब्दी के दौरान यूरोप में कला, साहित्य, विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन किए। इसमें शास्त्रीय यूनानी-रोमन ग्रंथों का पुनर्पाठ, मानव केंद्रित सोच (मानववाद), यथार्थवाद पर आधारित चित्रकला, और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास हुआ। यह आंदोलन मध्यकालीन धार्मिक सोच से आधुनिक, तर्कशील और विवेकपूर्ण समाज की ओर बढ़ा।2. मानववाद (Humanism) का यूरोपीय समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: मानववाद ने यूरोपीय समाज को धार्मिक जड़ता से बाहर निकालकर तर्क, स्वतंत्रता और व्यक्ति की क्षमता में विश्वास करने की प्रेरणा दी। विद्वानों ने शास्त्रीय ग्रंथों का अध्ययन किया और धर्म के बजाय मनुष्य को केंद्र में रखा। इससे शिक्षा, लेखन, चित्रकला और वास्तुकला में रचनात्मकता का विकास हुआ और समाज अधिक जागरूक और बौद्धिक बना।3. प्रिंटिंग प्रेस के आविष्कार से समाज में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर: जोहान गुटेनबर्ग द्वारा प्रिंटिंग प्रेस के आविष्कार से ज्ञान, सूचना और साहित्य का तेजी से प्रसार हुआ। इससे पुस्तकों की कीमत घटी और आम लोग पढ़ने लगे। यह शिक्षा के लोकतंत्रीकरण और विचारों की अभिव्यक्ति का प्रमुख साधन बना। धार्मिक ग्रंथों के अलावा वैज्ञानिक और साहित्यिक कृतियाँ भी आम जन तक पहुँचने लगीं जिससे पुनर्जागरण को गति मिली।4. मार्टिन लूथर के सुधार आंदोलन का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: मार्टिन लूथर ने कैथोलिक चर्च की भ्रष्ट प्रथाओं, जैसे पाप मुक्ति पत्र (Indulgence) की बिक्री, के विरुद्ध आवाज़ उठाई। 1517 में उन्होंने अपनी ’95 थीसिस’ प्रकाशित की जिसमें चर्च की आलोचना की गई थी। इसका उद्देश्य धर्म को शुद्ध और नैतिक बनाना था। इस आंदोलन से प्रोटेस्टेंट धर्म की शुरुआत हुई और ईसाई धर्म में गहरे धार्मिक और सामाजिक परिवर्तन आए।5. गैलीलियो के वैज्ञानिक अवदान क्या थे और उनके विचारों पर चर्च की प्रतिक्रिया कैसी थी?
उत्तर: गैलीलियो ने दूरबीन का प्रयोग कर ब्रह्मांड के कई रहस्यों को उजागर किया, जैसे – चंद्रमा पर गड्ढे, बृहस्पति के उपग्रह, और सूर्य के धब्बे। उन्होंने कोपर्निकस के सूर्य-केंद्रित सिद्धांत को समर्थन दिया। उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण ने चर्च के पृथ्वी-केंद्रित सिद्धांत को चुनौती दी, जिससे चर्च ने उन्हें विधर्मी घोषित कर नजरबंद कर दिया। उनके कार्यों ने आधुनिक विज्ञान की नींव रखी।6. इटली में पुनर्जागरण की शुरुआत क्यों हुई?
उत्तर: इटली में पुनर्जागरण की शुरुआत इसलिए हुई क्योंकि वहाँ रोमन सभ्यता की विरासत, समृद्ध नगर-राज्य, व्यापारिक संपन्नता, और शिक्षित वर्ग पहले से मौजूद था। फ्लोरेंस, वेनिस, मिलान जैसे नगर-राज्य कला और साहित्य के केंद्र बन गए थे। साथ ही, रोमन ग्रंथों की उपलब्धता और संरक्षकों (patrons) का सहयोग भी इटली को इस सांस्कृतिक क्रांति का अग्रदूत बनाता है।7. पुनर्जागरण काल की चित्रकला में क्या विशेषताएँ थीं?
उत्तर: पुनर्जागरण काल की चित्रकला में यथार्थवाद (Realism), मानवीय भावनाओं की अभिव्यक्ति, और परिप्रेक्ष्य (Perspective) का प्रयोग प्रमुख था। कलाकारों ने धार्मिक विषयों के साथ-साथ सामान्य जीवन, प्रकृति और मानव शरीर की सुंदरता को भी चित्रित किया। लिओनार्डो दा विंची और माइकलएंजेलो जैसे चित्रकारों ने शरीर रचना और प्रकाश-छाया का बारीकी से अध्ययन कर चित्रकला को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।8. शेक्सपीयर की रचनाओं का पुनर्जागरण काल में क्या महत्व था?
उत्तर: शेक्सपीयर की रचनाएँ पुनर्जागरण काल की मानव-केंद्रित सोच को प्रतिबिंबित करती थीं। उनके नाटकों में मानव भावनाओं, नैतिक संघर्षों और समाज की विविधताओं का सजीव चित्रण मिलता है। उन्होंने सामान्य लोगों की भाषा (वर्नाक्युलर) में लेखन कर साहित्य को आम जन तक पहुँचाया। उनकी कृतियाँ पुनर्जागरण की बौद्धिकता और यथार्थवाद का प्रतिनिधित्व करती हैं।9. ‘काउंसिल ऑफ ट्रेंट’ क्या थी और इसका उद्देश्य क्या था?
उत्तर: ‘काउंसिल ऑफ ट्रेंट’ 1545 से 1563 के बीच कैथोलिक चर्च द्वारा आयोजित एक धार्मिक सभा थी। इसका उद्देश्य प्रोटेस्टेंट सुधार आंदोलन का उत्तर देना और चर्च की अंदरूनी कमियों को सुधारना था। इसमें चर्च ने अपने सिद्धांतों को पुनः परिभाषित किया, शिक्षा पर बल दिया और पादरियों की अनुशासनहीनता पर अंकुश लगाया। यह कैथोलिक पुनरुत्थान (Counter-Reformation) की शुरुआत मानी जाती है।10. धर्मनिरपेक्षता (Secularism) का पुनर्जागरण काल में क्या महत्व था?
उत्तर: पुनर्जागरण काल में धर्मनिरपेक्षता का अर्थ था धार्मिक नियंत्रण से बाहर निकलकर जीवन के अन्य क्षेत्रों—जैसे शिक्षा, राजनीति, विज्ञान और कला—में स्वतंत्र सोच को महत्व देना। विचारकों और कलाकारों ने ईश्वर से हटकर मानव और प्रकृति को केंद्र में रखा। यह विचार समाज को धार्मिक कट्टरता से मुक्त कर आधुनिक, वैज्ञानिक और विवेकपूर्ण दिशा में ले गया।
5 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (120–150 शब्दों में)
1. पुनर्जागरण काल के मुख्य लक्षणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: पुनर्जागरण काल (Renaissance) 14वीं से 17वीं शताब्दी के मध्य यूरोप में आया एक सांस्कृतिक, बौद्धिक और कलात्मक आंदोलन था। इसके मुख्य लक्षणों में सबसे प्रमुख था – मानववाद (Humanism), जिसमें व्यक्ति की बुद्धि, स्वतंत्रता और योग्यता को महत्व दिया गया। इस काल में यथार्थवाद (Realism) की अभिव्यक्ति कला और साहित्य में स्पष्ट दिखती है। कलाकारों ने मानव शरीर की सुंदरता, प्राकृतिक दृश्यों और आम जीवन को चित्रित किया। चित्रकला में परिप्रेक्ष्य (Perspective) का प्रयोग हुआ जिससे गहराई और दूरी का आभास मिला। शास्त्रीय ग्रंथों (Classical Texts) जैसे यूनानी और रोमन साहित्य को पुनः पढ़ा और अनुवादित किया गया। विज्ञान में प्रयोग और निरीक्षण पर बल दिया गया। साथ ही मुद्रण यंत्र के आविष्कार ने विचारों और ज्ञान के प्रसार में क्रांति ला दी। पुनर्जागरण ने धर्मनिरपेक्षता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और आधुनिक युग की नींव रखी।2. मानववाद (Humanism) की अवधारणा तथा उसका प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: मानववाद पुनर्जागरण काल की एक प्रमुख विचारधारा थी, जिसमें मानव को ब्रह्मांड का केंद्र माना गया। यह विचारधारा प्राचीन यूनानी और रोमन ग्रंथों से प्रभावित थी। मानववाद ने धर्म के स्थान पर मानव बुद्धि, अनुभव और तर्क को प्रमुखता दी। इसका मानना था कि प्रत्येक व्यक्ति में प्रतिभा होती है और उसे स्वतंत्र रूप से सोचने और निर्णय लेने का अधिकार है। इससे समाज में नई चेतना आई। शिक्षा, साहित्य और कला में इस विचारधारा ने मानव भावनाओं, समस्याओं और अनुभवों को केंद्र में रखा। कलाकारों ने यथार्थवादी चित्र बनाए, लेखकों ने आम जीवन की घटनाओं को विषय बनाया और वैज्ञानिकों ने प्राचीन मान्यताओं को तर्क और प्रयोग के आधार पर चुनौती दी। मानववाद के प्रभाव से व्यक्ति की स्वतंत्रता, रचनात्मकता और आत्मसम्मान को बल मिला, जिससे आधुनिक विचारों का उदय हुआ।3. मुद्रण यंत्र के आविष्कार ने यूरोपीय समाज को कैसे बदला?
उत्तर: मुद्रण यंत्र का आविष्कार जोहान गुटेनबर्ग ने 1455 ई. में किया, जिसने यूरोप की सामाजिक, धार्मिक और बौद्धिक संरचना को पूरी तरह बदल दिया। इससे पुस्तकों की छपाई सरल, तेज़ और सस्ती हो गई, जिससे ज्ञान का प्रसार पहले से कहीं अधिक हुआ। धार्मिक ग्रंथ, वैज्ञानिक शोध, साहित्य और राजनीतिक विचार आम लोगों तक पहुँचने लगे। इसने शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाया और पढ़ाई अब केवल अमीरों या पादरियों तक सीमित नहीं रही। मुद्रण यंत्र के माध्यम से प्रोटेस्टेंट सुधार आंदोलन को भी गति मिली, क्योंकि मार्टिन लूथर की 95 थीसिस और अन्य लेखन तेज़ी से फैल सके। इसने चर्च की सत्ता को चुनौती दी और धार्मिक बहस को जन आंदोलन बना दिया। साथ ही, वैज्ञानिकों की खोजों को समाज तक पहुँचने का अवसर मिला। कुल मिलाकर, यह आविष्कार आधुनिक युग के आरंभ में क्रांतिकारी साबित हुआ।4. प्रोटेस्टेंट सुधार आंदोलन के कारण और प्रभाव समझाइए।
उत्तर: प्रोटेस्टेंट सुधार आंदोलन 16वीं शताब्दी में यूरोप में शुरू हुआ एक धार्मिक आंदोलन था, जिसकी शुरुआत मार्टिन लूथर द्वारा की गई थी। इस आंदोलन का मुख्य कारण कैथोलिक चर्च की बढ़ती भ्रष्टता, पादरियों का नैतिक पतन, और छूटपत्र (Indulgences) बेचने की प्रथा थी। लूथर ने 1517 में अपनी ’95 थीसिस’ जारी कर चर्च की आलोचना की। इस आंदोलन ने लोगों को यह सोचने के लिए प्रेरित किया कि ईश्वर से संबंध रखने के लिए चर्च की आवश्यकता नहीं है। इसका प्रमुख प्रभाव यह हुआ कि यूरोप में प्रोटेस्टेंट धर्म की शुरुआत हुई, जिससे चर्च की एकता टूट गई। साथ ही, कैथोलिक चर्च ने अपने भीतर सुधारों की प्रक्रिया शुरू की जिसे Counter Reformation कहा गया। यह आंदोलन धार्मिक स्वतंत्रता, शिक्षा और मुद्रण क्रांति के प्रसार में सहायक बना और आधुनिक यूरोपीय समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाई।5. पुनर्जागरण काल की विज्ञान में प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: पुनर्जागरण काल में विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई। इस काल में वैज्ञानिकों ने धर्म और रूढ़ियों से हटकर तर्क और प्रयोग के आधार पर ज्ञान प्राप्त करना शुरू किया। निकोलस कोपरनिकस ने सबसे पहले यह सिद्धांत दिया कि सूर्य ब्रह्मांड का केंद्र है, न कि पृथ्वी। गैलीलियो गैलीली ने दूरबीन का प्रयोग कर खगोलीय पिंडों का अध्ययन किया और कोपरनिकस के सिद्धांत को प्रमाणित किया। उन्होंने गति और गुरुत्वाकर्षण पर भी शोध किए। आंद्रेआस वेसालियस ने शरीर रचना विज्ञान (Anatomy) का वैज्ञानिक अध्ययन किया। लियोनार्डो दा विंची ने भी शरीर, यंत्रों और प्रकृति का वैज्ञानिक अवलोकन किया। इन सभी खोजों ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण को जन्म दिया और प्रयोगात्मक पद्धति को बल मिला। पुनर्जागरण काल में विज्ञान के प्रति यह जागरूकता आधुनिक वैज्ञानिक युग की नींव बन गई।
रिवीजन शीट (Revision Sheet)
मुख्य बिंदु (Main Points)
पुनर्जागरण (Renaissance) :-
पुनर्जागरण का अर्थ है – “पुनर्जन्म”।
यह 14वीं से 17वीं शताब्दी के बीच यूरोप में कला, साहित्य, विज्ञान और विचारों का नवजागरण था।
यह आंदोलन सबसे पहले इटली के फ्लोरेंस नगर में शुरू हुआ।
मानववाद (Humanism) :-
यह विचारधारा मानव केंद्रित थी।
मानव की बुद्धि, तर्क और अनुभव को महत्व दिया गया।
व्यक्ति की स्वतंत्रता और आत्मविकास को प्राथमिकता दी गई।
महान कलाकार और वैज्ञानिक :-
माइकलएंजेलो: सिस्टीन चैपल की चित्रकारी और डेविड की मूर्ति।
लियोनार्डो दा विंची: मोना लिसा, द लास्ट सपर; वैज्ञानिक चित्रण।
गैलीलियो गैलीली: दूरबीन का प्रयोग, पृथ्वी की गति सिद्ध की।
मुद्रण क्रांति :-
जोहान गुटेनबर्ग ने 1455 ई. में मुद्रण यंत्र का आविष्कार किया।
पुस्तकों की संख्या बढ़ी, ज्ञान का प्रसार हुआ।
धार्मिक सुधार आंदोलन (Reformation) :-
मार्टिन लूथर ने 1517 ई. में ’95 थीसिस’ प्रकाशित की।
चर्च की आलोचना और प्रोटेस्टेंट धर्म की स्थापना।
इंग्लैंड में हेनरी अष्टम द्वारा चर्च का विभाजन।
कैथोलिक प्रतिक्रिया (Counter Reformation) :-
काउंसिल ऑफ ट्रेंट (1545–1563) के माध्यम से चर्च में सुधार लाया गया।
जेसुइट संगठन की स्थापना हुई।
सांस्कृतिक प्रभाव :-
शिक्षा, कला, विज्ञान और धर्म में व्यापक परिवर्तन।
यथार्थवाद का उदय, वैज्ञानिक सोच और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बल।
महत्वपूर्ण तिथियाँ (Important Dates)
वर्ष | घटना |
---|---|
1300 ई. | पुनर्जागरण की शुरुआत – इटली में |
1455 ई. | मुद्रण यंत्र का आविष्कार – गुटेनबर्ग द्वारा |
1517 ई. | लूथर की ’95 थीसिस’ का प्रकाशन |
1534 ई. | इंग्लैंड में चर्च का विभाजन |
1545–1563 ई. | काउंसिल ऑफ ट्रेंट |
महत्वपूर्ण व्यक्ति (Key Personalities)
लियोनार्डो दा विंची – कलाकार और वैज्ञानिक।
माइकलएंजेलो – मूर्तिकार और चित्रकार।
मार्टिन लूथर – धार्मिक सुधारक।
गैलीलियो – खगोल वैज्ञानिक।
गुटेनबर्ग – मुद्रण यंत्र का आविष्कारक।
प्रमुख अवधारणाएँ (Key Concepts)
पुनर्जागरण
मानववाद
प्रोटेस्टेंट सुधार
कैथोलिक प्रतिक्रिया
मुद्रण क्रांति
वैज्ञानिक जागरण
पुनरावृत्ति के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice for Revision)
पुनर्जागरण क्या था? इसके प्रमुख लक्षण लिखिए।
मानववाद क्या है? इसके प्रभाव बताइए।
मार्टिन लूथर के सुधार आंदोलन के क्या परिणाम हुए?
मुद्रण यंत्र के आविष्कार का समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?
पुनर्जागरण काल के दो प्रमुख कलाकारों की कृतियाँ लिखिए।
वर्कशीट (Worksheet) - Test (बदलती सांस्कृतिक परंपराएँ)
भाग – A. बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) :- (प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प चुनिए)
पुनर्जागरण की शुरुआत किस देश में हुई थी?
(A) फ्रांस
(B) जर्मनी
(C) इटली
(D) इंग्लैंडमुद्रण यंत्र का आविष्कार किसने किया?
(A) गैलीलियो
(B) जोहान गुटेनबर्ग
(C) माइकलएंजेलो
(D) शेक्सपीयर‘95 थीसिस’ किसने प्रकाशित की थी?
(A) लूथर
(B) गैलीलियो
(C) दा विंची
(D) अरस्तू
भाग – B. अति लघु उत्तरीय प्रश्न (20–30 शब्दों में उत्तर दीजिए)
पुनर्जागरण का क्या अर्थ है? इसे सांस्कृतिक दृष्टि से कैसे समझा जा सकता है?
मानववाद के दो मुख्य लक्षणों का उल्लेख कीजिए।
भाग – C. लघु उत्तरीय प्रश्न (60–80 शब्दों में उत्तर दीजिए)
मुद्रण यंत्र के आविष्कार ने यूरोपीय समाज पर क्या प्रभाव डाला?
मार्टिन लूथर ने किस प्रकार कैथोलिक चर्च के खिलाफ आवाज़ उठाई और इसके क्या परिणाम हुए?
भाग – D. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (140–180 शब्दों में उत्तर दीजिए)
पुनर्जागरण काल की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। इसमें कला, विज्ञान, विचार और मानव जीवन के दृष्टिकोण में हुए परिवर्तनों को स्पष्ट कीजिए।
भाग – E. मानचित्र कार्य
नीचे दिए गए यूरोपीय मानचित्र में निम्नलिखित को चिन्हित कीजिए:
इटली (जहां से पुनर्जागरण शुरू हुआ)
जर्मनी (जहां लूथर ने सुधार आंदोलन शुरू किया)
इंग्लैंड (जहां एंग्लिकन चर्च की स्थापना हुई)
फ्रांस (पुनर्जागरण का प्रभाव पड़ा)
(मानचित्र शिक्षक द्वारा प्रदान किया जाएगा)
भाग – F. मिलान कीजिए
स्तंभ A | स्तंभ B |
---|---|
1. माइकलएंजेलो | A. दूरबीन का आविष्कार |
2. मार्टिन लूथर | B. ‘डेविड’ की मूर्ति |
3. गैलीलियो | C. ’95 थीसिस’ |
4. गुटेनबर्ग | D. मुद्रण यंत्र का आविष्कार |
सभी प्रश्नों के उत्तर स्वच्छ और क्रमबद्ध रूप से दें।
उत्तर पुस्तिका में स्पष्ट शीर्षक अवश्य दें।
मानचित्र कार्य नीले पेन और पेंसिल से करें।
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