भारत में राष्ट्रवाद (Nationalism in India)
यह अध्याय बताता है कि भारत में राष्ट्रवाद कैसे विकसित हुआ और स्वतंत्रता संग्राम में विभिन्न आंदोलनों की क्या भूमिका रही। इसमें प्रथम विश्व युद्ध, गाँधी जी का आगमन, असहयोग आंदोलन, खिलाफत आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन तथा भारत छोड़ो आंदोलन आदि की चर्चा की गई है। इस संघर्ष में किसानों, मजदूरों, महिलाओं, आदिवासियों व व्यापारियों की भूमिका और विभिन्न क्षेत्रों में आंदोलनों की विविधता को समझाया गया है।
सारांश (Summary)
‘भारत में राष्ट्रवाद’ अध्याय यह समझाता है कि कैसे एक विशाल, विविधताओं वाले देश में राष्ट्र की भावना जागृत हुई और कैसे विभिन्न आंदोलनों, संघर्षों और जन-भागीदारी के माध्यम से भारतीयों में स्वतंत्रता की इच्छा प्रबल हुई। इसमें गांधी जी की भूमिका, विभिन्न सामाजिक समूहों की भागीदारी और आंदोलनों की विविधता को विश्लेषित किया गया है।
प्रथम विश्व युद्ध और उसका प्रभाव (1914–1918)
-
आर्थिक प्रभाव: युद्धकाल में ब्रिटिश सरकार ने भारत से भारी मात्रा में कर और संसाधन एकत्र किए। इससे महंगाई, खाद्य संकट और बेरोज़गारी बढ़ी।
-
राजनीतिक प्रभाव: युद्ध के दौरान भारतीयों से स्वतंत्रता का वादा किया गया, लेकिन युद्ध के बाद ऐसा कुछ नहीं हुआ।
-
मनोवैज्ञानिक प्रभाव: भारतीयों को लगा कि उन्हें केवल उपयोग किया जा रहा है और यह असंतोष राष्ट्रवाद की भावना को जन्म देता है।
गांधी जी का भारत आगमन और प्रारंभिक आंदोलन (1915–1918)
-
गांधी जी दक्षिण अफ्रीका से लौटे और उन्होंने सत्याग्रह की अहिंसात्मक पद्धति को भारत में लागू किया।
-
उन्होंने तीन प्रमुख आंदोलनों का नेतृत्व किया:
-
चंपारण (1917) – नील की खेती से परेशान किसानों की मदद के लिए।
-
खेड़ा (1918) – सूखा और कर माफी के लिए।
-
अहमदाबाद (1918) – मिल मजदूरों के वेतन विवाद के लिए।
-
रॉलेक्ट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919)
-
रॉलेक्ट एक्ट (1919): इस कानून से बिना मुकदमा चलाए किसी को भी जेल भेजा जा सकता था। इसका पूरे देश में विरोध हुआ।
-
जलियांवाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल 1919): अमृतसर में शांतिपूर्ण सभा पर जनरल डायर द्वारा गोलीबारी कराई गई जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए। इस घटना ने राष्ट्रव्यापी आक्रोश फैलाया और ब्रिटिश शासन के प्रति विश्वास समाप्त कर दिया।
असहयोग आंदोलन (1920–22)
-
गांधी जी ने ब्रिटिश सरकार के साथ असहयोग की नीति अपनाई – यह आंदोलन खिलाफत आंदोलन और स्वराज की मांग से जुड़ा।
-
प्रमुख कार्यक्रम:
-
सरकारी स्कूलों और कॉलेजों का बहिष्कार
-
विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार
-
वकीलों द्वारा वकालत छोड़ना
-
सरकारी नौकरियों से त्यागपत्र
-
-
आंदोलन ने व्यापक जनसमर्थन प्राप्त किया, लेकिन 1922 में चौरी-चौरा हिंसा के बाद गांधी जी ने आंदोलन वापस ले लिया।
खिलाफत आंदोलन (1919–1922)
-
तुर्की के खलीफा को हटाए जाने से नाराज़ मुस्लिम समुदाय ने इस आंदोलन की शुरुआत की।
-
यह आंदोलन गांधी जी के असहयोग आंदोलन के साथ जुड़ गया जिससे हिंदू-मुस्लिम एकता को बल मिला।
आंदोलन की सीमाएँ
-
सभी वर्गों की भागीदारी एक समान नहीं थी।
-
किसानों, आदिवासियों, मजदूरों आदि के संघर्ष स्थानीय मुद्दों तक सीमित थे।
-
कई स्थानों पर आंदोलन हिंसक रूप में सामने आया।
सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930–34)
-
गांधी जी ने ब्रिटिश कानूनों को सीधे चुनौती देने का निर्णय लिया।
-
नमक कानून का उल्लंघन: गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से डांडी तक 240 मील की यात्रा कर नमक कानून तोड़ा।
-
प्रमुख मांगे: नमक कर हटाना, विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार, शराबबंदी, किसान कर माफी, मजदूरों की मजदूरी बढ़ाना आदि।
-
सरकार की प्रतिक्रिया: आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया गया, सभाएँ रोकी गईं।
-
गांधी-इरविन समझौता (1931): गांधी जी ने द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए आंदोलन स्थगित किया।
भारत छोड़ो आंदोलन (1942) – संक्षेप में
-
हालांकि यह अध्याय इसका विस्तृत वर्णन नहीं करता, लेकिन यह आंदोलन भी राष्ट्रवाद के चरम का प्रतीक था।
-
गांधी जी का नारा था – “करो या मरो”।
विभिन्न वर्गों की भागीदारी
-
किसान: कर माफी, बेगारी प्रथा के खिलाफ आंदोलनों में।
-
मजदूर: मिलों में हड़तालें और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार।
-
महिलाएँ: सभाओं में भागीदारी, जेल यात्राएँ।
-
आदिवासी: वन अधिकारों को लेकर संघर्ष।
-
व्यापारी वर्ग: स्वदेशी वस्त्रों का प्रचार और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार।
अध्याय की प्रमुख विशेषताएँ
-
राष्ट्रवाद की भावना केवल राजनीतिक नहीं, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी फैल रही थी।
-
गांधी जी के नेतृत्व ने आंदोलनों को जन आंदोलन का रूप दिया।
-
विभिन्न सामाजिक वर्गों ने स्वतंत्रता संघर्ष में भाग लिया, लेकिन उनकी अपेक्षाएँ और दृष्टिकोण अलग-अलग थे।
शब्दार्थ (Word Meanings)
क्रमांक | शब्द | अर्थ (हिंदी में) | |
---|---|---|---|
1 | राष्ट्रवाद | वह भावना जिसमें लोग अपने देश को एकता अखंडता और स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में देखते हैं | |
2 | असहयोग आंदोलन | ब्रिटिश सरकार से सहयोग न करने का आंदोलन - जिसमें सरकारी संस्थाओं का बहिष्कार किया गया | |
3 | सविनय अवज्ञा | कानून को शांतिपूर्वक न मानना लेकिन बिना हिंसा के विरोध करना | |
4 | रॉलेट एक्ट | एक काला कानून जिससे बिना मुकदमा चलाए किसी को भी जेल में डाला जा सकता था | |
5 | जलियांवाला बाग हत्याकांड | अमृतसर में 1919 में जनरल डायर द्वारा की गई गोलीबारी जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए | |
6 | खिलाफत आंदोलन | तुर्की के खलीफा को हटाने के विरोध में भारत में मुस्लिमों द्वारा चलाया गया आंदोलन | |
7 | स्वदेशी | अपने देश में बनी वस्तुओं का प्रयोग करना और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार | |
8 | विदेशी वस्त्र | ब्रिटेन या अन्य देशों में बनी हुई कपड़े की वस्तुएँ जिन्हें भारत में बेचा जाता था | |
9 | बहिष्कार | किसी वस्तु सेवा या संस्था का त्याग कर देना | |
10 | तानाशाही | एक ऐसा शासन जहाँ सत्ता एक व्यक्ति या संस्था के पास केंद्रित हो और जनता की स्वतंत्रता सीमित हो | |
11 | खादी | हाथ से कता और बुना हुआ कपड़ा जिसे गांधी जी ने स्वदेशी का प्रतीक माना | |
12 | सामूहिक | समूह में किया गया एक साथ मिलकर | |
13 | सभा | लोगों की बैठक जहाँ विचार-विमर्श किया जाता है | |
14 | आंदोलन | किसी मांग को लेकर किया गया सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन | |
15 | स्वतंत्रता | आज़ादी - किसी के नियंत्रण से मुक्त होना | |
16 | बहुजातीय | जिसमें अनेक जातियाँ भाषाएँ संस्कृतियाँ सम्मिलित हों | |
17 | नारा | कोई प्रेरणादायक वाक्य या वाक्यांश | जो आंदोलन या विचारधारा को व्यक्त करता है |
18 | कर | सरकार द्वारा जनता से लिया जाने वाला अनिवार्य धन | |
19 | कर माफी | कर न भरने की अनुमति देना विशेष परिस्थितियों में राहत स्वरूप | |
20 | सत्याग्रह | गांधी जी की अहिंसात्मक प्रतिरोध की नीति - जिसमें सत्य की शक्ति को ही हथियार माना गया |
माइंड मैप (Mind Map)
टाइमलाइन (Timeline)
क्रमांक | वर्ष/तिथि | घटना | विवरण |
---|---|---|---|
1 | 1915 | गांधी जी की भारत वापसी | महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे और भारतीय राजनीति में सक्रिय हुए। |
2 | 1916 | कांग्रेस-लीग समझौता | लखनऊ अधिवेशन में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच समझौता हुआ - जिसने एकता को बढ़ाया। |
3 | 1917 | चंपारण आंदोलन | बिहार के चंपारण में गांधी जी ने नील किसानों की समस्याओं के लिए पहला सत्याग्रह किया। |
4 | 1918 | खेड़ा आंदोलन | गुजरात के किसानों के कर माफी हेतु गांधी जी ने खेड़ा में आंदोलन चलाया। |
5 | 1919 | रॉलेट एक्ट | अंग्रेजों ने ऐसा कानून लागू किया जिससे बिना मुकदमा जेल भेजा जा सकता था। |
6 | 13 अप्रैल 1919 | जलियांवाला बाग हत्याकांड | अमृतसर में शांतिपूर्ण सभा पर जनरल डायर ने गोली चलवाई - सैकड़ों लोग मारे गए। |
7 | 1920 | असहयोग आंदोलन का आरंभ | गांधी जी ने विदेशी वस्त्रों स्कूलों न्यायालयों का बहिष्कार करने का आह्वान किया। |
8 | 1921 | खिलाफत आंदोलन | मुसलमानों ने खलीफा को हटाने के विरोध में कांग्रेस के साथ मिलकर आंदोलन किया। |
9 | 1922 | चौरी-चौरा कांड | उत्तर प्रदेश में एक हिंसक घटना के बाद गांधी जी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया। |
10 | 1930 | सविनय अवज्ञा आंदोलन | गांधी जी ने नमक सत्याग्रह के तहत डांडी यात्रा कर अंग्रेजी कानून को तोड़ा। |
11 | 1931 | गांधी-इरविन समझौता | सविनय अवज्ञा आंदोलन को विराम देकर गांधी जी ने लंदन गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया। |
12 | 1932 | पूना समझौता | अछूतों को पृथक निर्वाचक मंडल देने के प्रस्ताव का विरोध कर गांधी जी ने आमरण अनशन किया। |
13 | 1935 | भारत सरकार अधिनियम | ब्रिटिश सरकार ने भारत के लिए नया शासन अधिनियम पारित किया जिसमें प्रांतीय स्वशासन दिया गया। |
14 | 1942 | भारत छोड़ो आंदोलन | गांधी जी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा दिया और व्यापक आंदोलन आरंभ हुआ। |
15 | 15 अगस्त 1947 | भारत की स्वतंत्रता | भारत को ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हुई - विभाजन के साथ। |
मैप वर्क (Map Work)
क्रमांक | स्थान का नाम | संबंधित घटना / आंदोलन | विवरण (पढ़ाते समय समझाने के बिंदु) |
---|---|---|---|
1 | चंपारण (बिहार) | चंपारण सत्याग्रह (1917) | पहला सत्याग्रह आंदोलन; नील की खेती के खिलाफ |
2 | खेड़ा (गुजरात) | खेड़ा आंदोलन (1918) | किसानों की कर माफी हेतु आंदोलन; अकाल की स्थिति |
3 | अहमदाबाद (गुजरात) | मिल मजदूर आंदोलन | टेक्सटाइल मिल मजदूरों के अधिकारों हेतु गांधी जी का आंदोलन |
4 | अमृतसर (पंजाब) | जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919) | जनरल डायर की गोलीबारी; निर्दोष लोगों की हत्या |
5 | नागपुर (महाराष्ट्र) | असहयोग आंदोलन का केंद्र | असहयोग आंदोलन की योजना और स्वदेशी वस्त्रों का प्रसार |
6 | अलीगढ़, दिल्ली, लखनऊ | खिलाफत आंदोलन | मुसलमानों के लिए खलीफा का समर्थन; कांग्रेस-खिलाफत सहयोग |
7 | चौरी-चौरा (उत्तर प्रदेश) | चौरी-चौरा कांड (1922) | पुलिस थाने में आगजनी; आंदोलन की वापसी का कारण |
8 | साबरमती आश्रम (गुजरात) | डांडी यात्रा की शुरुआत (1930) | गांधी जी ने यहीं से नमक सत्याग्रह की शुरुआत की |
9 | डांडी (गुजरात) | नमक सत्याग्रह का अंत | समुद्र किनारे गांधी जी ने नमक कानून तोड़ा |
10 | लाहौर (अब पाकिस्तान में) | पूर्ण स्वराज प्रस्ताव (1929) | 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाने का आह्वान किया गया |
11 | पूना (महाराष्ट्र) | पूना समझौता (1932) | अछूतों के पृथक निर्वाचक मंडल के खिलाफ गांधी जी का अनशन |
12 | मुंबई (महाराष्ट्र) | भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत (1942) | गांधी जी ने “करो या मरो” का नारा दिया |
🧭 कक्षा में उपयोग कैसे करें…
-
भारत का राजनीतिक नक्शा लें और उपरोक्त सभी स्थानों को चिह्नित करें।
-
प्रत्येक स्थान पर स्टिकर या पिन लगाकर संबंधित घटना को बताएं।
मैप प्रैक्टिस (Map Practice)
छात्र भारत के मानचित्र पर राष्ट्रवादी आंदोलनों से संबंधित महत्वपूर्ण स्थानों की पहचान कर सकें।
🗺️ अभ्यास – 1. घटना बताओ, स्थान पहचानो!
नीचे कुछ घटनाएँ दी गई हैं। बताइए यह किस स्थान से संबंधित हैं और उन्हें भारत के राजनीतिक नक्शे में ढूंढ़ें:
क्रमांक | घटना | स्थान (छात्र भरें) |
---|---|---|
1 | पहला सत्याग्रह आंदोलन, नील की खेती | ___________ |
2 | नमक सत्याग्रह की शुरुआत | ___________ |
3 | जलियांवाला बाग हत्याकांड | ___________ |
4 | चौरी-चौरा कांड | ___________ |
5 | “करो या मरो” आंदोलन की शुरुआत | ___________ |
6 | खादी और स्वदेशी आंदोलन का केंद्र | ___________ |
7 | मुसलमानों का खिलाफत आंदोलन | ___________ |
8 | गांधी-इरविन समझौता के बाद सम्मेलन | ___________ |
🧠 अभ्यास – 2. स्थान बताओ, घटना बताओ!
अब नीचे दिए गए स्थानों के सामने संबंधित ऐतिहासिक घटनाओं का नाम लिखें:
क्रमांक | स्थान | घटना (छात्र भरें) |
---|---|---|
1 | चंपारण | ___________ |
2 | खेड़ा | ___________ |
3 | साबरमती | ___________ |
4 | डांडी | ___________ |
5 | पूना | ___________ |
6 | लाहौर | ___________ |
7 | अमृतसर | ___________ |
🧭 अभ्यास – 3. “मानचित्र कार्य” (नक्शे पर चिह्नित करें)
-
भारत के राजनीतिक नक्शे पर नीचे दिए गए स्थानों को खोजें और चिह्नित करें।
-
प्रत्येक स्थान पर संबंधित वर्ष और आंदोलन भी लिखें।
🖍️ चिह्नित करने वाले स्थान:
-
चंपारण
-
खेड़ा
-
अहमदाबाद
-
अमृतसर
-
डांडी
-
लाहौर
-
चौरी-चौरा
-
पूना
-
मुंबई
-
नागपुर
(टिप: रंगों का प्रयोग करें – जैसे हरा = आंदोलन की शुरुआत, लाल = हिंसक घटना, नीला = समझौता/घोषणा)
MCQ (बहुविकल्पीय प्रश्न) - उत्तर एवं व्याख्या सहित
01.महात्मा गांधी ने भारत लौटने के बाद पहला बड़ा आंदोलन किस स्थान पर शुरू किया था?
(A) खेड़ा
(B) चंपारण
(C) डांडी
(D) अमृतसर✅ उत्तर: (B) चंपारण
व्याख्या: 1917 में गांधी जी ने चंपारण (बिहार) में नील किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पहला सत्याग्रह किया। यह गांधी जी का भारत में पहला जन आंदोलन था, जिसने उनकी राजनीति में एक नई दिशा दी।
02. “रॉलेट एक्ट” किस वर्ष में लागू किया गया था?
(A) 1917
(B) 1919
(C) 1920
(D) 1930✅ उत्तर: (B) 1919
व्याख्या: 1919 में अंग्रेजों ने “रॉलेट एक्ट” पास किया, जिससे सरकार को बिना मुकदमा चलाए किसी को भी जेल भेजने का अधिकार मिल गया। इसने देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया और गांधी जी ने इसके खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध शुरू किया।
03. जलियांवाला बाग हत्याकांड किस दिन घटित हुआ था?
(A) 15 अगस्त 1919
(B) 26 जनवरी 1920
(C) 13 अप्रैल 1919
(D) 23 मार्च 1919✅ उत्तर: (C) 13 अप्रैल 1919
व्याख्या: 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में जनरल डायर ने निहत्थे भारतीयों पर गोली चलवाई, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक निर्णायक मोड़ बन गई।
04. “खिलाफत आंदोलन” किससे संबंधित था?
(A) नील किसानों की समस्या से
(B) भारतीय मजदूरों के अधिकारों से
(C) तुर्की के खलीफा के समर्थन से
(D) नमक कानून तोड़ने से✅ उत्तर: (C) तुर्की के खलीफा के समर्थन से
व्याख्या: खिलाफत आंदोलन भारत के मुसलमानों द्वारा शुरू किया गया था ताकि प्रथम विश्व युद्ध के बाद तुर्की के खलीफा की सत्ता को बचाया जा सके। कांग्रेस और मुस्लिम लीग ने मिलकर इसे समर्थन दिया, जिससे हिन्दू-मुस्लिम एकता को बल मिला।
05. “सविनय अवज्ञा आंदोलन” की शुरुआत किस घटना से हुई थी?
(A) रॉलेट एक्ट
(B) जलियांवाला बाग हत्याकांड
(C) डांडी यात्रा
(D) भारत छोड़ो आंदोलन✅ उत्तर: (C) डांडी यात्रा
व्याख्या: 1930 में गांधी जी ने डांडी यात्रा कर अंग्रेजों के नमक कानून का उल्लंघन किया। इसी के साथ सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ, जिसमें लोगों ने ब्रिटिश कानूनों का शांतिपूर्ण उल्लंघन किया।
06. गांधी-इरविन समझौता कब हुआ था?
(A) 1921
(B) 1931
(C) 1942
(D) 1947✅ उत्तर: (B) 1931
व्याख्या: 1931 में गांधी जी और लॉर्ड इरविन के बीच एक समझौता हुआ जिसमें सविनय अवज्ञा आंदोलन समाप्त करने और गांधी जी के लंदन गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने पर सहमति बनी।
07. “पूना समझौता” किस मुद्दे से संबंधित था?
(A) किसानों के कर माफी से
(B) अछूतों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल से
(C) भारत छोड़ो आंदोलन से
(D) ब्रिटिश वस्तुओं के बहिष्कार से✅ उत्तर: (B) अछूतों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल से
व्याख्या: 1932 में ब्रिटिश सरकार ने अछूतों को अलग निर्वाचन मंडल देने का प्रस्ताव रखा। गांधी जी ने इसका विरोध करते हुए आमरण अनशन किया, जिसके बाद डॉ. अंबेडकर और गांधी जी के बीच “पूना समझौता” हुआ।
08. भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत किस वर्ष हुई थी?
(A) 1930
(B) 1935
(C) 1942
(D) 1947✅ उत्तर: (C) 1942
व्याख्या: 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गांधी जी ने “भारत छोड़ो आंदोलन” शुरू किया और “करो या मरो” का नारा दिया। इस आंदोलन का उद्देश्य था अंग्रेजों को भारत से तुरंत हटने के लिए मजबूर करना।
09. “स्वदेशी आंदोलन” का मुख्य उद्देश्य क्या था?
(A) विदेशी शिक्षा का प्रचार
(B) विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग
(C) अंग्रेजी भाषा का प्रसार
(D) भारत को विभाजित करना✅ उत्तर: (B) विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग
व्याख्या: स्वदेशी आंदोलन का मकसद था अंग्रेजों के बनाए सामान का बहिष्कार कर भारतीय हस्तशिल्प और उद्योगों को बढ़ावा देना। यह राष्ट्रीय चेतना के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम था।
10. भारत ने किस वर्ष स्वतंत्रता प्राप्त की?
(A) 1945
(B) 1946
(C) 15 अगस्त 1947
(D) 26 जनवरी 1950✅ उत्तर: (C) 15 अगस्त 1947
व्याख्या: 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हुई। इस दिन भारत का विभाजन भी हुआ, जिससे पाकिस्तान का निर्माण हुआ।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (30–40 शब्दों में)
प्रश्न 1. महात्मा गांधी ने भारत लौटने के बाद पहला आंदोलन कहाँ शुरू किया?
उत्तर: महात्मा गांधी ने भारत लौटने के बाद 1917 में बिहार के चंपारण में नील किसानों के शोषण के खिलाफ पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया। यह गांधी जी का भारत में पहला बड़ा जन आंदोलन था।
प्रश्न 2. रॉलेट एक्ट क्या था?
उत्तर: 1919 में पारित रॉलेट एक्ट के तहत सरकार को बिना मुकदमा चलाए किसी को भी गिरफ्तार कर जेल भेजने का अधिकार मिल गया था। इस कानून ने पूरे भारत में आक्रोश फैला दिया।
प्रश्न 3. जलियांवाला बाग हत्याकांड कब और कहाँ हुआ?
उत्तर: 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में जनरल डायर ने शांतिपूर्ण सभा पर गोलीबारी करवाई थी, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए। यह घटना स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ बनी।
प्रश्न 4. असहयोग आंदोलन का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: असहयोग आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश शासन के विरुद्ध शांतिपूर्ण ढंग से सहयोग न करना था। इसमें सरकारी संस्थाओं, न्यायालयों, स्कूलों और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार करना शामिल था।
प्रश्न 5. खिलाफत आंदोलन क्यों शुरू हुआ?
उत्तर: खिलाफत आंदोलन तुर्की के खलीफा की सत्ता को बचाने के लिए भारतीय मुसलमानों द्वारा शुरू किया गया था। इस आंदोलन में कांग्रेस ने भी समर्थन दिया, जिससे हिंदू-मुस्लिम एकता मजबूत हुई।
प्रश्न 6. डांडी यात्रा का महत्व क्या था?
उत्तर: 1930 में महात्मा गांधी ने डांडी यात्रा कर नमक कानून तोड़ा। इससे सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई और लोगों में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ प्रतिरोध की भावना प्रबल हुई।
प्रश्न 7. गांधी-इरविन समझौता क्या था?
उत्तर: 1931 में गांधी जी और वायसराय इरविन के बीच एक समझौता हुआ जिसमें अंग्रेजों ने राजनीतिक कैदियों को रिहा किया और गांधी जी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन समाप्त करने पर सहमति दी।
प्रश्न 8. पूना समझौते का क्या महत्व था?
उत्तर: 1932 में पूना समझौते के तहत अछूतों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल का प्रस्ताव रद्द कर दिया गया और उन्हें सामान्य निर्वाचन मंडल में स्थान दिया गया। इससे सामाजिक एकता को बढ़ावा मिला।
प्रश्न 9. भारत छोड़ो आंदोलन का नारा क्या था?
उत्तर: भारत छोड़ो आंदोलन में महात्मा गांधी ने “करो या मरो” का नारा दिया। 1942 में शुरू हुआ यह आंदोलन भारत को ब्रिटिश शासन से तुरंत मुक्त कराने के उद्देश्य से किया गया था।
प्रश्न 10. स्वदेशी आंदोलन का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: स्वदेशी आंदोलन का उद्देश्य था विदेशी वस्त्रों और वस्तुओं का बहिष्कार कर भारतीय उत्पादों का प्रयोग बढ़ाना। इससे भारतीय उद्योगों को प्रोत्साहन मिला और राष्ट्रीय चेतना जाग्रत हुई।
लघु उत्तरीय प्रश्न (60–80 शब्दों में)
प्रश्न 1. चंपारण आंदोलन के बारे में संक्षेप में लिखिए।
उत्तर: 1917 में बिहार के चंपारण जिले में गांधी जी ने नील किसानों की समस्याओं को लेकर सत्याग्रह किया। अंग्रेज जमींदार किसानों को जबरन नील की खेती करवाते थे। गांधी जी के नेतृत्व में किसानों ने अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण संघर्ष किया। अंततः अंग्रेजों को किसानों की मांगें माननी पड़ीं। यह गांधी जी का भारत में पहला सफल आंदोलन था।
प्रश्न 2. रॉलेट एक्ट के विरुद्ध लोगों का आक्रोश क्यों था?
उत्तर: 1919 में अंग्रेजों ने रॉलेट एक्ट लागू किया, जिससे बिना कारण बताए किसी को भी गिरफ्तार कर जेल में डाला जा सकता था। इससे भारतीयों में भय और आक्रोश फैल गया। यह कानून नागरिक स्वतंत्रता का उल्लंघन था। गांधी जी ने इसके विरोध में देशभर में आंदोलन का आह्वान किया, जिससे जनता का असंतोष खुलकर सामने आया।
प्रश्न 3. असहयोग आंदोलन के प्रमुख कार्यक्रम क्या थे?
उत्तर: असहयोग आंदोलन के दौरान भारतीयों से कहा गया कि वे सरकारी नौकरियों, स्कूलों, कॉलेजों, न्यायालयों और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार करें। लोगों को स्वदेशी वस्तुएं अपनाने और खादी पहनने के लिए प्रोत्साहित किया गया। यह आंदोलन गांधी जी के नेतृत्व में अहिंसक तरीकों से ब्रिटिश सत्ता को कमजोर करने का एक बड़ा प्रयास था।
प्रश्न 4. जलियांवाला बाग हत्याकांड के क्या प्रभाव पड़े?
उत्तर: 13 अप्रैल 1919 को जनरल डायर ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में निहत्थे लोगों पर गोली चलवाई। इस घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया। भारतीयों का ब्रिटिश सरकार से विश्वास उठ गया। इस हत्याकांड ने स्वतंत्रता संग्राम को और तेज कर दिया तथा असहयोग आंदोलन के बीज बो दिए।
प्रश्न 5. सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर: 1930 में गांधी जी ने नमक कानून को तोड़ने के लिए डांडी यात्रा की। 78 अनुयायियों के साथ वे साबरमती आश्रम से डांडी तक 240 मील पैदल चले और समुद्र किनारे नमक बनाया। इस घटना ने पूरे देश में अंग्रेजों के अन्यायपूर्ण कानूनों के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन को जन्म दिया, जिसमें लाखों भारतीयों ने भाग लिया।
प्रश्न 6. खिलाफत आंदोलन और असहयोग आंदोलन में क्या संबंध था?
उत्तर: खिलाफत आंदोलन तुर्की के खलीफा के समर्थन में भारतीय मुसलमानों द्वारा चलाया गया आंदोलन था। गांधी जी ने इस आंदोलन को असहयोग आंदोलन से जोड़ दिया ताकि हिंदू-मुस्लिम एकता मजबूत हो और ब्रिटिश सरकार पर संयुक्त दबाव डाला जा सके। इससे स्वतंत्रता संग्राम में एकता की नई लहर आई।
प्रश्न 7. गांधी-इरविन समझौते की मुख्य शर्तें क्या थीं?
उत्तर: 1931 में गांधी-इरविन समझौते के तहत सरकार ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और शांतिपूर्ण आंदोलनों को अनुमति देने पर सहमति दी। बदले में गांधी जी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन समाप्त कर दिया और लंदन में होने वाले द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने को तैयार हुए।
प्रश्न 8. पूना समझौता क्यों हुआ और इसका क्या परिणाम निकला?
उत्तर: 1932 में अंग्रेजों ने अछूतों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल का प्रस्ताव रखा था। गांधी जी ने इसका विरोध करते हुए आमरण अनशन किया। अंततः डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और गांधी जी के बीच पूना समझौता हुआ, जिसमें अछूतों को पृथक निर्वाचन मंडल की बजाय सामान्य निर्वाचन मंडल में प्रतिनिधित्व दिया गया। इससे सामाजिक एकता को बल मिला।
प्रश्न 9. भारत छोड़ो आंदोलन का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर: 8 अगस्त 1942 को गांधी जी ने मुंबई के ग्वालिया टैंक मैदान में “भारत छोड़ो” आंदोलन का आह्वान किया। उन्होंने “करो या मरो” का नारा दिया। अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए व्यापक जन आंदोलन शुरू हुआ। इस आंदोलन में भारी गिरफ्तारियाँ हुईं लेकिन आज़ादी की लड़ाई को निर्णायक दिशा मिली।
प्रश्न 10. स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलनों का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलनों का उद्देश्य विदेशी वस्तुओं, विशेषकर ब्रिटिश सामानों का बहिष्कार करना और स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देना था। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती और ब्रिटिश शासन को आर्थिक नुकसान पहुँचता। यह आंदोलन राष्ट्रवादी भावना को भी मजबूत करता था।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (140–180 शब्दों में)
प्रश्न 1. असहयोग आंदोलन के कारण, कार्यक्रम और प्रभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: असहयोग आंदोलन का मुख्य कारण था प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों द्वारा भारतीयों का दमन, रॉलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड। गांधी जी ने ब्रिटिश सरकार के अन्यायपूर्ण शासन का विरोध करने के लिए असहयोग आंदोलन का आह्वान किया।
इस आंदोलन के अंतर्गत सरकारी स्कूलों, कॉलेजों, न्यायालयों और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार किया गया। लोगों ने खादी पहननी शुरू की, अपने बच्चों को सरकारी संस्थाओं से निकाल लिया और भारतीय शिक्षा संस्थानों की स्थापना की। आंदोलन ने भारतीयों में आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीयता की भावना को मजबूत किया। हालांकि 1922 में चौरी-चौरा कांड के बाद गांधी जी ने इसे स्थगित कर दिया, परंतु इस आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा और गति दी।
प्रश्न 2. सविनय अवज्ञा आंदोलन के मुख्य कारणों, घटनाओं और परिणामों की विवेचना कीजिए।
उत्तर: सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करने का मुख्य कारण था अंग्रेजी सरकार द्वारा भारतीयों के अधिकारों की अनदेखी। विशेष रूप से नमक कर ने सभी वर्गों को प्रभावित किया। गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से डांडी यात्रा शुरू की और समुद्र किनारे जाकर नमक कानून का उल्लंघन किया।
इस आंदोलन में हजारों लोगों ने सरकारी कानूनों का उल्लंघन किया, विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार किया और कर न देने का अभियान चलाया। महिलाओं, किसानों और मजदूरों ने भी सक्रिय भागीदारी की। सरकार ने आंदोलनकारियों पर दमन किया, गांधी जी सहित हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया। अंततः 1931 में गांधी-इरविन समझौता हुआ। हालांकि पूर्ण स्वराज की प्राप्ति नहीं हुई, फिर भी इस आंदोलन ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक राष्ट्रव्यापी जनांदोलन का रूप दे दिया।
प्रश्न 3. भारत छोड़ो आंदोलन की पृष्ठभूमि, मुख्य घटनाएँ और परिणामों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: भारत छोड़ो आंदोलन 8 अगस्त 1942 को कांग्रेस द्वारा मुंबई के ग्वालिया टैंक मैदान में प्रारंभ किया गया। इसकी पृष्ठभूमि में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों की दमनकारी नीतियाँ और अगस्त प्रस्ताव की अस्वीकृति थी। गांधी जी ने “करो या मरो” का नारा दिया और जनता से अंग्रेजों को भारत से हटाने का आह्वान किया।
सरकार ने आंदोलन शुरू होते ही गांधी जी सहित सभी प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। इसके बावजूद देश भर में विद्रोह, हड़तालें और जनआंदोलन हुए। युवा, महिलाएँ, किसान और मजदूर सभी वर्ग सक्रिय हो गए। अंग्रेजों ने आंदोलन को दबाने के लिए हिंसक उपाय अपनाए। यद्यपि आंदोलन तुरंत सफल नहीं हुआ, परंतु इसने अंग्रेजों को यह अहसास करा दिया कि भारत पर उनका शासन अब अधिक समय तक संभव नहीं है। अंततः 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ।
प्रश्न 4. खिलाफत आंदोलन और असहयोग आंदोलन के बीच संबंध स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: खिलाफत आंदोलन 1919 में तुर्की के खलीफा को हटाने के खिलाफ भारतीय मुसलमानों द्वारा शुरू किया गया था। गांधी जी ने इसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के साथ जोड़कर हिंदू-मुस्लिम एकता को मजबूत करने का प्रयास किया।
असहयोग आंदोलन और खिलाफत आंदोलन दोनों का उद्देश्य अंग्रेजी हुकूमत का विरोध करना था। इन आंदोलनों में विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार, सरकारी संस्थाओं से इस्तीफा देना और स्वदेशी वस्तुओं का समर्थन शामिल था। इस साझी रणनीति से आंदोलन को व्यापक जनसमर्थन मिला। परंतु 1922 में चौरी-चौरा की हिंसक घटना के बाद असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया गया, जिससे खिलाफत आंदोलन भी कमजोर पड़ गया। फिर भी इस एकता ने स्वतंत्रता संग्राम में धार्मिक सीमाओं को पार कर एकजुटता की मिसाल कायम की।
प्रश्न 5. गांधी जी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आए परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में व्यापक परिवर्तन आया। गांधी जी ने संघर्ष के लिए सत्याग्रह, असहयोग और सविनय अवज्ञा जैसे अहिंसक तरीकों को अपनाया, जिससे जनता का सीधा जुड़ाव बढ़ा। उन्होंने किसानों, मजदूरों, महिलाओं और विद्यार्थियों को स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ा।
गांधी जी ने स्वदेशी वस्त्रों का प्रचार किया, विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कराया और खादी को स्वतंत्रता का प्रतीक बनाया। चंपारण, खेड़ा और अहमदाबाद के आंदोलनों से उन्होंने स्थानीय समस्याओं को राष्ट्रीय मुद्दों से जोड़ा। भारत छोड़ो आंदोलन के आह्वान से उन्होंने देशवासियों में अंतिम निर्णायक संघर्ष की भावना जगाई। उनके नेतृत्व में आंदोलन अधिक व्यापक, जन-सहभागी और संगठित हुआ, जिसने भारत को अंततः आज़ादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
रिवीजन शीट (Revision Sheet)
🔵 मुख्य तिथियाँ (Important Dates)
-
1915 – गांधी जी भारत लौटे
-
1917 – चंपारण आंदोलन
-
1919 – रॉलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड
-
1920 – असहयोग आंदोलन प्रारंभ
-
1930 – सविनय अवज्ञा आंदोलन और डांडी यात्रा
-
1942 – भारत छोड़ो आंदोलन
-
15 अगस्त 1947 – भारत स्वतंत्र हुआ
🔵 मुख्य आंदोलन (Major Movements)
-
चंपारण आंदोलन – नील किसानों के लिए पहला सत्याग्रह
-
खेड़ा आंदोलन – कर माफी के लिए आंदोलन
-
असहयोग आंदोलन – विदेशी वस्तुओं और संस्थाओं का बहिष्कार
-
सविनय अवज्ञा आंदोलन – नमक कानून का उल्लंघन (डांडी यात्रा)
-
भारत छोड़ो आंदोलन – “करो या मरो” का नारा, अंतिम निर्णायक संघर्ष
🔵 प्रमुख कानून और घटनाएँ (Key Acts and Incidents)
-
रॉलेट एक्ट (1919) – बिना मुकदमा जेल भेजने का अधिकार
-
जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919) – जनरल डायर द्वारा निर्मम गोलीबारी
-
गांधी-इरविन समझौता (1931) – सविनय अवज्ञा आंदोलन को विराम
🔵 महत्त्वपूर्ण संगठन और समझौते (Organizations and Pacts)
-
कांग्रेस-लीग समझौता (1916) – हिंदू-मुस्लिम एकता बढ़ी
-
खिलाफत आंदोलन – मुसलमानों का खलीफा के समर्थन में आंदोलन
-
पूना समझौता (1932) – दलितों को पृथक निर्वाचक मंडल का समाधान
🔵 मुख्य नेता (Important Leaders)
-
महात्मा गांधी
-
सरदार वल्लभभाई पटेल
-
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
-
मोहम्मद अली जिन्ना
-
डॉ. भीमराव अंबेडकर
🔵 प्रमुख नारे (Important Slogans)
-
“स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है” – बाल गंगाधर तिलक
-
“करो या मरो” – महात्मा गांधी
-
“अंग्रेजों भारत छोड़ो” – भारत छोड़ो आंदोलन में
🔵 महत्वपूर्ण शब्द (Key Terms)
शब्द | अर्थ |
---|---|
राष्ट्रवाद | देश के प्रति एकता और गर्व की भावना |
सत्याग्रह | सत्य के बल पर अहिंसक संघर्ष |
असहयोग आंदोलन | अंग्रेजी शासन से सहयोग न करना |
सविनय अवज्ञा | शांतिपूर्ण कानून भंग आंदोलन |
🔵 तैयारी के खास टिप्स (Quick Revision Tips)
-
सभी मुख्य तिथियाँ और आंदोलन के नाम याद करो।
-
हर आंदोलन का कारण + घटना + परिणाम तीनों क्लियर करो।
-
गांधी जी के योगदान और रणनीतियाँ एक बार चार्ट बनाकर दोहराओ।
-
मानचित्र कार्य (डांडी, चंपारण, अमृतसर आदि) को देखो और नक्शे में चिन्हित करो।
-
MCQ, अति लघु और लघु उत्तरों का 2-2 बार अभ्यास करो।
वर्क शीट (Worksheet) - Test (भारत में राष्ट्रवाद)
I. सही विकल्प चुनिए (MCQs)
(1) महात्मा गांधी भारत कब लौटे थे?
(a) 1915
(b) 1917
(c) 1919
(d) 1920
(2) किस घटना के बाद गांधी जी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया?
(a) जलियांवाला बाग हत्याकांड
(b) चौरी-चौरा कांड
(c) खिलाफत आंदोलन
(d) डांडी यात्रा
(3) ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ नारा किसने दिया?
(a) सुभाष चंद्र बोस
(b) महात्मा गांधी
(c) जवाहरलाल नेहरू
(d) बाल गंगाधर तिलक
(4) सविनय अवज्ञा आंदोलन का प्रमुख मुद्दा क्या था?
(a) विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार
(b) नमक कानून का उल्लंघन
(c) खिलाफत आंदोलन
(d) भारत छोड़ो आंदोलन
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न (30–40 शब्दों में उत्तर दीजिए)
(1) असहयोग आंदोलन का उद्देश्य क्या था?
(2) रॉलेट एक्ट किसलिए लाया गया था?
(3) जलियांवाला बाग हत्याकांड के प्रभाव क्या थे?
(4) खिलाफत आंदोलन क्या था?
III. लघु उत्तरीय प्रश्न (60–80 शब्दों में उत्तर दीजिए)
(1) डांडी यात्रा का वर्णन कीजिए।
(2) पूना समझौते के प्रमुख बिंदु क्या थे?
(3) भारत छोड़ो आंदोलन क्यों आरंभ किया गया था?
(4) गांधी-इरविन समझौते की मुख्य बातें लिखिए।
IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (140–180 शब्दों में उत्तर दीजिए)
(1) भारत में राष्ट्रवाद के विकास में महात्मा गांधी की भूमिका का वर्णन कीजिए।
(2) असहयोग आंदोलन के कारणों, घटनाओं और प्रभावों का विश्लेषण कीजिए।
(3) सविनय अवज्ञा आंदोलन और इसके परिणामों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
V. मानचित्र कार्य (Map Work)
नक्शे में निम्नलिखित स्थानों को चिन्हित कीजिए:
-
चंपारण (नील आंदोलन)
-
खेड़ा (किसान आंदोलन)
-
अहमदाबाद (मिल श्रमिक सत्याग्रह)
-
अमृतसर (जलियांवाला बाग हत्याकांड)
-
डांडी (नमक सत्याग्रह)
VI. Revision Section (Flash Review)
-
रॉलेट एक्ट किस वर्ष आया? ➡️ 1919
-
‘करो या मरो’ नारा कब दिया गया? ➡️ 1942
-
डांडी यात्रा की दूरी कितनी थी? ➡️ लगभग 240 मील
-
भारत में खिलाफत आंदोलन कब शुरू हुआ? ➡️ 1921
अब आपकी राय जानना भी ज़रूरी है…
हमने इस विषय पर अपने विचार साझा किए हैं, अब हम आपके विचार सुनना चाहेंगे।
👇 कृपया नीचे कमेंट करके बताएं कि यह लेख आपको कैसा लगा और आप इस विषय को कैसे देखते हैं।
आपकी प्रतिक्रिया हमें और बेहतर सामग्री प्रस्तुत करने में मदद करेगी।