PARITOSH MISHRA

यूरोप में समाजवाद और रूसी क्रांति (Socialism in Europe and the Russian Revolution)

19वीं शताब्दी में यूरोप में क्रांति और बदलाव के विचार जन्म ले रहे थे। उदारवाद और राष्ट्रवाद के साथ-साथ समाजवाद का उदय हुआ। समाजवादियों का मानना था कि पूंजीवाद असमानता पैदा करता है और उत्पादन के साधनों पर समाज का सामूहिक नियंत्रण होना चाहिए। कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स जैसे विचारकों ने समाजवाद का दर्शन प्रस्तुत किया। रूस में यह आंदोलन बलशेविकों के नेतृत्व में क्रांति में बदल गया।

सारांश (Summary)

19वीं शताब्दी का यूरोप राजनीतिक और सामाजिक विचारों के द्वंद्व से गुजर रहा था। फ्रांसीसी क्रांति (1789) ने स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व जैसे विचारों को जन्म दिया, लेकिन जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि केवल राजनीतिक स्वतंत्रता से सामाजिक अन्याय समाप्त नहीं हो सकता। यही सोच समाजवाद और अंततः रूसी क्रांति की पृष्ठभूमि बनी।


1. फ्रांसीसी क्रांति के बाद का यूरोप

  • राजनीतिक बदलाव: 1789 की क्रांति के बाद, राजशाही को चुनौती मिली। लोगों ने लोकतंत्र और गणराज्य की कल्पना की।

  • कंजरवेटिव प्रतिक्रिया: लेकिन 1815 के बाद यूरोप के राजा सत्ता वापस लेने लगे। वियना की कांग्रेस में राजतंत्र को बहाल किया गया।

  • उदारवाद और राष्ट्रवाद का उदय: लोगों में लोकतंत्र, समान अधिकार, और राष्ट्र निर्माण की भावना जागी।


2. समाजवादी विचारों की उत्पत्ति

  • पूंजीवाद की आलोचना: औद्योगिक क्रांति के बाद पूंजीवाद ने अमीरी और गरीबी की खाई बढ़ाई। मज़दूरों का शोषण होने लगा।

  • समाजवाद की आवश्यकता: समाजवादियों का मानना था कि उत्पादन के साधनों (जैसे ज़मीन, फैक्ट्री, मशीनें) पर समाज का सामूहिक अधिकार होना चाहिए।

  • प्रमुख विचारक:

    • कार्ल मार्क्स – वर्ग संघर्ष, सर्वहारा की तानाशाही और समाजवाद से साम्यवाद की ओर संक्रमण का सिद्धांत।

    • फ्रेडरिक एंगेल्स – मार्क्स के सहयोगी, जिन्होंने “कम्युनिस्ट घोषणापत्र” लिखा।


3. रूस की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति (क्रांति से पहले)

  • ज़ार की निरंकुशता: रूस में ज़ार निकोलस द्वितीय का निरंकुश शासन था। लोगों को कोई राजनीतिक अधिकार नहीं थे।

  • कृषि आधारित अर्थव्यवस्था: रूस की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित थी। अधिकांश किसान गरीब और करों के बोझ से दबे थे।

  • औद्योगीकरण: सीमित औद्योगीकरण हुआ, लेकिन मजदूरों की स्थिति बहुत दयनीय थी।

  • असंतोष की लहर: गरीब किसान, शोषित मजदूर और क्रांतिकारी बुद्धिजीवी सब ज़ार शासन से नाराज़ थे।


4. 1905 की क्रांति

  • ब्लडी संडे (रक्तरंजित रविवार): शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर सैनिकों ने गोली चलाई। इससे देशभर में विद्रोह फैल गया।

  • परिणाम: ज़ार को कुछ सुधार करने पड़े – जैसे ड्यूमा (संसद) की स्थापना, परंतु असल शक्ति ज़ार के पास ही रही।


5. फरवरी क्रांति (1917)

  • कारण: प्रथम विश्व युद्ध में रूस की हार, खाद्य संकट, महंगाई, मजदूरों और किसानों का असंतोष।

  • घटना: पेट्रोग्राड (अब सेंट पीटर्सबर्ग) में हड़तालें, विरोध प्रदर्शन हुए। सेना ने ज़ार का साथ छोड़ दिया।

  • परिणाम: ज़ार ने गद्दी छोड़ी। एक अस्थायी सरकार (प्रोविजनल गवर्नमेंट) बनी।


6. अक्टूबर क्रांति (1917)

  • बोल्शेविक क्रांति: लेनिन के नेतृत्व में बोल्शेविक पार्टी ने सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया। यह दुनिया की पहली समाजवादी क्रांति थी।

  • लेनिन की नीतियाँ:

    • ज़मीन किसानों को

    • फैक्ट्रियाँ मजदूरों को

    • युद्ध समाप्ति की घोषणा


7. गृहयुद्ध और सोवियत संघ का निर्माण

  • गृहयुद्ध (1918-1921): बोल्शेविक (रेड आर्मी) और विरोधियों (व्हाइट आर्मी) के बीच संघर्ष।

  • विजय: अंततः बोल्शेविकों की जीत हुई। समाजवादी शासन स्थापित हुआ।

  • यूएसएसआर (सोवियत संघ): 1922 में कई गणराज्यों को मिलाकर सोवियत संघ बना।


8. समाजवाद का प्रभाव

  • वैश्विक प्रभाव: इस क्रांति ने दुनिया भर में समाजवादी आंदोलनों को प्रेरित किया। कई देशों में कम्युनिस्ट पार्टियाँ बनीं।

  • आलोचना: बोल्शेविक शासन में दमन, सेंसरशिप और एकदलीय तानाशाही आई।


रूसी क्रांति न केवल रूस के लिए एक युगांतरकारी घटना थी, बल्कि पूरे विश्व को एक नया रास्ता दिखाने वाली क्रांति थी। इसने यह सिद्ध किया कि अगर जनता संगठित हो जाए, तो सत्ता को पलट सकती है। समाजवाद का प्रयोग, भले ही सफल या विफल रहा हो, परंतु उसने पूंजीवादी दुनिया को सोचने पर मजबूर किया।

शब्दार्थ (Glossary)

क्रमांकशब्दअर्थ (हिंदी में)
1समाजवाद (Socialism)एक ऐसी विचारधारा जो समाज में समानता न्याय और संसाधनों के समान वितरण की वकालत करती है।
2क्रांति (Revolution)सामाजिक राजनीतिक या आर्थिक ढांचे में तेजी से और व्यापक परिवर्तन।
3ज़ार (Tsar)रूस के सम्राट का पदनाम जो पूर्ण शासक होता था।
4पूंजीवाद (Capitalism)एक आर्थिक प्रणाली जिसमें उत्पादन के साधन निजी स्वामित्व में होते हैं और लाभ कमाना मुख्य उद्देश्य होता है।
5साम्यवाद (Communism)एक व्यवस्था जिसमें निजी संपत्ति नहीं होती और सभी संसाधनों का स्वामित्व सामूहिक होता है।
6किसान (Peasants)वे लोग जो कृषि कार्य करते हैं विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में।
7मजदूर वर्ग (Working Class)वे लोग जो फैक्ट्रियों खदानों आदि में मजदूरी पर काम करते हैं।
8बोल्शेविक (Bolsheviks)लेनिन के नेतृत्व वाला रूसी समाजवादी दल जो हिंसक क्रांति में विश्वास रखता था।
9मेन्शेविक (Mensheviks)समाजवादी पार्टी का वह गुट जो लोकतांत्रिक तरीके से परिवर्तन लाने में विश्वास करता था।
10सोवियत (Soviet)श्रमिकों और सैनिकों की परिषद जो रूसी क्रांति के दौरान प्रभावशाली बनी।
11ड्यूमा (Duma)रूस की संसद जिसे ज़ार ने 1905 की क्रांति के बाद स्थापित किया।
12युद्ध साम्यवाद (War Communism)गृह युद्ध के दौरान लेनिन द्वारा लागू की गई नीति जिसमें सरकार ने खाद्य और उत्पादन पर पूर्ण नियंत्रण ले लिया।
13नई आर्थिक नीति (NEP)लेनिन द्वारा 1921 में शुरू की गई नीति जिसमें कुछ हद तक निजी व्यापार की अनुमति दी गई।
14गृह युद्ध (Civil War)एक ही देश के नागरिकों के बीच राजनीतिक सत्ता के लिए हुआ संघर्ष।
15सर्वहारा वर्ग (Proletariat)वे लोग जो अपने श्रम को बेचते हैं और जिनके पास उत्पादन के साधन नहीं होते।
16बुर्जुआ वर्ग (Bourgeoisie)संपन्न वर्ग जो व्यापार और उद्योगों के मालिक होते हैं।
17निरंकुशता (Autocracy)एक ऐसी सरकार जहाँ सारा अधिकार एक ही व्यक्ति के पास होता है।
18आदर्श समाज (Utopian Society)एक काल्पनिक समाज जहाँ पूर्ण समानता शांति और न्याय होता है।

माइंड मैप (Mind Map)

समाजवाद और रूसी क्रांति
समाजवाद और रूसी क्रांति

टाइमलाइन (Timeline – प्रमुख घटनाएँ)

वर्षप्रमुख घटना
1898रूस में रूसी समाजवादी लोकतांत्रिक मजदूर पार्टी की स्थापना।
1905पहली रूसी क्रांति (ब्लडी संडे) – ज़ार निकोलस द्वितीय के खिलाफ विद्रोह।
1917 (फरवरी)जार निकोलस द्वितीय की सत्ता का अंत – अस्थायी सरकार की स्थापना।
1917 (अक्टूबर)बोल्शेविक क्रांति – लेनिन और बोल्शेविक पार्टी की सत्ता में वापसी साम्यवादी शासन की शुरुआत।
1918-21रूस में गृहयुद्ध – लाल सेना और सफेद सेना के बीच संघर्ष जिसमें लाल सेना की जीत हुई।
1924लेनिन की मृत्यु – स्टालिन का राजनीतिक प्रभुत्व और साम्यवादी शासन का विस्तार।
1929स्टालिन का प्रथम पंचवर्षीय योजना की शुरुआत – उद्योगिकरण और कृषि सामूहिकीकरण के प्रयास।
1930sग्रेट प्यूरेज (ग्रेट टेरर) – स्टालिन द्वारा विरोधियों का सफाया और बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां।
1953स्टालिन की मृत्यु – सोवियत संघ में एक नए युग की शुरुआत।
1991सोवियत संघ का विघटन – रूस सहित अन्य गणराज्यों ने स्वतंत्रता प्राप्त की मार्क्सवादी साम्यवादी शासन का अंत।

मैप वर्क (Map Work)

शिक्षण के दौरान छात्रों को विश्व मानचित्र या यूरोप-एशिया क्षेत्रीय नक्शा दिखाते समय निम्नलिखित स्थानों को पहचानने और समझाने में सहायता दी जानी चाहिए.


🌍 मुख्य स्थान जो मैप में दिखाने चाहिए

  1. रूस (तत्कालीन सोवियत संघ)

    • यह क्रांति का मुख्य देश था और 1917 की बोल्शेविक क्रांति का केंद्र भी।

  2. पेट्रोग्राड (अब सेंट पीटर्सबर्ग)

    • यहाँ से फरवरी और अक्टूबर क्रांतियों की शुरुआत हुई।

    • ज़ार का शाही महल और विंटर पैलेस यहीं था।

  3. मास्को

    • क्रांति के बाद बोल्शेविक शासन की राजधानी बनी।

    • स्टालिन के समय यह प्रशासनिक और राजनीतिक केंद्र बना।


🌐 सीमावर्ती देश (Borders of Soviet Russia)

  1. जर्मनी (Germany)

    • प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सोवियत रूस का विरोधी।

    • ब्रेस्ट-लिटोव्स्क संधि यहीं से की गई।

  2. पोलैंड (Poland)

    • 1920 में सोवियत रूस से युद्ध हुआ था।

    • पश्चिमी सीमा पर स्थित।

  3. फिनलैंड (Finland)

    • 1917 में रूस से स्वतंत्र हुआ।

    • उत्तरी-पश्चिमी सीमा पर स्थित।

मैप प्रैक्टिस (Map Practice)

छात्रों को यूरेशिया (यूरोप और एशिया) का खाली राजनीतिक नक्शा दिया जाए और उनसे निम्न स्थानों को नक्शे पर चिन्हित करने के लिए कहा जाए.


📍 चिन्हित करने योग्य स्थान

  1. पेट्रोग्राड

    • अब सेंट पीटर्सबर्ग के नाम से जाना जाता है।

    • क्रांति का आरंभिक केंद्र।

  2. मास्को

    • रूस की राजधानी, बोल्शेविक क्रांति के बाद राजनीतिक केंद्र बना।

  3. रूस (Russia)

    • पूरा देश, जिसमें यह क्रांति घटी।

  4. जर्मनी (Germany)

    • रूस का पश्चिमी पड़ोसी, प्रथम विश्व युद्ध में मुख्य विरोधी।

  5. पोलैंड (Poland)

    • रूस की पश्चिमी सीमा पर स्थित देश, सोवियत युद्ध का हिस्सा।

  6. बाल्टिक सागर (Baltic Sea)

    • उत्तरी यूरोप में स्थित सागर जो रूस, फिनलैंड, और बाल्टिक देशों की सीमा पर है। यह व्यापार और युद्ध दोनों के लिए महत्वपूर्ण रहा।


📝 निर्देश छात्रों के लिए

  • प्रत्येक स्थान को एक सटीक बिंदु (dot) या झंडे (flag marker) से दर्शाएं।

  • स्थानों के नाम हिंदी में लिखें।

  • मुख्य क्रांतिकारी केंद्रों (जैसे पेट्रोग्राड और मास्को) को अलग रंग से दर्शाएं।

  • सीमा पर स्थित देशों को रेखांकित (underline) करें।

  • बाल्टिक सागर को नीले रंग से रंगें और नाम लिखें।

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) उत्तर, विस्तृत व्याख्या के साथ

प्रश्न 1. रूसी समाजवादी लोकतांत्रिक मजदूर पार्टी की स्थापना कब हुई थी?
a) 1890
b) 1898
c) 1905
d) 1917
उत्तर: b) 1898
व्याख्या: रूसी समाजवादी लोकतांत्रिक मजदूर पार्टी की स्थापना 1898 में समाजवादी विचारों के प्रसार और मजदूरों के हितों की रक्षा हेतु की गई थी। आगे चलकर यह पार्टी दो भागों में विभाजित हो गई – बोल्शेविक और मेंशेविक।


प्रश्न 2. ‘ब्लडी संडे’ की घटना कब घटी थी?
a) 1917
b) 1905
c) 1924
d) 1898
उत्तर: b) 1905
व्याख्या: 22 जनवरी 1905 को सेंट पीटर्सबर्ग (पेट्रोग्राड) में हजारों मजदूर ज़ार से अपने अधिकारों की मांग के लिए शांतिपूर्वक मार्च कर रहे थे। सेना ने गोलियाँ चला दीं, जिसमें सैकड़ों मारे गए। इसे ‘ब्लडी संडे’ कहा गया और यह 1905 की रूसी क्रांति की शुरुआत मानी जाती है।


प्रश्न 3. लेनिन किस पार्टी से संबंधित थे?
a) मेंशेविक
b) कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना
c) बोल्शेविक
d) सोशलिस्ट रिवोल्यूशनरी
उत्तर: c) बोल्शेविक
व्याख्या: लेनिन बोल्शेविक पार्टी के नेता थे। यह पार्टी समाजवादी विचारों पर आधारित थी और मजदूरों की सत्ता की पक्षधर थी। अक्टूबर 1917 की क्रांति में इसी पार्टी ने अस्थायी सरकार को हटा कर सत्ता प्राप्त की।


प्रश्न 4. बोल्शेविक क्रांति कब हुई थी?
a) फरवरी 1917
b) अक्टूबर 1917
c) 1905
d) 1924
उत्तर: b) अक्टूबर 1917
व्याख्या: अक्टूबर 1917 में बोल्शेविकों ने लेनिन के नेतृत्व में अस्थायी सरकार को उखाड़ फेंका और रूस में समाजवादी शासन की स्थापना की। इसे अक्टूबर क्रांति कहा जाता है।


प्रश्न 5. अक्टूबर क्रांति के बाद रूस का नाम क्या रखा गया?
a) रूस गणराज्य
b) सोवियत संघ
c) साम्यवादी रूस
d) रूसी लोकतंत्र
उत्तर: b) सोवियत संघ
व्याख्या: अक्टूबर क्रांति के बाद रूस में श्रमिकों और किसानों की परिषदों (सोवियत्स) की सत्ता स्थापित हुई और 1922 में इसे औपचारिक रूप से ‘सोवियत समाजवादी गणराज्यों का संघ’ (USSR) कहा गया।


प्रश्न 6. स्टालिन ने पहली पंचवर्षीय योजना कब शुरू की?
a) 1920
b) 1929
c) 1939
d) 1945
उत्तर: b) 1929
व्याख्या: स्टालिन ने 1929 में औद्योगीकरण और कृषि के सामूहिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए पहली पंचवर्षीय योजना लागू की। इसका उद्देश्य भारी उद्योगों का विकास और निजी भूमि को समाप्त कर सामूहिक खेती की व्यवस्था करना था।


प्रश्न 7. ग्रेट पर्ज (Great Purge) क्या था?
a) आर्थिक सुधार
b) क्रांतिकारी योजना
c) विरोधियों का दमन
d) विदेशी युद्ध
उत्तर: c) विरोधियों का दमन
व्याख्या: 1930 के दशक में स्टालिन ने पार्टी और सेना के भीतर विरोधियों को खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियाँ और हत्याएँ कराईं। इस दौर को ‘ग्रेट पर्ज’ या ‘ग्रेट टेरर’ कहा जाता है।


प्रश्न 8. ज़ार निकोलस द्वितीय का शासन किस वर्ष समाप्त हुआ?
a) 1905
b) फरवरी 1917
c) अक्टूबर 1917
d) 1924
उत्तर: b) फरवरी 1917
व्याख्या: फरवरी 1917 में व्यापक जनआंदोलन और विरोध के चलते ज़ार निकोलस द्वितीय को गद्दी छोड़नी पड़ी। इसके बाद अस्थायी सरकार का गठन हुआ, जिसने कुछ समय तक सत्ता चलाई।


प्रश्न 9. लेनिन की मृत्यु कब हुई थी?
a) 1924
b) 1929
c) 1918
d) 1935
उत्तर: a) 1924
व्याख्या: लेनिन की मृत्यु 1924 में हुई। उनके निधन के बाद स्टालिन ने धीरे-धीरे सत्ता अपने हाथों में ले ली और एक सशक्त अधिनायकवादी शासन स्थापित किया।


प्रश्न 10. समाजवाद किस विचारधारा पर आधारित है?
a) पूंजीवाद
b) धार्मिक शासन
c) निजी स्वामित्व
d) समानता और समाज की सामूहिक भलाई
उत्तर: d) समानता और समाज की सामूहिक भलाई
व्याख्या: समाजवाद एक ऐसी विचारधारा है जिसमें सभी लोगों की भलाई, समानता, सामाजिक न्याय और संसाधनों के समान वितरण को प्राथमिकता दी जाती है। यह पूंजीवाद की असमानताओं का विरोध करता है।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions) उत्तर 20-30 शब्दों में

प्रश्न 1. समाजवाद किस सिद्धांत पर आधारित है?
उत्तर: समाजवाद समानता, सामाजिक न्याय और संसाधनों के सामूहिक स्वामित्व पर आधारित है। इसका उद्देश्य श्रमिकों की भलाई और शोषणमुक्त समाज की स्थापना करना है।


प्रश्न 2. बोल्शेविक और मेंशेविक में क्या अंतर था?
उत्तर: बोल्शेविक लेनिन के नेतृत्व में क्रांति के पक्षधर थे, जबकि मेंशेविक लोकतांत्रिक सुधारों के माध्यम से सत्ता परिवर्तन चाहते थे। बोल्शेविक अधिक उग्र और संगठित समूह था।


प्रश्न 3. ब्लडी संडे किसे कहते हैं?
उत्तर: 22 जनवरी 1905 को ज़ार के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे मजदूरों पर सैनिकों ने गोलियाँ चला दीं। इस घटना को ‘ब्लडी संडे’ कहा गया और यह पहली रूसी क्रांति की शुरुआत थी।


प्रश्न 4. रूस में फरवरी क्रांति का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर: फरवरी 1917 की क्रांति के परिणामस्वरूप ज़ार निकोलस द्वितीय को गद्दी छोड़नी पड़ी और रूस में अस्थायी सरकार की स्थापना हुई।


प्रश्न 5. अक्टूबर क्रांति क्या थी?
उत्तर: अक्टूबर 1917 में लेनिन के नेतृत्व में बोल्शेविकों ने अस्थायी सरकार को उखाड़ फेंका और समाजवादी सरकार की स्थापना की। इसे अक्टूबर क्रांति कहा जाता है।


प्रश्न 6. पंचवर्षीय योजनाओं का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: स्टालिन द्वारा शुरू की गई पंचवर्षीय योजनाओं का उद्देश्य रूस का तीव्र औद्योगीकरण और कृषि का सामूहिकीकरण करना था ताकि देश को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।


प्रश्न 7. लेनिन कौन थे?
उत्तर: लेनिन रूसी क्रांति के प्रमुख नेता और बोल्शेविक पार्टी के संस्थापक थे। उन्होंने 1917 में अक्टूबर क्रांति का नेतृत्व किया और सोवियत रूस की स्थापना की।


प्रश्न 8. सोवियत संघ का गठन कब हुआ?
उत्तर: सोवियत संघ (USSR) का गठन 1922 में हुआ था। यह मजदूरों और किसानों की परिषदों (सोवियत्स) पर आधारित समाजवादी राज्य था।


प्रश्न 9. स्टालिन का ‘ग्रेट पर्ज’ क्या था?
उत्तर: 1930 के दशक में स्टालिन ने अपने राजनीतिक विरोधियों को समाप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियाँ और हत्याएँ कराईं। इस अभियान को ‘ग्रेट पर्ज’ कहा गया।


प्रश्न 10. सामूहिकीकरण (Collectivisation) का क्या अर्थ है?
उत्तर: सामूहिकीकरण का अर्थ है व्यक्तिगत खेती की जमीनों को मिलाकर सामूहिक खेत बनाना, ताकि उत्पादन और वितरण सरकार के नियंत्रण में हो।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions) उत्तर 40–60 शब्दों में

प्रश्न 1. समाजवाद का उदय कैसे हुआ?
उत्तर: समाजवाद का उदय औद्योगिक क्रांति के बाद मजदूरों के शोषण और असमानता के विरुद्ध एक विचारधारा के रूप में हुआ। यह सिद्धांत निजी संपत्ति का विरोध करता है और उत्पादन के साधनों के सामाजिक या सरकारी स्वामित्व की वकालत करता है। इसका उद्देश्य था – सबके लिए समान अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार सुनिश्चित करना।


प्रश्न 2. बोल्शेविक पार्टी की मुख्य विशेषताएं क्या थीं?
उत्तर: बोल्शेविक पार्टी लेनिन के नेतृत्व में गठित एक क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी थी। इसका लक्ष्य रूस में पूंजीवाद को खत्म कर समाजवाद स्थापित करना था। यह पार्टी संगठित, अनुशासित और हिंसक क्रांति की पक्षधर थी। इसके सदस्य ‘कम्युनिस्ट’ विचारधारा में विश्वास करते थे और मजदूरों-किसानों की सत्ता की स्थापना चाहते थे।


प्रश्न 3. 1905 की रूसी क्रांति के क्या कारण थे?
उत्तर: 1905 की क्रांति के पीछे प्रमुख कारण थे – ज़ार की निरंकुश सत्ता, मजदूरों की खराब दशा, भूमि की असमानता और युद्धों में हुई हार। मजदूरों ने सुधारों की मांग करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया, लेकिन ज़ार की सेना ने उन पर गोली चला दी। इस घटना ने पूरे देश में असंतोष फैलाया और क्रांति भड़क उठी।


प्रश्न 4. फरवरी 1917 की क्रांति के क्या परिणाम हुए?
उत्तर: फरवरी क्रांति में ज़ार निकोलस द्वितीय को सत्ता छोड़नी पड़ी। इससे रूस में 300 वर्षों से चली आ रही रोमानोव वंश की सत्ता का अंत हो गया। एक अस्थायी सरकार की स्थापना की गई जिसने लोकतांत्रिक सुधारों की शुरुआत की, लेकिन यह सरकार बोल्शेविकों के दबाव और असंतोष से जूझती रही।


प्रश्न 5. लेनिन की नई आर्थिक नीति (NEP) क्या थी?
उत्तर: लेनिन ने 1921 में नई आर्थिक नीति शुरू की, जिसमें कुछ पूंजीवादी तत्वों को अस्थायी रूप से अनुमति दी गई। किसानों को अपनी उपज का कुछ भाग बेचने की छूट दी गई और छोटे निजी उद्योगों को संचालित करने की अनुमति दी गई। इसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था को स्थिर करना और युद्ध के बाद की समस्याओं से निपटना था।


प्रश्न 6. स्टालिन की पंचवर्षीय योजनाओं का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: स्टालिन ने 1928 में पंचवर्षीय योजनाएं लागू कीं जिनका मुख्य उद्देश्य था – तीव्र औद्योगीकरण, कृषि का सामूहिकीकरण और आर्थिक आत्मनिर्भरता। इन योजनाओं के अंतर्गत बड़ी संख्या में कारखाने, बांध और स्टील संयंत्र बनाए गए। हालांकि इससे उत्पादकता बढ़ी, लेकिन किसानों को भारी नुकसान और कष्टों का सामना करना पड़ा।


प्रश्न 7. गृहयुद्ध (1918–21) में कौन-कौन शामिल थे और परिणाम क्या रहा?
उत्तर: 1918–21 के गृहयुद्ध में बोल्शेविकों (लाल सेना) और उनके विरोधियों (सफेद सेना) के बीच संघर्ष हुआ। सफेद सेना को ज़ार समर्थक, पूंजीवादी और विदेशी शक्तियों का समर्थन प्राप्त था। अंततः बोल्शेविक लाल सेना ने जीत हासिल की और सोवियत सत्ता को सुदृढ़ किया। इससे रूस में कम्युनिस्ट शासन की नींव मजबूत हुई।


प्रश्न 8. सोवियत संघ का गठन कब और क्यों हुआ?
उत्तर: सोवियत संघ का गठन 1922 में हुआ। अक्टूबर क्रांति के बाद विभिन्न जातीय और भौगोलिक क्षेत्रों को मिलाकर एक संघात्मक समाजवादी राज्य की स्थापना की गई। इसका उद्देश्य मजदूरों और किसानों की परिषदों (सोवियत्स) पर आधारित शासन लागू करना और सभी गणराज्यों को एकीकृत रूप से संचालित करना था।


प्रश्न 9. ‘ग्रेट पर्ज’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: 1930 के दशक में स्टालिन ने अपने विरोधियों को समाप्त करने के लिए एक अभियान चलाया जिसे ‘ग्रेट पर्ज’ कहा गया। इस दौरान हजारों लोगों को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया, कई को फांसी दी गई या श्रमिक शिविरों में भेज दिया गया। यह स्टालिन के एकछत्र शासन की क्रूरता का प्रतीक बन गया।


प्रश्न 10. सामूहिकीकरण से किसानों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: सामूहिकीकरण के तहत निजी खेतों को जब्त कर सामूहिक खेत बनाए गए। इससे किसानों की आज़ादी छिन गई और उन्हें जबरन सामूहिक खेती में शामिल होना पड़ा। विरोध करने पर उन्हें दंडित किया गया या निर्वासित किया गया। इससे कृषि उत्पादन में अस्थायी गिरावट आई और एक बड़ा वर्ग असंतुष्ट हो गया।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Questions) उत्तर 120–150 शब्दों में

प्रश्न 1. रूसी समाज की संरचना कैसी थी और यह समाज कैसे असंतोष से भर गया?
उत्तर: रूसी समाज तीन मुख्य वर्गों में बंटा था – कुलीन वर्ग, मध्यम वर्ग और कृषक/मजदूर वर्ग। कुलीन वर्ग में राजा, ज़मींदार और चर्च शामिल थे, जिनके पास अत्यधिक धन और अधिकार थे। मध्यम वर्ग अपेक्षाकृत छोटा था और उसमें व्यापारी, छोटे अधिकारी और बुद्धिजीवी शामिल थे। सबसे बड़ा और सबसे पीड़ित वर्ग था कृषकों और मजदूरों का। वे कड़ी मेहनत करते थे लेकिन उनके पास अधिकार या संपत्ति नहीं थी। ज़ार निकोलस द्वितीय की निरंकुश सत्ता, सेंसरशिप, दमन और युद्धों में लगातार विफलता ने असंतोष को और बढ़ा दिया। औद्योगिक मजदूरों की स्थिति अत्यंत खराब थी – काम के घंटे लंबे, मजदूरी कम और कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं थी। इन सभी कारणों ने समाज में क्रांति के लिए माहौल तैयार किया। शिक्षित वर्गों ने समाजवादी विचारधाराओं को अपनाना शुरू किया और पूरे देश में असंतोष की चिंगारी फैलने लगी।


प्रश्न 2. 1917 की अक्टूबर क्रांति कैसे हुई और इसके क्या परिणाम निकले?
उत्तर: फरवरी 1917 की क्रांति के बाद रूस में अस्थायी सरकार बनी, लेकिन वह प्रभावशाली सुधार नहीं कर सकी। युद्ध जारी रहा, खाद्य संकट और बेरोज़गारी बढ़ी। इन हालातों में बोल्शेविक पार्टी ने ‘सारा अधिकार सोवियत्स को दो’ का नारा देकर लोगों को संगठित किया। अक्टूबर 1917 में लेनिन के नेतृत्व में बोल्शेविकों ने पेट्रोग्राड में सत्ता पर कब्जा कर लिया। अस्थायी सरकार को अपदस्थ कर दिया गया और रूस में पहली बार एक कम्युनिस्ट सरकार की स्थापना हुई। इस क्रांति के परिणामस्वरूप निजी संपत्ति का अंत हुआ, भूमि किसानों में बांटी गई, बैंकों और उद्योगों का राष्ट्रीयकरण हुआ। रूस अब सोवियत संघ बन गया और विश्व का पहला समाजवादी राष्ट्र बना। इसने पूरी दुनिया को प्रभावित किया और एशिया-अफ्रीका के उपनिवेशों में स्वतंत्रता और समानता की प्रेरणा दी।


प्रश्न 3. लेनिन की भूमिका रूसी क्रांति में कितनी महत्वपूर्ण रही?
उत्तर: लेनिन रूसी क्रांति के प्रमुख विचारक और नेता थे। उन्होंने कार्ल मार्क्स के सिद्धांतों को रूसी परिस्थितियों के अनुरूप ढालते हुए एक क्रांतिकारी रणनीति तैयार की। लेनिन का मानना था कि पूंजीवादी सरकार कभी शांतिपूर्ण बदलाव नहीं लाएगी, इसलिए एक सशस्त्र क्रांति आवश्यक है। फरवरी क्रांति के बाद जब अस्थायी सरकार बनी, तब लेनिन ने ‘अप्रैल थेसिस’ के माध्यम से कहा – “युद्ध समाप्त करो, ज़मीन किसानों को दो, और सारी सत्ता सोवियत्स को दो”। उन्होंने बोल्शेविक पार्टी को संगठित किया और जनता में विश्वास कायम किया। अक्टूबर 1917 की क्रांति लेनिन की रणनीति और नेतृत्व का ही परिणाम थी। उन्होंने न केवल सत्ता पर कब्जा किया, बल्कि आर्थिक और सामाजिक सुधारों की एक नई व्यवस्था भी शुरू की। लेनिन की नीतियों ने रूस को समाजवादी राष्ट्र में बदलने की नींव रखी।


प्रश्न 4. स्टालिन के अधीन सोवियत संघ में कैसे बदलाव आए?
उत्तर: लेनिन की मृत्यु के बाद स्टालिन ने सोवियत संघ की सत्ता संभाली और एक केंद्रीकृत तानाशाही शासन की स्थापना की। उन्होंने 1928 में पंचवर्षीय योजनाएं शुरू कीं जिनका उद्देश्य औद्योगीकरण और कृषि सामूहिकीकरण था। इसके अंतर्गत निजी खेतों को समाप्त कर सामूहिक फार्म बनाए गए और भारी उद्योगों की स्थापना की गई। देश को सैन्य और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए श्रमिकों से अत्यधिक कार्य लिया गया। विरोध करने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया या सजा दी गई। 1930 के दशक में “ग्रेट पर्ज” नामक अभियान के दौरान लाखों लोग मारे गए या श्रम शिविरों में भेजे गए। हालांकि इससे आर्थिक प्रगति हुई, परंतु जनता की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों का हनन हुआ। स्टालिन के अधीन सोवियत संघ एक शक्तिशाली राष्ट्र बन गया लेकिन लोकतांत्रिक मूल्यों की भारी कीमत पर।


प्रश्न 5. रूसी क्रांति का विश्व इतिहास पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: रूसी क्रांति ने न केवल रूस को बल्कि पूरे विश्व को प्रभावित किया। यह पहली सफल समाजवादी क्रांति थी जिसने पूंजीवादी शासन की आलोचना को बल दिया। इसके प्रभाव से दुनिया भर में मजदूर आंदोलनों को गति मिली और कई देशों में कम्युनिस्ट पार्टियों का गठन हुआ। चीन, क्यूबा, वियतनाम जैसे देशों में इसी विचारधारा से प्रेरित होकर क्रांतियाँ हुईं। उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष को भी प्रेरणा मिली और स्वतंत्रता, समानता तथा न्याय के विचार मजबूत हुए। शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला अधिकारों जैसे क्षेत्रों में समाजवादी मॉडलों को अपनाया गया। साथ ही, पूंजीवादी देशों ने भी समाजवाद के प्रभाव में आकर श्रमिकों के अधिकारों को कुछ हद तक मान्यता दी। इस प्रकार, रूसी क्रांति ने वैश्विक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण को बदलने में बड़ी भूमिका निभाई।

रिवीजन शीट (Revision Sheet)

🔹 महत्वपूर्ण तिथियाँ (Timeline Highlights)

वर्षघटना
1898रूसी समाजवादी लोकतांत्रिक मजदूर पार्टी की स्थापना
1905ब्लडी संडे और पहली रूसी क्रांति
फरवरी 1917ज़ार की सत्ता का अंत, अस्थायी सरकार की स्थापना
अक्टूबर 1917बोल्शेविक क्रांति, लेनिन सत्ता में
1924लेनिन की मृत्यु, स्टालिन का उदय
1929प्रथम पंचवर्षीय योजना की शुरुआत
1991सोवियत संघ का विघटन

🔹 मुख्य विचार (Key Concepts)

  • समाजवाद: एक विचारधारा जिसमें संपत्ति का सामूहिक स्वामित्व और सामाजिक समानता पर बल होता है।

  • मार्क्सवाद: कार्ल मार्क्स द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत, जिसने पूंजीवाद की आलोचना करते हुए वर्गविहीन समाज की कल्पना की।

  • बोल्शेविक: लेनिन के नेतृत्व में एक समाजवादी गुट जिसने अक्टूबर क्रांति का नेतृत्व किया।

  • जार: रूस का सम्राट या राजा, जिसकी निरंकुश सत्ता थी।

  • सामूहिकीकरण (Collectivisation): कृषि क्षेत्र को निजी स्वामित्व से हटाकर सामूहिक फार्मों में परिवर्तित करना।


🔹 महत्वपूर्ण व्यक्तित्व (Important Personalities)

  • लेनिन: अक्टूबर क्रांति के नायक, बोल्शेविक पार्टी के नेता।

  • स्टालिन: लेनिन के उत्तराधिकारी, जिन्होंने पंचवर्षीय योजनाएं चलाईं और सख्त तानाशाही लागू की।

  • जार निकोलस द्वितीय: रूस का अंतिम ज़ार, फरवरी क्रांति में सत्ता से हटाए गए।


🔹 महत्वपूर्ण घटनाएँ (Major Events)

  1. ब्लडी संडे (1905) – शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर गोलीबारी, लोगों का ज़ार से मोहभंग।

  2. फरवरी क्रांति (1917) – ज़ार की सत्ता का अंत, अस्थायी सरकार की स्थापना।

  3. अक्टूबर क्रांति (1917) – बोल्शेविकों द्वारा सत्ता पर कब्ज़ा, समाजवाद की स्थापना।

  4. गृहयुद्ध (1918–21) – बोल्शेविकों (लाल सेना) और विरोधियों (सफेद सेना) के बीच, बोल्शेविकों की जीत।


🔹 क्रांति के परिणाम (Outcomes of Revolution)

  • ज़मींदारी और पूंजीवादी व्यवस्था का अंत।

  • संपत्ति का राष्ट्रीयकरण।

  • भूमि किसानों में बाँटी गई।

  • शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार।

  • दुनिया भर में समाजवादी आंदोलनों को बल।


🔹 महिलाओं की भूमिका

  • कार्यस्थलों पर अधिकार की माँग।

  • ‘सोवियत महिला’ पत्रिका द्वारा प्रचार-प्रसार।

  • शिक्षा, समान मजदूरी, मातृत्व अवकाश जैसे अधिकार प्राप्त हुए।


🔹 मैप वर्क अभ्यास

  • पढ़ाते समय: रूस, पेट्रोग्राड, मास्को, जर्मनी, पोलैंड, फिनलैंड।

  • प्रैक्टिस के लिए: छात्र नक्शे में उपरोक्त स्थानों को पहचानें और चिन्हित करें।


🔹 महत्वपूर्ण प्रश्न (Suggested Questions for Practice)

  • रूसी क्रांति के प्रमुख कारण क्या थे?

  • अक्टूबर क्रांति के मुख्य परिणामों की व्याख्या करें।

  • लेनिन और स्टालिन की नीतियों में क्या अंतर था?


🔹 Quick Facts Box

  • पहला समाजवादी राष्ट्र – सोवियत संघ (USSR)

  • अक्टूबर क्रांति का मुख्य केंद्र – पेट्रोग्राड

  • बोल्शेविक पार्टी का प्रमुख नारा – “सारा अधिकार सोवियत्स को दो!”

कार्यपत्रक (Worksheet) - Test (यूरोप में समाजवाद और रूसी क्रांति)

🔹 भाग A – बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

सही विकल्प चुनिए:

  1. बोल्शेविक क्रांति कब हुई थी?
    (a) 1914
    (b) 1917
    (c) 1924
    (d) 1939

  2. रूस का अंतिम ज़ार कौन था?
    (a) अलेक्जेंडर II
    (b) निकोलस I
    (c) निकोलस II
    (d) लेनिन

  3. मार्क्सवादी विचारधारा किस पर आधारित है?
    (a) पूंजीवाद
    (b) समाजवाद
    (c) धार्मिक विचार
    (d) राजशाही

  4. लेनिन किस क्रांति के नेता थे?
    (a) औद्योगिक क्रांति
    (b) फ्रांसीसी क्रांति
    (c) अक्टूबर क्रांति
    (d) चीनी क्रांति


🔹 भाग B – अति लघु उत्तरीय प्रश्न (20–30 शब्दों में उत्तर दें)

  1. समाजवाद क्या है?

  2. ज़ारवादी शासन की दो विशेषताएँ बताइए।

  3. “ब्लडी संडे” किसे कहते हैं?

  4. बोल्शेविक और मेन्शेविक में मुख्य अंतर क्या था?


🔹 भाग C – लघु उत्तरीय प्रश्न (40–60 शब्दों में उत्तर दें)

  1. फरवरी क्रांति के कारणों की व्याख्या कीजिए।

  2. अक्टूबर क्रांति के तीन परिणाम लिखिए।

  3. रूस में महिलाओं की स्थिति क्रांति के बाद कैसे बदली?

  4. स्टालिन की पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य क्या था?


🔹 भाग D – दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (120–150 शब्दों में उत्तर दें)

  1. रूस में बोल्शेविक क्रांति के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों की चर्चा कीजिए।

  2. लेनिन और स्टालिन की नीतियों की तुलना कीजिए।

  3. रूसी क्रांति के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव क्या थे?


🔹 भाग E – मैप प्रैक्टिस

नक्शे पर निम्न स्थानों को चिन्हित करें:

  • पेट्रोग्राड

  • मास्को

  • रूस

  • जर्मनी

  • पोलैंड

  • बाल्टिक सागर

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