विजयनगर - एक साम्राज्य की राजधानी (14वीं से 16वीं सदी) An Imperial Capital - Vijayanagara (fourteenth to sixteenth century)
विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 14वीं शताब्दी में हरिहर और बुक्का द्वारा की गई थी। यह साम्राज्य तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित था और इसकी राजधानी थी हम्पी, जो अपने भव्य मंदिरों, व्यापारिक गतिविधियों, और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध थी। विजयनगर एक समृद्ध, शक्तिशाली और सांस्कृतिक रूप से उन्नत साम्राज्य था, जो उत्तर भारत के मुस्लिम शासकों से टक्कर लेने के उद्देश्य से भी खड़ा हुआ था।
यहाँ की स्थापत्य शैली में द्रविड़ वास्तुकला, ऊँचे गोपुरम, भव्य मंदिर परिसर और स्तंभयुक्त मंडप दिखाई देते हैं। प्रमुख मंदिरों में विट्ठल मंदिर और हजारा राम मंदिर शामिल हैं। राजधानी में नियमित बाजार, पानी की व्यवस्थाएँ और सामाजिक जीवन बहुत संगठित था।
साम्राज्य की शक्ति चरम पर कृष्णदेव राय के शासनकाल में पहुँची। लेकिन 1565 ई. में तालिकोटा की लड़ाई में विजयनगर की हार हुई और हम्पी को नष्ट कर दिया गया। इसके बाद धीरे-धीरे यह साम्राज्य खत्म हो गया।
यह अध्याय न केवल एक ऐतिहासिक राजधानी की भव्यता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे धार्मिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक कारण एक साम्राज्य को समृद्धि से विनाश तक पहुँचा सकते हैं।
सारांश (Summary)
1. विजयनगर साम्राज्य की स्थापना
विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में संगम वंश के दो भाइयों हरिहर और बुक्का ने की थी।
इसका उद्देश्य दक्षिण भारत को दिल्ली सल्तनत के हमलों से बचाना और एक शक्तिशाली हिंदू राज्य की स्थापना करना था।
यह साम्राज्य तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित था।
2. राजधानी – हम्पी
हम्पी, विजयनगर की राजधानी थी, जो प्राकृतिक सुरक्षा, चट्टानों और नदियों से घिरी हुई थी।
यह एक समृद्ध नगर था, जहाँ भव्य मंदिर, बाजार, जलाशय और महल स्थित थे।
यह नगर धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र था।
3. प्रमुख शासक और वंश
विजयनगर में कुल चार प्रमुख वंश शासन में आए:
संगम वंश
सलुव वंश
तुलुव वंश
अराविडु वंश
सबसे प्रसिद्ध शासक कृष्णदेव राय (तुलुव वंश) थे, जिन्होंने 1509 से 1529 तक शासन किया और साम्राज्य को सबसे ऊँचाई तक पहुँचाया।
4. धार्मिक सहिष्णुता
विजयनगर साम्राज्य में हिंदू धर्म को संरक्षण मिला, लेकिन मुस्लिम व्यापारियों और सैनिकों को भी स्थान मिला।
मंदिरों का पुनर्निर्माण और नए मंदिरों का निर्माण किया गया।
शैव, वैष्णव और अन्य संप्रदायों को संरक्षण प्राप्त था।
5. मंदिर और स्थापत्य कला
विजयनगर के मंदिरों में द्रविड़ स्थापत्य शैली का प्रयोग हुआ।
विट्ठल मंदिर और हजारा राम मंदिर इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
मंदिरों में गोपुरम (प्रवेश द्वार), मंडप, नक्काशीदार खंभे, और रथों की आकृति प्रमुख हैं।
6. शहरी जीवन और बाजार व्यवस्था
हम्पी में भव्य बाजार, सड़कें, जलाशय, और नालियाँ थीं।
विभिन्न व्यापारिक वस्तुएँ जैसे कपड़ा, मसाले, कीमती पत्थर, धातु, घोड़े आदि का व्यापार होता था।
विदेशी यात्री जैसे डोमिंगो पाइस और अब्दुर रज्जाक ने शहर की समृद्धि का उल्लेख किया है।
7. प्रशासनिक प्रणाली
विजयनगर में एक केंद्रीयकृत प्रशासन था, लेकिन स्थानीय स्तर पर नायकों (Nayaks) को ज़िम्मेदारी दी जाती थी।
नायक प्रणाली के अंतर्गत सैनिकों को भूमि दी जाती थी और बदले में वे सेना में सेवा करते थे।
कर संग्रह, कानून व्यवस्था, सेना, और मंदिरों का प्रबंधन संगठित था।
8. सांस्कृतिक उन्नति
साहित्य, संगीत, नृत्य और चित्रकला को बढ़ावा मिला।
संस्कृत, तेलुगू, कन्नड़ और तमिल भाषाओं में ग्रंथ लिखे गए।
कृष्णदेव राय स्वयं एक विद्वान थे और उन्होंने अमुक्तमाल्यद जैसी काव्य रचना लिखी।
9. विदेशी यात्रियों के विवरण
विजयनगर की महत्ता को समझने में विदेशी यात्रियों के वर्णन महत्वपूर्ण हैं।
डोमिंगो पाइस (Domingo Paes), एक पुर्तगाली यात्री ने हम्पी की भव्यता और प्रशासनिक व्यवस्था का वर्णन किया।
अब्दुर रज्जाक ने शहर की स्थापत्य कला और धार्मिक जीवन की सराहना की।
10. विजयनगर का पतन
विजयनगर का पतन 1565 ई. में तालिकोटा की लड़ाई के बाद हुआ।
इस युद्ध में दक्खिन सल्तनतों (बीजापुर, अहमदनगर, गोलकोंडा आदि) ने मिलकर विजयनगर को पराजित किया।
युद्ध के बाद हम्पी को लूटा गया और उसकी महिमा समाप्त हो गई।
11. विरासत और महत्व
विजयनगर साम्राज्य की विरासत आज भी हम्पी के खंडहरों में देखी जा सकती है।
यह भारत के सांस्कृतिक, धार्मिक और स्थापत्य विकास का एक महत्वपूर्ण केंद्र था।
यह साम्राज्य धार्मिक सहिष्णुता, प्रशासनिक विवेक और स्थापत्य कला के लिए आज भी स्मरणीय है।
विजयनगर साम्राज्य दक्षिण भारत का एक शक्तिशाली राज्य था जिसकी स्थापना 14वीं सदी में हरिहर और बुक्का ने की थी। यह साम्राज्य तुंगभद्रा नदी के किनारे बसा हुआ था और इसकी राजधानी हम्पी एक समृद्ध सांस्कृतिक एवं व्यापारिक केंद्र थी। यह राज्य न केवल सैन्य शक्ति बल्कि धार्मिक सहिष्णुता, कला, वास्तुकला और प्रशासनिक प्रणाली के लिए भी प्रसिद्ध था। विजयनगर का पतन 1565 ई. में तालिकोटा की लड़ाई के बाद हुआ।
शब्दार्थ (Word Meaning)
शब्द | अर्थ (Meaning in Hindi) |
---|---|
विजयनगर | विजय (जीत) का नगर; दक्षिण भारत का एक ऐतिहासिक साम्राज्य और उसकी राजधानी |
साम्राज्य | एक विशाल क्षेत्र जिसमें एक शासक या राजवंश का शासन होता है |
राजधानी | वह मुख्य नगर जहाँ से शासन का संचालन होता है |
शिलालेख | पत्थर पर खुदा हुआ लेख जो ऐतिहासिक जानकारी देता है |
गोपुरम | दक्षिण भारतीय मंदिरों का ऊँचा और भव्य प्रवेशद्वार |
मंडप | मंदिरों में सभा या धार्मिक कार्य के लिए बना हुआ मंच या हॉल |
नायक प्रणाली | स्थानीय सामंतों को भूमि देकर उनसे प्रशासन और सैन्य सेवा लेना |
द्रविड़ स्थापत्य | दक्षिण भारत की पारंपरिक मंदिर निर्माण शैली |
विदेशी यात्री | ऐसे यात्री जो दूसरे देश से भारत आए और यहाँ की स्थिति का वर्णन किया |
डोमिंगो पाइस | पुर्तगाल से आया एक विदेशी यात्री जिसने विजयनगर का विवरण दिया |
अब्दुर रज्जाक | फारस से आया एक यात्री जिसने विजयनगर की भव्यता का वर्णन किया |
तुलुव वंश | विजयनगर में शासन करने वाला तीसरा प्रमुख राजवंश |
कृष्णदेव राय | तुलुव वंश का सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली शासक |
अमुक्तमाल्यद | कृष्णदेव राय द्वारा तेलुगू भाषा में रचित प्रसिद्ध काव्य ग्रंथ |
तोड़फोड़ | जानबूझकर की गई तबाही या विनाश, जैसे हम्पी के मंदिरों का विनाश |
तालिकोटा की लड़ाई | 1565 ई. की ऐतिहासिक लड़ाई जिसमें विजयनगर साम्राज्य पराजित हुआ |
संप्रदाय | धार्मिक विचारधारा का एक विशेष समूह, जैसे शैव या वैष्णव |
भित्तिचित्र | दीवार पर बनाए गए चित्र, जो मंदिरों और भवनों में सजावट के लिए बनाए जाते थे |
पुर्तगाली | पुर्तगाल देश से संबंधित व्यक्ति या वस्तु |
तांबे की ताम्रपत्र | तांबे पर खुदे हुए आधिकारिक दस्तावेज |
आश्रयदाता | जो कला, साहित्य या धर्म को समर्थन और संरक्षण प्रदान करता है |
जल प्रबंधन | पानी के स्रोतों का संचालन और संरक्षण करने की प्रक्रिया |
विरासत | पूर्वजों से मिली सांस्कृतिक, ऐतिहासिक या स्थापत्य धरोहर |
माइंड मैप (Mind Map)
टाइमलाइन (Timeline)
वर्ष / सदी | प्रमुख घटना (Important Event) |
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1336 ई. | हरिहर और बुक्का द्वारा विजयनगर साम्राज्य की स्थापना (संगम वंश की शुरुआत) |
14वीं सदी के मध्य | राजधानी हम्पी का विकास – एक सुरक्षित और समृद्ध शहर के रूप में उभरा |
1377–1404 ई. | हरिहर द्वितीय का शासन – व्यापार और मंदिरों का संरक्षण |
15वीं सदी की शुरुआत | विदेशी यात्रियों (जैसे निकोलो कॉन्टी) का आगमन और विवरण |
1424–1446 ई. | देवराय द्वितीय का शासन – विजयनगर का विस्तार और सांस्कृतिक उन्नति |
1509–1529 ई. | कृष्णदेव राय का शासन – विजयनगर का स्वर्ण युग, स्थापत्य, युद्ध और साहित्य का उत्कर्ष |
1520 ई. | रैकसस-तंगड़ी युद्ध में सफलता – गोलकोंडा पर विजय |
16वीं सदी के मध्य | विजयनगर की शक्ति में गिरावट शुरू, मुस्लिम राज्यों से संघर्ष बढ़ा |
1565 ई. | तालिकोटा युद्ध – दक्कन के सुल्तानों के संघ ने विजयनगर को हराया; हम्पी की लूट और विनाश |
1565 के बाद | राजधानी का परित्याग, साम्राज्य का क्षय शुरू |
17वीं सदी के प्रारंभ में | विजयनगर एक कमजोर राज्य के रूप में दक्षिण भारत में अस्तित्व में रहा, परंतु केंद्रीय शक्ति समाप्त हो चुकी थी |
मैप वर्क (Map Work)
🎯 उद्देश्य (Objectives)
विजयनगर साम्राज्य के भौगोलिक क्षेत्र को समझना
हम्पी (राजधानी) की स्थिति और स्थलाकृति को जानना
प्रमुख नदियाँ, पर्वत, मंदिर, मार्ग, किले, युद्ध स्थल आदि को पहचानना
व्यापारिक मार्गों एवं पड़ोसी राज्यों की स्थिति का अध्ययन करना
🗺️ 1. विजयनगर साम्राज्य का स्थान एवं विस्तार
भारत के दक्षिणी भाग में स्थित, वर्तमान में यह क्षेत्र कर्नाटक राज्य का हिस्सा है।
विजयनगर साम्राज्य का विस्तार तुंगभद्रा नदी के दोनों ओर था।
साम्राज्य पूर्व में गोलकोंडा, पश्चिम में कोंकण तट, उत्तर में बहमनी साम्राज्य और दक्षिण में चोल साम्राज्य तक फैला था।
🔎 नक्शे में दिखाने योग्य बिंदु
विजयनगर / हम्पी (राजधानी)
तुंगभद्रा नदी
कृष्णा नदी
गोदावरी नदी
बेल्लारी ज़िला (जहां हम्पी स्थित है)
अंजनाद्री हिल्स (पौराणिक महत्व)
तालिकोटा (1565 युद्ध का स्थल)
🏛️ 2. धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल
विट्ठल मंदिर और हजारराम मंदिर – वास्तुकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण
स्तंभित मंडप और रथ मंदिर – रथ के आकार का भव्य मंदिर
पुष्करिणी (जलाशय) – धार्मिक एवं सामाजिक उपयोग
लोथल गेट, रॉयल एरिया, दक्षिणी और उत्तरी महल
📍 नक्शे पर गतिविधियाँ
हम्पी के स्थापत्य स्थल चिह्नित करें
मंदिरों के स्थान और संरचनाओं का चित्रण करें
मंडप और जलाशयों की स्थिति दिखाएँ
⚔️ 3. प्रमुख युद्ध और राजनीतिक स्थल
तालिकोटा युद्ध स्थल (1565) – नदियों और दुर्गों के संदर्भ में युद्ध का विश्लेषण
रैकसस-तंगड़ी युद्ध क्षेत्र – कृष्णदेव राय द्वारा जीता गया युद्ध
🧭 गतिविधियाँ
युद्ध स्थलों को चिह्नित करें
पड़ोसी मुस्लिम राज्यों (गोलकोंडा, बीजापुर, अहमदनगर, बीदर, बरार) को दर्शाएँ
📈 4. व्यापारिक मार्ग और आर्थिक स्थल
विजयनगर व्यापार का एक बड़ा केंद्र था, विशेषतः मसाले, घोड़े, कपड़ा आदि
समुद्री व्यापार के लिए निकटतम बंदरगाह: गोआ, मैंगलोर, कालीकट
🗺️ मानचित्र अभ्यास
व्यापारिक मार्गों को तीर चिह्नों से दर्शाएँ
आयात-निर्यात के प्रमुख केंद्र दिखाएँ
✍️ शिक्षण के समय सुझाव (Teaching Tips)
छात्रों को अलग-अलग रंगों के पेन से नदी, मंदिर, युद्ध स्थल आदि अलग-अलग रंगों में चिह्नित करवाएँ।
प्रश्न पूछें: “हम्पी की स्थिति क्यों सामरिक दृष्टि से उपयुक्त थी?”
प्राचीन यात्रियों (निकोलो कॉन्टी, डॉमिंगो पेस, अब्दुर रज्जाक) द्वारा वर्णित स्थल चिह्नित करवाएँ।
मैप प्रैक्टिस (Map Practice)
🎯 उद्देश्य (Objectives)
विद्यार्थी स्वयं नक्शे पर स्थानों की पहचान कर सकें
विजयनगर से संबंधित महत्वपूर्ण स्थल, मंदिर, नदियाँ, युद्ध स्थल आदि को चिह्नित करना सीखें
स्थानों का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व समझें
📌 1. निर्देशित गतिविधि (Guided Activity) — मानचित्र में चिह्नित करें
A. राजधानी और नगर
🗺️ निम्नलिखित नगरों को भारत के राजनीतिक मानचित्र पर चिह्नित करें:
विजयनगर (हम्पी)
बेल्लारी
बीजापुर
गोलकोंडा
अहमदनगर
मदुरै
गोवा
मैंगलोर
B. प्रमुख नदियाँ
🗺️ निम्नलिखित नदियों को नक्शे में दर्शाएँ:
तुंगभद्रा नदी
कृष्णा नदी
गोदावरी नदी
C. प्रमुख युद्ध स्थल
🗺️ निम्नलिखित युद्ध स्थलों को मानचित्र में दर्शाएं:
तालिकोटा (1565 का युद्ध)
रैकसस-तंगड़ी युद्ध स्थल
D. मंदिर और स्थापत्य स्थल
🗺️ हम्पी के भीतर निम्नलिखित स्थापत्य स्थलों को आंतरिक नक्शे (स्केच मैप) पर चिह्नित करें:
विट्ठल मंदिर
हजारराम मंदिर
रथ मंदिर
रॉयल एरिया
पुष्करिणी (जलाशय)
अंजनाद्री हिल्स
मंडप
✍️ 2. अभ्यास प्रश्न (Practice Questions)
निम्नलिखित में से कौन-से स्थल विजयनगर से संबंधित हैं? मानचित्र में चिह्नित करें।
हम्पी
मदुरै
तालिकोटा
दिल्ली
तुंगभद्रा नदी
उत्तर: हम्पी, तालिकोटा, तुंगभद्रा नदी
मानचित्र में चिह्नित करें:
(क) वह नदी जिसके किनारे हम्पी बसा था।
(ख) वह स्थल जहाँ 1565 ई. में तालिकोटा का युद्ध हुआ था।
(ग) वह बंदरगाह जिससे विजयनगर व्यापार करता था।
उत्तर:
(क) तुंगभद्रा नदी
(ख) तालिकोटा (कर्नाटक)
(ग) गोवा / मैंगलोर
नीचे दिए गए स्थलों को एक स्केच मैप में दिखाइए:
विट्ठल मंदिर
रथ मंदिर
मंडप
रॉयल एरिया
पुष्करिणी
कक्षा में उपयोग हेतु गतिविधि:
विद्यार्थियों से एक Hand Drawn Map of Hampi बनवाएं और उसमें उपरोक्त स्थल चिह्नित कराएँ।
🎓 3. शिक्षक हेतु निर्देश (Teacher Notes)
विद्यार्थियों को India Political Map या Southern India का Blank Map प्रदान करें।
रंगीन पेंसिल से स्थल, नदियाँ, मंदिर व युद्ध स्थल अलग-अलग रंगों में चिह्नित कराएं।
Map Legend का प्रयोग सिखाएँ (🔺=मंदिर, ⚔=युद्ध स्थल, 🌊=नदी)।
वैकल्पिक प्रश्न (MCQs) उत्तर और व्याख्या
प्रश्न 1. विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
A. कृष्णदेव राय
B. हरिहर और बुक्का
C. देवराय द्वितीय
D. राघवेंद्र स्वामी
सही उत्तर: B). हरिहर और बुक्का
व्याख्या: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने संगम वंश की शुरुआत करते हुए की थी। उन्होंने इसे एक शक्तिशाली हिंदू राज्य के रूप में स्थापित किया जो दक्षिण भारत में मुसलमान सुल्तानों के प्रभाव का प्रतिरोध करता था।
प्रश्न 2. विजयनगर की राजधानी कहां स्थित थी?
A. बीजापुर
B. तंजावुर
C. हम्पी
D. गोवा
सही उत्तर: C). हम्पी
व्याख्या: हम्पी तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित एक पहाड़ी और चट्टानों से घिरा नगर था, जिसे विजयनगर की राजधानी बनाया गया। यह अपनी वास्तुकला, मंदिरों और सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध था।
प्रश्न 3. विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण युग किस शासक के समय में था?
A. हरिहर प्रथम
B. देवराय प्रथम
C. देवराय द्वितीय
D. कृष्णदेव राय
सही उत्तर: D). कृष्णदेव राय
व्याख्या: कृष्णदेव राय (1509–1529 ई.) के शासनकाल को विजयनगर का स्वर्ण युग माना जाता है। इस काल में साम्राज्य का क्षेत्रफल और प्रभाव दोनों चरम पर थे। स्थापत्य, साहित्य, युद्ध कौशल और विदेशी व्यापार में भी इस युग ने अभूतपूर्व प्रगति की।
प्रश्न 4. 1565 ई. में विजयनगर को किस युद्ध में हार का सामना करना पड़ा?
A. कन्हेरी युद्ध
B. तालिकोटा युद्ध
C. रायचूर युद्ध
D. हल्दीघाटी युद्ध
सही उत्तर: B). तालिकोटा युद्ध
व्याख्या: 1565 ई. में तालिकोटा के मैदान में दक्कन के मुस्लिम सुल्तानों (बिजापुर, गोलकोंडा, अहमदनगर आदि) के संघ ने विजयनगर की सेना को हराया। यह युद्ध राक्षसी-तंगड़ी युद्ध के नाम से भी प्रसिद्ध है और इसमें विजयनगर की राजधानी हम्पी को बर्बाद कर दिया गया।
प्रश्न 5. निम्न में से कौन-सा मंदिर हम्पी में स्थित नहीं है?
A. विट्ठल मंदिर
B. हजारराम मंदिर
C. सूर्य मंदिर
D. रथ मंदिर
सही उत्तर: C). सूर्य मंदिर
व्याख्या: सूर्य मंदिर हम्पी में स्थित नहीं है, यह कोणार्क (ओडिशा) में स्थित है। हम्पी में विट्ठल मंदिर, हजारराम मंदिर, और रथ मंदिर प्रसिद्ध स्थापत्य उदाहरण हैं।
प्रश्न 6. विजयनगर साम्राज्य में मुद्रा किस धातु की होती थी?
A. लोहा
B. तांबा
C. सोना
D. प्लेटिनम
सही उत्तर: C). सोना
व्याख्या: विजयनगर साम्राज्य की अर्थव्यवस्था काफी समृद्ध थी और वहाँ सोने की मुद्राएं प्रचलन में थीं। इन मुद्राओं पर शासकों के नाम और धार्मिक प्रतीक अंकित होते थे।
प्रश्न 7. विजयनगर काल के प्रमुख विदेशी यात्रियों में से कौन नहीं था?
A. अब्दुल रज्जाक
B. निकोलो कॉन्टी
C. इब्न बतूता
D. डोमिंगो पेस
सही उत्तर: C). इब्न बतूता
व्याख्या: इब्न बतूता ने दिल्ली सल्तनत काल में भारत की यात्रा की थी। वह विजयनगर नहीं गया था। जबकि अब्दुल रज्जाक (ईरान), निकोलो कॉन्टी (इटली) और डोमिंगो पेस (पुर्तगाल) ने विजयनगर की यात्रा की और उसके वैभव का वर्णन किया।
प्रश्न 8. हम्पी का विट्ठल मंदिर किसके लिए प्रसिद्ध है?
A. मुस्लिम स्थापत्य शैली
B. ध्वनि उत्पादक स्तंभों के लिए
C. शाही निवास के लिए
D. जलस्रोतों के लिए
सही उत्तर: B). ध्वनि उत्पादक स्तंभों के लिए
व्याख्या: विट्ठल मंदिर के मंडप में कुछ स्तंभ ऐसे हैं जिन्हें थपथपाने पर संगीत जैसी ध्वनि निकलती है। इन्हें “संगीत स्तंभ” या “Musical Pillars” कहा जाता है, जो विजयनगर स्थापत्य का एक अद्भुत उदाहरण है।
प्रश्न 9. विजयनगर साम्राज्य में मुख्य रूप से किस प्रकार की अर्थव्यवस्था थी?
A. केवल व्यापारिक
B. केवल औद्योगिक
C. कृषिपरक और व्यापारिक
D. समुद्री आधारित
सही उत्तर: C). कृषिपरक और व्यापारिक
व्याख्या: विजयनगर की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय व्यापार (विशेषकर मसाले, रत्न और कपड़े) भी बहुत विकसित था। गोवा और मैंगलोर जैसे बंदरगाह व्यापार में सहायक थे।
प्रश्न 10. विजयनगर साम्राज्य के पतन का मुख्य कारण क्या था?
A. प्राकृतिक आपदा
B. आंतरिक विद्रोह
C. तालिकोटा युद्ध में पराजय
D. पुर्तगाली आक्रमण
सही उत्तर: C). तालिकोटा युद्ध में पराजय
व्याख्या: 1565 ई. में तालिकोटा युद्ध में विजयनगर को बुरी तरह पराजित किया गया, जिसके बाद राजधानी हम्पी को नष्ट कर दिया गया और साम्राज्य का तेज़ी से पतन शुरू हो गया। यह कारण सबसे निर्णायक था।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (20 से 30 शब्दों में)
1. विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब और किसने की थी?
उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में संगम वंश के हरिहर और बुक्का नामक भाइयों ने की थी। उन्होंने इस राज्य को दक्षिण भारत में मुस्लिम आक्रमणों से रक्षा के उद्देश्य से स्थापित किया था।
2. हम्पी नगर की भौगोलिक स्थिति कैसी थी?
उत्तर: हम्पी तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित था, जो तीन ओर से पहाड़ियों और चट्टानों से घिरा था। इसकी यह प्राकृतिक स्थिति इसे एक सुरक्षित किला बनाती थी और रक्षा की दृष्टि से अत्यंत उपयुक्त थी।
3. विजयनगर के शासक कला और स्थापत्य में क्यों रुचि रखते थे?
उत्तर: विजयनगर के शासकों ने मंदिरों, महलों और मंडपों का निर्माण कर धार्मिक भावना, सांस्कृतिक गौरव और शाही वैभव को व्यक्त किया। ये निर्माण राजसी शक्ति और जनता की धार्मिक भावना दोनों को दर्शाते थे।
4. कृष्णदेव राय के काल को स्वर्ण युग क्यों कहा जाता है?
उत्तर: कृष्णदेव राय के शासन (1509–1529 ई.) में साम्राज्य का विस्तार, स्थापत्य, साहित्य, युद्ध कौशल और विदेशी व्यापार चरम पर था। इस समृद्धि के कारण इसे विजयनगर का स्वर्ण युग कहा जाता है।
5. तालिकोटा युद्ध का विजयनगर साम्राज्य पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: 1565 ई. के तालिकोटा युद्ध में मुस्लिम सुल्तानों ने विजयनगर को हराकर उसकी राजधानी हम्पी को नष्ट कर दिया। इससे साम्राज्य का पतन शुरू हुआ और इसकी केंद्रीय शक्ति समाप्त हो गई।
6. हम्पी के प्रमुख मंदिरों के नाम बताइए।
उत्तर: हम्पी के प्रमुख मंदिरों में विट्ठल मंदिर, हजारराम मंदिर, रघुनाथ मंदिर और विरुपाक्ष मंदिर प्रमुख हैं। ये मंदिर वास्तुकला की दृष्टि से अद्भुत हैं और विजयनगर की समृद्ध संस्कृति को दर्शाते हैं।
7. अब्दुल रज्जाक ने हम्पी के बारे में क्या लिखा था?
उत्तर: ईरानी यात्री अब्दुल रज्जाक ने हम्पी को भव्य महलों, समृद्ध बाजारों और सुसज्जित मंदिरों से युक्त शहर बताया। उसने इसे संसार के सबसे समृद्ध शहरों में एक माना था।
8. विजयनगर में बाजारों की व्यवस्था कैसी थी?
उत्तर: विजयनगर में बाजार नियोजित और व्यवस्थित थे। मंदिरों के पास रथ मार्गों पर दुकानें थीं जहाँ रत्न, घोड़े, मसाले, वस्त्र और मूर्तियाँ बेची जाती थीं। विदेशी व्यापार भी यहाँ प्रचलित था।
9. मंदिर केवल धार्मिक स्थल क्यों नहीं थे?
उत्तर: विजयनगर में मंदिर केवल पूजा के स्थल नहीं थे बल्कि वे सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों के केंद्र भी थे। वहाँ कला, संगीत, नाट्य और व्यापार से संबंधित गतिविधियाँ भी होती थीं।
10. रथ मंदिर क्या है और इसकी विशेषता क्या है?
उत्तर: हम्पी में स्थित रथ मंदिर ग्रेनाइट से निर्मित है और यह पत्थर के पहियों पर खड़ा रथ के आकार में है। यह मंदिर वास्तुशिल्प की उत्कृष्टता का उदाहरण है और विट्ठल मंदिर परिसर में स्थित है।
लघु उत्तरीय प्रश्न (40 से 60 शब्दों में)
1. विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की पृष्ठभूमि क्या थी?
उत्तर: 13वीं–14वीं सदी में दिल्ली सल्तनत के दक्षिण भारत पर आक्रमणों के कारण वहां की हिन्दू शक्ति को खतरा था। इसी संकट से निपटने के लिए हरिहर और बुक्का ने 1336 ई. में विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की। यह राज्य सांस्कृतिक और सैन्य दृष्टि से हिन्दू पहचान को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से बना था। संगम वंश के शासन के अंतर्गत विजयनगर ने एक सशक्त साम्राज्य का रूप लिया।
2. हम्पी नगर की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर: हम्पी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी जो तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित थी। यह तीन ओर से चट्टानों से घिरी थी, जिससे इसे स्वाभाविक सुरक्षा प्राप्त थी। हम्पी में भव्य मंदिर, बाजार, रथमार्ग, जलसंचयन प्रणाली और विशाल प्रवेश द्वार थे। यह नगर स्थापत्य, कला और शिल्प का केंद्र था। विदेशी यात्रियों ने भी इसकी समृद्धि और सुंदरता का वर्णन किया है।
3. विजयनगर के शासकों की मंदिरों के प्रति नीति कैसी थी?
उत्तर: विजयनगर के शासकों ने मंदिरों को धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में संरक्षण दिया। उन्होंने भव्य मंदिरों का निर्माण करवाया, जैसे – विट्ठल मंदिर, विरुपाक्ष मंदिर आदि। ये मंदिर केवल पूजा स्थल नहीं थे, बल्कि सामाजिक जीवन और व्यापारिक गतिविधियों के केंद्र भी थे। मंदिरों में कलात्मक मूर्तिकला, स्थापत्य और संगीत-नृत्य जैसी गतिविधियाँ संपन्न होती थीं। शासक मंदिरों को राजकीय संरक्षण प्रदान करते थे।
4. कृष्णदेव राय का शासन विजयनगर के लिए क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है?
उत्तर: कृष्णदेव राय (1509–1529 ई.) का शासन विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है। उनके काल में साम्राज्य का विस्तार, सैन्य शक्ति, स्थापत्य, साहित्य और विदेश नीति चरम पर थी। उन्होंने तेलुगु, संस्कृत और कन्नड़ साहित्य को संरक्षण दिया। उन्होंने अमुक्तमाल्यद जैसी प्रसिद्ध रचना लिखी। विट्ठल मंदिर जैसे भव्य स्थापत्य उनके काल की देन हैं। विदेशी यात्रियों ने भी उनके काल को समृद्ध बताया है।
5. तालिकोटा युद्ध क्या था और इसके क्या परिणाम हुए?
उत्तर: तालिकोटा युद्ध 1565 ई. में विजयनगर साम्राज्य और दक्कन के मुस्लिम सुल्तानों (अहमदनगर, बीजापुर, गोलकोंडा, बरार और बीदर) के बीच लड़ा गया। इस युद्ध में विजयनगर की सेना पराजित हुई और राजधानी हम्पी को नष्ट कर दिया गया। यह युद्ध साम्राज्य के पतन का कारण बना। इसके बाद विजयनगर की केंद्रीय सत्ता समाप्त हो गई और यह क्षेत्रीय शक्तियों में विभाजित हो गया।
6. विदेशी यात्रियों ने हम्पी के बारे में क्या लिखा?
उत्तर: विदेशी यात्रियों जैसे निकोलो कॉन्टी, डोमिंगो पायस, अब्दुल रज्जाक आदि ने हम्पी को एक समृद्ध और व्यवस्थित नगर बताया। उन्होंने विशाल मंदिरों, बाजारों, ऊँचे स्तंभों, जलसंचयन व्यवस्था और सामाजिक जीवन की प्रशंसा की। अब्दुल रज्जाक ने लिखा कि “दुनिया में ऐसा भव्य नगर कहीं नहीं देखा।” इससे हमें विजयनगर की सांस्कृतिक और आर्थिक समृद्धि की झलक मिलती है।
7. देवराय द्वितीय के शासन की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर: देवराय द्वितीय (1424–1446 ई.) विजयनगर साम्राज्य के महत्वपूर्ण शासकों में से एक थे। उनके शासन में साम्राज्य का क्षेत्रफल बढ़ा और राजनीतिक शक्ति मजबूत हुई। उन्होंने तेलुगु, संस्कृत और कन्नड़ साहित्य का संरक्षण किया। मुस्लिम घुड़सवारों को भी सेना में शामिल कर सैन्य ताकत बढ़ाई। उन्होंने मंदिरों के निर्माण और जीर्णोद्धार में योगदान दिया। उनके काल में धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक विविधता भी देखने को मिली।
8. विजयनगर साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था कैसी थी?
उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था केंद्रीय और प्रांतीय स्तर पर विभाजित थी। राजा सर्वोच्च अधिकारी होता था। साम्राज्य को नाडु, सिमा और स्थल नामक इकाइयों में विभाजित किया गया था। स्थानीय स्तर पर ग्राम सभा और नायकों की भूमिका महत्वपूर्ण थी। नायकों को भूमि देकर सैन्य और प्रशासनिक जिम्मेदारी दी जाती थी। कर संग्रह, कानून व्यवस्था और धार्मिक संस्थानों को राजकीय सहयोग प्राप्त था।
9. नायकर प्रणाली क्या थी और इसका उद्देश्य क्या था?
उत्तर: नायकर प्रणाली विजयनगर साम्राज्य की सैन्य और प्रशासनिक व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा थी। इस प्रणाली में शासक साम्राज्य के विभिन्न भागों को नायकों को सौंपते थे। नायक उन क्षेत्रों का शासन चलाते थे, कर वसूलते थे और युद्ध के समय राजा को सेना और संसाधन उपलब्ध कराते थे। इसके बदले में उन्हें भूमि से राजस्व प्राप्त होता था। यह प्रणाली साम्राज्य की शक्ति को विकेंद्रित तरीके से बनाए रखने में सहायक थी।
10. विजयनगर की कला और स्थापत्य की विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की कला और स्थापत्य शैली द्रविड़ परंपरा से प्रेरित थी। मंदिरों में ऊँचे गोपुरम, विस्तृत मण्डप, तराशे हुए खंभे, रथ आकार के मंदिर और नृत्य मंडप शामिल थे। विट्ठल मंदिर, हजारा राम मंदिर, विरुपाक्ष मंदिर इसके प्रमुख उदाहरण हैं। स्थापत्य में ग्रेनाइट पत्थरों का प्रयोग होता था। मूर्तिकला में रामायण और महाभारत की कथाओं को चित्रित किया गया। स्थापत्य के साथ जलसंरक्षण की योजनाएँ भी प्रशंसनीय थीं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (120 से 150 शब्दों में)
1. कृष्णदेव राय के शासन की प्रमुख उपलब्धियाँ लिखिए।
उत्तर: कृष्णदेव राय (1509–1529 ई.) विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान शासकों में गिने जाते हैं। उनके शासन को विजयनगर का स्वर्ण युग माना जाता है। उन्होंने बीजापुर, गोलकोंडा और उड़ीसा जैसे शत्रु राज्यों के विरुद्ध सफल युद्ध अभियान चलाए और रैकसस-तंगड़ी (1520 ई.) में विजय प्राप्त की। उन्होंने व्यापार को बढ़ावा दिया और विदेशियों से मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए। सांस्कृतिक क्षेत्र में भी उनका योगदान अद्वितीय था — वे स्वयं तेलुगु के महान कवि थे और उनके दरबार में आठ प्रसिद्ध कवि थे, जिन्हें ‘अष्टदिग्गज’ कहा जाता था। उन्होंने मंदिरों का निर्माण, जलाशयों का विकास और शिल्पकला को बढ़ावा दिया। विट्ठल मंदिर और हजारा राम मंदिर जैसे स्थापत्य उनके काल की पहचान हैं। वे न्यायप्रिय और धर्मनिरपेक्ष शासक थे, जिन्होंने हिन्दू धर्म के साथ-साथ मुस्लिम अधिकारियों को भी सम्मान दिया। उनका शासन विजयनगर की राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक ऊँचाई का प्रतीक था।
2. विजयनगर साम्राज्य की सामाजिक और धार्मिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की सामाजिक व्यवस्था वर्ण आधारित थी। ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र वर्ण प्रमुख थे। ब्राह्मणों को उच्च सम्मान प्राप्त था और वे प्रशासन एवं शिक्षा में अग्रणी भूमिका निभाते थे। महिलाओं को समाज में सम्मान प्राप्त था; वे शिक्षा, कला और मंदिर प्रबंधन में सक्रिय थीं। धार्मिक दृष्टि से यह साम्राज्य विविधता से युक्त था। वैष्णव और शैव दोनों संप्रदायों को संरक्षण प्राप्त था। राजा स्वयं भगवान को समर्पित सेवक (‘रायसमुद्र’) माना जाता था। मंदिर न केवल धार्मिक केंद्र थे, बल्कि सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों का भी केंद्र थे। भक्ति आंदोलन की लहर यहाँ भी फैली थी, जिससे सामाजिक समरसता और जातिगत भेदभाव में कमी आई। मुस्लिम व्यापारियों और सैनिकों को भी समाज में स्थान मिला। इस प्रकार विजयनगर की सामाजिक-धार्मिक व्यवस्था सहिष्णुता और विविधता पर आधारित थी।
3. विजयनगर साम्राज्य की स्थापत्य कला की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की स्थापत्य कला द्रविड़ शैली पर आधारित थी, जिसमें भव्यता और धार्मिकता दोनों का समावेश था। मंदिर निर्माण इसकी प्रमुख विशेषता थी। विट्ठल मंदिर, हजारा राम मंदिर और विरुपाक्ष मंदिर प्रमुख उदाहरण हैं। इन मंदिरों में उँचे गोपुरम (प्रवेश द्वार), विस्तृत मण्डप, सुंदर स्तंभों की नक्काशी और विशाल प्रांगण देखने को मिलते हैं। खंभों पर धार्मिक कथाओं, देवी-देवताओं, युद्ध दृश्य, और नृत्य मुद्राओं की अद्भुत मूर्तिकला उकेरी गई थी। पत्थर के रथ (जैसे विट्ठल मंदिर परिसर में) स्थापत्य कला की उत्कृष्टता दर्शाते हैं। जल संरक्षण हेतु कुंड, नहरें और तटबंध भी बनाए गए, जैसे कमलापुर झील। इन निर्माणों में ग्रेनाइट पत्थर का प्रयोग हुआ जो टिकाऊ और मजबूत होता था। स्थापत्य में शिल्प, विज्ञान और धर्म का अद्वितीय समन्वय था, जिससे विजयनगर कला शैली को विशिष्ट पहचान मिली।
4. तालिकोटा युद्ध के कारणों और परिणामों का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर: तालिकोटा युद्ध (1565 ई.) विजयनगर साम्राज्य के पतन का मुख्य कारण बना। इस युद्ध के पीछे प्रमुख कारण विजयनगर और दक्कन के मुस्लिम सुल्तानों (अहमदनगर, बीजापुर, गोलकोंडा, बीदर और बरार) के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा और राजनीतिक तनाव था। विजयनगर साम्राज्य की शक्ति और संसाधनों से ईर्ष्या के कारण इन सुल्तानों ने एकजुट होकर विजयनगर पर हमला किया।
1565 ई. में राक्षसी-तंगड़ी (तालिकोटा) नामक स्थान पर यह निर्णायक युद्ध हुआ, जिसमें विजयनगर की सेना हार गई। राजा अलीया रामराय की मृत्यु और सैनिकों के पीछे हटने के बाद हम्पी को लूटा और नष्ट किया गया।
इस युद्ध के परिणामस्वरूप विजयनगर की केंद्रीय सत्ता का अंत हो गया, राजधानी हम्पी को त्यागना पड़ा, और साम्राज्य छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित हो गया। यह युद्ध मध्यकालीन दक्षिण भारत के इतिहास का एक दुखद मोड़ था।
5. विजयनगर साम्राज्य के व्यापार और आर्थिक व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की आर्थिक व्यवस्था कृषि, व्यापार और शिल्प पर आधारित थी। चावल, गन्ना, कपास, मिर्च, मूंगफली, इत्यादि मुख्य फसलें थीं। सिंचाई के लिए टैंक, कुएँ और नहरें बनाई गईं, जिससे कृषि उपज में वृद्धि हुई।
राज्य का आंतरिक और बाहरी व्यापार बहुत विकसित था। प्रमुख बंदरगाहों जैसे मछलीपट्टनम, होसपेट और गोवा के माध्यम से अरब, फारस, चीन और यूरोप से व्यापार होता था। मुख्य निर्यात वस्तुएँ थीं – मसाले, कपड़ा, हाथी दाँत, रत्न, और घोड़े। विदेशी यात्री (जैसे अब्दुर रज्जाक, निकोलो कॉन्टी, डोमिंगो पायस) विजयनगर की आर्थिक समृद्धि का वर्णन करते हैं।
सिक्का प्रणाली सुनियोजित थी; स्वर्ण, रजत और तांबे के सिक्के चलन में थे। कर प्रणाली संगठित थी, जिसमें भूमि कर, व्यापार कर और चुंगी कर शामिल थे। इस समृद्ध व्यवस्था ने साम्राज्य को लंबे समय तक स्थायित्व प्रदान किया।
रिवीजन शीट (Revision Sheet)
🏰 मुख्य बिंदु (Key Points)
स्थापना: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में हरिहर और बुक्का ने की (संगम वंश)।
राजधानी: हम्पी को राजधानी बनाया गया – एक सुंदर, समृद्ध और सुरक्षित नगरी।
शासन व्यवस्था: केंद्रीयकृत प्रशासन, शक्तिशाली राजा, अमात्य, नायक प्रणाली।
प्रमुख राजा:
हरिहर द्वितीय (1377–1404) – व्यापार व मंदिरों का संरक्षण।
देवराय द्वितीय (1424–1446) – सांस्कृतिक विकास।
कृष्णदेव राय (1509–1529) – स्वर्ण युग।
अर्थव्यवस्था: कृषि, व्यापार (आंतरिक व विदेशी), बंदरगाहों का महत्व।
विदेशी यात्री: निकोलो कॉन्टी, अब्दुर रज्जाक, डोमिंगो पायस द्वारा विवरण।
संस्कृति और स्थापत्य: हजारा राम मंदिर, विट्ठल मंदिर, गोपुरम, रथ, स्तंभों पर नक्काशी।
तालिकोटा युद्ध (1565): दक्कन सुल्तानों ने विजयनगर को हराया – हम्पी का विनाश।
पतन: युद्ध के बाद राजधानी छोड़ी गई, शक्ति का क्षरण हुआ।
🧠 महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts)
विजयनगर साम्राज्य चार वंशों में विभाजित था – संगम, सालुव, तुलुव, अराविडु।
नायक प्रणाली: स्थानीय शासकों को ज़मीन देकर सेना और कर एकत्र करने का दायित्व।
हम्पी यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) है।
🕰️ टाइमलाइन झलक (Timeline Glimpse)
वर्ष / सदी | प्रमुख घटना |
---|---|
1336 ई. | हरिहर और बुक्का द्वारा विजयनगर की स्थापना |
1509–1529 ई. | कृष्णदेव राय का शासन – स्वर्ण युग |
1565 ई. | तालिकोटा युद्ध – विजयनगर की पराजय |
🗺️ महत्वपूर्ण स्थल (Map Focus)
हम्पी
तुंगभद्रा नदी
मछलीपट्टनम, गोवा (बंदरगाह)
रैकसस-तंगड़ी (तालिकोटा युद्ध स्थल)
📚 महत्वपूर्ण शब्द (Glossary)
शब्द | अर्थ |
---|---|
गोपुरम | मंदिर का भव्य प्रवेश द्वार |
नायक | स्थानीय सैनिक सरदार या प्रशासक |
मण्डप | मंदिरों में स्तंभयुक्त हॉल |
संगम वंश | विजयनगर का प्रथम राजवंश |
💡 संक्षिप्त उत्तरों के लिए सुझाव (Quick Tips for Exams)
कृष्णदेव राय = स्वर्ण युग + साहित्य + स्थापत्य।
तालिकोटा युद्ध = 1565 + पराजय + विनाश।
नायक प्रणाली = स्थानीय प्रशासन + सेना।
विदेशी यात्रियों के दृष्टिकोण याद रखें।
❓ प्रश्न अभ्यास के लिए याद रखें :-
विजयनगर साम्राज्य की प्रशासनिक विशेषताएँ।
मंदिर स्थापत्य की प्रमुख विशेषताएँ।
विदेशी यात्रियों के अनुसार विजयनगर की समृद्धि।
तालिकोटा युद्ध के कारण व प्रभाव।
🔄 रिवीजन मंत्र (Final Revision Tips)
✅ नक्शा पहचानें
✅ प्रमुख तिथियाँ रटें
✅ प्रमुख राजाओं के कार्य याद करें
✅ विदेशी यात्रियों के नाम और योगदान रटें
✅ तालिकोटा युद्ध को विस्तार से समझें
वर्कशीट (Worksheet) - Test (विजयनगर – एक साम्राज्य की राजधानी)
भाग 1. बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
(सही उत्तर चुनें)
विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब हुई थी?
a) 1206 ई.
b) 1336 ई.
c) 1509 ई.
d) 1565 ई.विजयनगर की राजधानी कौन सी थी?
a) दिल्ली
b) हम्पी
c) मयूर
d) मद्रासकृष्णदेव राय का शासनकाल किस वर्ष के बीच था?
a) 1377-1404
b) 1424-1446
c) 1509-1529
d) 1560-1575तालिकोटा युद्ध में विजयनगर की हार किसने दिलाई?
a) दिल्ली सल्तनत
b) मौर्य साम्राज्य
c) दक्कन के सुल्तान
d) मुगल साम्राज्यविजयनगर का प्रमुख धार्मिक निर्माण कौन सा था?
a) कुतुब मीनार
b) विट्ठल मंदिर
c) अजंता गुफाएं
d) कांचीपुरम मंदिर
भाग 2. अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Questions)
(30-40 शब्दों में उत्तर दें)
विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कौन-कौन से शासकों ने की?
हम्पी की क्या खासियत थी?
कृष्णदेव राय को क्यों ‘स्वर्ण युग’ का शासक कहा जाता है?
नायक प्रणाली क्या थी?
तालिकोटा युद्ध का परिणाम क्या रहा?
भाग 3. लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Questions)
(60-80 शब्दों में उत्तर दें)
विजयनगर साम्राज्य की आर्थिक व्यवस्था का वर्णन करें।
विजयनगर साम्राज्य में विदेशी यात्रियों का क्या योगदान था?
विजयनगर के मंदिरों की स्थापत्य कला की मुख्य विशेषताएँ क्या थीं?
हरिहर द्वितीय के शासनकाल की प्रमुख उपलब्धियाँ बताइए।
हम्पी के नगर नियोजन के बारे में संक्षेप में बताएं।
भाग 4. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Questions)
(140-160 शब्दों में उत्तर दें)
कृष्णदेव राय के शासनकाल में विजयनगर साम्राज्य की सांस्कृतिक और राजनीतिक उन्नति का वर्णन कीजिए।
तालिकोटा युद्ध के कारण और प्रभावों की चर्चा करें।
विजयनगर साम्राज्य की स्थापत्य कला और नगर नियोजन की विशेषताओं पर विस्तार से चर्चा करें।
भाग 5. मस्तिष्क चित्र (Mind Map / Concept Map)
विजयनगर साम्राज्य
स्थापना (हरिहर, बुक्का)
राजधानी: हम्पी
प्रमुख शासक (हरिहर द्वितीय, देवराय द्वितीय, कृष्णदेव राय)
आर्थिक गतिविधियाँ (कृषि, व्यापार)
सांस्कृतिक उन्नति (मंदिर निर्माण, कला)
तालिकोटा युद्ध और पतन
भाग 6. मैप वर्क प्रश्न (Map Work Questions)
भारत के दक्षिणी भाग में विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी का स्थान दिखाइए।
तालिकोटा युद्ध का स्थल रैकसस-तंगड़ी नक्शे पर अंकित करें।
प्रमुख व्यापारिक बंदरगाहों जैसे मछलीपट्टनम और गोवा को नक्शे पर दिखाएं।
भाग 7. रिवीजन टिप्स (Revision Tips)
प्रमुख राजाओं और उनकी उपलब्धियों को याद करें।
तिथियों को रटें (1336, 1509-29, 1565)।
तालिकोटा युद्ध के कारण और परिणाम याद रखें।
विदेशी यात्रियों के नाम और उनके योगदान को नोट करें।
स्थापत्य कला के महत्वपूर्ण मंदिरों को पहचानें।
आपकी राय क्या है?
क्या आप भी मानते हैं कि कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं होता?
क्या आपने भी कभी अपनी गलतियों से कुछ सीखा है जो आपको और मजबूत बना गया?
👇 कमेंट में जरूर बताएं!
आपका एक कमेंट किसी और को खुद से प्यार करना सिखा सकता है।